तुम लोग अभी नही हो लेकिन मै तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूँ, तुम सब बहुत याद आ रहे हो, किसी के लिये अतिशयोक्ति होगी कि कि वाणी कट्टरता वाला व्यक्ति इतना भावुक हो सकता है, पिछले 36 घंटे मे मै जितनी देर तुम लोगों के साथ रहा और अभी कुछ मिनट पूर्व नीशू और मिथलेश के जाने पर वो 36 घंटो का साथ अब अखर रहा है, वो उन 36 घंटे का परिणाम है कि दोस्त तुम्हारे लिये आँखे नम है, तुम सब जा रहे थे पर दिल कहता था कि कह दूँ एक दिन और रुक जाओ, मुझे पता है कि तुम लोग बस अड्डे पर होगे ..... व्यक्ति को इतना लगाववादी नही होना चाहिये।
आओ हम सब मिलकर गाएं
जवाब देंहटाएंये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे
छोडेंगे दम मगर तेरा साथ न छोडेंगे
ऐसा होता है नीशू भाई। वैसे आप लोगों ने एक सफल कार्यक्रम किया इसके लिए बधाई।
good good good.
जवाब देंहटाएंbahut shubhkamnaye...
जवाब देंहटाएंऐसा ही होता है, जब सज्जन से सज्जन व्यक्ति बिछड़ते हैं तो....
जवाब देंहटाएंसंगम किनारे वाले भावुक तो होते ही हैं.. नहीं मानते तो 'पूरब और पश्चिम' देख लो भाई.. :)
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंजीवन के सफर में राही ...
जवाब देंहटाएंमिलते हैं बिछुड़ जाने को...
और दे जाते हैं यादें...
तन्हाई में तड़पाने को ...
ब्लॉग्गिंग चीज़ ही ऐसी है मेरे भाई...दोस्त बहुत याद आते हैं...