हमारे नेट कनेक्शन पर शनि की छाया

हमारे इंटरनेट कनेक्शन पर लगता है कि शनि महाराज की छाया पड़ गई है। पिछली पोस्ट में मैंने करीब 100 मीटर तार चोरी किये जाने की घटना का उल्लेख किया था। काफी जद्दोजहद के बाद लूकरगंज एक्सचेंज के एस.डी.ओ. ने उसे करीब हफ्ते में लगवाया, इसके लिए भी काफी दबाव डालना पड़ा। चूंकि उनका कहना था कि लाइन को अब मै नीचे जमीन से ले जाऊँगा, इसलिये मै ठेकेदार का इंतजार कर रहा हूं जिसे खुदाई करना है। मैंने उनसे जोर देकर कहा कि महोदय करीब 7 दिन बीतने को है, किंतु हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। अब आपका ठेकेदार महीने भर न मिले तो हम बिल भरने को क्यों तैयार रहे। प्रतिदिन के हिसाब से 33 रुपये मै इंटरनेट का देता हूँ, आज सात दिन का करीब 230 रुपये के आसपास बिल होता है। उपभोक्ता यदि एक दिन भी बिल जमा करने के देरी कर दे तो तुरंत अधिभार ठोक दिया जाता है किन्तु यहाँ हमारे 230 रुपये की कोई कीमत नहीं है ? यह कहने पर उन्होने अगले दिन पुन: तार लगवा दिया।

अभी इंटरनेट को चले 4 दिन भी नहीं हुए थे कि चोरों की कृपा हमारे तार पर फिर हो गई, इस बार हमारी लाइन ही नहीं करीब 1500 फोन लाइन पर व्यापक दृष्टिपात किया गया। इस बार टेलीफोन बाक्स के नीचे आग लगाकर कॉपर के तार को चोरी करने का प्रयास किया गया। चोर तो कामयाब न हुये किन्तु 1500 फोन का बंटाधार हो ही गया। मैंने स्वयं उस बक्से को देखा तो करीब जिसमें 5 किलो कॉपर के तार निकल सकते थे। जो कुछ भी हो 5 किलो तारे के लिये लगभग 1500 लोगों को लाखों रुपये नुकसान सहना पड़ रहा है। कल पुन: एस.डी. ओ से मिला तो उन्होंने इसे ठीक करने में दो हफ्तें का समय लगेगा यह जानकारी दी। जैसा भी हो आज देश में बेकारी इतनी हो गई है कि लोगों के पास छोटी-छोटी घटनाएं करना कोई बड़ी बात नही रह गई है। किन्तु यह छोटी छोटी घटनाएं किसी किसी पर बहुत भारी पड़ जाती है। जैसे हम पर ही, इस समय मोबाइल से नेट का उपयोग किया जा रहा है न स्पीड है न संतोष किन्तु जो पैसे लग रहे है अलग।

3 टिप्‍पणियां:

  1. सहानुभूति है मित्र।
    मेरे दफ्तर का फोन कई दिनों से खराब है - शायद तार चोरी से हो।

    जवाब देंहटाएं
  2. अरे भाई मानव जनित दुर्वयवस्था के लिए शनि देव को क्यों बदनाम कर रहे हो, पता नहीं कहीं बेचारे उनका भी नेट आजकल डाउन चल रहा हो.

    जवाब देंहटाएं