अभी हाल में ही एक पोस्ट पर श्री देवाशीष जी की श्री अरूण जी को समर्पित एक टिप्पणी पढ़ी और पुन: टिप्पणीकार उनकी टिप्पणी को पढ़ तो एक वाक्या याद आ गया सोचा कि आप सभी शेयर कर लिया जाये।क्योकि जब जब मै इस टिप्पणी को पढ़ता हूँ तो पेट दर्द करने लगात है।
जैसा कि श्री अरूण जी और श्री देवाशीष जी में काफी प्रेम भाव का रिस्ता है और यह बात हर किसी को पता ही है। कुछ दिनों इसी प्रेम के वशीभूत होकर श्री अरूण जी ने भी मेरे ब्लाग पर एक टिप्पणी की थी वह आज आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ -
चेतावनी- यह मेरी राय नही है, :-)
निवेदन ---- हम अपना सामूहिक ब्लाग महाशक्ति समूह 1 नवम्बर से प्रारम्भ कर रहे है। आपका हार्दिक स्वागत है।
जैसा कि श्री अरूण जी और श्री देवाशीष जी में काफी प्रेम भाव का रिस्ता है और यह बात हर किसी को पता ही है। कुछ दिनों इसी प्रेम के वशीभूत होकर श्री अरूण जी ने भी मेरे ब्लाग पर एक टिप्पणी की थी वह आज आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ -
अरुण ने कहा…
अरे वाह जी बधाई अब आप भी एक नंबर की दौड मे है..पर प्रथम पुरुष कहा है कही पेड़ की डाली पर कूद कूद कर मै नंबर एक हूँ का हल्ला काट रहा होगा ..? पर वो आपको प्रमाणित नही कर सकता. भाई आखिर बडे नामो की चमचा गिरी करने की कोशिश करना, और आप की सत्य बात को मानना दोनो अलग अलग बात है ना..? और सत्य से उसका जैसा नाता है वो सर्व विदित है..? वैसे उसे आजकल उसे फ़ोटो खिचाने और कूदने के लिये एक नकली सांड भी मिल गया है..हो सकता है वही वयस्त हो..:) 28 अगस्त, 2007 19:53
चित्र श्री देवाशीष जी के सौजन्य सें एक साँड से मुलाकात |
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1 टिप्पणी:
अच्छा लगा. सामुहिक ब्लॉग में शामिल होने के लिए क्या करना पड़ेगा.
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