आंध्र प्रदेश के विभाजन की बात उठी ही थी कि हमारी बुआ मायावती ने उत्तर प्रदेश को चिन्दी चिन्दी करने की ठान ली। सरपट कलम लेकर बुंदेलखंड और हरित प्रदेश नाम के नये राज्य की चिट्ठी प्रधानमंत्री को लिख डाली। चूंकि कांग्रेस भी नये राज्य का सारा श्रेय खुद लेना चाहती थी तो इसलिये दोनो अर्जियो को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। प्रधानमंत्री के चपरासी ने उस टोकरी को खाली भी न कर पाया था कि हमारी गजगामिनी बुआ मायावती ने पूर्वांचल वाली चिट्ठी भी प्रधानमंत्री को भेज दिया, यह भी नहीं सोचा कि पूर्व की चिट्ठी का क्या हश्र हुआ था।
मायावती जी हरित प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल के जब अलग हो जाएंगे तो उत्तर प्रदेश बचेगा ही कहाँ ? मायावती का तर्क है कि राज्य काफी बड़ा और विकास होने में काफी दिक्कतें आती है। पूर्वांचल और हरित प्रदेश में आय का काफी अंतर दिखता है। अन्तर तो भारत के अन्य राज्यों में भी दिखाई पड़ रहा है, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों की विकास दर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और उड़ीसा आदि से बहुत ज्यादा है। कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों की अलग अलग स्थिति है। मायावती 2.50 लाख वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले राज्य को संभालने में दिक्कत महसूस कर रही है, अच्छा है कि हमारे प्रधानमंत्री के मन में 32 लाख किमी वाले भारत को चला पाने में दिक्कत महसूस नहीं कर रहे है। मायावती की स्थिति मनमोहन सिंह की होती तो अब वो भी भारत को कई भागों में बढ़ाने की मांग कर चुके होते है।
मायावती की सोच के हिसाब से भारत को भी कई देशों के बांट देना चाहिये क्योंकि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भारत में उत्तर प्रदेश से ज्यादा भिन्नता है कि तो मांग के हिसाब से भारत को भी बांट देना चाहिए, मनमोहन जी हमारी राय पर भी विचार कीजियेगा, अगर 2.50 लाख वर्ग किमी के उत्तर प्रदेश में 5 नये मुख्यमंत्री के सपने देखे जा सकते है तो 32 लाख वर्ग किमी के भारत में 10-12 प्रधानमंत्री और निकल जाये तो क्या बुरा होगा ?
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6 टिप्पणियां:
सार्थक विवेचन।
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ये तो बहुत ही आसान पहेली है?
धरती का हर बाशिंदा महफ़ूज़ रहे, खुशहाल रहे।
मुझे तो अपने लिये अलग देश चाहिये जो केवल मेरा हो.
जिसका प्रधान भी मैं, मुख्य भी और महामंत्र भी मेरे ही पास हो.
क्या जोरदार बात कही है .. अरे भाई क्यों न हर एक शहर से एक एक मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनवा दिए जाए .....
जमाये रहो बन्धु! आप लूकरगंज के भावी प्रधानमन्त्री हैं! :-)
परमेन्द्र जी आपके और हमारे बोले मनमोहन जी कुछ करेंगे ऐसा तो नहीं देखा है ... अलबत्ता मैडम जी से दरखास्त करते तो कुछ बात बनती ....
यदि मैडम जी को ये यकीं दिला दिया जाए की नए राज्य बनाने से कांग्रेस मजबूत होगा और उनका वोट बैंक बढेगा तो .... सर्तीया नए राज्य बन जायेंगे ...
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