मार्टीना हिंगिस (Martina Hingis) की असमयिक विदाई से टेनिस प्रेमी उबरे भी नही थी कि विश्व टेनिस इतिहास में अपने जोरदार आवाज के द्वारा प्रतिद्वन्दी खिलाड़ी को स्तब्ध कर देने वाली मोनिका सेलेस (Monica Seles) ने भी अपने सन्यास की घोषणा कर दिया। मोनिका एक महान खिलाड़ी है जो अपने खेल के दम पर चार ऑस्ट्रेलियन, तीन फ्रेंच ओपन और दो यूएस ओपन सहित 9 ग्रैन्डस्लैमों पर कब्जा किया। कहा जाता है कि व्यक्ति अपने व्यवहार से महान होता है, सेलेस ने संन्यास लेते हुए कहा कि टेनिस उनके जीवन का अभिन्न अंग और जब कभी भी चैरिटेबल मैच में बुलाया जायेगा वह अवश्य खेलेगी। किन्तु मुझे अपने प्रशंसकों की कमी खलेगी।
मोनिका सेलेसे वह नाम है जो स्टेफी ग्राफ से टेनिस साम्राज्य को चुनौती दे रहा था, इसी चुनौती को देखकर स्टेफी के एक प्रशंसक Günter Parche 1993 में हैम्बर्ग में उनकी पीठ में छूरा भोक दिया। वह 1991 से लेकर इस घटना तक वह विश्व की नम्बर एक खिलाड़ी रही। इस चोट से वह करीब 3 साल तक नही उबर पाई और 1996 में वापसी कनाडियन ओपन जीत कर की, और अस्टेलियन ओपन के रूप में नौवां खिताब जीत कर बता दिया कि उनमें दम है। वापसी के बाद सर्वोच्च महिला टेनिस संघ संसय में था कि मोनिका की वापसी पर रैंक क्या हो? क्योकि वह इस घटना के समय नम्बर वन थी, अन्तोगत्वा टेनिस इतिहास में पहली बार एक समय में दो खिलाड़ी नम्बर वन थे।
डब्ल्यूटीए टूर की मुख्य कार्यकारी लारा स्काट ने कहा, 'सेलेस डब्ल्यूटीए टूर के इतिहास की महान चैंपियनों में एक हैं तथा वह दुनिया के लाखों टेनिस प्रेमियों की आदर्श हैं।' उन्होंने कहा 'मोनिका ने कोर्ट पर जीत के लिए जो प्रतिबद्धता और इच्छाशक्ति दिखाई उसे कोई कभी नहीं भूलेगा। कोर्ट के बाहर वह बहुत मिलनसार रही और हमेशा दूसरों की मदद करने में भी आगे रही।'
मोनिका सेलेसे वह नाम है जो स्टेफी ग्राफ से टेनिस साम्राज्य को चुनौती दे रहा था, इसी चुनौती को देखकर स्टेफी के एक प्रशंसक Günter Parche 1993 में हैम्बर्ग में उनकी पीठ में छूरा भोक दिया। वह 1991 से लेकर इस घटना तक वह विश्व की नम्बर एक खिलाड़ी रही। इस चोट से वह करीब 3 साल तक नही उबर पाई और 1996 में वापसी कनाडियन ओपन जीत कर की, और अस्टेलियन ओपन के रूप में नौवां खिताब जीत कर बता दिया कि उनमें दम है। वापसी के बाद सर्वोच्च महिला टेनिस संघ संसय में था कि मोनिका की वापसी पर रैंक क्या हो? क्योकि वह इस घटना के समय नम्बर वन थी, अन्तोगत्वा टेनिस इतिहास में पहली बार एक समय में दो खिलाड़ी नम्बर वन थे।
डब्ल्यूटीए टूर की मुख्य कार्यकारी लारा स्काट ने कहा, 'सेलेस डब्ल्यूटीए टूर के इतिहास की महान चैंपियनों में एक हैं तथा वह दुनिया के लाखों टेनिस प्रेमियों की आदर्श हैं।' उन्होंने कहा 'मोनिका ने कोर्ट पर जीत के लिए जो प्रतिबद्धता और इच्छाशक्ति दिखाई उसे कोई कभी नहीं भूलेगा। कोर्ट के बाहर वह बहुत मिलनसार रही और हमेशा दूसरों की मदद करने में भी आगे रही।'
मोनिका सेलेस का उल्लेख इस पोस्ट में भी है - भारत मे हिगिंस ने किया जोरदार वापसी आगाज
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6 टिप्पणियां:
भाया हर किसी का टैम आता है जब उसे विदा लेनी होती है। टेनिस में तो वैसे भी जवान खिलाड़ियों का ही बोलबाला रहता है, तीस की आयु के बाद खिलाड़ी में पहले जितनी शक्ति नहीं रह जाती और इस खेल में स्टैमिना बहुत चाहिए होता है। तो मोनिका की भी उम्र हो गई है, वह मार्टिना से पहले की खिलाड़ी है तो जाना तो उसको भी था हाल-फिलहाल। :)
चलो, इनको भी नमस्ते.
अच्छी खिलाड़ी और भद्र महिला थी।
टेनिस मोनिका सेलेस के जीवन का अभिन्न अंग है, वह तो रहेगा ही। बस रूप बदल
जायेगा - चैरिटेबल मैच और अन्य नौसिखिया खिलाड़यों को कोचिंग देने से भी टेनिस से जुड़ी
रहेंगी।
आप सभी को इस पोस्ट पर टिप्पणी पाकर मन प्रसन्न हो गया। धन्यवाद
सही कहा अमित भाई मोनिका 35 की हो गई है किन्तु नवरातिलोवा ने 48 की उम्र तक गैन्डस्लैम जीता है।
सही कहा अमित भाई मोनिका 35 की हो गई है किन्तु नवरातिलोवा ने 48 की उम्र तक गैन्डस्लैम जीता है।
अरे भई एकाध अपवाद तो हर जगह हो ही जाता है। ऐसा नहीं है कि बुढ़ाने के बाद लोग कोशिश नहीं करते, आन्द्रे आगासी को देखो कितनी उम्र होने के बाद खेलता रहा जबकि उससे छोटे और उसके काफ़ी बाद आए पीट सैम्प्रास ने तज दिया था मैदान। इसी तरह और भी हैं जैसे स्टेफ़ी ग्राफ़ ने भी उम्र होने के बाद कोशिश की थी लेकिन समझ आ गई तो छोड़ दिया मामला, जिम कोरियर भी काफ़ी समय तक लगा रहा था।
वैसे नवरातिलोवा ने डबल्स में जीता था न कि सिंगल्स में। मैंने खेल खेला हुआ है पता है ज़रा सा खेलने में कितनी बुरी तरह वाट लग जाती है और फिर यह भी है कि जवान-२ खिलाड़ी आ रहे हैं शक्ति और स्टैमिना से भरपूर तो उनको टक्कर देना अति कठिन हो जाता है सिर्फ़ अनुभव की लाठी पकड़ के। :)
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