आज जिस प्रकार अमर सिंह, मुलायम का कल्याण करने में लगे है उसी का अनुसरण मुलायम कल्याण का कल्याण कर रहे है। आखिरकार सपा की राह का अनुसरण करते हुए, कल्याण अपनी राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल कर डाली है। कल्याण ने उत्तर प्रदेश में तो राज किया ही था किन्तु उनका वास्तविक राज जनता की दिलो पर करना था वो हिन्दू जनता जिसने उन्हें एक मुद्दे पर बहुमत की सरकार दी।
आज कल्याण कह रहे है, कि बाबरी ढांचा गिरना उनके लिये शर्म की बात है, शर्म की यह बात है कि आज उन्हें यह बयान देते हुए चुल्लू भर पानी डूब मरना चाहिए था। कल्याण की फितरत गिरगिट से भी गिरी हुई है, वह भी रंग बदलता है अपने स्वभाव के कारण, किन्तु कल्याण ने तो सारी हद ही पार कर डाली। कल्याण अपने सबसे बुरे दिनो से गुजर रहे है, देखना है कि मुलायम कितना कल्याण कर पाते है।
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12 टिप्पणियां:
कल्याण सिंह ने जो किया उनकी सात नस्ले उसे याद रखेगी, कम से कम उनका नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाना चाहिये था जो उन्होने गोबर से लीप दिया।
"klyan singh lodh" ne pahle kushum rai se sambandh banaye ab ve mulayam aur amar ke sath "Dostana" (GAY) riste nibha rahe hai. budhuti me to bivi bhi sath nahi hai. na mulayam ki na kalyan ki hi ;)
और कितने कल्याण बचे हैं भाजपा में?
कृपया आडवानी जी से कहलवाइए की अयोध्या विध्वंस गौरवान्वित करने योग्य कार्य था .
नारायण नारायण ....
बहुत बढ़िया
धृतराष्ट्र की तरह मति मारी गई है. बोले तो कल्याण के राम मर गए है (आत्मा मर गई है).
सब राजनीति है भाई...
कल्याण का कल्याण हो चुका ! राम और रहीम दोनों गये ! न खुदा ही मिला न विसाले सनम ना इधर के रहे ना उधर के रहे !
ब्लॉग पर पधारे और इतनी
खूबसूरत टिपण्णी की .
दिल से बहुत-२ धन्यवाद्.
कैसे होगा कल्याण का कल्याण ?
हो जाएगा भैया नहीं तो अपन तो करवा ही देंगे याने कि जनता। हा हा ।
मै भी आपका सर्मथन करता हू
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