औषधीय गुण : मुलेठी खांसी, गले की खराश, उदरशूल क्षयरोग, श्वास नली की सूजन तथा मिर्गी आदि के इलाज में उपयोगी है। इसमें एंटीबायोटिक एवं बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अंदरूनी चोटो में भी लाभदायक होता है। भारत में इसे पान आदि में डालकर प्रयोग किया जाता है। मुलेठी के प्रयोग से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर और छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी लाभ होता है। मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है, बस सुबह शाम 2 -2 ग्राम पानी से निगल जाइए यही नहीं इस मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है बस सुबह 3 ग्राम खाना चाहिए।
मुलेठी में पचास प्रतिशत पानी होने के कारण ये पेट के लिए ठंडी होती है। इसका स्वाद हल्का मीठा होता है। मुलेठी घाव को भरने में भी मददगार होती है। मुलेठी खांसी, जुकाम, उल्टी व दस्त को रोकने में मदद करती है।यह पेट की जलन व दर्द, अल्सर तथा इससे होने वाली खून की उल्टी में भी बहुत उपयोगी है। मुलेठी वात पित्त शामक है।
मुलेठी के चमत्कारी लाभ
- खांसी के लिए- मुलेठी पाउडर और आंवला चूर्ण 2-2 ग्राम की मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण को दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह- शाम चाटने से खांसी में बहुत लाभ होता है।
- गले के लिए- दस ग्राम मुलेठी में दस ग्राम काली मिर्च, दस ग्राम लौंग, पांच ग्राम हरड़, पांच ग्राम मिश्री सारी चीजों को मिलाकर पीस लें। इस चूर्ण की एक चम्मच सुबह शहद के साथ चाटने से गले में दर्द की शिकायत दूर हो जाती है और आवाज भी साफ होती है।
- पेशाब की जलन के लिए- एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण एक कप दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
- छाले ठीक करने के लिए- मुलेठी को मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
- पेट दर्द के लिए- एक चम्मच मुलेठी चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार लेने से पेट और आंतों का दर्द ठीक हो जाता है।
- फोड़े-फुंसियों को ठीक करने के लिए-फोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वो जल्दी पक कर फूट जाते हैं।यह ठंडी प्रकृति की होती है और पित्त का शमन करती है।
- मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है। सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है। इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है।
- अगर मुंह सूख रहा हो तो मुलेठी बहुत फायदा करती है। इसमें पानी की मात्रा 50 प्रतिशत तक होती है। मुंह सूखने पर बार-बार इसे चूसे। इससे प्यास शांत होगी।
- गले में खराश के लिए भी मुलेठी का प्रयोग किया जाता है। मुलेठी अच्छे स्वर के लिए भी प्रयोग की जाती है।
- मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। मुलेठी का एक ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से वे अपनी सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं।
- लगभग एक महीने तक, आधा चम्मच मुलेठी का चूर्ण सुबह शाम शहद के साथ चाटने से मासिक संबंधी सभी रोग दूर होते है।
- फोड़े होने पर मुलेठी का लेप लगाने से जल्दी ठीक हो जाते है।
- रोज़ 6 ग्रा. मुलेठी चूर्ण, 30 मि.ली. दूध के साथ पीने से शरीर में ताकत आती है।
- लगभग 4 ग्राम मुलेठी का चूर्ण घी या शहद के साथ लेने से हृदय रोगों में लाभ होता है।
- इसके आधा ग्राम रोजाना सेवन से खून में वृद्धि होती है।
- जलने पर मुलेठी और चंदन के लेप से शीतलता मिलती है।
- इसके चूर्ण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
- मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखने से कान का दर्द और सूजन ठीक होता है।
- उल्टी होने पर मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखने पर लाभ होता है।
- मुलेठी की जड़ पेट के घावों को समाप्त करती है, इससे पेट के घाव जल्दी भर जाते हैं। पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए।
- मुलेठी पेट के अल्सर के लिए फायदेमंद है। इससे न केवल गैस्ट्रिक अल्सर वरन छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है। जब मुलेठी का चूर्ण ड्यूओडनल अल्सर के अपच, हाइपर एसिडिटी आदि पर लाभदायक प्रभाव डालता है। साथ ही अल्सर के घावों को भी तेजी से भरता है।
- खून की उल्टियां होने पर दूध के साथ मुलेठी का चूर्ण लेने से फायदा होता है। खूनी उल्टी होने पर मधु के साथ भी इसे लिया जा सकता है।
- हिचकी होने पर मुलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर नाक में टपकाने तथा 5 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ खिला देने से लाभ होता है।
- मुलेठी आंतों की टीबी के लिए भी फायदेमंद है।
- ये एक प्रकार की एंटीबायोटिक भी है इसमें बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अंदरूनी चोटो में भी लाभदायक होती है।
- मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है सुबह तीन या चार ग्राम खाना चाहिए।
- यदि भूख न लगती हो तो एक छोटा टुकड़ा मुलेठी कुछ देर चूसे, दिन में 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहरा ले, भूख खुल जाएगी।
- कोई भी समस्या न हो तो भी कभी-कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए आंतों के अल्सर ,कैंसर का खतरा कम हो जाता है तथा पाचन क्रिया भी एकदम ठीक रहती है।
- मुलेठी बहुत गुणकारी औषधि है। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है। इसका पौधा 1 से 6 फुट तक होता है। यह मीठा होता है इसलिए इसे ज्येष्ठीमधु भी कहा जाता है। असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं हल्की गंधवाली होती है। यह सूखने पर अम्ल जैसे स्वाद की हो जाती है। मुलेठी की जड़ को उखाड़ने के बाद दो वर्ष तक उसमें औषधीय गुण विद्यमान रहता है। ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है।
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14 टिप्पणियां:
पिछले 3 दिन से खा रहे हैं, बड़ा आराम है।
गले का अमृत है..
मुलहठी का एक महत्त्वपूर्ण गुण यह भी है कि यह मुंह के छाले में बहुत ही कारगर है और इसके चूर्ण को खाने से शक्ति बढ़ती है।
शुक्रिया इस जानकारी के लिए..
इसका चूर्ण कहाँ मिलेगा???
Great
Patanjali store pe mulethi churan miljayega
कहाँ मिलेगा इसका चूर्ण
बहुत मीठी होती है यह।।
मैं तो रोज खाता हूं।।
Iska paudha kaha milega?
Iska paudha kaha milega?
Iska paudha kaha milega?
ye apko kaha mila
Sahi me yesa hota hai
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