कल दिन में एक फार्म के चक्कर में काफी घूमना हुआ, दोपहर की घूप कुछ ज्यादा की दुखदाई थी। करीब लौट कर आने में 2 बज गये थे। तबियत ठीक नही लग रही थी। लग रहा था कि काफी तेज बुखार है, और था भी। रात्रि में करीब 10.30 बजे सोता हूँ किन्तु कल 8 बजे ही सो गया था।
सुबह की क्रिकेट मंडली अपने समय पर आ गई थी और मै भी रोज की तरह सबसे पहले चाय पीकर तैयार था। इच्छा तो नही कर रही थी आज जाने को क्योकि तबीयत कुछ ठीक नही थी, किन्तु अगर एक दिन का गैप हो जाता है तो पूरा दिन शरीर दर्द करता है।
हमारा मैच करीब 6 बजे शुरू हो गया था। मेरी टीम की बालिंग थी, तीन ओवर हो चुके थे चौथे ओवर की 3 गेंद फेक की रहा था कि आचनक लव कुमार गुप्ता आ गया। वह काफी हडबड़ी में था, मैने पूछा क्या हुआ ? उनसे कहा कि पिता जी को ट्रक ने टक्कर मार दिया है। मेरे पैर से जमीन ही खिसक चुकी थी। उसने कहा कि तुरंत चलो, पिताजी को मदनानी से वात्सल्य ले जाना होगा। मैने जल्दबाजी में अपना ओवर पूरा करके वहॉं से निकल दिया।
मदानानी में लव के पिताजी को देखा तो वे काफी ठीक थे, जितनी बड़ी र्दुघटना थी, छति काफी कम थी, मुझे यहीं पर ईश्वर का न्याय समझ में आया, कि क्यो लोग इस पत्थर वाले को पूजते है। पिताजी के दाये हाथ ओर पैर में भंयकर चोटें आई थी, सफेद हड्डी तक दिख रही थी। ईश्वर का प्रभाव था कि करीब 58 साल की उम्र में हड्डी आदि पर कोई प्रभाव नही पड़ा। लव के कहने पर मैने गाड़ी निकाली और तुरंत लव के पिताजी को बैठाकर वातसल्य की ओर निकल दिया। और उन्हे अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
लव के पिताजी अपने दोनो पैरों पर चल रहे थे और काफी अच्छा महसूस कर रहे थे, किन्तु दर्द का एहसास तो था ही। उन्होने बताया कि घटना चौफटका के पुल के पास वाले पेट्रोल पम्प के पास की है। एक ट्रक वाला काफी तेजी से आ रहा था कि आचानक टक्कर पार दी। मै तो किसी तरह कूद गया किन्त साइकित वही दोना हो गई। ट्रक जा कर खम्बे से टकरा गई और खम्भा टूट गया। ट्रक वाला भाग गया।
कुछ सुबह सुबह घटित हुआ बहुत ही दुखद: था किन्तु ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि वह बहुत बड़ा रखवाला था।
सच बात है. भगवान का सहारा ही इंसान को बचाता है. लव के बाबूजी जल्दी स्वस्थ हों, यही कामना है.
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