सर्वप्रथम लोचको तथा आलोचकों को नववर्ष की बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं, नवरात्रि के प्रथम दिन की संध्या पर नीशू तिवारी का फोन आया। बड़ी गर्मजोशी के साथ जयरमी हुई बधाईयों को आदान प्रदान हुआ और चर्चाओ और परिचर्चा को दौर भी शुरू हुई। हमारे और नीशू के बीच अत्यधिक आत्मीय सम्बन्ध होने के कारण हम सभी विषयों पर खुलकर चर्चा करने है। यह जरूर खेद जनक रहा कि वर्ष 2010 की जुलाई मे मेरे दिल्ली मे रहने पर वह व मिथलेश जी दिल्ली में मिलने नही आये और उस समय न मिल पाने का कारण मुझे दिसम्बर 2010 में मिथलेश जी के साथ लखनऊ में उनके आवास पर ठहरने पर पता चला, कारण मुझे जैसे पता चला वैसे ही मिथलेश जी जितनी फजीहत किया वो मिथलेश जी ही बता सकते है। फिर नीशू जी की बात आई उनका उनका फोन काफी समय से नही मिल रहा था और मैने मिथलेश जी से कहा कि नीशू जी से जैसे भी हो सूचित करे कि मेरे से बात हो, नीशू जी का 5-6 घन्टे के अंदर फोन आ गया। बात करते हुये पता चला कि एक दो दिन मे इलाहाबाद मे आ रहे है तो दिल्ली मे न मिलने के कारण पर इलाहाबाद मे ही चर्चा होगी, जब इलाहाबाद आये नीशू तो जब दिल्ली का जिक्र मैने किया तो वो भी मुँह बना कर रह गये और और मैने कहा कि अब कोई भी बात कभी होगी आप मेरे से जिक्र जरूर करोगे।
इसी तर्ज पर नीशू जी ने कहा प्रमेन्द्र भाई मै चाह रहा हूँ कि आप दो तीन महीने के अंदर जबलपुर घूम जाइये मिलने का बड़ा मन कर रहा है और मैने और तारा जी ने मुंबई जाने का प्लान बनाया है, हाल मे ही जबलपुर से मुम्बई के लिये हवाई सेवा भी प्रारंभ हुई है। मैने बीच मे ही बात काटते हुए कहा कि भाई दिसंबर में लखनऊ से लौटा हूं, जनवरी में ही आवश्यक काम से के लिए आगरा जाने के लिये घर मे अनुमति लेनी है और फरवरी में फिर से ही अन्य आवश्यक काम से मुरैना जाने के लिए लेनी होगी। और अब आप भी प्रवास के लिए कह रहे हो यदि ऐसा ही चलता रहा तो हमारे लिये स्थाई आवास की व्यवस्था आपको करनी पड़ेगी और रही वायुयान की यात्रा का प्रश्न तो मुझे ऐसा लगता है कि जिस दिन मै यात्रा करूँगा और वो उड़ेगा तो.......... इस बात से ही मै सहम जा रहा हूँ। नीशू जी ने कहा प्रमेन्द्र भाई ऐसा कुछ नहीं होगा, आप कार्यक्रम तो बनाइये।
अभी अभी प्रात: नवभारत पर एक खबर (स्क्रीन शॉट) देखा तो इसके बाद क्या कहा जाये - :)
इसी तर्ज पर नीशू जी ने कहा प्रमेन्द्र भाई मै चाह रहा हूँ कि आप दो तीन महीने के अंदर जबलपुर घूम जाइये मिलने का बड़ा मन कर रहा है और मैने और तारा जी ने मुंबई जाने का प्लान बनाया है, हाल मे ही जबलपुर से मुम्बई के लिये हवाई सेवा भी प्रारंभ हुई है। मैने बीच मे ही बात काटते हुए कहा कि भाई दिसंबर में लखनऊ से लौटा हूं, जनवरी में ही आवश्यक काम से के लिए आगरा जाने के लिये घर मे अनुमति लेनी है और फरवरी में फिर से ही अन्य आवश्यक काम से मुरैना जाने के लिए लेनी होगी। और अब आप भी प्रवास के लिए कह रहे हो यदि ऐसा ही चलता रहा तो हमारे लिये स्थाई आवास की व्यवस्था आपको करनी पड़ेगी और रही वायुयान की यात्रा का प्रश्न तो मुझे ऐसा लगता है कि जिस दिन मै यात्रा करूँगा और वो उड़ेगा तो.......... इस बात से ही मै सहम जा रहा हूँ। नीशू जी ने कहा प्रमेन्द्र भाई ऐसा कुछ नहीं होगा, आप कार्यक्रम तो बनाइये।
अभी अभी प्रात: नवभारत पर एक खबर (स्क्रीन शॉट) देखा तो इसके बाद क्या कहा जाये - :)
और कहीं कुछ भी हो, आपको शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंक्या आगाज़ है..
जवाब देंहटाएंhappy new year-2011..sath hi lekh achcha laga.ek shayar ke shabd likh rahi hoon dhyan den aur derna chhoden-
जवाब देंहटाएंmaut ka ek din muayyan hai,
neend kyon rat bhar nahi aati...
abhi gulab vatika me ek parivar rat ko sota rah gaya aur seema par baithe jawan apni service poori kar ghar bhi lautte hain isliye darna chhod kar yatra karen..