इलाहाबाद चिट्ठाकारी की दुनिया मे आपना नाम स्थापित कर चुका है, इलाहाबाद का यही नाम कई लोगो की ऑखो मे किरकिरी बना हुआ है। जहाँ तक मै समझता हूँ कि हर काम मे जहाँ किसी का सहयोग लिया जा सकता है लिया जाना चाहिये तथा जहाँ पर किसी को किसी हद तक सहयोग दिया ज सकता है दिया जाना चाहिये , हिन्दी के चिट्ठाकारी मे पिछले 5 सालो मे यह कमी मुझे बहुत देखने को मिली। हमेशा सिक्के के दो पहलू होते है अगर कुछ लोग खुरापाती टाईप के भी होते है तो कुछ इस दुनिया मे आत्मीय भी है। यही अत्मीयता हमेशा मिलने मिलने को प्रेरित करती है।
मैने अपनी पोस्ट इलाहाबाद मिलन का अंतिम सच में आत्मीय लोगों के बारे मे लिखा था जिनसे एक बार नहीं बार बार मिलने को मन करता है। आज पुन: नीशू तिवारी और मिथिलेश दूबे का आत्मीय साथ मिला, वकाई शाम के 4 बजे से रात्रि के 8.30 कब हो गये पता ही नही चला। इसी बीच अपनी बुद्धवासरीय अवकाश के कारण इलाहाबाद के पत्रकार हिमांशु पाण्डेय जी और उनके पुत्र चिरंजीवी सोम का भी साथ मिला। जिस प्रकार 15 जून को जूनियर ब्लागर एसोसिएशन की प्रथम बैठक हुई उसी की अगली मे एक और कड़ी जुड़ गई।
मैने अपनी पोस्ट इलाहाबाद मिलन का अंतिम सच में आत्मीय लोगों के बारे मे लिखा था जिनसे एक बार नहीं बार बार मिलने को मन करता है। आज पुन: नीशू तिवारी और मिथिलेश दूबे का आत्मीय साथ मिला, वकाई शाम के 4 बजे से रात्रि के 8.30 कब हो गये पता ही नही चला। इसी बीच अपनी बुद्धवासरीय अवकाश के कारण इलाहाबाद के पत्रकार हिमांशु पाण्डेय जी और उनके पुत्र चिरंजीवी सोम का भी साथ मिला। जिस प्रकार 15 जून को जूनियर ब्लागर एसोसिएशन की प्रथम बैठक हुई उसी की अगली मे एक और कड़ी जुड़ गई।
इसे मै इत्फाक ही कहूँ कि अत्मीयता आज के दिन ही मेरा हिन्दी ब्लाग की दुनिया मे पदार्पण हुआ था और मेरे साथ मेरे ब्लागिंग का 5वीं वर्षगांठ को मनाने के लिये ब्लागर मित्रो का साथ होना कितना सुखद एहसास दे रहा है। शायद ही किसी ब्लागर के ब्लाग पदार्पण की वर्षगांठ पर इत्फाकन ब्लागर मीट का आयोजन हुआ हो। इस कार्यक्रम से पूर्व इलाहाबाद मे सलाना अवतरित होने वाले अमेरीकी ब्लागर रामचंद्र मिश्र अपने परिणय निमंत्रण देने के लिये आये। यह सब इतना जल्दी हुआ कि भाई वीनस केसरी और केएम मिश्र जी को भी अपने याद पल मे शामिल नही कर सका। निश्चित रूप से कार्यक्रम मे उनकी कमी खली। प्राईमरी के मास्टर जी से भी बात हुई तो जब मैने प्रतीक पांडेय जी को फोन मिलाया तो वे रिसीव न कर सके और जब उन्होंने काल की तो मै रिसीव न कर सका, और उनकी कॉल को रिसीव किया एक और ब्लागर मिथलेश जी ने, इत्फाको से भी ब्लागर मीट मजेदार रही और चिट्ठकारी के 5 वर्ष के कारनामो मे ये सब घटानये और चिट्ठकारी के इतिहास मे नया अध्याय जोड़ गई।
उन सभी पाठकों तथा ब्लागर मित्रों के सहयोग के लिये भी धन्यवाद जिनके सहयोग और मार्गदर्शन के कारण पॉच सालो के चिट्ठाकारी कि दुनिया में आज तक बना हुआ हूँ।
उन सभी पाठकों तथा ब्लागर मित्रों के सहयोग के लिये भी धन्यवाद जिनके सहयोग और मार्गदर्शन के कारण पॉच सालो के चिट्ठाकारी कि दुनिया में आज तक बना हुआ हूँ।
Congratulations and good wishes!
जवाब देंहटाएंखूब खूब बधाई और ईश्वर से प्रार्थना की आपका ये चिट्ठा और आप दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की करे...!!
जवाब देंहटाएंब्लागरजगत में चर्चाओं के बीच पांच साल पूरे करने पर बधाई एवं आगे के लिए शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंवीर तुम बढे चलो...धीर तुम बढे चलो
जवाब देंहटाएंपांच साल पूरा करने की बधाई।
जवाब देंहटाएंबधाई भाई.. मास्टर सोम से मिलना अच्छा लगा..
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंरामचन्द्र जी अमेरिकी नहीं इतालवी ब्लॉगर हैं।