मुस्लिमों द्वारा वन्दे मातरम् को लेकर जो गंदा खेल खेला जा रहा है, उसके पीछे देश के एकीकृत ढाचे को तोड़ने की मंशा दिखाई देती है। वन्दे मातरम् कोई गीत मात्र नहीं है बल्कि देश की आजादी के समय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में जोश भर देने वाला मंत्र था, जिसे गर्व से हिन्दू भी गाता था और मुसलमान भी और इसके साथ साथ स्वतंत्रता की लडाई लड़ने वाला हर भारतीय ने इसे स्वाभिमान के साथ स्वीकार किया। वंदे मातरम बोलते समय भगत सिंह अशफाक उल्ला के स्वर एक साथ फूटते थे और सीना चौड़ा कर अग्रेजो बत्तीसी तोड़ने की माद्दा रखते थे। ये असर थ वन्दे मातरम् का।
अल्लाह की शक्ति का अतिक्रमण करता भारतीय संविधान, कठमुल्लों फतवा जारी करो
कल सुरेश जी का लेख इस्लाम के "सच्चे" फ़ॉलोअर्स से आपका परिचय बहुत जरूरी है को मैने पढ़ा और वकाई इस्लाम के बारे में ऐसी बात जानने को मिली जिसकी जिन्दा ही की जानी चाहिये। इस्लामकि खलीफाओ की दादागीरि सिर्फ महिलाओ पर ही होती है। 112 का बुड्डा 17 साल की लड़की से शादी कर रहा है। और भी ऐसी बातें आप सुरेश जी के लेख में बेहतर पढ़ सकते है।
आज कुछ तुगलकी मुसलमान, ये कह रहे है कि वन्देमातरम गाने से वे नापाक हो जाएंगे तो वे कब का नापाक हो चुके है, जितनी बार वन्देमातरम का विरोध करते है उतनी बार ही भारत माता को प्रणाम भी करते है। देश का हर प्रकार के भोजन मे वंदे मातरम का गान गूँज रहा है और इसे मुसलमान भी खा रहे और और हिन्दू भी। आज मुसलमान हिंदुओं के साथ रह रहे है, जबकि इस्लाम मे कहा गया है जहाँ भी मूर्तिपूजक मिले उन्हें मार डालो, जब तक कि वे अल्लाह की पनाह मे न आ जाये। अरे नामकूलो 80 करोड़ हिन्दुओ के साथ रह कर अल्लाह के नियम को तुम कब का तोड़ चुके हो, तुम अल्लाह के गुनहगार हो गये हो, तुम न तो 80 करोड़ हिन्दुओ के मार सके और न ही उन्हें अल्लाह का गुलाम बना सके। अल्लाह के प्रति तुम लोग कितना अनैतिक काम किये जा रहे है, तब पर अल्लाह तुम पर रहम किये हुये है, तुम्हे हूरो से बद्दुआये नहीं दिलवा रहा, तुम गर्व से वंदे मातरम् गाओ, इस पर भी अल्लाह नाराज नही होगा।
यार तुम्हारा अल्लाह न हो गये हो गये छुई-मुई जब देखो तब किसी न किसी बात से नाराज हो जाते है कभी महिलाओ द्वारा पुरूष से सेक्स से इंकार करने पर भी अल्लाह नाराज हो जाता है तो कभी वंदे मातरम गाने से, अल्लाह को सर्वशक्तिमान बने रहने दो छुई-मुई मत बनाओ, अगर तुम लोग अल्लाह को छुई-मुई बनाओ के तो जरूर अल्लाह नाराज हो जायेगा।
हिन्दी चिट्ठकारी मे एक सनकी महाराज है, जब सनक सवार होती है तो एक घटिया पोस्ट डाल देते है अब वो कर रहे है कि देशभक्ति जताने के लिए मुसलमान 'वन्दे-मातरम्' के मुहताज नहीं है। अब वो देश भक्ति की बात भी करते है और अल्लाह भक्ति की भी जबकि उनके अनुसार इस्लाम सिर्फ अल्लाह की भक्ति की बात ही करता है। बन्देमातरम् गाकर देशभक्ति नही कर सकते तो गोलियों के दम देश से देश भक्ति न करो। वन्दे मारम् न गाने की बात अब हम पाकिस्तानी से सीखेगे वो हमे बतायेगा कि हम वन्दे मातरम् क्यो न गाये। जिस बड़े विद्वान डॉ. जाकिर अब्दुल करीम नाइक की बात हो रही है उसे मुसलमानों ने ही पिछले साल इलाहाबाद और लखनऊ मे घुसने नही दिया, इसलिए कि खुद मुसलमान इससे नफरत करते है।
आज सरकार और उनके गृह मंत्री के सामने यह सब हो रहा है और लज्जाहीन गृहमंत्री अपने सामने होने की बात से इंकार कर रहे है इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है? कांग्रेसी नीति देश तोड़ो राज करो की नीति थी, आखिर कांग्रेस पैदाइश तो है अंग्रेजो की ही। गृहमंत्री को बाबरी ढांचा याद आता है गुजरात याद आ जाता है किन्तु वो कांग्रेसियो द्वारा सिखों पर हमले को वो भूल जाते है, आखिर क्यों ? क्योंकि खुद के दामन पर दाग आता है। जब तक देश में देश विरोधी शक्तियाँ सत्ता मे रहेगी 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यक रहेंगे और 2 करोड़ सिखों के साथ अन्याय किया जाता रहेगा।
आज वंदे मातरम गलत है तो कल को भारत के संविधान के खिलाफ फतवा जारी हो सकता है क्योंकि संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है चाहे वो पुरुष हो या स्त्री पर इस्लाम की किताबो में लिखा है कि एक पुरूष की बयान दो महिलाओ के बराबर होती है। इस्लाम की कुछ ऐसी बातें जिसे संविधान प्रतिरोध करता है-
एक रखैल अपने मालिक की सम्पत्ति है, वह उसको कोड़े मार सकता है और बेच सकता है ।
भारतीय सविधान के अनुसार ऐसा कृत्य अपराध होगा।
वह एक बलात पत्नी है और वह अपने मालिक को उसकी इच्छानुसार उसके साथ संभोग करने से इंकार नहीं कर सकती, नही वह वहाँ से भाग सकती थी क्योकि भगोड़े दासों से संबंधित कानून वस्तुत: बहुत कठोर था।
महिला आयोग ही दंडा लेकर पीछे पड़ जायेगी।
यदि कोई स्त्री अपने पति से बुलाए जाने पर शय्या पर न आए तो वह फरिश्तों की बद्दुआओं का निशाना बन जाती है । यदि वह अपने पति की शय्या त्याग कर चली जाती है तो भी ठीक ऐसा ही होगा । ( बोखारी, खण्ड 7 पृष्ठ 93 )
आज के समय में स्त्रियाँ चाहे बद्दुआओं का निशाना बने या न बने, ऐसा कृत्य करने वाले इस्लामिक पुरूषो को महिला आयोग जरूर बद्दुआओं के शिकार हो जाएंगे।
फिर जब हराम के महीने बीत जाएं, तो 'मुशरिकों'* को जहाँ कहीं पाओ कत्ल करो, और पकड़ो, और उन्हें घेरो, और घात की जगह उनकी ताक में बैठो । फिर यदि वे ' तौबा ' कर लें नमाज कायम करें, और जकात दें, तो उनका मार्ग छोड़ दो । नि: सन्देह अल्लाह बड़ा क्षमाशील और दया करने वाला है । *मूर्तिपूजको (कुरान - '10 पार: 9 शूर: 5 वीं आयत)
ये भारतीय दंड संहिता की धाराओ का उल्लंघन करती है।
आज कुछ तुगलकी मुसलमान, ये कह रहे है कि वन्देमातरम गाने से वे नापाक हो जाएंगे तो वे कब का नापाक हो चुके है, जितनी बार वन्देमातरम का विरोध करते है उतनी बार ही भारत माता को प्रणाम भी करते है। देश का हर प्रकार के भोजन मे वंदे मातरम का गान गूँज रहा है और इसे मुसलमान भी खा रहे और और हिन्दू भी। आज मुसलमान हिंदुओं के साथ रह रहे है, जबकि इस्लाम मे कहा गया है जहाँ भी मूर्तिपूजक मिले उन्हें मार डालो, जब तक कि वे अल्लाह की पनाह मे न आ जाये। अरे नामकूलो 80 करोड़ हिन्दुओ के साथ रह कर अल्लाह के नियम को तुम कब का तोड़ चुके हो, तुम अल्लाह के गुनहगार हो गये हो, तुम न तो 80 करोड़ हिन्दुओ के मार सके और न ही उन्हें अल्लाह का गुलाम बना सके। अल्लाह के प्रति तुम लोग कितना अनैतिक काम किये जा रहे है, तब पर अल्लाह तुम पर रहम किये हुये है, तुम्हे हूरो से बद्दुआये नहीं दिलवा रहा, तुम गर्व से वंदे मातरम् गाओ, इस पर भी अल्लाह नाराज नही होगा।
यार तुम्हारा अल्लाह न हो गये हो गये छुई-मुई जब देखो तब किसी न किसी बात से नाराज हो जाते है कभी महिलाओ द्वारा पुरूष से सेक्स से इंकार करने पर भी अल्लाह नाराज हो जाता है तो कभी वंदे मातरम गाने से, अल्लाह को सर्वशक्तिमान बने रहने दो छुई-मुई मत बनाओ, अगर तुम लोग अल्लाह को छुई-मुई बनाओ के तो जरूर अल्लाह नाराज हो जायेगा।
हिन्दी चिट्ठकारी मे एक सनकी महाराज है, जब सनक सवार होती है तो एक घटिया पोस्ट डाल देते है अब वो कर रहे है कि देशभक्ति जताने के लिए मुसलमान 'वन्दे-मातरम्' के मुहताज नहीं है। अब वो देश भक्ति की बात भी करते है और अल्लाह भक्ति की भी जबकि उनके अनुसार इस्लाम सिर्फ अल्लाह की भक्ति की बात ही करता है। बन्देमातरम् गाकर देशभक्ति नही कर सकते तो गोलियों के दम देश से देश भक्ति न करो। वन्दे मारम् न गाने की बात अब हम पाकिस्तानी से सीखेगे वो हमे बतायेगा कि हम वन्दे मातरम् क्यो न गाये। जिस बड़े विद्वान डॉ. जाकिर अब्दुल करीम नाइक की बात हो रही है उसे मुसलमानों ने ही पिछले साल इलाहाबाद और लखनऊ मे घुसने नही दिया, इसलिए कि खुद मुसलमान इससे नफरत करते है।
आज सरकार और उनके गृह मंत्री के सामने यह सब हो रहा है और लज्जाहीन गृहमंत्री अपने सामने होने की बात से इंकार कर रहे है इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है? कांग्रेसी नीति देश तोड़ो राज करो की नीति थी, आखिर कांग्रेस पैदाइश तो है अंग्रेजो की ही। गृहमंत्री को बाबरी ढांचा याद आता है गुजरात याद आ जाता है किन्तु वो कांग्रेसियो द्वारा सिखों पर हमले को वो भूल जाते है, आखिर क्यों ? क्योंकि खुद के दामन पर दाग आता है। जब तक देश में देश विरोधी शक्तियाँ सत्ता मे रहेगी 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यक रहेंगे और 2 करोड़ सिखों के साथ अन्याय किया जाता रहेगा।
आज वंदे मातरम गलत है तो कल को भारत के संविधान के खिलाफ फतवा जारी हो सकता है क्योंकि संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है चाहे वो पुरुष हो या स्त्री पर इस्लाम की किताबो में लिखा है कि एक पुरूष की बयान दो महिलाओ के बराबर होती है। इस्लाम की कुछ ऐसी बातें जिसे संविधान प्रतिरोध करता है-
एक रखैल अपने मालिक की सम्पत्ति है, वह उसको कोड़े मार सकता है और बेच सकता है ।
भारतीय सविधान के अनुसार ऐसा कृत्य अपराध होगा।
वह एक बलात पत्नी है और वह अपने मालिक को उसकी इच्छानुसार उसके साथ संभोग करने से इंकार नहीं कर सकती, नही वह वहाँ से भाग सकती थी क्योकि भगोड़े दासों से संबंधित कानून वस्तुत: बहुत कठोर था।
महिला आयोग ही दंडा लेकर पीछे पड़ जायेगी।
यदि कोई स्त्री अपने पति से बुलाए जाने पर शय्या पर न आए तो वह फरिश्तों की बद्दुआओं का निशाना बन जाती है । यदि वह अपने पति की शय्या त्याग कर चली जाती है तो भी ठीक ऐसा ही होगा । ( बोखारी, खण्ड 7 पृष्ठ 93 )
आज के समय में स्त्रियाँ चाहे बद्दुआओं का निशाना बने या न बने, ऐसा कृत्य करने वाले इस्लामिक पुरूषो को महिला आयोग जरूर बद्दुआओं के शिकार हो जाएंगे।
फिर जब हराम के महीने बीत जाएं, तो 'मुशरिकों'* को जहाँ कहीं पाओ कत्ल करो, और पकड़ो, और उन्हें घेरो, और घात की जगह उनकी ताक में बैठो । फिर यदि वे ' तौबा ' कर लें नमाज कायम करें, और जकात दें, तो उनका मार्ग छोड़ दो । नि: सन्देह अल्लाह बड़ा क्षमाशील और दया करने वाला है । *मूर्तिपूजको (कुरान - '10 पार: 9 शूर: 5 वीं आयत)
ये भारतीय दंड संहिता की धाराओ का उल्लंघन करती है।
ये तो कुछ ही बाते है जो भारतीय संविधान की भावना का अतिक्रमण करने है और भारतीय संविधान इसका अतिक्रमण करता है। इस लहजे से जब वंदेमातरम से अल्लाह नाराज हो जाता है तो भारतीय संविधान द्वारा अल्लाह के पावर में हस्तक्षेप कैसे अल्लाह और उनके कठमुल्ले कैसे बर्दाश्त कर सकते है? फतवा तो संविधान के खिलाफ होना चाहिए। मुसलमानों का संविधान के प्रति फतावा जरूरी भी है, क्योंकि देशभक्ति जताने के लिये बंदेमातरम) जरूरी नही है उसी प्रकार मुस्लिमों के अनुसार देश में रहने के लिये संविधान भी जरूरी नही है। वैसे भी संविधान गैर इस्लामिक हो गया है, और मुस्लिमों के लिये भारत उनका कब रहा ही है जो वो संविधान से बंधे रहे?
और अंत में आज मुझे अपने हिन्दू होने और कहने पर गर्व है कि मै सूर्य, पृथ्वी, जल, वायु या प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष किसी के भी प्रति कृतज्ञता प्रकट कर सकता हूँ, जिससे हमें कुछ मिल रहा है हमारा धर्म हमें यही सिखाता भी है। क्योंकि हमारा ईश्वर छुई-मुई जो नही है, कि छूने से ही मुरझा जाये।
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बहुत सही कहा आपने । बिल्कुल सहमत हूँ। और यही कहना है "जो ना गाये वन्दे मातरम, वह कहलाये देश का गद्दार "। वन्दे मातरम
जवाब देंहटाएंमुल्ले नही कर सकते, सरकार इनकी हवा टाईट कर देगी।
जवाब देंहटाएंवंदेमातरम का इतिहास :http://baithak.hindyugm.com/2009/11/kya-vandemataram-rashtra-geet-hai.html
जवाब देंहटाएंYAAR HAMAERE DESH MAIN SEWER SE JAYADA GANDAGI IN VOTE BANKS KE DIMAG MAIN BHAR GAYI HAI .... AGAR SARKAR APNE VOTE BANK KI PARWAH KIYE BEGAIR IN SALLE KUTTE KO ULTIMATUM DE KI BHARAT MAIN REHNA HAI TO VANDEMATRAM KI IZZAT KARNA SIKHO NAHI TO GO N JUMP IN ARABIAN SEA ..... BHARAT MATA KI JAI,,,,JAI BAJRANGBALI
जवाब देंहटाएंब्लॉग पोस्टों की तरह सभी धर्म ग्रन्थों में बहुत कचरा है! और जो धर्म जितना दकियानूस है, जो पुराने कहे को री-ईण्टरप्रेट भी नहीं करता, वह उतना कचरामय है!
जवाब देंहटाएंएक बदबू भरी लिंकमय वायरस टिप्पणी आई थी, जिसे उनके एंटीवायरस ने हटा दिया।
जवाब देंहटाएं:) keep going, a well known prmendra-style post.....
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएं.
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"ब्लॉग पोस्टों की तरह सभी धर्म ग्रन्थों में बहुत कचरा है!"
आदरणीय ज्ञानदत्त पान्डेय जी का यह कथन इस पोस्ट की उपलब्धि है।
न जाने कब से लड़ रहा है इन्सान...बड़े और महान के फेर में... मेरा घर तेरे घर से बड़ा है... मेरा खेत तेरे खेत से बड़ा है... मेरा भगवान तेरे वाले से बड़ा और महान है... मेरा धर्म तेरे धर्म से महान है... मेरा धर्म तेरे वाले से ज्यादा सहिष्णु है... आदि आदि...
आज यह लड़ाई बदल गई है इस खेल में... देख मैं तेरे धर्म से कितना ज्यादा कचरा बटोर कर दिखा सकता हूँ... तुझे नीचा दिखाने को... दुनिया के सामने...
अभी दो तीन दिन पहले अमरीका के एक सैन्य अस्पताल में अमरीकी सेना के मेजर निदाल हसन ने अचानक खड़े हो कर अल्लाहो-अकबर का नारा लगाया और अपने आस पास के उन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसाना शुरू कर दिया जो उसी की तरह सैनिक थे। यह हत्यारा डाक्टर था, मनोवैज्ञानिक था, और अपनी पूरी डाक्टरी शिक्षा इसी सेना के खर्चे पर इसने मुफ्त पाई थी। कहते हैं इतने आराम से इस ने बिना किसी तनाव के गोलियाँ चलाई, एक एक आदमी पर कई कई बार गोलियाँ दागीं, सौ से अधिक गोलियाँ चला कर 13 की जान ली और 30 को घायल किया। यह आदमी तभी रुका जब एक हूर (एक महिला पुलिस कर्मी) ने इस पर वापस गोली चलाई। इस तरह का देशद्रोह और कान्फिडेन्स किसी व्यक्ति में केवल इस्लामी शिक्षा के द्वारा आ सकता है।
जवाब देंहटाएंपरसों गूगल पर अमरीका में सब से अधिक खोजा गया शब्द था अल्लाहो-अकबर। वाह रे अल्लाह तू अकबर (महान) है। फिर यदि सेना में, जहाज़ों में या अन्य स्थानों पर लोग आम मुसलमानों पर विश्वास करने से डरते हैं तो इल्ज़ाम किस पर जाना चाहिए?
I m agree with u all, in my views it is not only a song but is the sprit of India.
जवाब देंहटाएंjai hindutva jai bharat...
अरे छोडो इन सब बातो को, कुछ ओर लिखो, क्योकि यह वन्दे मातरम गाना या ना गाना एक राज नीति करवा रही है, ओर इन नेताओ कोभी कहा आता है पुरा वन्दे मातरम, फ़िर हम क्यो लडे......एक तरफ़ तो आप कहते है कि काग्रेसी नीति देश तोड़ो राज करो की नीति थी, फ़िर भाई जब सब समझते हो तो आपस मै बेर केसा, हम आम जनता है, सुख दुख मै पडोसी ही काम आते है, वो चाहे हिदू हो या मुस्लिम.... फ़िर आप समझ दार है कोई दुसरा अगर गलत लिखे तो उसे मत पढो, मस्त रहो....आल्लाह हो, राम हो, या कोई दुसरा, है तो सब एक, फ़िर क्यो लडे किसी एक मुर्ख के कहने से, गंदे के संग गंदे नही बनते. बडा हुं इस लिये समझा रहा हुं, बुरा लगे तो क्षमा करना.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
ABE PEHLE APNE BAAP RAJ SE TO PUCHLE, WO GAYEGA KI NAHI, ABE SHARAM KARO ,CHULLU BHAR PAANI MAIN DOOB MARO PEHLE KHUD TO APNI BHASHA KA SAMMAN KARNA SEKHO,BUS BAWLA HO GAYA HAI LIKHE JAA RAHA SHARAM SHARAM KARO.
जवाब देंहटाएंखीझ आती है यह सब पढ़ सुनकर। इस्लाम को इन कठमुल्लों ने शर्मसार कर दिया है। लेकिन हिन्दुओं को भी कठमुल्लेपन की नकल (पोंगा-पण्डिताई)नहीं करना चाहिए।
जवाब देंहटाएं'वंदे मातरम्' देश-प्रेम का गीत है,सही कहा आपने; सहमत हूँ। "जो ना गाये वन्दे मातरम, वह कहलाये देश का गद्दार "।
जवाब देंहटाएंभारत में फांसी पर चढ़ने वाले क्रांतिकारियों के अंतिम शब्द होते थे ‘वंदे मातरम्...! यह गीत हमें हमेशा इन शहीदों की याद दिलाता है। मुझे गर्व है 'वन्दे-मातरम्' पर और हम इसका सहर्ष गायन करेंगे।
"जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी"
Dear "Mohammed Umar Kairanvi",
जवाब देंहटाएंMay you do anything otherthan dictating destruction menace? Be constructive, be follower of GOD (may be KHUDA for you). Has he made you learn only destruction (probably NOT), So what HE made you to learn, prove by your activities.
finally "LOVE all and be LOVED".
-------------------
SA(h)B KO SANMATI BE BHAGWAN.
अल्लाह के चैलेंज? Why are you defaming him (अल्लाह) he dont need to challenge anyone. Allah tumhe akl bakshe. AMEN.
जवाब देंहटाएंDear "Mohammed Umar Kairanvi",
जवाब देंहटाएंMay you do anything otherthan dictating destruction menace? Be constructive, be follower of GOD (may be KHUDA for you). Has he made you learn only destruction (probably NOT), So what HE made you to learn, prove by your activities.
finally "LOVE all and be LOVED".
-------------------
SA(h)B KO SANMATI DE BHAGWAN, AMEN.
कैरानवी के लिए एक लिंक। स्वयं को इस्लाम की वास्तविक शिक्षा से अवगत कराओ और इस शैतानी मज़हब से निजात पाओ
जवाब देंहटाएंhttp://faithfreedom.org/
Dear "Mohammed Umar Kairanvi",
जवाब देंहटाएंHow you may say "मुहम्मद सल्ल. कल्कि व अंतिम अवतार और बैद्ध मैत्रे, अंतिम ऋषि (इसाई) यहूदीयों के भी आखरी संदेष्टा?"
If you think HE was last (आखरी) one, then who will come to save you now.
GOD (RAM, RAHEEM, CHRIST and others) is everlasting, I thought. They are not first or last AVTAR.
अब विचार करो.
http://lh3.ggpht.com/_KAH09jpi8Qo/SvfeCzfkhgI/AAAAAAAADI8/m_asbwW7Lf0/weproudhindu_thumb5.gif?imgmax=800
जवाब देंहटाएंDear "Mohammed Umar Kairanvi"
जवाब देंहटाएंAAP KA UPAR WALA COMMENT KUCHH SAMAJH NAHI AAYA. PLEASE EXPLAIN.
साले कैरानवी की औलाद सर्वजनिक जगहो पर तुझे हगते हुये शर्म भी नही।
जवाब देंहटाएंभारत के इस्लामी कठमुल्लों को अपने देश से कोई प्रेम नहीं है उन्हें तो बस एक वाक्य याद है और वो है ... इस्लाम और कुरान | इसके आगे कुछ दिमाग लगाएं तब तो कुछ अच्छा सोचेंगे | मैंने तो सुन रखा है की मस्जिद मैं अधोवायु (पादने) से भी उस व्यक्ती का नमाज बेकार और अपवित्र हो जाता है |
जवाब देंहटाएंअब क्या कहें .... खुलेआम मुल्ले मौलवी लोग महिलाओं पे आत्याचार करते हैं ... फिर भी ये सर मचाते हैं की ... इस्लाम सबसे अच्छा है ....
बहुत सही और सुन्दर लिखा है ... जारी रखिये |
@परमेन्द्र जी आपसे एक अनुरोध है की उमर और उनके जैसे गन्दगी फैलानेवालों की प्रचार वाली (वेबसाइट & ब्लॉग) वाली टिप्पणी को हटा दें तो अच्छा रहेगा |
जवाब देंहटाएंबहुत सही लिखा है परमेन्द्र आपने, आपके विचार हमेशा ही एक मार्गदर्शक का काम करते है. में हमेसा आपके माध्यम से अपने विचोरो में नवीनता का अनुभव करता हु ........ वन्दे मातरम
जवाब देंहटाएं@@Mohammed Umar Kairanvi
जवाब देंहटाएंप्रदूषण फैलाने वाले अल्लाह के बन्दे सावधान आख़िर तूने "हग" ही दिया
महाशक्ति जी इस super virus का विनाश करो
जिससे
इस की गाड फट जाए
Mujhe maaf kare, mai galat tha. mai kaan pakad kar aap sab se maafi mangta hu. Mai aapne aap ko sudharne ki poori koshish karoo ga.
जवाब देंहटाएंShukriya.
Mujhe maaf kare, mai galat tha. mai kaan pakad kar aap sab se maafi mangta hu. Mai aapne aap ko sudharne ki poori koshish karoo ga.
जवाब देंहटाएंShukriya.
"वन्दे मातरम..................."
लगता है महाशक्ति जी का super anti virus काम कैरानवी के super virus पर काम कर गया है या तो कैरानवी की हगते-हगते फट गई।
जवाब देंहटाएंवन्देमातरम जो ना गाये वह गद्दार है। यह सिद्ध हो चुका है कि कौन है इस देश का गद्दार।
जवाब देंहटाएंनिश्चित ही ये अल्लाह की शक्तियों पर अतिक्रमण है.....सेकुलर सरकार को जल्द से जल्द इससमे शंशोधन कर इसको श्रीमान अल्लाह के अनुरूप बनना चाहिए....
जवाब देंहटाएंNahi Dost,
जवाब देंहटाएंLikha kuchh bhi galat nahi, han hum kam-akl log usla galat meaning hee nikalte hai. Galati to ham sab ki soch ki hai, hame apnee soch sudharni hogi.
"वन्दे मातरम..................."
BHAIYA AAPKI BAAT,EKDUM SAHI HAI...
जवाब देंहटाएंHUM AAPSE SEHMAT HAIN...........
VANDE-MATARAM......
JAI HIND.......
ISLAM IS MOST SCIENTIFIC RELIGION,THEIR FOUNDER WAS PEACE LOVING LEARNED PERSON BUT UNDERSTANDING OF ISLAM IS VERY LITTLE TO PEOPLE.ALL BAD TRADITION AMONGST MUSLIMS ARE PRE ISLAMIC HENCE UNISLAMIC.
जवाब देंहटाएंislam kya hai yah batane ki jaroorat nahi hai. kuran me kya kya likha hai ye padne ki jaroorat nahi hai, iski gandgi khud hi dikh raha hai.
जवाब देंहटाएंआओ मुझे जानो,समझो
जवाब देंहटाएंऔर अपने दिमाग से फैसला लो कि क्या मेरी शिक्षाएं ऐसी हैं? जैसा इनको पेश किया जा रहा है।
आपकी भाषा उग्र हो सकती है लेकिन जो तथ्य आपने दिये है वो सही है। आपने उग्र भाषा में एक ऐसे सच को कहा है जिसको सुनने के बाद अच्छे अच्छों की सुलग जायेगी। लेकिन सच मानियेगा वो भी इस बात को झुठला नहीं पायेंगे। जहां तक इस्लाम की बात करुं तो वो बिलकुल प्रैक्टिकल नहीं है आज के लिहाज़ से, और जहां तक औरतों को लेकर इस्लाम में लिखा है उसकी सच्चाई यहीं है कि जिस मोहम्मद को अल्लाह का बंदा या कहें कि अल्लाह ही माना जाता है उन्हौने अपने फायदे के लिये ही सभी बातें कही जिसको आंख बंद करके सबने कबूल कर ली, जब उन्हे लगा कि उनकी पत्नियों पर लोगों की नज़रे पड़ने लगी है तो अल्लाह का फरमान बताकर पर्दा शुरु करवा दिया। इस्लाम में औरत सिर्फ एक भोग की वस्तु है। औऱ कुछ नहीं..वंदेमातरम के एवज में ये भी कहा गया था कि इस्लाम के हिसाब से अपनी मां और अल्लाह की इबादत में अल्लाह की इबादत करना चाहिये न कि अपनी मां की, अब और क्या कहूं असलियत तो इसी से पता चल जाती है
जवाब देंहटाएं@ASDF
जवाब देंहटाएंPlease don't make general statements like "Islam is peaceful" or "the bad things in Islam are pre-islamic". Please tell us clearly that nowhere in Quran anything bad is written about non-believers or idol-worshippers. Does Quran at any point ask you to punish or kill kafirs? If no, then I accept that Islam is understood wrongly. If yes, then how can you call Islam a peaceful religion? Just the fact that the meaning of Islam is peace does not mean anything. In Hindi this is called "aankh ke andhe naam nainsukh".
@कुरआन-हिन्दी
क्या वास्तव में कुरआन अपने दिमाग से फैसला लेने की इजाज़त देता है? यानी यदि आप उस में लिखी बातों से सहमत न हों तो चलेगा? काश ऐसा होता तो दुनिया बहुत खून खराबे से बच जाती।
यदि कुरआन में एक जगह शान्ति की बात कही गई है, इस्लाम के समर्थक उसी की बात करते हैं, जबकि इस्लाम के निन्दक उन हिस्सों की बात करते हैं जहाँ हिंसा की बात कही गई है। इस का उत्तर यह है -- यदि आप हमेशा सच बोलते है, पूजा पाठ करते हैं पर एक बार हत्या करते हैं, तो आप को कातिल कहा जाएगा कि नहीं? आप को आज के कानून से सज़ा दी जाएगी कि नहीं? इसी प्रकार यदि कुरआन एक बार भी अहिंसा की बात करता है तो उसे अशान्ति का दूत ही कहा जाएगा।
यदि आप हमेशा सच बोलते है, पूजा पाठ करते हैं पर एक बार हत्या करते हैं, तो आप को कातिल कहा जाएगा कि नहीं? आप को आज के कानून से सज़ा दी जाएगी कि नहीं? इसी प्रकार यदि कुरआन एक बार भी अहिंसा की बात करता है तो उसे अशान्ति का दूत ही कहा जाएगा।
जवाब देंहटाएंसुजलां सुफलां मलयजशीतलाम
जवाब देंहटाएंशस्यश्यामलां मातरम्......।
शुभ्र ज्योत्सना-पुलकित यामिनीम्
फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुरभाषिणीम्
सुखदां, वरदां मातरम्।।
वन्दे मातरम्.....
सप्तकोटिकण्ठ-कलकल निनादकराले,
द्विसप्तकोटि भुजैधर्ृत खरकरवाले,
अबला केनो मां तुमि एतो बले!
बहुबलधारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम्॥ वन्दे....
तुमी विद्या, तुमी धर्म,
तुमी हरि, तुमी कर्म,
त्वं हि प्राण : शरीरे।
बाहुते तुमी मां शक्ति,
हृदये तुमी मां भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गड़ी मन्दिरे-मन्दिरे।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरण धारिणीं,
कमला कमल-दल-विहारिणीं,
वाणी विद्यादायिनीं नमामि त्वं
नमामि कमलां, अमलां, अतुलाम,
सुजलां, सुफलां, मातरम्
वन्दे मातरम्॥
श्यामलां, सरलां, सुस्मितां, भूषिताम्
धरणी, भरणी मातरम्॥
वन्दे मातरम्..
जय हिन्द।
दरअसल गलती वन्दे मातरम का विरोध करने वालो का नही है अपितु इस पूरे उत्पन्न स्थिति का जिम्मेवार कांग्रेस है,जिसने आजादी के बाद पटेल जी के देशहित से कही अधिक नेहरू जी के वोट-बैंक वाली विचारो को तरजीह दी.और आज भी दिया जा रहा है. हिन्दु,हिन्दी,हिन्दुस्तान- जो है भारत के प्राण.गौर कीजिये, इन तीनो का विरोध हो रहा है.ऐसे मे इतिहास नही, वर्तमान पर बहस होनी चाहिये.
जवाब देंहटाएंवंदेमातरम का विरोध करने वालों को पाकिस्तान से सबक लेना चाहिये जहां का राष्ट्रगान खुद अपनी मातृभूमि को सलाम करता है ।
जवाब देंहटाएंवंदेमातरम का विरोध मात्र अपने अहंकारपूर्ण कठमुल्लापन को बरकार रखने के लिये और अपनी घटिया उपस्थिति मुस्लिम जनसमुदाय में बनाने के लिये किया जाता है ।
bhaiyon aap log sabse pehle is 'HINDU' aur 'HINDI' shabd se peecha churaiye.......apne ko hindu kehke garv karte ho......lekin ye tak nahi jaane ki koshish karte ki ye shabd aaya kaha se aur iska matlab kya hota hai...........apne aap ko hindu kehna waisa hi jaise english me apne aap ko bastard kehna........
जवाब देंहटाएंin harami mullo ke bharat me aane se pehle bharat me koi apne aap ko hindu nah kehta tha.......hum rishiyon ki santaane hain....sanatan vaidic dharam ka anusaran karne waale.....hum hindu nahi hai...........hum "ARYA" hain
"hindu" mullo ki bhasha ka shabd hai jiska matlab hota hai kaala , kaafir chor, napunsak........
jai BHARAT .....
Mere dear "Anonymous" Bhai,
जवाब देंहटाएंEk baar itihaas phir se pado, Hindu shabd "Sindhu" se aaya hai. Aap ne "Sindhu Ghatee ki Sabhyata" ka paath bachpan mai zaroor pada hoga, yadi nahi to aab pade aur aapnee aur GK badhaye. Anargal baton se apna peechha chhooday.
(Aur hah, "Arya Bharat kaise aaye" jaroor pade, yeh ye bataata hai ki aarya bahar se aaye the. Bharat ke mool nivasi "DRAVIN" hain.)
हिन्दी या हिन्दू शब्दों का मूल किस भाषा से है और उस में इस का क्या अर्थ है, इस से कोई अन्तर नहीं पड़ता। यह देखिए कि वर्तमान में भारत में इस का क्या प्रयोग है। कई बार एक भाषा का शब्द दूसरी भाषा में जा कर कुछ और अर्थ ग्रहण कर लेता है, या पहले से उसका कुछ और अर्थ होता है। किसी शब्द का दूसरी भाषा में क्या अर्थ है इस को मत देखिए। भारत में और पूरे विश्व में हिन्दू शब्द का अर्थ हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ है। उसके अरबी अर्थ को मत देखिए।
जवाब देंहटाएंजय श्रि राम!
जवाब देंहटाएं:)
वन्दे-मातरम के जो गाने के विरुद्ध हैं।
जवाब देंहटाएंपैदा होने वाली ऐसी नसले अशुद्ध हैं।
आबरू वतन की जो आंकते हैं ख़ाक की।
कैसे मान लें के वो हैं पीढ़ी अशफाक की।
गीता ओ कुरान से न उनको है वास्ता।
सत्ता के शिखर का वो गढ़ते हैं रास्ता।
हिन्दू धर्म के ना अनुयायी इस्लाम के।
बन सके हितैषी वो रहीम के ना राम के।
गैरत हुज़ूर कही जाके सो गई है क्या।
सत्ता माँ की वंदना से बड़ी हो गई है क्या।
देश तज मजहबो के जो वशीभूत हैं।
अपराधी हैं वो लोग ओछे हैं कपूत हैं।
माथे पे लगा के माँ के चरणों की ख़ाक जी।
चढ़ गए हैं फांसियों पे लाखो अशफाक जी।
वन्दे-मातरम कुर्बानियो का ज्वार है।
वन्दे-मातरम जो ना गए वो गद्दार है।
Irfan,
जवाब देंहटाएंLagta hei "Shakti?"me hamari tippaniya padhneki or apne chuzoko bataneki "shakti" rahi hi nahi.
bahot darte hei :)
shayad name dekh kar turant tippani nikal lete honge????
achchha hai] badiya likha hai.
जवाब देंहटाएंराम राम भाई जी ...
जवाब देंहटाएंमेरी ब्लोग्वानी से जुड़ने का कारण आप हो
कुछ दिन में ही आप के लेखो से मैं इतना परभावित हूआ की मुझे आप से वार्तालाब करनी चाहिए क्यों की आप के जो विचार है ऐसे ही कुछ विचार मेरे है तो मुझे लगा की मुझे आप से विचारों का आदान पर्दान करना चाहिए ... मुझे आप के उतर का इंतजार रहेगा...
{TRSM}Is New World & New Imagination
YEh MAdarChooo d Vande matram nahi gate hai...
जवाब देंहटाएंin ko pakistan bhejana chahiye,.
is ki maa ki ...
Bhosadikieee Khate hai yahn ki aur gun gate hai PAK je..
In sab ko allah ke pass bhejana chahaiye..
fir jo ukhadana hai ukhadate baitho allah ke sath....
वन्दे-मातरम के जो गाने के विरुद्ध हैं।
जवाब देंहटाएंपैदा होने वाली ऐसी नसले अशुद्ध हैं।
आबरू वतन की जो आंकते हैं ख़ाक की।
कैसे मान लें के वो हैं पीढ़ी अशफाक की।
गीता ओ कुरान से न उनको है वास्ता।
सत्ता के शिखर का वो गढ़ते हैं रास्ता।
हिन्दू धर्म के ना अनुयायी इस्लाम के।
बन सके हितैषी वो रहीम के ना राम के।
गैरत हुज़ूर कही जाके सो गई है क्या।
सत्ता माँ की वंदना से बड़ी हो गई है क्या।
देश तज मजहबो के जो वशीभूत हैं।
अपराधी हैं वो लोग ओछे हैं कपूत हैं।
माथे पे लगा के माँ के चरणों की ख़ाक जी।
चढ़ गए हैं फांसियों पे लाखो अशफाक जी।
वन्दे-मातरम कुर्बानियो का ज्वार है।
वन्दे-मातरम जो ना गए वो गद्दार है
I am alway agreed with you.
जवाब देंहटाएंNot we are, they live us from many years. They have to know that, when we are trying to adjust with him, So why don't they ?
Why they forget that they live in INDIA "The Country of HINDUS".
Why they alway need his separate LAW, RULES etc.
There are many more things to show that they are not love OUR COUNTRY.
we think we are INDIAN, but they aren't. I think, they do not Proud to be an Indian, may this community also restricted him for called an INDIAN, But still they live here.
VERY SHAMFUL
What they will Answer to GOD, when they stand front of him, that "GOD We don't Love our MOTHERLAND -
1. MOTHERLAND, where we BIRTH
2. MOTHERLAND, who give us FOOD
3. MOTHERLAND, who give us place to survive etc
They will say to GOD, that "GOD we alway trying to destroy MOTHERLAND in the name of you, trying to kill your Creation in the name of you, alway trying to Insult in the name of you.
What do they think, like that type of Person are HUMAN, NO they are animals.
Think, Before do anything, alway give highest Respect to Our MOTHERLAND and HUMANS, Coz its a Creation of GOD and GOD in ONE with many names.
I am alway agreed with you.
जवाब देंहटाएंNot we are, they live us from many years. They have to know that, when we are trying to adjust with him, So why don't they ?
Why they forget that they live in INDIA "The Country of HINDUS".
Why they alway need his separate LAW, RULES etc.
There are many more things to show that they are not love OUR COUNTRY.
we think we are INDIAN, but they aren't. I think, they do not Proud to be an Indian, may this community also restricted him for called an INDIAN, But still they live here.
VERY SHAMFUL
What they will Answer to GOD, when they stand front of him, that "GOD We don't Love our MOTHERLAND -
1. MOTHERLAND, where we BIRTH
2. MOTHERLAND, who give us FOOD
3. MOTHERLAND, who give us place to survive etc
They will say to GOD, that "GOD we alway trying to destroy MOTHERLAND in the name of you, trying to kill your Creation in the name of you, alway trying to Insult in the name of you.
What do they think, like that type of Person are HUMAN, NO they are animals.
Think, Before do anything, alway give highest Respect to Our MOTHERLAND and HUMANS, Coz its a Creation of GOD and GOD in ONE with many names.
हमारा संविधान लचीला है .. जरूरत पड़ने पर इसको बदला जा सकता है यदि आप इसको जरूरत पढने पर नहीं बदलेंगे तो यह बेकार हो जायेगा . इसी तथ्य को देखते हुए हमारे संविधान बनाए वाले प्रतिनिधियों ने इसमें लचीला पन रखा .
जवाब देंहटाएंअर्थात जब भी कोई परेशानी आये तो हमारे नेताओं का कर्तव्य है के संविधान को बदले .
वन्दे मातरम में हम धरती को बनाने वाले को छोड़ कर धरती को पूजते हैं . यह विज्ञानिक सिधांत है के धरती न तो कुछ सुन सकती है और न कुछ देख सकती है .
धरती स्वंय उस के आदेशों का पालन करती है जिसने उसको और हम सबको बनाया है.
आपने जो यहाँ इस्लाम के बारे में बात बताई है वो गलत बताई जा रही हैं .
फिर जब हराम के महीने बीत जाएं, तो 'मुश्रिकों'* को जहाँ कहीं पाओ कत्ल करो, और पकड़ो, और उन्हें घेरो, और घात की जगह उनकी ताक में बैठो .
आपने यहाँ पूरी बात नहीं बताई है . आपसे अनुरोध है के पूरी जानकारी हांसिल करें . मुसलमानों और मुशरिकों के बीच एक शांति समझोता हुआ था . मुशरिकों ने उस समझोतों को तोड़ कर मुसलमानों को कतल किया था उसी के बाद यह आदेश आया था .
आज के हिसाब से एक उधाहरण लीजिये . श्री लंका का . वहां लिट्टे और सरकार के बीच समझोता हुआ था . बाद में जब लिट्टे ने समझोता तोड़ दिया गया तो श्री लंका की सेना की जिम्मेदारी यही थी की वो पूरी लिट्टे का खत्म करदे .
और भी बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ . आप अनजान हैं न समझ हैं और बगेर किसी जानकारी के ऐसे ही लिखे जा रहे हैं .
भारत का कानून :पहले एक मजबूत रस्सी बनाओ . उसका फंदा बना दो . उससे दिवार से लटका दो और फिर आदमी के गले में दाल दो . फिर आदेश मिलने के बाद रस्सी खिंच के उस आदमी को फंदे से मार दो यदि वह नहीं मरता तो फंदे को और तिघ्त कर दो और तब तक लटकाए रखो जब तक के वो मर के मुर्दा न हो जाये
कितना बूरा होता है न हिन्दुस्तान में ... यदि हम किसी को यह नहीं बताएं की जिसे सजा दी जा रही है उसने कौन कौन से जघन्य अपराध किये है तो हर कोई यही समझेगा की भारत में बहुत बुरा किया जाता है .
और भी बहुत कुछ लिखना चाहता हु पर शायद आप समझ न पाएं .
अल्लाह आपको अकल दे .