एक दिन अचानक मेरे आरकुट के बोर्ड पर भड़ासाध्यक्ष श्री यशवंत जी का मित्र निवेदन और साथ में एक संदेश मिला कि मै 31 को आपके प्रयाग में रहूँगा। क्या आपसे मिलना हो सकेगा ? उनके मित्रता को स्वीकार करने के बाद वे मेरे जीटॉंक में भी जुड गये थे उनसे परस्पर वार्ता हुई और 31 को मिलने का कार्यक्रम तय हुआ।
31 की सुबह मैने करीब 8 बजे के आस पास मैने उन्हे फोन किया, और उन्होने मुझे बताया कि वे हालैन्ड हाल में ठहरे हुऐ है, और मैने उन्हे करीब 11-12 बजे तक हालैन्ड हाल पहुँचने का वायदा किया। अक्सर जब मै किसी घर से बाहर निकलता हूँ तो दो चार काम लेकर ही निकलता हूँ। तो मै अपने साथ टेलीफोन आदि के बिल जमा करने का काम लेकर साथ चला तथा साथ महाशक्ति समूह के दो चिट्ठाकार श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह व श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह को भी लेकर गया।
करीब 12.30 बजे के आस-पास हम हालैन्ड हाँल पहुँच गये थे तथा कमरा नम्बर 29 भी हम बेधड़क पहुँच गये, वहॉं पर देखा तो श्री यशवंत जी ठन्ड में रजाई का आंनद ले रहे थे, और हम सब के पहुँचने से जो रजाई गर्दन तक तनी थी और भड़ासाध्यक्ष के पैरों तक आ गई थी और वे 180 अंश का कोण बना रहे थे वह 90 अंश में बदल गया था। कमरे में पहुँचने पर गर्म जोशी के साथ हाथ मिलावा मिलाई हुई साथ ही साथ परिचय की औपचारिकता भी सम्पन्न हुई। परिचय कि औपचारिकता इसलिये क्योकि मेरे साथ दो अन्य ब्लागर थे उनसे न तो यशवंत जी परिचित थे नही वे दो दोनों उनसे ही।
सर्वप्रथम बात की शुरूवात मैने ही की और पूछा कि आप को मेरे बारे में कैसे जानकारी मिली तो उनका कहना था कि मैने अपने ईमेल के सभी एड्रेसों को एक साथ ही आरकुट मे जोडने के लिये आदेश दिया और आप भी जुड गये। और फिर उन्होने मेरे आरकुट प्रोफाइल और मित्रों की लिस्ट की तारीफ की, किन्तु मैने बाताया कि मै आरकुट को कम पंसद करता हूँ किन्तु कुछ मित्र ऐसे है जो मेरे विचारों से प्रभावित हो कर अपने आप ही निवेदन कर देते है और मै सर्वप्रथम यह देखकर कि उनका बैग्राउन्ड कैसा है ? यह देख कर स्वीकार कर लेता हूँ। बामुश्किल से मै कभी स्क्रैप करता हूँ।
फिर धीरे धीरे चर्चा ब्लाग की ओर भी आई और उन्होने मुझसे मेरे ब्लाग के हि्ट्स जानना चाहा और मैने उन्हे बताया, फिर वे यह भी पूछा कि इस समय सबसे अधिक हिट्स वाला ब्लाग कौन है मै इस प्रश्न का उत्तर देने मे असमर्थ रहा तथा दो चार ब्लागों के नाम उनके सम्मुख रखा। फिर उनका प्रश्न था कि आप ब्लागिंग में कब से है तो उनके प्रश्न का उत्तर भी मैने दिया। और उन्होने यह भी पूछा कि महाशक्ति का उद्देश्य, आगे का भविष्य और इसके पीछे कौन लोग है? मैने अपने स्तर तक उनके इस प्रश्न का उत्तर भी देने की कोशिस की, कि महाशक्ति का उद्देश्य राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों को एकत्र करने के साथ-साथ नये लोगों को मंच प्रदान करना है, हम इस पर हर कुछ छापने को तैयार है बशर्ते वह राष्ट्रवाद विरोधी व कामुक रचनाऐं न हो। कोई चिट्ठाकर चाहे तो अपने ब्लाग की प्रकाशित समग्री भी महाशक्ति समूह पर प्रकाशित कर सकता है। मेरे ब्लाग लेखन को लेकर भी उन्होने काफी उत्सुकता से पूछा और आगे के भविष्य पर भी मेरी राय जाननी चाही तो मेरा सिर्फ यही कहना था कि मेरा कैरियर और पढ़ाई प्रथम है न कि मेरा ब्लाग लेखन और मै अपने प्रथमिक चीज के लिये किसी भी पल इसे छोड़ने में गुरेज नही करूँगा, रही बात भविष्य के तो प्रमेन्द्र के लेखन का यही अन्त नही है, यह वह काम है जो मै अनूप शुक्ला, समीर लाल और ज्ञानदत्त पाण्डेय जी की उम्र में शुरूवात पुन: कर सकता हूँ।
मेरे मन मे भी कुछ प्रश्न थे जो मैने उनसे पूछे कि भड़ास क्यो तो उनका उत्तर था कि जो बात न कही जा सके उसको समाने लाना। फिर मैने कहा कि मै आपके भड़ास पर शुरूवात में गया फिर कभी जाने का नौबत ही नही आयी क्योकि उसकी भाषा इतनी आपत्ति जनक होती है कि पढ़ने की इच्छा नही करती है और उन्हेने भी इसे स्वीकार किया। फिर उन्होने यह भी बताया कि भड़ास पर 100 से अधिक ब्लागर सदस्य बन चुके है।
ब्लागिंग के भविष्य पर उनका कहना था कि आगे ऐसा दौर आयेगा कि बड़ी बड़ी कम्पनी या बेवसाईट इस क्षेत्र में आजायेगी तो आप ब्लागरों का अस्तित्व समाप्त हो सकता है पर मेरा कहना था कि जो भी दौर आयेगा वह आप ब्लागरों का जगह नही ले सकेगी क्योकि जो अनूप शुक्ल या उड़नतश्तरी या महाशक्ति से प्रभावित है वह इन्ेह कही न कही से जरूर पढ़ेगा।
उनका कहना था कि आने वाले दो तीन सालों में हिनदी ब्लाग के पाठकों की संख्या 10000 हजार तक पहुँच सकती है तो मेरी यह राय थी कि हो सकता है कि एक दो स्थपित ब्लाग पर यह हो किन्तु सभी से यह आशा रखना बेमानी होगा। यशवंत जी के साथ हिन्दी ब्लाग के भविष्य के और सम्भवनाओं पर भी बात हुई और एक विस्तृत योजना साकार करने पर विचार हुआ।
इस चर्चा के दौरान मेरे और यशवंत जी के मध्य कुछ ब्लागरों के नाम भी लिये गये जो किसी न किसी रूप मे हमने उन्हे याद किया। वो निम्न है- श्री अरूण अरोड़ा, श्री रवि रतलामी, अनूप शुक्ला, श्री समीर लाल, श्री शशि सिंह महाशक्ति के कुछ सदस्य और भड़ास के कुछ सदस्य तथा अविनाश और रवीश जी जैसे पत्रकारों का भी जिक्र हुआ। पत्रकारों के जिक्र आने पर मेरी यह भी बात सामने आई कि मेरी हिन्दी ब्लाग के किसी पत्रकार के दृष्टिकोण से कभी पटी नही और मै सदैव उनके विरोध में रहा, भले ही वह विरोध मूक रहा हों। इस पर भी उन्होने स्वयं पत्रकार होने के नाते पत्रकारिता की कुछ अन्दर की बात भी बताई।
इस भेंट वार्ता का दूसरा पहलू महाशक्ति समूह के चिट्ठाकार अधिवक्ता श्री देवेन्द्र जी और यशवंत जी के मध्य काफी रोचक चर्चाऐं माक्सर्वाद, राष्ट्रवाद व संघ के विषय में हुऐ जो किसी के भी ध्यान को आकर्षित कर सकती थी। कुछ विषयों पर श्री मानवेन्द्र जी भी जरूर बोले पर वह वाद को सुनने में ज्यादा रहें।
लगभग दो डेढ़ घन्टे के मुलाकात के दौरान हम लोगों ने चाय पीकर, शाम की चाय के लिये यशवंत जी को आंमत्रित करके चलते बने। किसी कारण वश वह शाम को मेरे घर की चाय पीने नही आ सके। एक प्रकार साल की अन्तिम ब्लागर मीट जो दो विभिन्न विचारधारा वाले ब्लागों की मीट साबित हुई जो बिना किसी मन मुटाव के समाप्त हो गई।
चलते चलते - महाशक्ति को लेकर लोगों की धारण मेरी कदकाठी से पहलवान की होती है और यशवंत जी के मन में भी यही रही जिसका जिक्र उन्हेने अपने ब्लाग पर किया था। किन्तु महाशक्ति हो कर लिखने के लिये कद काठी से बलिष्ठ होने के बजाय जिगरा होने की जरूरत है जो मेरे पास है, यही कारण है कि मै किसी भी विषय पर अपनी स्पष्ट राय रखता हूँ चाहे जनमत मेरे विरोध में क्यो न हो।
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6 टिप्पणियां:
प्रमेंद्रर जी...आप सभी को नये साल की शुभकामनाएं। देवेंद्र और मानवेद्र जो को मेरी तरफ से प्रणाम बोलियेगा। आप जैसे ब्लागरों से बहुत उम्मीदें हैं। नई ऊर्जा और नए सपने हैं। इन्हें खुलकर आना चाहिए। जीवन के किसी मोड़ पर जरूरत प़ड़े तो बेशक याद करियेगा। किसी काम आ पाऊं, यही मेरी और भड़ास की सार्थकता है।
आपसे फिर मिलने की इच्छा है, देखिये कब संयोग बनता है।
यशवंत
बधाई इस भेंटवार्ता के लिए!!
शुक्रिया विवरण के लिए!
नया साल आपको पहले से बेहतर दे जाए!
नव वर्ष की शुभकामनाएं
भई वह मजा आ गया आखिर कार भडासिये पहुच ही गये महाशक्ती को देखने..यशवंत वैसे बहुत मिलन सार और अच्छे बंदे है पत्रकारिता की टुच्चई से दूर..और महाशक्ती तो है ही सरल सादे व्यक्तित्व के मालिक..लेकिन भिडे या नही ये बताओ..:)
सही कहा जिगरा चाहिए सही सही लिखने के लिए...
साल २००७ की आख़िरी ब्लौगर मीट की बधाई।
नया साल आप सबको मुबारक हो।
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