किंतु यही पर एक दिक्कत हो गई, करीब 12.45 पर मेरे मोबाइल की बैटरी काफी काम हो गई थी मुझे भय था कि कहीं यहां मिलने के समय पर समय यह खत्म न हो जाये। मैंने उसे स्विच ऑफ करके चार्जिंग पर लगा दिया। जो करीब 1.05 तक चार्जिंग पर लगा रहा। जैसे ही मैने उसे चर्जिग से हटाया तो आलोक जी का मिस्ड काल की सूचना और उनका SMS दोनो से मिली और मैने उन्हे फोन लगाया और 5 मिनट पर स्टेशन पर पहुँचने की बात कही। इस बार मै काफी जल्दी में था, दूध का जला छांछ भी फूँक फुँक भी पीता है। जब समीर लाल जी आये थे वो दिन हमें याद था अब रिस्क लेने के मूड में नही था। हमने प्लेट फार्म टिकट भी नही लिया, जबकि मेरे भइया बार बार लेने के लिये कह रहे थे। टिकट न लेने का भी कारण था जो मेरे और भइया के बीच रहस्य है।
स्टेशन पर चाय का जिक्र तो श्री आलोक जी कर ही चुके है, पर उन्होने बिस्किट का जिक्र नही किया वो हम कर देने है। आलोक जी ने चाय की कैन्टीन से ग्लूकोस बिस्किट की मॉंग ही किन्तु दुकादार ने कहा कि नही है, मैने उसे प्रियागोल्ड का CnC देने को कहा जो स्वाद में 50-50 और Parle Krack Jack की तरह ही था। इस बार मेरे साथ मेरे भइया मानवेन्द्र प्रताप सिंह भी थे कुछ समय पूर्व मेरे ब्लाग पर मेरी अनुपस्थिति में ब्लाग लेखन किया था। अगर हम लोगों में काफी चर्चाऍं आयोजित हुई, जिसका ज्यादा जिक्र करना समय व्यर्थ करना ज्यादा होगा। क्योकि जब ब्लागर आपस में बात करते है तो बहुत कुछ बातें गोपनीय होती है। :)
अन्तोगत्वा 2 बजे हमारी ब्लागर मीट समाप्त हुई। आलोक जी ने हमें एक बहुत अच्छी पुस्तक भेंट की जो मेरे उपयोगी है। हम जल्दबाजी में ठीक से मेहमान नवाजी न कर सके उसका हमें अफसोस है। जल्द ही मिलने के वायदे के साथ हमें ब्लागर भेंट वार्ता समाप्त हो गई।
आज आलोकजी ने भी आपसे मिलने का उल्लेख अपने चिटठे में किया है....बधाई।
जवाब देंहटाएंमेहमाननवाज़ी का शुक्रिया। वापस अपने ढकोली गाँव आ गया हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत खुब मजा आया.इस सुंदर जानकारी के लिये ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
आप मेहमाननवाजी नहीं कर सके इसका अफ़सोस मर करिये. दिल खोल कर मिलना जरूरी था .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
जवाब देंहटाएंचिट्ठाकारी और गोपनीयता.. ?
क्या दोनों परस्पर विरोधी बातें नहीं लगतीं ?
विवरण अच्छा लगा, आदि चिट्ठाकार से मिलने की काफी समय से हमारी भी इच्छा है।
जवाब देंहटाएंकुछ फोटू-शोटू नहीं लिये क्या?