मैने अपने पूर्व के लेख प्रयाग में महाशक्ति-भड़ास भेंटवार्ता में कहा था कि महाशक्ति हो कर लिखने के लिये जिगरा होने की जरूरत होती है। मैने अपने लेख तो क्या कंडोम सच्चर जी के काम आयेगें ? पर दो चार बातें क्या लिखी, एक शीना राय नामक भद्र महिला ने मेरे ऊपर बमक पड़ी और तो और जब मेरे मित्र राजकुमार ने व्यक्तिगत आक्षेप को लेकर व्यक्तिगत आक्षेप कितने सही ? लिखा तो उक्त भद्र महिला जो मेरे दादा परदादा ही हिस्ट्री जानने को उत्सुक थी, अपने ब्लाग शीना की सलाह का ही इतिहास गायब हो गया। आखिर यह सब क्या है? अगर मुझे पता होता कि बेमन से लिखी पोस्ट का इतना असर होता है कि एक ब्लाग डिलीट होना पड़े तो मै ऐसा कभी न करता।
शीना नाम से चाहे जो भी हो किन्तु एक ओर तो डाक्टर के वेश में एक बहुरूपिया नारी बनकर व्यक्तिगत आक्षेप लगाना कहॉं की बात है ? मैं नेट पर करीब 1.5 साल से लिख रहा हूँ, इस तरह की व्यक्तिगत आक्षेप मैने कभी किसी पर नही लगाये, जब तक की मुझे विवाश नही किया है, किन्तु अपने संज्ञान में मैने कभी भी ऐसा नही किया। शीना की सलाह मैने करीब 3-4 माह पहले देखा था और सोचा था कि कभी वक्त मिलने पर सलाह लूँगा, अच्छा हुआ कि मै बच गया नही तो बुरके जनाना की जगह मर्दाना पठ्ठा मिलता। मुझे तो हंसी आ रही है कि जो ब्लगार भाई शीना मैडम से चैगिंग किये होगे, और उनके बीच हुऐ डेट के वायदो का क्या होगा? :) कहीं मामला सोनू निगम के कास्टिंग काउच वाला न हो जाये :) खैर बहुत मजाक हो गया अब सीरियस बात करते है।
शीना नाम से चाहे जो भी हो किन्तु एक ओर तो डाक्टर के वेश में एक बहुरूपिया नारी बनकर व्यक्तिगत आक्षेप लगाना कहॉं की बात है ? मैं नेट पर करीब 1.5 साल से लिख रहा हूँ, इस तरह की व्यक्तिगत आक्षेप मैने कभी किसी पर नही लगाये, जब तक की मुझे विवाश नही किया है, किन्तु अपने संज्ञान में मैने कभी भी ऐसा नही किया। शीना की सलाह मैने करीब 3-4 माह पहले देखा था और सोचा था कि कभी वक्त मिलने पर सलाह लूँगा, अच्छा हुआ कि मै बच गया नही तो बुरके जनाना की जगह मर्दाना पठ्ठा मिलता। मुझे तो हंसी आ रही है कि जो ब्लगार भाई शीना मैडम से चैगिंग किये होगे, और उनके बीच हुऐ डेट के वायदो का क्या होगा? :) कहीं मामला सोनू निगम के कास्टिंग काउच वाला न हो जाये :) खैर बहुत मजाक हो गया अब सीरियस बात करते है।
इधर एक और अच्छी बात देखने के मिली की महाशक्ति समूह में राजकुमार जी के सहासिक लेख के द्वारा एक शीना की सलाह नामक फर्जी ब्लाग बन्द हो गया, और इसके लिये महाशक्ति समूह और मित्रता की मूर्ति राजकुमार दोनो बधाई के पात्र है। यह सब हो गया किन्तु बात अभी खत्म नही हो रही है, आखिर शीना थी कौन जो अपना सीना चौड़ा कर ब्लागिंग में जहर घोलने का काम कर रही थी। निश्चित रूप से हिन्दी ब्लाग्स में ऐसे लोगों की कमी नही जो द्वेष भावना रखते है, जहॉं तक मै जानता हूँ कि मेरे व्यक्तिगत व्यवाहार से शायद ही मेरी कोई कभी निंदा किया हो, हॉं यह जरूर है कि लेखन के कारण कारण काफी निन्दा सहनी पड़ी है। पता नही शीना जी को मुझसे क्या बैर था कि मेरे हाथों एक सिखड़ी का वध हुआ! अगर शीना जी वास्तविकता में कोई होती तो अपना ब्लाग खत्म करने के बाजय वह पोस्ट हटाती, किन्तु मन में चोर होने पर सही बात सामने आ ही जाती है और वही हुआ भी कि फर्जी महिला के रूप में ब्लागिंग कर रही शीना को जाना पड़ा।
मेरे पिछले लेख में एक अनाम टिप्पणी आई थी और एक बन्धु का नामोल्लेख किया किन्तु मै उसे सही नही मानता हूँ क्योकि इतना प्रतिष्ठित व्यक्ति यह काम नही कर सकते है। किन्तु अनाम भाई इतना तो जरूर सही है कि कि जो कोई भी शीना थी वह एक सक्रिय ब्लागर था। यह काम उसी का हो सकता है जिसें विवादों में रहना पंसद हो और मुझसे चिड़ हो। कोई भी नारी कम से कम विवादों में रहने के लिये ब्लागिंग नही ही करेगी। हो न हो कि कोई बिगडैल चिट्ठाकार ही है जो इस तरह का अर्नगल काम कर रहा था।
वैसे शीना ने जो मुझसे जो सलाह मॉंगी थी वह लेने से पहले चली गई, अब तो मनमोहन से कहना होगा कि एक सच्चर जी से जॉंच करवाये कि शीना कौन थी ?
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9 टिप्पणियां:
प्रमेन्द्र भाई,
आपके ब्लॉग की पंच लाइन वाकई बहुत प्रभावशाली निकली.......:-)
यह क्या हो रहा है?
दो एग्रीगेटरों के बिच कुछ छद्म चिट्ठो पर विवाद हुआ था. अब फिर से...
अरे भाई साहब ..मजा आ गया .अगर "wo"शीना जी कभी आपसे मिल जाये तो कृपया हमको भी मिलईयेगा ...वैसे किसी की क्या मजाल है जो परम शक्ति से टकराए ...जो टकरायेगा वो चूर चूर हो जायेगा ..
mahaashakti payendabaad! ab to aapse dar lagane laga hai.
अभी मेरी चिट्ठा जगत के श्री विपुल जी से फोन पर बात हुई,और उन्होने अपनी बात रखी और मै भी उनसे सहमत था । उक्त काम उनका हो ही नही सकता है। इतना बड़ा इन्सान कभी इतनी खराब हरकत कर ही नही सकता है। कम से कम किसी पर व्यक्तिगत आक्षेप तो नही ही। मै भी समझता हूँ कि सही गलत क्या है ?
मै इस बात को खत्म कर दिया था और सीना पर अपना मुँह चुप रखना चाहता था किन्तु राजकुमार जी की पोस्ट ने मुझे लिखने को बाध्य कर दिया। और इसका यह एक फायदा हुआ कि एक फर्जी ब्लाग का अंत हो गया।
किन्तु जैसा भी है शीना कौन थी? और किस कारण से 4 -5 मास से सक्रिय भूमिका के बाद, शीना का एक सामान्य बात को लेख अपने 5 माह के कैरियर को समाप्त कर देती है आश्चर्य कि बात है और इसका पता लगाया जाना चाहिए। एक व्यक्ति अधिकतर अपने कैरियर को ही फर्जी कैरियर से जोड़ने से की कोशिस करता है, ताकि सामान्य व्यक्ति जब भी उससे बात करें तो यह वह अपने फर्जी कैरियर से सम्बन्धित बातें कर सकें। मैने उनके पोस्ट पर काफी गौर किया था अधिक्तर एक डाक्टर की सलाह पर आधारित था, मेरी सम्भावना है कि हो सकता है कि शीना के वेश में कोई डाक्टर हो।
अगर कभी किसी की शीना से बात हुई हो तो जरूर उसे उजार करें। यह मेरा निवेदन है। इस घटना को व्यक्तिगत न माना जाय।
ये क्या कर रहे हो प्रमेन्द्र बाबू? अपने ब्लॉग की टैगलाईन को सत्य करके दिखा रहे हो? "जो हमसे टकराएगा चूर-२ हो जाएगा"!!!?? ही ही ही!! :) :D
विपुलभाई की टिप्पणी हटाने के बाद मेरी टिप्प्णी का उद्देश्य भी समाप्त हो जाता है. कृपया उसे भी हटा दें.
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