आज इलाहाबाद में मध्य दोपहरियॉं के बाद से गूगल, जीमेल, आरकुट, ब्लागर, ब्लागवाणी सहित अनेकों साईट को झटका लग गया है। आज दोपहर में बहुत तेज आँधी आई और पानी भी बरसा और इन साईटों पर काफी असर पड़ा। यह प्रभाव सिर्फ इलाहाबाद भर में था या विश्वव्यापी असर था यह अभी जानकारी नही मिल पाई है। अभी रात 9 बजे रामचन्द्र मिश्र जी से पूछा कि क्या हाल-चाल है गूगल के? तो उत्तर बदहाली के ही मिले ओर पता चला कि याहू भी संकट में है। काफी साईटे काफी तीव्रता से खुल रही है, किन्तु कुछ साईटों का न खुलना समस्या का विषय है। कहीं यह गूगल समूह पर प्रतिबन्ध तो नही ?
अभी के लिये इतना ही ..............
यह पोस्ट ब्लाग राईटर से कर रहा हूँ, पता नही होती है कि भी नही ?
Technorati : गूगल पर प्रतिबन्ध तो नही लग गया है
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5 टिप्पणियां:
raksha karo mahashakti jee, raksha. a ... r ... re .... rickshaw nahin.
अब आप ही नैय्या पार लगवाओ, महाप्रभु...महाशक्ति...
सब सौंप दिया इस जीवन का...
अब भार तुम्हारे हाथों में...
तुम्हारा भी जवाब नहीं प्रमेन्द्र. यह सब बचपना देखकर बहुत अच्छा लगता है.
क्या करूं तुम्हारी यह पोस्ट पढ़कर हंसी रूकने का नाम नहीं ले रही है.
बहुत अच्छा लगा.कभी कभी ऐसा भी लिखा करो.
प्रमेन्द्र ,कल इनका सर्वर बैठा हुआ था , काशी में भी।
अफलातून भाई बैठा हुआ से क्या तात्पर्य है, सर्वर को सदैव सावधान खड़े रहने की सजा मिली हुई है क्या, वो बैठ क्यों नहीं सकता. बल्कि उसे अधिक समय बैठना ही चाहिए, जैसे आप और हम सब लोग ऑफिस में कुर्सियों पर बैठते हैं.
अविनाश वाचस्पति
अफलातून भाई बैठा हुआ से क्या तात्पर्य है, सर्वर को सदैव सावधान खड़े रहने की सजा मिली हुई है क्या, वो बैठ क्यों नहीं सकता. बल्कि उसे अधिक समय बैठना ही चाहिए, जैसे आप और हम सब लोग ऑफिस में कुर्सियों पर बैठते हैं.
अविनाश वाचस्पति
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