कानपुर से लौटा जाने से पूर्व एक पोस्ट की थी, लौट कर देखा नेट खराब था नेट ठीक हुआ तो देखा कि उस पोस्ट पर तो किसी दादा जी द्वारा बहुत अभद्र शब्दों प्रयोग था जिसे हटाया जाना ही ठीक था। इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग कतई उचित नहीं है। अत: उसे आते ही हटाना उचित समझा। क्योंकि यह सर्वथा उचित नहीं है।
कुछ लोग चिट्टाकारी की मार्यादाओ की सीमा को लांग रहे है, जब ऐसा करने वाले लोग 40-45 साल उम्र की सीमा पार करने वाले लोग करते है बहुत झोभ होता है। हाल मैंने दो सज्जनों के ब्लॉग पर अपने नाम को देखा है, अकारण प्रत्यक्ष नामोल्लेख करके लिखना बहुत खेद जनक है। मै खुद इस बात से हत प्रभ हूँ कि अपने आपको खुद वरिष्ठ कहने वाले लोग मर्यादा भंग करते है। कहावत है कि नंगो से खुद भी डरता है मै तो इंसान हूँ यही सोच कर अभी तक इग्नोर कर रहा था किन्तु अब सिर से पानी ऊपर हो गया है बात खुदा से श्रीकृष्ण तक जा पहुँची है, ऐसे नंगो की #@*^%& ढकने की पूरी तैयारी जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन खुद करेगा।
जहाँ तक मुझे याद है कि मेरे द्वारा किसी के नाम का उल्लेख करते हुये कोई भूत में लेख लिखा किंतु जिस प्रकार उनके द्वारा प्रत्यक्ष रूप से मेरे नाम का उल्लेख किया, वह मर्यादा विरूद्ध है, किसी पाठक ने कुछ समय पूर्व टिप्प्णी मे सही कहा था कि जब बुर्जुग मर्यादा को खूंटी पर टांग दें तो इससे बुरा और क्या हो सकता है?
मुझे हंसी आती है उन महान पाठको और टिप्पणीकारों पर जिनको आदर्श मानता हूँ वे ऐसे भद्दे, फूहड़ तथा व्यक्तिगत आक्षेप से व्यंग को बिना पढ़ कर लोग सर्वोत्तम व्यंग का दर्जा देने वाले ब्लागर समूह को चाहिये कि नाम पर टिप्पणी करने के बजाय उनके काम और लेखन पर टिप्पणी करें तो अपने आप नीर-क्षीर अलग हो जायेगा। किन्तु ब्लॉगरों की आदत ही है बिना पढ़े टिप्पणी करने की और व्यंग का लेबल देख कर ठेल दी महान व्यंग की उपाधि देती हुई टिप्पणी, चाहे वाह करने वाली की माँ-बहन की ही #@*^%& कर दी गई हो, ब्लॉगरों की आदत ही हो गई है वह कोठे पर बैठकर वाह वाह करने वालो की तरह, जैसे वहाँ बैठ कर वाह-वाह करते है वैसे ही यहाँ भी टिप्पणी कर बधाई देते नजर आते है।
उस तथाकथित पोस्ट पर मात्र रचना जी ने ही सार्थक टिप्पणी की जो वास्तव मे पोस्ट को पढ़ा, अन्यथा एक दिन मे सर्वाधिक टिप्पणी करने का रिकॉर्ड दर्ज करने वाले तथा सदी के महान ब्लागर भी उस पोस्ट को साधुवाद देते नज़र आये, राक्षसी पोस्ट पर उम्दा नामक टिप्प्णी अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड, लखनऊ तथा पता नही कहाँ से आयी पर बिना पोस्ट पढ़े टिप्पणी करने की आदत न बदल पायी।
महान परसाई की प्रशिद्ध दत्तक औलाद के शब्दो मे महाशक्ति के बारे दो लाईन - वो ‘महाशक्ति'…हाँ!…वही जिसे अपनी शक्ति पे बड़ा नाज़ है…असल में तो उसे खुद नहीं पता कि उसकी शक्ति का ह्रास हुए तो मुद्दतें बीत चुकी हैं मुझे उनके शब्दो से अपने बारे जानकर अच्छा लगा कि महाशक्ति के शक्ति ह्रास के बारे जानकारी रखते है, मतलब महाशक्ति के दम के बारे मे पूरी जानकारी है, और जानकारी नही रही होगी तो अपने पुरखो से पता कर ली होगी।
लगातार मेरे नाम महाशक्ति/प्रमेन्द्र को लेकर, इलाहाबाद को लेकर तथा जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन के बारे भिन्न लोगों ने लगातार पोस्ट ठेले जा रहे है, जैसे जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन को लेकर उनकी #@*^%& मे किसी ने मिर्ची ठूस दी हो और दर्द के मारे भद्दी पोस्टों की दस्त कर रहे है।
जहाँ तक महाशक्ति की शक्ति ह्रास की बात है तो कुछ पारस्परिक मित्रों के कहने पर मैंने लगातार विवादों की जंग में मंदक की भूमिका निभाई और जो कुछ भी मैंने इस मसले पर चुप रह कर किया, उसी का परिणाम था कि प्रतिनिधि मंडल मेरठ गया और प्रस्तुत मसले का कुछ हल निकाल सका। मैंने पूरे संयम के साथ मामले पर नियंत्रित करने का किया, पर कुछ पिचालियों को सूअरों की भांति गंदगी मे लौटने में आनंद मिलता है। जहाँ उस विवाद में मैंने विवाद को निपटाने का जिन मित्रों से वादा किया था वो मैंने निभाया किन्तु वर्तमान में जो लोग अब गलत दिशा मे बात ले जा रहे है, अगर कुछ लोगों को इसी में मजा आता है तो मै अब स्वयं चुनौती लेने का तैयार हूँ। मै इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करूँगा और जरूरत पड़ी तो ही सामने आऊँगा। जो मित्रगण मठाधीशी की ध्वस्त करने मे लगे है वही आप लोगो के लिये काफी है, मुझे नहीं लगता कि मेरी इस प्रकरण में जरूरत है, अब कोई भी व्यक्ति मेरे से सम्पर्क करने की कोशिश न करे, क्योंकि जहां तक मेरा काम था मै कर चुका हूँ। अगर अब वो गलत भी करते है तो मै पूर्ण रूप से उनके साथ हूँ।
अब जो लोग भी "जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन तथा उससे जुड़े किसी भी व्यक्ति का नाम करते हुये अभद्र पोस्ट लिखेगा तो अपनी भद्द करवाने का खुद जिम्मेदार होगा", जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन का प्रत्येक सदस्य अपना विरोध ऐसे वाहियात पोस्टो पर साम-दाम-दंड-भेद के साथ दर्ज करने के लिए स्वतंत्र है।
धैर्य से काम लीजिए!
जवाब देंहटाएंदेखिये प्रमेन्द्र भाई बात सफा सफा करता हूँ अंग्रेजी की कहावत है ..टीट फार टईट ..जैसे को तैसा .........यहाँ पर महाज्ञानी ब्लोगर जो हैं ...वैसे नाम लेकर लिखेंगे तो बोलिती बंद नहीं हो जाएगी .......वैसे भी मर्यादा और ये मठाधीश ....हा हा हा ...साम दाम दंड भेद सभी रस्ते पर इनको ले चला जायेगा ........अरे वो दिल्ली वाले विहारी बाबु कहत हैं न .........की जूता भिगो के मारो और पीछे से मारो ..ताकि आवाज भी न आये और पता भी न चले ................अआरे बाबु इई भोकालत कहीं और
जवाब देंहटाएंप्रमेन्द्र भाई चिरकुटों को इनके घर दिली तक लेचल कर मरूँगा ..........लिखकर , भिगोकर और सीधे भी.......और इलाहाबाद में इनके ही लिए कुछ काम किया जायेगा ..............रार नहीं ठानूंगा
जवाब देंहटाएंहार नहीं मानूगा
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जवाब देंहटाएंr u mental ?
जवाब देंहटाएंप्रमेन्द्र भाई नमस्कार,
जवाब देंहटाएंमेरी कहानी को पढ़ने के लिए आपने अपना कीमती समय दिया...इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ...इस कहानी में 'महाशक्ति' नाम के प्रयोग करने से अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्दों को वापिस लेने के लिए तैयार हूँ ..दरअसल!...इस समय जो कुछ ब्लोग्जगत में चल रहा था...उसी को अपनी कहानी में समेटने की मैंने कोशिश की थी..'महाशक्ति' या किसी भी अन्य नाम का प्रयोग मैंने महज़ हास्य को उत्पन्न करने के लिए है ..उम्मीद है कि आप मेरी बात को समझेंगे...
आप मेरी किसी भी कहानी को अगर समय निकाल कर पढने का कष्ट करेंगे तो पाएंगे कि मैं ज़्यादातर ..खुद अपने नाम 'तनेजा जी' को ही मुख्य किरदार बनाता हूँ भले ही वो नकारात्मक क्यों ना हो ...किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए... हाँ!...सहायक किरदारों के लिए मैं अन्य नामों का प्रयोग ज़रूर करता हूँ...ऐसा ही इस बार भी हुआ है...
फिर भी अगर आप चाहेंगे तो मैं इन नामों को हटा दूँगा ...फिलहाल इतना ही...बाकी फिर कभी
विनीत:
राजीव तनेजा
char tamacha maar ke hum bolo sorry ...he he he maaph kar do pramendra ji iss bacche ko ..........ha ha ha
जवाब देंहटाएंप्रमेन्द्र भाई जिन्दाबाद ! जूनियर हो या सीनियर, लखनउ हो या छत्तीसगढ़ ब्लॉगर एसोसियेशन जिन्दाबाद ! ! ! जिन्दाबाद ! ! ! जिन्दाबाद ! ! ! जिन्दाबाद ! ! !
जवाब देंहटाएंराजीव तनेजा, भूलिए नहीं कि आपने महीने भर पहले अनूप शुक्ल के चित्रों का यूज़ करके बहुत अपमानजनक पोस्ट बनाई थी.
जवाब देंहटाएंइस तरह आप किसी का भी अपमान कर दें और बाद में यह कहें कि आप बस हास्य उत्पन्न करना चाहते हैं!
श्रीमान अनूप हो कि
जवाब देंहटाएंश्रीमान समीर।
अपमानजनक पोस्ट
किसी का न बनायें भागवान,
हम किसी भी के पक्ष
में नहीं है
हम स्वयं हैं
सर्वशक्तिमान
जूनियर ब्लॉगर एसोसियेशन श्रीमान.
रार नहीं ठानूंगा
हार नहीं मानूगा
श्रीमान अनामी/बेनामी जी,नमस्कार...
जवाब देंहटाएंआपकी जानकारी के लिए बताना चाहूँगा कि मेरी वो पोस्ट अनूप जी को भी बहुत पसंद आई थी
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जवाब देंहटाएंअरे अनामी भाई...ये क्या?...आप अपने नाम से मुझे मुखातिब करने लगे...सब खैरियत तो है ना?
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंये क्या हुआ कब हुआ क्यों हुआ ?
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जवाब देंहटाएं?
साम-दाम-दण्ड-भेद ...साम-दाम-दण्ड-भेद ...साम-दाम-दण्ड-भेद .. जी अच्छी तरह याद हो गया, साम-दाम-दँड-भेद !
विरोध साम-दाम-दँड-भेद के साथ दर्ज़ किया जायेगा ।
क्या यह ब्लॉगिंग का नया मुफ़्त सॉफ़्टवेयर है.. कहाँ मिलेगा ?
इसका डाउनफाल कहाँ से करें ? कृपया लिंक देने की कृपा करें ।
शुभकामनायें !
प्रात: 5.30 पर शाखा जाने के पूर्व कुछ अपत्ति जनक टिप्पणी थी जिन्हे हटा दिया था, किसी भी प्रकार की आपत्ति जनक टिप्पणी बर्दाश्त नही की जायेगी।
जवाब देंहटाएं@श्री राजीव भाई तनेजा जी,
आपने तथा श्री सोनी जी नाम लेकर पोस्ट लिखा आप लोगो को इसका क्या लाभ मिला मुझे नही पता, जिस प्राकार आपने महाशक्ति, प्यास और दूबे जी को लेकर रचना लिखी और इलाहाबाद की मीट का जिक्र किया, वह पूर्णत: आपत्ति जनक है, इसी प्रकार सोनी जी ने भी बिना मेरे बारे मे कुछ जाने परमेन्दर का उपयोग किया और इलाहाबाद और जू.ब्ला.ए. का जिक्र किया वह भी निन्दनीय था।
मेरी चिट्ठाकारी के अपनी मर्यादाऍं है और मै मर्यादा मे रह कर ही अपनी बात रखता हूँ, जूनियर ब्लागर एसो0 के सम्बन्ध मे मैने किसी का नाम अपने पोस्टो मे नही लिया, क्योकि मै कर्म पर विश्वास करता हूँ और मुझे लगता है कि कर्म की प्रधानता के कारण ही आज अपनी बात को सुस्पष्ट तरीके से कहने की स्थिति मे हूँ।
जहाँ तक जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन के सम्बन्ध मे व्यंग की बात है तो हमाने कुछ काम तय किये है अगर उनके असफल होते है तो आपको व्यंग करने का पूर्ण अधिकार है किन्तु अनावश्यक व्यंग कभी भी शोभायमान नही होगा।
भारत देश खतरे मैं हैं और हम लोग आपस मैं झगड रहे हैं
जवाब देंहटाएंदेखिये ब्लोग http://mahashaktigroup.bharatuday.in/2010/06/blog-post.html
जय गोमाता जय गोपाला
सादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंहर उस व्यक्ति को मुह की खानी पड़ेगी जो अपने आपको दादा समझता है | इस विषय पर मै यही कहूँगा कि....
बदल देना समाज को फितरत है हमारी
लड़ जाना शेरों से हिम्मत है हमारी
जो टूट चुके हैं उनकी बात क्या करना
हम नौजवान हैं हर बाजी है हमारी !
रत्नेश त्रिपाठी
great bahutai badhiya !!!!
जवाब देंहटाएंआईं बनावल जाव एगो सुगठित भोजपुरिया टोला | 'भोजपुरी ब्लॉगर्स एसोशियेशन' के नीवं पड़ल 'आशुतोष कुमार सिंह' के शुभ हाथन से |
visit bhojpuribloggrsassociation.blogspot.com
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जवाब देंहटाएंमै भगवान से दुआ करता हूँ कि ब्लागर डाँट काँम हि बन्द हो जाऐ । न रहेगा बांस न बजेगी बासुरी .
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