जो भी काम अपनी सार्थकता को लेकर शुरू वह दूरगामी परिणाम देता है किन्तु जो काम भटकाव को लेकर प्रारम्भ होता है वह क्षणिक आनंदानुभूति देने वाले पानी के बुलबुले की भांति होता है। जूनियर ब्लागर एसोसिएशन का उद्देश्य भी दूरगामी परिणाम देने वाला होगा, ताकि चिट्ठाकारी में जारी विसंगतियों दूर किया जा सकें। नये ब्लागरों को प्रोत्साहन और सहयोग देने यथा प्रयास होगा तो अनुभवी चित्रकारों के मार्गदर्शन मे चिट्ठकारी कारी को नये आयामो की ओर ले जाने का होगा। जूनियर ब्लागर एसोसिएशन न कभी निरंकुश होगा, वह मुक्त विचारधारा के साथ काम करेगा। आज चिट्ठाकारी मे मठाधीशी और गुटबंदी चरम पर है, इसी निरकुंशता और मठाधीशी पर नियंत्रण करना मुख्य लक्ष्य होगा। किसी भी चिट्ठाकार की बेइज्जती का पूरा प्रतिकार किया जाएगा और तब तक इसका प्रतिकार होगा जबकि गलत व्यक्ति सार्वजनिक माफी नहीं मांगता है।
जूनियर ब्लागर एसोसिएशन सार्थकता को लेकर काम करेगा, यदि किसी को लगता है कि वो हमसे बेहतर हिन्दी चिट्ठाकारी को प्रगति दे सकता है तो उसका स्वागत है। जूनियर ब्लागर एसोशिएशन कोई मठ है न ही इसमे कोई मठाधीश, चिट्ठाकारी मे मठ तो रहेगे किन्तु उन मठो मे मठाधीशो को सीमित कर दिया जायेगा। न ही चिट्ठकारी मे न ही चिट्ठाकारों के मध्य मठाधीशो को पिचाल खेलने दिया जायेगा। हमारा पूरा प्रयास होगा कि आने वाला वक्त जूनियर ब्लागर एसोशिएशन के नेतृत्व मे हिन्दी चिट्ठाकारी का स्वर्णकाल शिद्ध हो।
शेष फिर ......
भारत माता की जय
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11 टिप्पणियां:
अनूप ले रहे हैं मौज : फुरसत में रहते हैं हर रोज : तितलियां उड़ाते हैं http://pulkitpalak.blogspot.com/2010/06/blog-post.html सर आप भी एक पकड़ लीजिए नीशू तिवारी की विशेष फरमाइश पर।
बढ़िया हैं जी .
आज मेरी ये अंतिम टिप्पणियाँ हैं ब्लोग्वानी पर.
कुछ निजी कारणों से मुझे ब्रेक लेना पड़ रहा हैं .
लेकिन पता नही ये ब्रेक कितना लंबा होगा .
और आशा करता हूँ की आप मेरा आज अंतिम लेख जरूर पढोगे .
अलविदा .
संजीव राणा
हिन्दुस्तानी
सिनियर का सिद्ध हो चुका है आपका शिद्ध होना है बधाई
behtar, sahi kaha apne !!!
कहना चाहूँगा:::::
जूनियरों ने कर दिया एलान
हिंदी ब्लॉग का सफाई अभियान
पूरी रफ़्तार से जम के चला है
सीनियर से तो जूनियर ही भला है
डटे रहो
बहुत बढ़िया लिखा है आपने , कुछ लोगों के संदेह मिट गयें होंगे ।
"आने वाला वक्त जूनियर ब्लागर एसोशिएशन के नेतृत्व मे हिन्दी चिट्ठाकारी का स्वर्णकाल शिद्ध हो।"
प्रमेन्द्र भाई, आपना सहि कहा. युवा के भीतर ही नेत्रित्व की छमता है. यह बात तो अब देश के लोग मान रहे हैं. जीस तरह से राजनीती से लोग बूढों को बताना चाहते हैं वैसे ही चीठाकारी से भी उन्हें हटाना है. और नेतृव देना है.
hindi chithakari ke liye liye kuch aise kadam lene hi honge ...........mathadhishi ko taar taar kiya jayega ......
प्रमेन्द्र भाई,
वैसे तो मैं अल्फ़ा बीटा गामा एसोशिएशन में यकीन नहीं रखता लेकिन आप यहाँ हैं तो सुकून है कि कुछ तो सार्थक निकल के आयेगा इस प्रयास से.
शुभकामनायें ।
उद्देश्य तो बहुत ही सार्थक हैं,
अब कुछ सार्थक परिणाम भी निकले तो कोई बात है !
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