यही तो हिन्दू धर्म की विशेषता है कि वह बाहर से आने वालों को अपना लेता है। हिन्दू धर्म एक महासागर है। जैसे सागर में सब नदियां मिल जाती हैं, वैसे हिन्दू धर्म में सब समा जाते हैं। हिन्दू धर्म का रहस्य जानना केवल हिन्दुओं का नहीं, सारे भारतीयों का काम है। हिन्दू धर्म अपनी बुनियाद में निहित इसी स्वदेशी की भावना के कारण स्थितिशील और परिणामत: अत्यंत शक्तिशाली बन गया है। चूंकि वह मतान्तरण की नीति में विश्वास नहीं करता इसलिए वह सबसे ज्यादा सहिष्णु है और आज भी वह अपना विस्तार करने में उतना ही समर्थ है, जितना भूतकाल में था। स्वदेशी भावना के कारण हिन्दू अपने धर्म का परिवर्तन करने से इनकार करता है। मैंने हिन्दुत्व के विषय में जो कुछ कहा है, वह मेरे विचार से संसार के सभी मत-पंथों पर लागू है। हां, हिन्दू धर्म के बारे में यह विशेष रूप से सही है।
-महात्मा गांधी (मद्रास में 'स्वदेशी' पर भाषण, 14 फरवरी 1916)
-महात्मा गांधी (मद्रास में 'स्वदेशी' पर भाषण, 14 फरवरी 1916)
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1 टिप्पणी:
इस सुंदर प्रस्तुति के माध्यम से आपने कई सोये हुओ को जगाने का प्रयास किया है.
आपको बधाई.
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