और कांग्रेसी भड़क उठे...

 
गुजराज चुनाव के समय आरकुट की कांग्रेस कम्‍यूनिटी में बहुत उत्‍साह था, लोग कह रहे थे कि दिनिशॉं पटेल ये कर देगे वो कर देगे, और इसी पर मैने सच्‍चाई समाने रख दी कि ''दिनिशॉं भी जीत गये और काग्रेस भी जीत गये और अब चलों खुशी भी मना लो किन्‍तु चुनाव परिणाम के बाद सच्‍चाई सामने आ जायेगी, पता नही खुशी मनाने को मिले भी नही।
मेरा सिर्फ इतना ही कहना था कि कांग्रेसियों ने न जाने क्‍या क्‍या उपाधियॉं दे कर कांग्रेस की कम्‍यूनिटी से बाहर निकल दिया, आज फिर सोचा चलों। आरकुट पर कांग्रेस की खबर ले लूँ, पर पर मैसेज मिला कि मै बैन हूँ। :) मेरे पास हँसने के सिवाय कुछ नही था कि ये काग्रेसी इतने छुई मुई क्‍यो होते है? पता नही आज कल सब मेरे बैन के पीछे ही क्‍यो पढ़े है ?
संघ को इतना कोसते है किन्‍तु जब पर आती है तो मेंढ़क की तरह उछल पड़ते है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. जो सच को नही स्वीकार सकते उनके बारे में बात भी नही करनी चाहिए. समय जाया होता है

    राजेश रोशन

    जवाब देंहटाएं
  2. "और कांग्रेसी भड़क उठे..."

    कोई नयी बात बताओ ये तो पुराना इतिहास है

    जवाब देंहटाएं