क्षत्रिय - राजपूत के गोत्र और उनकी वंशावली



Kshatriya - Rajput Clan and their Lineage

Thakur Kshatriya Rajput
क्षत्रिय - राजपूत - ठाकुर

राजपूतों के वंश
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"दस रवि से दस चन्द्र से बारह ऋषिज प्रमाण,
चार हुतासन सों भये कुल छत्तीस वंश प्रमाण,
भौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमान,
चौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण."

अर्थ: - दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय, बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तीस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है, बाद में भौम वंश, नाग वंश क्षत्रियों को सामने करने के बाद जब चौहान वंश चौबीस अलग-अलग वंशों में जाने लगा तब क्षत्रियों के बासठ अंशों का प्रमाण मिलता है।
क्षत्रिय- राजपूत के गोत्र और उनकी वंशावली

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सूर्य वंश की शाखायें
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1. कछवाह, 2. राठौड, 3. बडगूजर, 4. सिकरवार, 5. सिसोदिया , 6. गहलोत, 7. गौर, 8. गहलबार, 9. रेकबार, 10. जुनने, 11. बैस, 12 रघुवंशी
चन्द्र वंश की शाखायें
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1. जादौन, 2. भाटी, 3. तोमर, 4. चन्देल, 5. छोंकर, 6. होंड, 7. पुण्डीर, 8. कटैरिया, 9. दहिया,

अग्नि वंश की चार शाखायें
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1. चौहान, 2. सोलंकी, 3. परिहार, 4. पमार

ऋषि वंश की बारह शाखायें
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1. सेंगर, 2. दीक्षित, 3. दायमा, 4. गौतम, 5. अनवार (राजा जनक के वंशज), 6. विसेन, 7. करछुल, 8. हय, 9. अबकू तबकू, 10. कठोक्स, 11. द्लेला 12. बुन्देला

चौहान वंश की चौबीस शाखायें
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1. हाडा, 2. खींची, 3. सोनीगारा, 4. पाविया, 5. पुरबिया, 6. संचौरा, 7. मेलवाल, 8. भदौरिया, 9. निर्वाण, 10. मलानी, 11. धुरा, 12. मडरेवा, 13. सनीखेची, 14. वारेछा, 15. पसेरिया, 16. बालेछा, 17. रूसिया, 18. चांदा, 19. निकूम, 20. भावर, 21. छछेरिया, 22. उजवानिया, 23. देवडा, 24. बनकर


Kshatriya - Rajput
राजपूत कितने प्रकार के होते हैं - प्रमुख क्षत्रिय वंश
How many types of Rajput are there - Major Kshatriya clan
  1. रघु वंश - रघुवंशी का अर्थ है रघु के वंशज। अयोध्या (कोसल देश) के सूर्यवंशी राजा इक्ष्वाकु के वंश में राजा रघु हुये। राजा रघु एक महान राजा थे। इनके नाम पर इस वंश का नाम रघुवंश पड़ा तथा इस वंश के वंशजों को रघुवंशी कहा जाने लगा। बौद्ध काल तक रघुवंशियों को इक्ष्वाकु, रघुवंशी तथा सूर्यवंशी क्षत्रिय कहा जाता था। जो सूर्यवंश, इक्ष्वाकु वंश, ककुत्स्थ वंश व रघुवंश नाम से जाना जाता है। आदिकाल में ब्रह्मा जी ने भगवान सूर्य के पुत्र वैवस्वत मनु को पृथ्वी का प्रथम राजा बनाया था। भगवान सूर्य के पुत्र होने के कारण मनु जी सूर्यवंशी कहलाये तथा इनसे चला यह वंश सूर्यवंश कहलाया। अयोध्या के सूर्यवंश में आगे चल कर प्रतापी राजा रघु हुये। राजा रघु से यह वंश रघुवंश कहलाया। इस वंश मे इक्ष्वाकु, ककुत्स्थ, हरिश्चंद्र, मांधाता, सगर, भगीरथ, अंबरीष, दिलीप, रघु, दशरथ, राम जैसे प्रतापी राजा हुये हैं।
  2. नाग वंश - नागवंशी क्षत्रियों का भारत और भारत के बाहर एक बड़े भूभाग पर लंबे समय तक शासन रहा है। प्राचीन काल में नागवंशियों का राज्य भारत के कई स्थानों में तथा सिंहल में भी था। पुराणों में स्पष्ट लिखा है कि सात नागवंशी राजा मथुरा भोग करेंगे, उसके पीछे गुप्त राजाओं का राज्य होगा। नौ नाग राजाओं के जो पुराने सिक्के मिले हैं, उन पर 'बृहस्पति नाग', 'देवनाग', 'गणपति नाग' इत्यादि नाम मिलते हैं। ये नागगण विक्रम संवत 150 और 250 के बीच राज्य करते थे। इन नव नागों की राजधानी कहाँ थी, इसका ठीक पता नहीं है, पर अधिकांश विद्वानों का मत यही है कि उनकी राजधानी 'नरवर' थी। मथुरा और भरतपुर से लेकर ग्वालियर और उज्जैन तक का भू-भाग नागवंशियों के अधिकार में था। कृष्ण काल में नाग जाति ब्रज में आकर बस गई थी। इस जाति की अपनी एक पृथक संस्कृति थी। कालिया नाग को संघर्ष में पराजित करके श्रीकृष्ण ने उसे ब्रज से निर्वासित कर दिया था, किंतु नाग जाति यहाँ प्रमुख रूप से बसी रही। मथुरा पर उन्होंने काफी समय तक शासन भी किया। इतिहास में यह बात प्रसिद्ध है कि महा प्रतापी गुप्त वंशी राजाओं ने शक या नागवंशियों को परास्त किया था। प्रयाग के क़िले के भीतर जो स्तंभ लेख है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि महाराज समुद्रगुप्त ने गणपति नाग को पराजित किया था। इस गणपति नाग के सिक्के बहुत मिलते हैं। महाभारत में भी कई स्थानों पर नागों का उल्लेख है। पांडवों ने नागों के हाथ से मगध राज्य छीना था। खांडव वन जलाते समय भी बहुत से नाग नष्ट हुए थे। जिसका अर्थ यह हुआ की मगध, खांडव्प्रस्थ, तक्षशीला (तक्षक नाग द्वारा बसाई गई थी ,यहाँ का प्रथम राजा "तक्षक नाग " था ,जिसके नाम पर तक्षक नागवंश चला ),मथुरा आदि महाभारत काल में इनके प्रमुख राज्य थे। शिशुनाग के नाम पर शिशुनाग वंश मगध राज्य (दक्षिण बिहार, भारत) पर लंबे समय तक राज्य करने के लिए जाना जाता है । महाभारत में ऐरावत नाग के वंश में उत्त्पन कौरव्या नाग की बेटी का विवाह भी अर्जुन से हुआ बताया गया है ,जब एक गलती की वजह से अर्जुन युधिष्ठिर के आदेश पर 12 साल वे ब्रह्मचर्य व्रत को धारण कर रहे थे।
  3. सोम वंशी ठाकुर - जो सोम वंशी पश्चिम प्रयाग की और बसे उनका गोत्र भारद्वाज है क्यों कि भारद्वाज आश्रम भी उसी क्षेत्र में था। सोम वंशी क्षत्रियों को मुख्यतः उत्तर प्रदेश के फैजाबाद , बहराईच अम्बेडकर नगर, जौनपुर, प्रतापगढ़ , गोण्डा, वाराणसी, बरेली, सीतापुर, कानपुर, हरदोई, फरूखाबाद, शाहजहांपुर, इलाहाबाद और पंजाब ,दिल्ली तथा बिहार प्रांत में भी सोमवंशी क्षत्रिय पाए जाते है। गुरुग्राम, रोहतक, हिसार ,पंजाब एवं दिल्ली के सोम वंशीय क्षत्रियों का निवास हस्तिनापुर तथा बिहार प्रदेश वालों का कौशाम्बी से एवं प्रतिष्ठानपुर वर्तमान (झूसी प्रयाग) और हरदोई से है।
  4. उज्जैनीय क्षत्रिय - ये क्षत्रिय अग्नि वंशी प्रमार की शाखा हैं। गोत्र शौनक है। ये राजा विक्रमादित्य व भोज की सन्तान हैं। ये लोग अवध और आगरा प्रान्त के पूर्वी जिलों में पाये जाते हैं। इस वंश की बहुत बड़ी रियासत डुमरांव बिहार प्रान्त के शाहाबाद जिले में है। वर्तमान डुमरांव के राजा कलमसिंह जी सांसद। इस वंश के क्षत्रिय बिहार के शाहाबाद जिले के जगदीशपुर, दलीपपुर, डुमरांव, मेठिला, बक्सर, केसठ, चौगाई आदि में तथा मुजफ्फरपुर, पटना, गया, मुगेर और छपरा आदि जिलों में बसे पाये जाते हैं।
  5. कछवाहा (कछवाहे) - ये सूर्यवंशी क्षत्रिय कुश के वंशज हैं। कुशवाहा को कछवाहा राजावत भी कहते है। गोत्र गौतम, गुरु वशिष्ठ, कुलदेवी ( दुर्गां मंगला ), वेद सामवेद, निशान पचरंगा, इष्ट रामचन्द्र, वृक्ष वट। ठिकाने जयपुर, अलवर, राजस्थान में रामपुर, गोपालपुरा, लहार, मछंद, उत्तर प्रदेश में तथा यत्र-तत्र जनपदों में पाए जाते हैं।
  6. गहरवार क्षत्रिय - गोत्र कश्यप है। गहरवार राठौरों की शाखा है। महाराजा जयचन्द के भाई माणिकचन्द्र राज्य विजयपुर माड़ा की गहरवारी रियासत का आदि संस्थापक कहा गया है। ये क्षत्रिय इलाहाबाद, बनारस, मिर्जापुर, रामगढ़, श्रीनगर आदि में पाये जाते हैं। इनकी एक शाखा बुन्देला है। बिहार में बागही, करवासी और गोड़ीवां में गहरवार हैं।
  7. गहलौत - ये क्षत्रिय सूर्यवंशी हैं। रामचन्द्र के छोटे पुत्र लब के वंशज हैं। गोत्र बैजपाय (वैशाम्पायनी), वेद यजुर्वेद, गुरु वशिष्ठ, नदी सरयू, इष्ट, एकलिंग शिव, ध्वज लाल सुनहला उस पर सूर्यदेव का चिन्ह। प्रधान गद्दी चित्तौड़ (अब उदयपुर) है। इस वंश के क्षत्रिय मेवाड़ राजपूताना, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार प्रान्त के मुंगेर मुजफ्फर नगर तथा गया जिले में पाए जाते हैं। इसकी 24 शाखायें थीं। अधिकांश शाखाएँ समाप्त हो गयीं।
  8. गोहिल क्षत्रिय - इस वंश का पहला राजा गोहिल था, जिसने मारवाड़ के अन्दर बरगढ़ में राज्य किया। गोत्र कश्यप हैं।
  9. गौड़ क्षत्रिय - गोत्र भरद्वाज हैं। यह वंश भरत से चला हैं। ये मारवाड़, अजमेर, राजगढ़, शिवपुर, बड़ौदा, शिवगढ़, कानपुर, सीतापुर, उन्नाव, इटावा, शाहजहाँपुर, फरुर्खाबाद, जिलों में पाए जाते हैं। ये क्षत्रिय सूर्यवंशी हैं।
  10. गौतम क्षत्रिय - गोत्र गौतम है। ये उत्तर प्रदेश, बिहार, मुजफ्फरनगर, आरा, छपरा, दरभंगा आदि जिलों में पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश में फतेहपुर, कानपुर जिलों में हैं।
  11. चन्देल क्षत्रिय - गोत्र चन्द्रायण, गुरु गोरखनाथ जी हैं। ये क्षत्रिय बिहार प्रान्त में गिद्धौर नरेश कानपुर, मिर्जापुर, जौनपुर, आलमनगर रियासत दरभंगा जिले में बंगरहरा रियासत थी। बस्तर राज्य (मध्य प्रदेश) बुन्देलखण्ड में भी यत्र-तत्र पाए जाते हैं।
  12. चावड़ा क्षत्रिय - अग्निवंशी हैं। गोत्र कश्यप हैं। प्रमारवंश की 16वीं शाखा है। चावड़ा प्राचीन राजवंश है। ये दक्षिण भारत तथा काठियाबाड़ में पाए जाते हैं। इस वंश का विवाह संबंध स्थान भेद से समान क्षत्रियों के साथ होता है।
  13. चौहान क्षत्रिय - ये क्षत्रिय अग्निवंशी हैं। गोत्र वत्स है। इस वंश की 24 शाखायें हैं -1. हाड़ा, 2. खींची, 3. भदौरिया, 4. सौनगिन, 5. देवड़ा, 6. पाविया (पावागढ़ के नाम से), 7. संचोरा, 8 . गैलवाल, 9. निर्वाण, 10. मालानी, 11. पूर्विया, 12. सूरा, 13. नादडेचा, 14. चाचेरा, 15. संकेचा, 16. मुरेचा, 17. बालेचा, 18. तस्सेरा, 19. रोसिया, 20. चान्दू, 21. भावर, 22. वंकट, 23. भोपले, 24. धनारिया। इनके वर्तमान ठिकाने हैं - छोटा उदयपुर, सोनपुर राज्य (उड़ीसा), सिरोही, राजस्थान, बरिया (मध्य प्रदेश), मैनपुरी, प्रतापनेर, राजौर, एटा, ओयल, (लखीमपुर) चक्रनगर, बारिया राज्य, बून्दी, कोटा, नौगाँव (आगरा), बलरामपुर बिहार में पाए जाते हैं।
  14. जोड़जा क्षत्रिय - ये क्षत्रिय श्रीकृष्ण के शाम्ब नामक पुत्र की संतान हैं। मौरबी राज्य, कच्छ राज्य, राजकोट नाभानगर (गुजरात) में पाए जाते हैं।
  15. झाला क्षत्रिय - गोत्र-कश्यप हैं। इनके ठिकाने बीकानेर, काठियावाड़, राजपूताना आदि में हैं।
  16. डोडा क्षत्रिय - यह अग्निवंशी परमार की शाखा है। गोत्र आदि परमारों की भांति है। प्राचीनकाल में बड़ौदा डोडा की राजधानी थी। मेरठ एवं हापुड़ के आस-पास इनकी राज्य था। इस समय पपिलोदा (मालवा), सरदारगढ़ मेवाड़ राज्य हैं। मुरादपुर, बाँदा, बुलन्द शहर, मेरठ, सागर (मध्य प्रदेश) आदि में पाये जाते हैं।
  17. तोमर क्षत्रिय - गोत्र गर्ग हैं। ये जोधपुर, बीकानेर, पटियाला, नाभा, धौलपुर आदि में हैं। मुख्य घराना तुमरगढ है। इनकी एक प्रशाखा जैरावत, जैवार नाम से झांसी जिले में यत्र-तत्र आबाद है।
  18. दीक्षित क्षत्रिय - यह वंश सूर्यवंशी है। गोत्र-काश्यप है। इस वंश के लोग उत्तर प्रदेश और बघेल खण्ड में यत्र-तत्र पाए जाते हैं। इस वंश के क्षत्रियों ने नेवतनगढ में राज्य किया, इसलिए नेवतनी कहलाए। यह लोग छपरा जिले में पाए जाते हैं। दीक्षित लोग विवाह-संबंध स्थान-भेद से समान क्षत्रियों में करते हैं।
  19. निकुम्भ क्षत्रिय - गोत्र-वशिष्ठ हैं। शीतलपुर, दरभंगा, आरा, भागलपुर आदि जिलों में पाए जाते हैं। ये उत्तर प्रदेश में यत्र-तत्र पाए जाते हैं। ये सूर्यवंशी क्षत्रिय हैं। राजा इक्ष्वाकु के 13वें वंशधर निकुम्भ के हैं।
  20. परमार क्षत्रिय - ये अग्निवंशी हैं, गोत्र गर्ग है। इस वंश की प्राचीन राजधानी चंद्रावती है। मालवा में प्रथम राजधानी धारा नगरी थी, जिसके पश्चात् उज्जैन को राजधानी बनाया। विक्रमादित्य इस वंश का सबसे प्रतापी राजा हुआ, जिनके नाम पर विक्रम संवत प्रारम्भ हुआ, इसी वंश में सुप्रसिद्ध राजा मुंडा और भोज हुए इनकी 35 शाखायें हैं। इन क्षत्रियों के ठिकाने तथा राज्य हैं, नरसिंहगढ़, दान्ता राज्य, सूंथ धार, देवास, पंचकोट, नील गाँव (उत्तर प्रदेश) तथा यत्र-तत्र पाये जाते हैं।
  21. परिहार क्षत्रिय - ये क्षत्रिय अग्निवंशी हैं। गोत्र काश्यप, गुरु वशिष्ठ, इनके ठिकाने हमीरपुर, गोरखपुर, नागौद, सोहरतगढ़, उरई (जालौन) आदि में हैं। इस वंश की 19 शाखायें हैं, भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग नाम से।
  22. बघेल क्षत्रिय - गोत्र भरद्वाज हैं। यह सोलंकियों की शाखा हैं। बघेलों को सोलंकी वंश से राजा व्याघ्रदेव की सन्तान माना गया है। इन्हीं व्याघ्रदेव के नाम से सन् 615 ई. में बघेलखण्ड प्रसिद्ध हुआ। रीवां राज्य, सोहाबल, मदरवा, पांडू, पेथापुर, नयागढ़, रणपुरा, देवडर (मध्य प्रदेश में),तिर्वा (फर्रुखाबाद) बघेलों के प्रमुख ठिकाने हैं।
  23. बल्ल क्षत्रिय - रामचंद्र के पुत्र लव से यह वंश चला हैं। बल्लगढ सौराष्ट्र में पाए जाते हैं।
  24. बिसेन क्षत्रिय - गोत्र पारासर (भरद्वाज, शोडिल्व, अत्रि, वत्स) ये मझौली (गोरखपुर), भिनगा (बहराइच), मनकापुर (गोंडा), भरौरिया (बस्ती), कालाकांकर (प्रतापगढ़) में अधिक हैं।
  25. बुन्देला क्षत्रिय - ये गहरवार क्षत्रियों की शाखा है। गहरवार हेमकरण ने अपना नाम बुन्देला रखा। राजा रुद्रप्रताप ने बुन्देलखण्ड की राजधानी गढ़कुण्डार से ओरछा स्थानान्तरित की बैशाख सुदी 13 संबत 1588 विक्रम को राजधानी ओरछा स्थापित की गई। इस वंश के राज्य चरखारी, अजयगढ़, बिजावर, पन्ना, ओरछा, दतिया, टीकमगढ़, सरीला, जिगनी आदि हैं।
  26. बैस क्षत्रिय - गोत्र भरद्वाज हैं। इस वंश की रियासतें सिगरामऊ, मुरारमऊ, खजुरगाँव, कुर्री सिदौली, कोड़िहार, सतांव, पाहू, पिलखा, नरेन्द्र, चरहुर, कसो, देवगांव, हसनपुर तथा अवध और आजमगढ़ जिले में हैं।
  27. भाटी क्षत्रिय - यह श्रीकृष्ण के बड़े पुत्र प्रदुम्न की संतान हैं। राजस्थान में जैसलमेर, बिहार के भागलपुर और मुंगेर जिले में पाए जाते हैं।
  28. भौंसला क्षत्रिय - ये सूर्यवंशी हैं, गोत्र कौशिक है। दक्षिण में सतारा, कोल्हापुर, तंजावर, नागपुर, सावंतबाड़ी राजवंश प्रमुख हैं। इसी बंश में शिवाजी प्रतापी राजा हुए।
  29. महरौड़ वा मड़वर क्षत्रिय - चौहानों की प्रशाखा है। गोत्र वत्स है। चौहान वंश में गोगा नाम के एक प्रसिद्ध वीर का जन्म हुआ था। उसकी राजधानी मैरीवा मिहिर नगर थी। यवन आक्रमण के समय अपनी राजधानी की रक्षा हेतु वह अपनी 45 पुत्रों एवं 60 भ्राता पुत्रों सहित युद्ध में मारे गए। उनके वंशजों ने अपने को महरौड़ व मड़वर कहना शुरू किया। इस वंश के क्षत्रिय गण उत्तर प्रदेश के बनारस, गाजीपुर, उन्नाव में पाए जाते हैं और बिहार के शाहाबाद, पटना, मुजफ्फरपुर, बैशाली जिलों में पाए जाते हैं।
  30. मालव क्षत्रिय - अग्निवंशी हैं। इनका भारद्वाज गोत्र हैं। मालवा प्रान्त से भारत के विभिन्न स्थानों में जा बसे हैं, अतः मालविया या मालब नाम से ख्याति पाई। उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में तथा बिहार के गया जिले में पाए जाते हैं।
  31. यदुवंशी- गोत्र कौडिन्य और गुरु दुर्वासा हैं। मथुरा के यदुवंशी करौली के राजा हैं। मैसूर राज्य यदुवंशियों का था। 8 शाखाएं हैं।
  32. राजपाली (राजकुमार) क्षत्रिय - ये अग्निवंशी हैं। गोत्र वत्स है। ये राजवंश वत्स गोत्रीय चौहान की शाखा है। राजौर से ये लोग खीरी, शाहाबाद, पटना, दियरा, सुल्तानपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर आदि में है।
  33. राठौर क्षत्रिय - गोत्र-गौतम (राजपूताने में) तथा कश्यप (पूर्व में) अत्रि दक्षिण भारत में राठौर मानते हैं। बिहार के राठौड़ों का गोत्र शांडिल्य है। गुरु वशिष्ठ हैं।
  34. रायजादा क्षत्रिय - अग्निवंशी चौहानों की प्रशाखा में हैं। गोत्र चौहानों की भांति है। ये लोग अपनी लड़की भदौरियों, कछवाह और तोमरों को देते हैं तथा श्रीनेत, वैश विश्वेन, सोमवंशी आदि को कन्या देते हैं। यह उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में पाए जाते हैं।
  35. रैकवार क्षत्रिय - गोत्र भरद्वाज हैं। ये बौंडी (बहराइच), रहबा (रायबरेली), भल्लापुर (सीतापुर) रामनगर, धनेड़ी (रामपुर), मथुरा (बाराबंकी), गोरिया कला ' उन्नाव ' आदि में पाए जाते हैं। बिहार प्रान्त के मुजफ्फरपुर जिले में चेंचर, हरपुर आदि गाँवों में तथा छपरा और दरभंगा में भी यत्र-तत्र पाए जाते हैं।
  36. लोहतमियां क्षत्रिय - सूर्यवंश की शाखा है। लव की संतान माने जाते हैं। ये बलिया, गाजीपुर, शाहाबाद जिलों में पाये जाते हैं।
  37. श्रीनेत क्षत्रिय - सूर्यवंशी हैं गोत्र-भारद्वाज, गद्दी श्रीनगर (टेहरी गढ़वाल) यह निकुम्भ वंश की एक प्रसिद्ध शाखा है। ये लोग उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर तथा बस्ती जिले में बांसी रियासत में पाए जाते हैं। बिहार प्रान्त के मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और छपरा जिले के कुछ ग्रामों में भी है।
  38. सविया सौर (सिरमौर) क्षत्रिय - गोत्र कश्यप हैं। ये लोग बिहार के गया जिले में अधिक पाए जाते हैं।
  39. सिकरवार क्षत्रिय - गोत्र भरद्वाज हैं। ये ग्वालियर, आगरा, हरदोई, गोरखपुर, गाजीपुर, आजमगढ़ आदि स्थानों में पाए जाते हैं।
  40. सिसोदिया क्षत्रिय - राहत जी के वंशज ''सिसोदाग्राम'' में रहने से यह नाम प्रसिद्ध हुआ। यह ग्राम उदयपुर से 24 किलोमीटर उत्तर में सीधे मार्गं से है। गहलौत राजपूतों की शाखा सिसोदिया क्षत्रिय हैं। इस वंश का राज्य उदयपुर प्रसिद्ध रियासतों में है। इस वंश की 24 शाखाएँ हैं। सिसोदिया है जो ''शीश +दिया'' अर्थात ''शीश/सिर/मस्तक'' का दान दिया या त्याग कर दिया या न्योछावर कर दिया इसीलिए ऐसा करने वाले स्वाभिमानी क्षत्रिय वंशजों को सिसोदिया कहा जाता है। इनकी बहुलता पर इनके प्रथमांक राज्य को ''शिशोदा'' कहा गया और राजधानी कुम्भलगढ़/केलवाड़ा कहा गया।
  41. सेंगर क्षत्रिय - गोत्र गौतम, गुरु श्रृंगी ऋषि, विश्वामित्र। ये क्षत्रिय जालौन में हरदोई, अतरौली तथा इटावा में अधिक पाए जाते हैं। ये ऋषिवंश हैं। सेंगरों के ठिकाने जालौन और इटावा में भरेह, जगम्मनपुर, सरु, फखावतू, कुर्सीं, मल्हसौ है। मध्यप्रदेश के रीवां राज्य में भी बसे हैं।
  42. सोलंकी क्षत्रिय - ये क्षत्रिय अग्निवंशी हैं। गोत्र भरद्वाज है। दक्षिण भारत में ये चालुक्य कहे जाते हैं। इनके ठिकाने अनहिल्लबाड़ा, बासंदा, लिमरी राज्य, रेवाकांत, रीवां, सोहाबल तथा उत्तर प्रदेश में यत्र-तत्र पाये जाते हैं।
  43. हेयर वंश क्षत्रिय - गोत्र कृष्णत्रेय और गुरु दत्तात्रेय। ये बिहार, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में यत्र-तत्र पाए जाते हैं। ये क्षत्रिय चन्द्रवंशी हैं।
विभिन्न लेखकों एवं विद्वानों के अनुसार क्षत्रिय राजवंश

कर्नल जेम्स टाड़ के मतानुसार - 
1- इश्वाकु, 2- कछवाहा, 3- राठौर, 4- गहलौत, 5- काथी, 6- गोहिल, 7- गौड़, 8- चालुक्य, 9- चावड़ा, 10- चौहान, 11- जाट, 12- जेत्वा, 13- जोहिया, 14- झाला, 15- तंवर, 16- दाबी, 17- दाहिमा, 18- दाहिया, 19- दौदा, 20- गहरवाल, 21- नागवंशी, 22- निकुम्भ, 23- प्रमार, 24- परिहार, 25- बड़गुजर, 26- बल्ल, 27- बैस, 28- मोहिल, 29- यदु, 30- राजपाली, 31- सरविया, 32- सिकरवार, 33- सिलार, 34- सेंगर, 35- सोमवंशी, 36- हूण।

डाo इन्द्रदेव नारायण सिंह रचित क्षत्रिय वंश भास्कर के अनुसार - 
1- सूर्यवंश, 2- चन्द्रवंश, 3- यदुवंश, 4- गहलौत, 5- तोमर, 6- परमार, 7- चौहान, 8- राठौर, 9- कछवाहा, 10- सोलंकी, 11- परिहार, 12- निकुम्भ, 13- हैहय, 14- चन्देल, 15- तक्षक, 16- निमिवंशी, 17- मौर्यवंशी, 18- गोरखा, 19- श्रीनेत, 20- द्रहयुवंशी, 21- भाठी, 22- जाड़ेजा, 23- बघेल, 24- चाबड़ा, 25- गहरवार, 26- डोडा, 27- गौड़, 28- बैस, 29- विसैन, 30- गौतम, 31- सेंगर, 32- दीक्षित, 33- झाला, 34- गोहिल, 35- काबा, 36- लोहथम्भ।

चन्द्रवरदायी के अनुसार राजवंश - 
1- सूर्यवंश, 2- सोमवंशी, 3- राठौर, 4- अनंग, 5- अर्भाट, 6- कक्कुत्स्थ, 7- कवि, 8- कमाय, 9- कलिचूरक, 10- कोटपाल, 11- गोहिल, 12- गोहिल पुत्र, 13- गौड़, 14- चावोत्कर, 15- चालुक्य, 16- चौहान, 17- छिन्दक, 18- दांक, 19- दधिकर, 20-देवला, 21- दोयमत, 22- धन्यपालक, 23- निकुम्भ, 24- पड़िहार, 25- परमार, 26- पोतक, 27- मकवाना, 28- यदु, 29- राज्यपालक, 30- सदावर, 31- सिकरवार, 32- सिन्धु, 33- सिलारु, 34- हरितट, 35- हूण, 36- कारद्वपाल।

मतिराम कृति वंशावली - 
1- सूर्यवंश, 2- पैलवार, 3- राठौर, 4- लोहथम्भ, 5- रघुवंशी, 6- कछवाहा, 7- सिरमौर, 8- गोहलौत, 9- बघेल, 10- कावा, 11- सिरनेत, 12- निकुम्भ, 13- कौशिक, 14- चंदेल, 15- यदुवंश, 16- भाटी, 17-तोमर, 18- बनाफर, 19- काकन, 20- बंशं, 21- गहरबार, 22- करमबार, 23- रैकवार, 24- चन्द्रवंश, 25- सिकरवार, 26- गौड़, 27- दीक्षित, 28- बड़बलिया, 29-विसेन, 30- गौतम, 31- सेंगर, 32- हैहय, 33- चौहान, 34- परिहार, 35- परमार, 36- सोलंकी।
 
 
Kshatriya - Rajput

राजपूत जातियो की सूची, राजपूतों की वंशावली, राजपूत गोत्र लिस्ट इन हिंदी
राजपूत नाम लिस्ट, गोत्र , वंश, स्थान और जिला की सूची

Rajput Caste List
--------------------------

क्रमांक नाम गोत्र वंश स्थान और जिला
1. सूर्यवंशी भारद्वाज सूर्य बुलंदशहर आगरा मेरठ अलीगढ
2. गहलोत बैजवापेण सूर्य मथुरा कानपुर और पूर्वी जिले
3. सिसोदिया बैजवापेड सूर्य महाराणा उदयपुर स्टेट
4. कछवाहा मानव सूर्य महाराजा जयपुर और ग्वालियर राज्य
5. राठोड कश्यप सूर्य जोधपुर बीकानेर और पूर्व और मालवा
6. सोमवंशी अत्रय चन्द प्रतापगढ़ और जिला हरदोई
7. यदुवंशी अत्रय चन्द राजकरौली राजपूताने में
8. भाटी अत्रय जादौन महारजा जैसलमेर राजपूताना
9. जाडेचा अत्रय यदुवंशी महाराजा कच्छ भुज
10. जादवा अत्रय जादौन शाखा अवा. कोटला उमरगढ आगरा
11. तोमर व्याघ्र चन्द पाटन के राव तंवरघार जिला ग्वालियर
12. कटियार व्याघ्र तोंवर धरमपुर का राज और हरदोई
13. पालीवार व्याघ्र तोंवर गोरखपुर
14. परिहार कौशल्य अग्नि इतिहास में जानना चाहिये
15. तखी कौशल्य परिहार पंजाब कांगड़ा जालंधर जम्मू में
16. पंवार वशिष्ठ अग्नि मालवा मेवाड धौलपुर पूर्व मे बलिया
17. सोलंकी भारद्वाज अग्नि राजपूताना मालवा सोरों जिला एटा
18. चौहान वत्स अग्नि राजपूताना पूर्व और सर्वत्र
19. हाडा वत्स चौहान कोटा बूंदी और हाडौती देश
20. खींची वत्स चौहान खींचीवाडा मालवा ग्वालियर
21. भदौरिया वत्स चौहान नौगावां पारना आगरा इटावा ग्वालियर
22. देवडा वत्स चौहान राजपूताना सिरोही राज
23. शम्भरी वत्स चौहान नीमराणा रानी का रायपुर पंजाब
24. बच्छगोत्री वत्स चौहान प्रतापगढ़ सुल्तानपुर
25. राजकुमार वत्स चौहान दियरा कुडवार फ़तेहपुर जिला
26. पवैया वत्स चौहान ग्वालियर
27. गौर,गौड भारद्वाज सूर्य शिवगढ रायबरेली कानपुर लखनऊ
28. बैस भारद्वाज सूर्य उन्नाव रायबरेली मैनपुरी पूर्व में
29. गहरवार कश्यप सूर्य माडा हरदोई उन्नाव बांदा पूर्व
30. सेंगर गौतम ब्रह्मक्षत्रिय जगम्बनपुर भरेह इटावा जालौन
31. कनपुरिया (कन्हपुरिया) भारद्वाज ब्रह्मक्षत्रिय पूर्व में राजा अवध के जिलों में हैं
32. बिसैन वत्स ब्रह्मक्षत्रिय गोरखपुर गोंडा प्रतापगढ में हैं
33. निकुम्भ वशिष्ठ सूर्य गोरखपुर आजमगढ हरदोई जौनपुर
34. सिरसेत भारद्वाज सूर्य गाजीपुर बस्ती गोरखपुर
35. कटहरिया वशिष्ठ भारद्वाज, सूर्य बरेली बदायूं मुरादाबाद शाहजहांपुर
36. वाच्छिल अत्रयवच्छिल चन्द्र मथुरा बुलन्दशहर शाहजहांपुर
37. बढगूजर वशिष्ठ सूर्य अनूपशहर एटा अलीगढ मैनपुरी मुरादाबाद हिसार गुडगांव जयपुर
38. झाला मरीच कश्यप चन्द्र धागधरा मेवाड झालावाड कोटा
39. गौतम गौतम ब्रह्मक्षत्रिय राजा अर्गल फ़तेहपुर
40. रैकवार भारद्वाज सूर्य बहरायच सीतापुर बाराबंकी
41. करचुल हैहय कृष्णात्रेय चन्द्र बलिया फ़ैजाबाद अवध
42. चन्देल चान्द्रायन चन्द्रवंशी गिद्धौर कानपुर फ़र्रुखाबाद बुन्देलखंड पंजाब गुजरात
43. जनवार कौशल्य सोलंकी शाखा बलरामपुर अवध के जिलों में
44. बहरेलिया भारद्वाज वैस की गोद सिसोदिया रायबरेली बाराबंकी
45. दीत्तत कश्यप सूर्यवंश की शाखा उन्नाव बस्ती प्रतापगढ़ जौनपुर रायबरेली बांदा
46. सिलार शौनिक चन्द्र सूरत राजपूतानी
47. सिकरवार भारद्वाज बढगूजर ग्वालियर आगरा और उत्तरप्रदेश में
48. सुरवार गर्ग सूर्य कठियावाड में
49. सुर्वैया वशिष्ठ यदुवंश काठियावाड
50. मोरी ब्रह्मगौतम सूर्य मथुरा आगरा धौलपुर
51. टांक (तत्तक) शौनिक नागवंश मैनपुरी और पंजाब
52. गुप्त गार्ग्य चन्द्र अब इस वंश का पता नही है
53. कौशिक कौशिक चन्द्र बलिया आजमगढ गोरखपुर
54. भृगुवंशी भार्गव चन्द्र बनारस बलिया आजमगढ़ गोरखपुर
55. गर्गवंशी गर्ग ब्रह्मक्षत्रिय नृसिंहपुर सुल्तानपुर
56. पडियारिया, देवल,सांकृतसाम ब्रह्मक्षत्रिय राजपूताना
57. ननवग कौशल्य चन्द्र जौनपुर जिला
58. वनाफ़र पाराशर,कश्यप चन्द्र बुन्देलखन्ड बांदा वनारस
59. जैसवार कश्यप यदुवंशी मिर्जापुर एटा मैनपुरी
60. चौलवंश भारद्वाज सूर्य दक्षिण मद्रास तमिलनाडु कर्नाटक में
61. निमवंशी कश्यप सूर्य संयुक्त प्रांत
62. वैनवंशी वैन्य सोमवंशी मिर्जापुर
63. दाहिमा गार्गेय ब्रह्मक्षत्रिय काठियावाड राजपूताना
64. पुंडीर कपिल ब्रह्मक्षत्रिय पंजाब गुजरात रींवा यू.पी.
65. तुलवा आत्रेय चन्द्र राजाविजयनगर
66. कटोच कश्यप भूमिवंश राजानादौन कोटकांगडा
67. चावडा,पंवार,चोहान,वर्तमान कुमावत वशिष्ठ पंवार की शाखा मलवा रतलाम उज्जैन गुजरात मेवाड
68. अहवन वशिष्ठ चावडा,कुमावत खीरी हरदोई सीतापुर बाराबंकी
69. डौडिया वशिष्ठ पंवार शाखा बुलंद शहर मुरादाबाद बांदा मेवाड गल्वा पंजाब
70. गोहिल बैजबापेण गहलोत शाखा काठियावाड
71. बुन्देला कश्यप गहरवार शाखा बुन्देलखंड के रजवाडे
72. काठी कश्यप गहरवार शाखा काठियावाड झांसी बांदा
73. जोहिया पाराशर चन्द्र पंजाब देश मे
74. गढावंशी कांवायन चन्द्र गढावाडी के लिंग पट्टम में
75. मौखरी अत्रय चन्द्र प्राचीन राजवंश था
76. लिच्छिवी कश्यप सूर्य प्राचीन राजवंश था
77. बाकाटक विष्णुवर्धन सूर्य अब पता नहीं चलता है
78. पाल कश्यप सूर्य यह वंश सम्पूर्ण भारत में बिखर गया है
79. सैन अत्रय ब्रह्मक्षत्रिय यह वंश भी भारत में बिखर गया है
80. कदम्ब मान्डग्य ब्रह्मक्षत्रिय दक्षिण महाराष्ट्र मे हैं
81. पोलच भारद्वाज ब्रह्मक्षत्रिय दक्षिण में मराठा के पास में है
82. बाणवंश कश्यप असुर वंश श्रीलंका और दक्षिण भारत में,कैन्या जावा में
83. काकुतीय भारद्वाज चन्द्र, प्राचीन सूर्य था अब पता नहीं मिलता है
84. सुणग वंश भारद्वाज चन्द्र,प्राचीन सूर्य था, अब पता नहीं मिलता है
85. दहिया कश्यप राठौड शाखा मारवाड में जोधपुर
86. जेठवा कश्यप हनुमानवंशी राजधूमली काठियावाड
87. मोहिल वत्स चौहान शाखा महाराष्ट्र मे है
88. बल्ला भारद्वाज सूर्य काठियावाड़ में मिलते हैं
89. डाबी वशिष्ठ यदुवंश राजस्थान
90. खरवड वशिष्ठ यदुवंश मेवाड उदयपुर
91. सुकेत भारद्वाज गौड की शाखा पंजाब में पहाडी राजा
92. पांड्य अत्रय चन्द अब इस वंश का पता नहीं
93. पठानिया पाराशर वनाफ़रशाखा पठानकोट राजा पंजाब
94. बमटेला शांडल्य विसेन शाखा हरदोई फ़र्रुखाबाद
95. बारहगैया वत्स चौहान गाजीपुर
96. भैंसोलिया वत्स चौहान भैंसोल गाग सुल्तानपुर
97. चन्दोसिया भारद्वाज वैस सुल्तानपुर
98. चौपटखम्ब कश्यप ब्रह्मक्षत्रिय जौनपुर
99. धाकरे भारद्वाज(भृगु) ब्रह्मक्षत्रिय आगरा मथुरा मैनपुरी इटावा हरदोई बुलन्दशहर
100. धन्वस्त यमदागिनी ब्रह्मक्षत्रिय जौनपुर आजमगढ़ बनारस
101. धेकाहा कश्यप पंवार की शाखा भोजपुर शाहाबाद
102. दोबर(दोनवर) वत्स या कश्यप ब्रह्मक्षत्रिय गाजीपुर बलिया आजमगढ़ गोरखपुर
103. हरद्वार भार्गव चन्द्र शाखा आजमगढ
104. जायस कश्यप राठौड की शाखा रायबरेली मथुरा
105. जरोलिया व्याघ्रपद चन्द्र बुलन्दशहर
106. जसावत मानव्य कछवाह शाखा मथुरा आगरा
107. जोतियाना(भुटियाना) मानव्य कश्यप,कछवाह शाखा मुजफ़्फ़रनगर मेरठ
108. घोडेवाहा मानव्य कछवाह शाखा लुधियाना होशियारपुर जालंधर
109. कछनिया शांडिल्य ब्रह्मक्षत्रिय अवध के जिलों में
110. काकन भृगु ब्रह्मक्षत्रिय गाजीपुर आजमगढ
111. कासिब कश्यप कछवाह शाखा शाहजहांपुर
112. किनवार कश्यप सेंगर की शाखा पूर्व बंगाल और बिहार में
113. बरहिया गौतम सेंगर की शाखा पूर्व बंगाल और बिहार
114. लौतमिया भारद्वाज बढगूजर शाखा बलिया गाजीपुर शाहाबाद
115. मौनस मानव्य कछवाह शाखा मिर्जापुर प्रयाग जौनपुर
116. नगबक मानव्य कछवाह शाखा जौनपुर आजमगढ़ मिर्जापुर
117. पलवार व्याघ्र सोमवंशी शाखा आजमगढ़ फैजाबाद गोरखपुर
118. रायजादे पाराशर चन्द्र की शाखा पूर्व अवध में
119. सिंहेल कश्यप सूर्य आजमगढ़ परगना मोहम्दाबाद
120. तरकड कश्यप दीक्षित शाखा आगरा मथुरा
121. तिसहिया कौशल्य परिहार इलाहाबाद परगना हंडिया
122. तिरोता कश्यप तंवर की शाखा आरा शाहाबाद भोजपुर
123. उदमतिया वत्स ब्रह्मक्षत्रिय आजमगढ गोरखपुर
124. भाले वशिष्ठ पंवार अलीगढ
125. भालेसुल्तान भारद्वाज वैस की शाखा रायबरेली लखनऊ उन्नाव
126. जैवार व्याघ्र तंवर की शाखा दतिया झांसी बुंदेलखंड
127. सरगैयां व्याघ्र सोम वंश हमीरपुर बुन्देलखण्ड
128. किसनातिल अत्रय तोमर शाखा दतिया बुन्देलखंड
129. टडैया भारद्वाज सोलंकी शाखा झांसी ललितपुर बुंदेलखंड
130. खागर अत्रय यदुवंश शाखा जालौन हमीरपुर झांसी
131. पिपरिया भारद्वाज गौडों की शाखा बुंदेलखंड
132. सिरसवार अत्रय चन्द्र शाखा बुन्देलखंड
133. खींचर वत्स चौहान शाखा फतेहपुर में असौंथड राज्य
134. खाती कश्यप दीक्षित शाखा बुंदेलखंड, राजस्थान में कम संख्या होने के कारण इन्हें बढई गिना जाने लगा
135. आहडिया बैजवापेण गहलोत आजमगढ
136. उदावत बैजवापेण गहलोत आजमगढ
137. उजैने वशिष्ठ पंवार आरा डुमरिया
138. अमेठिया भारद्वाज गौड अमेठी लखनऊ सीतापुर
139. दुर्गवंशी कश्यप दीक्षित राजा जौनपुर राजाबाजार
140. बिलखरिया कश्यप दीक्षित प्रतापगढ उमरी राजा
141. डोमरा कश्यप सूर्य कश्मीर राज्य और बलिया
142. निर्वाण वत्स चौहान राजपूताना (राजस्थान)
143. जाटू व्याघ्र तोमर राजस्थान,हिसार पंजाब
144. नरौनी मानव्य कछवाहा बलिया आरा
145. भनवग भारद्वाज कनपुरिया जौनपुर व भदोही 
146. देवरिया वशिष्ठ पंवार बिहार मुंगेर भागलपुर
147. रक्षेल कश्यप सूर्य रीवा राज्य में बघेलखंड
148. कटारिया भारद्वाज सोलंकी झांसी मालवा बुंदेलखंड
149. रजवार वत्स चौहान पूर्व में बुन्देलखंड
150. द्वार व्याघ्र तोमर जालौन झांसी हमीरपुर
151. इन्दौरिया व्याघ्र तोमर आगरा मथुरा बुलन्दशहर
152. छोकर अत्रय यदुवंश अलीगढ़ मथुरा बुलन्दशहर
153. जांगडा वत्स चौहान बुलंदशहर पूर्व में झांसी
154.   वाच्छिल, अत्रयवच्छिल, चन्द्र, मथुरा बुलन्दशहर शाहजहांपुर
155.   सड़ माल  सूर्य  भारद्वाज  जम्मू - कश्मीर , साम्बा , कठुआ , 
156.   रावत राजपूत की गोत्र उपलब्ध जानकारी के अनुसार रावत राजपूत  का गोत्र भारद्वाज और वेद यजुर्वेद है.


नोट -
  1. क्षत्रियों का इतिहास गौरवशाली है और पूर्व में और भी विस्तृत रहा है। इस लेख का प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। अगर आपके हिसाब से कोई त्रुटि या सुधार संभव हो तो कमेंट के माध्यम से जरूर रखे त्रुटि को दूर किया जायेगा।
  2. अगर कोई क्षत्रिय-राजपूत शाखा इसमें नहीं जुडी है तो उसे भी अवगत कराये उसे भी सही श्रेणी में जोड़ा जाएगा ताकि अपने नये क्षत्रिय भाई अपने इतिहास से अवगत हो सके। इस काम में आपके सहयोग की अपेक्षा है और बिना सामूहिक सहयोग के यह सम्भव भी नहीं है। इस बारे में आपके पास कोई जानकारी हो तो पर PRAMENDRAPS@जीमेल.COM पर ईमेल करें।
  3. क्षत्रिय वंशावली से सम्‍बन्धित अन्‍य लेख ऐतिहासिक साक्ष्यों पर आधारित राजपूतों-क्षत्रियों की वंशावली लिखा गया है, जिसे उस पेज पर जा कर पढ़ा जा सकता है।
धन्यवाद सहित

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680 टिप्‍पणियां:

«सबसे पुराना   ‹पुराने   680 का 201 – 400   नए›   नवीनतम»
STAR ने कहा…

36 कुल आते हैं और इनको गोत्र में खोल कर लिखा जाएगा तो पूर्ण हो जाएगी, इसमें ज्यादातर राजस्थान से संबंधित राजपूतों का वर्णन किया गया है

ROYALPUNJABTRANSPORTCO. ने कहा…

Meet
Battwal Rajput (raghuwansi)
Jammu Kashmir Himachal Punjab Rajsthan Haryana
Bartwal Rajput Garhwal

Lal Bahadur Bam, Rajawar ने कहा…

क्र.स थर गोत्र वंश स्थान
1 पाल शौनक रघुवंश डोटी, नेपाल, असकोट कुमाऊँ
2 रघुवंशी कश्यप, वशिष्ठ रघुवंश जम्मु कश्मीर, हिमाञ्चल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र,
3 बम शौनक रघुवंश नेपाल, डोटी , वोगटान
4 वोगटी शौनक रघुवंश डोटी, वोगटान नेपाल
5 रजवार शौनक रघुवंश डोटी, नेपाल
6 सिह शौनक रघुवंश डोटी, नेपाल

Unknown ने कहा…

KALHANS RAJPUT OF DISSIT GONDA (U.P)

Unknown ने कहा…

KALHANS RAJPUT OF DISSIT GONDA (U.P)

Unknown ने कहा…

Hum kalhans k bare m kuch likha hi nahi

STAR ने कहा…

शेखावत, शकतावत, राणावत सभी कछवाहा में आते हैं कच्छवाहा का इतिहास देखिए.

STAR ने कहा…

राणावत, शेखावत, सकतावत कच्छवाहा राजपूत हैं जिसके लिए सूर्यवंशी कच्छवाहा गोत्र का इतिहास देखें.

STAR ने कहा…

शेखावत, सकतावत, राणावत के लिए सूर्यवंशी कच्छवाहा गोत्र का इतिहास देखें

STAR ने कहा…

नागवंश सूर्यवंश में जोड दिया गया था अब नाग वंश सूर्य वंश कि शाखा है

बेनामी ने कहा…

लोधी राजपूत होते है
और जिनको जानकारी न हो तो लोधी इतिहास देखे
कभी इनकी असली लोधियों से मुलाकात नहीं हुई है न

Unknown ने कहा…

जरूर जितेंद्र भाई ,
आज तक मैं भी wait कर रहा ।

Ayuman ने कहा…

गरवाल वंश का गोत्र क्या है कोई बताएगा plzz

बेनामी ने कहा…

BANDHALGOTI RAJPUT here ! Need some detailed analysis on the same. What is the lineage of us ? What exactly is the clan ? Are we Suryavanshi, Raghuvanshi or Chandravanshi or Agnivanshi or Nagvanshi... Damn this is so confusing.
Clear my doubts.
Thanks in advance !

MrAmar deep rajput ने कहा…

Jaiswar bulandsahar me 104 goun village hai.

Vinay Rawat ने कहा…

Rawat rajput ka gotra nhi mention hai..?
Please tell some information about Rawat.


jaimangal singh ने कहा…

First read history then comment shivaji was kurmvansi kshatriya if u have doubt go & ask there offspring
Also gwalior kingdom sindhiya is also kurmi kshatriya

Unknown ने कहा…

परमार राजपूत बारे क्यो नही जानकारी

STAR ने कहा…

शेखावत जाति नही शाखा है कच्छवाहा सूर्य वंशी राजपूत के कृप्या उसमें google कीजिए

Unknown ने कहा…

uttar pradesh me deoria ke rajput jo rao title likhte hai gotra kaundilya hai unke bare me kya jankari hai kripya btayen...

Unknown ने कहा…

बागड़ी राजपूत वंश की सखाओ में क्यों नही है

Unknown ने कहा…

Sachora Chouhan Ko nhi batya bhai

Unknown ने कहा…

Bhaiyo
Ye,ओड़ राजपूत
Kon h or
Iske baare me btao

Unknown ने कहा…

Kaundal Rajputs of Himachal Pradesh is not mentioned here

बेनामी ने कहा…

Phool singh Sir Banger rajput k bare mai Puri jankari bta dijiye my contact number is 9058120177

Unknown ने कहा…

Kundal rajput kaha hai ,gotra kashyap hai

Unknown ने कहा…

Chandravamsh ke bare me bole

Unknown ने कहा…

Khamma ghani sa. Are chauhan comes in suryavanshi not in agnivanshi.

Unknown ने कहा…

Kshtriya-nikumbh, gotra-vashisth ke bare main batayen.inke kul devi/Devta,kis sakha
Se ye belong krte hain

Unknown ने कहा…

Kshtriya-nikumbh,gotra-vashisth ke bare main batayen

Unknown ने कहा…

Sir Rohilla Rajput ko govt ki TRF se manyta milegi

Unknown ने कहा…

Sir Rohilla Rajput ko govt ki TRF se manyta kB milegi

Unknown ने कहा…

महथान राजपूत को सूची मे असथान नही दिया गया है .कृप्या इसमे सुधार करने की कृपा करे

Unknown ने कहा…

I M FROM RAJASTAN ORIGIN & BELONGS FROM SOMVANSHI SAHASRARJUN KSHATRIYA VANSHI RAJKUMAR WITH TAAK SURNAME . KYA KOI BATA PAYEGA MERA GOTRA AUR MERI KULDEVTA

Live with Ash ने कहा…

Sikarwar rajputon ke bare m information provide krao

Unknown ने कहा…

कोई खंगार समाज का इतिहास बताओ

Unknown ने कहा…

It's not complete my gotra Bhilwara

Unknown ने कहा…

इसके अंदर काफी गोत्र नहीं है जैसे कि गोत्र Bhilwariya भीलवारिया,राजपूत होते हैं बट इसके अंदर यह गोत्र नहीं है कृपया करके इस गोत्र को भी इसमें ऐड किया जाए

गुरुकुल अखण्ड भारत ने कहा…

हां जी हर caste व का विवरण उसके वंश व वंशावली के आधार पर ही होता है

बेनामी ने कहा…

Ham ko braah ya wryah Rajputo ke bare me wansh aadi ke bare me btao.ya punjab haryana me rehte hai

Unknown ने कहा…

भैया मकवाना गोत्र मारीच हैं चन्द्रवंशी हे कितीँगढ ,सिकरीगढ,बलुचिसतान,कुतंलपुर,नेपाल में मकवानपुरी हैं गढ थे

Unknown ने कहा…

Jay maa Bhawani

Unknown ने कहा…

Kakan Rajput ke bare mai bta do koi

बेनामी ने कहा…

निर्वाण राजपूत -
गोत्र - वत्स
वंश - चौहान
स्थान जिला - राजपुताना (राजस्थान)

Unknown ने कहा…

Raghuvanshi "NAYAK" Rajputs ke bare me btaiye please

Unknown ने कहा…

भाई गाईं राजपूत के संबंध में पूर्ण जानकारी देने का कष्ट करें। जहाँ तक हमे जानकारी दिया गया है उससे यही पता चलता है कि गाईं राजपूत वत्स गोत्र से आते हैं । अभी इनकी संख्या अच्छी खाशी है जो उत्तरी बिहार में रहते हैं। इनकी कुलदेवता के संबंध में बताइये ।

Raghu ने कहा…

Raghu are Rajput or not

Unknown ने कहा…

plz fast javab dena ye chitroda Rajput ke bare me janna tha kisi ne hamko ko phusa hai plz

Unknown ने कहा…

छौंकर राजपूत के बारे में आपके पास जो भी जानकारी हो । कृपया मुझे जरूर शेयर कर दें। धन्यवाद।

बेनामी ने कहा…

भाई कोई कलहंस राजपूत के बारे मे बताएगा

Unknown ने कहा…

Mathan rajpoot ke bare me bataye

Unknown ने कहा…

SUMAL GOTR KINSEY SABBATH RAKHTA HAI

Unknown ने कहा…

Dhekaha v koi rajput h kya please update me detail about the same

बेनामी ने कहा…

Lodhi mtlb lwadh humare yha

Unknown ने कहा…

He told the Chhatrapur Bali Bali of Mahu district Murana that the Chhatrapur was there and he was the goddess of this, but please tell it quickly.

Unknown ने कहा…

Thanx for information

Unknown ने कहा…

Srinet rajput ka vansawali bistar se bataye

Unknown ने कहा…

Nanavag vansh ki kul devi aurinke bare me bataye plz.

Unknown ने कहा…

No duggals are punjabi

Unknown ने कहा…

yadav kshatriya hote hai ya nahi

Unknown ने कहा…

Pundir Ka gotra galat likha hai. Pundir Ka gotra pulastya hai

Unknown ने कहा…

Pundir Ka sahi gotra Pulastya hai

Unknown ने कहा…

Kya aap yr batyenge no. 1 thakur kaun se hote h

Arvind kumawat ने कहा…

Apne is list meh kumawat rajput ko bhi add kiya h hukm ap iske mare meh kuch btayenge

Unknown ने कहा…

Gotra of somvanshi rajput is vyagrah . Pls correct this

Unknown ने कहा…

Kya Aap borana rajput ke bare me jante hai????

Unknown ने कहा…

Patlaan (Chauhan Rawa Rajput) ke baare me btao

Unknown ने कहा…

जय माँ भगवती और जानकारी शेयर करने की कृपा कीजिए

Unknown ने कहा…

bhai mera gotra malanhansh h men konse wansh k hun

Unknown ने कहा…

Oud rajputon ka kya itihaas hai.
Inki shuruaat kahan se hui aur inmein mashhoor raja kaun hai.
Inki vanshavali inhe maharaja sagar ka vanshaj batati hai. Aur ye haryana aur paschim up mein kaafi taadaad mein hai. Kripya inke baare mein bataye.

Unknown ने कहा…

Lodh rajput nahi jaise ahir yaduvsnsi ho gaye ye to hamari .pahchan mitane ki sajis hai

Unknown ने कहा…

Aap bandhal gotri kshatriye ke bare me parkas dale

Unknown ने कहा…

ये कैसे कह सकते हैं आप की कठ्हरिय ही रोहिला ठाकुर हैं और वहीं के हैं मुझे विस्तार से बताएँ आप मेरा नंबर 9455134405 है

Unknown ने कहा…

Tell the history about the oud suryavanshi rajputs. This clan takes their lineage from King sagar. They are found in abundance in haryana and west uttar Pradesh. Please let us know about further about them.

Unknown ने कहा…

Bilkul

Unknown ने कहा…

सभी भाटी वंश के राजपूतोंकामूल गोत्र अत्रि है। अनेक इतिहासकारो ने जैस्वारो का ही नही बल्कि कई अन्य भाटी राजपूतों का गोत्र अलग अलग बताया है।गोत्र के अज्ञानता के कारण कोई भी राजपूत वर्मा नही होजाएगा वह राजपूत ही रहेगा। समझे वर्मा जी। वैसे बताने का कष्ट करें कि आप ने यह प्रश्न क्यो पूछा जैसवार से आप का क्या संबंध है। आप किस जाति के है।क्योंकि वर्मा तो सुनार, कायस्थ,कुर्मी तथा अनुसूचित जाति के लोग भी लिखते है। आप क्या है, बताये ।

Rohilla rajput ने कहा…

Rohilla Rajputs???

jagdev singh ने कहा…

my name jagdev singh khanyal rajput jammu khanyal rajput our konsi distic me hai

jagdev singh ने कहा…

khanyal राजपूत के बारे में आपके पास जो भी जानकारी हो । कृपया मुझे जरूर शेयर कर दें। धन्यवाद।

Unknown ने कहा…

Dabi rajput O ke bare me btaye


2

Unknown ने कहा…

Aur Hamare Raikwar Rajput ke bare me to kuch sachai nhi dikhti kyuki mera gotra to vashisht hai aur Ham to Bihar ke hai

Unknown ने कहा…

Hamara itihas me kya role raha kuch bataiye..Mai bus itna hi janta hu Rathor vansh ki yeh ek branch hai

Unknown ने कहा…

Haryana m Rajput shorewale k bare m janki do..
Our state m unko beldar.lonia.nunere.nonia.Sorgar.shergir.gola.Thakur.k naam se jante h...

Gotr..
1.Sarviya.Saria
2.parmar.pavar.palonda
3.kathwal.katheriya
4.Salote.Solanki.
5.Sakeshele.Sikerwar
6.purbiya
7.Songara.Suneha.Sungoti
8.dhakre.dheria
9.Sisodiya.gahlot
10.tapriya
11.badoria.bansoliya.banthria
12.Nimgoti.Nimvansh
13.Khushwah.khushmaria
14.chokkar
15.Shonkar.Shengar
16.Sharda
Or b bahut h... please jankari do
Rajput Thakur k bare m

Unknown ने कहा…

हम टेटीया राजपूत हैं और हमारा गोत्र कश्यप है ऐसे हम लोग उज्जैन भी कहते हैं इसका कोई जिक्र नहीं हुआ है

Unknown ने कहा…

Lodhi rajpoot nhi hai

Unknown ने कहा…

Bhai jeswar rajput hote he kya please comment

Vikram Singh ने कहा…

Kewara rajput jo bihar ke aurangabad district ke Arthua aur Garhbaniya village me bahut pahle se hai ,sath hi jharkahnd ke palamu district me bhi hai inke bare me kuch jankari Dr

Vikram Singh ने कहा…

Dada se mili jankari ke according maingarh haryana ke basinde batayae jate hai kewara rajput. Iski puri jankari de, kewara rajput ka gotra chandrayan bataya Gaya hai

बेनामी ने कहा…

दांगी rajput ke bare main bataye...

Unknown ने कहा…

vala rajput kaha gaye

Unknown ने कहा…

मुझे गर्व है कि मै रघुवंशी क्षत्रिय हूं

Unknown ने कहा…

Mera pura naam hai Deepak chauhan or gotra hai tomar uske baare me kuch nhi btaya apne

Unknown ने कहा…

Shekhawat gotr kha hai esmy

Unknown ने कहा…

Shekhawat to suryvansi hai Lekin ka koi jikar hi hai suryvans me

Tanuj Rohilla Rajput ने कहा…

Bhai sahab rohilla rajput ke bare m kuch bta skty ho

Tanuj Rohilla Rajput ने कहा…

Rohilla rajput k bare m bta de bhai

Unknown ने कहा…

Raghubeer Singh Bundela

Unknown ने कहा…

Tanwar or tomar ek hi hote hai tomar mp me or tanwar rajasthan me likhte h

Unknown ने कहा…

Please elaborate more about chandels as well.

Shivam Singh Katiyar ने कहा…

भाई कटियार राजपूत के बारे में विस्तार से जानकारी दो

RPS ने कहा…

No.49 मे सरवैया राजपूत वंश है वो चंद्रवंश से है और अत्रि गोत्र है। सौराष्ट्र मे जूनागढ मे राज था। जूनागढ रा' वंश की शाखा सरवैया,चूडासमा और रायजादा है, जो तीनो भाई है।

Mayank Bhardwaj ने कहा…

Rawani Kshtriya (Chandrvansha)-
Gotra Bhardwaja,
Ved Yajurveda,
Kukdevi- Banni Devi,

बेनामी ने कहा…

You forget Vaghela

Raaj singh ने कहा…

Plz mujhe panchoutar Rajput k bare me btaye Jinja gotra kasyap hai ye Bihar k Chhapra me hai kuch details ho to plzzzz reply as soon as.

बेनामी ने कहा…

Rawani Kshtriya:
Jarasandh Vanshi (Chandrvanshi Kshtriya)
Kuldevi: Banni Mata, Van Durga


Unknown ने कहा…

Sir sayad aap bihar me rawani chandravanshi rajput ko bhul gye jo ki jarasandh ke vansaj hai

Ravinder Rohilla ने कहा…

रोहिल्लखांड के रोहिल्ला उपाधि वाले क्षत्रिय 18 शाखा निकुंभ राठौड़ चौहान बडगुजर सिकरवार गहलोत सिसोदिया बुंदेला पुंडीर

बेनामी ने कहा…

Jhala rajput is suryavanshi not chandravanshi. Are you mad?

बेनामी ने कहा…

Raghuvanshi kaun hote h ????

Sunny bawari ने कहा…

Sir hamara surname bawari hai
Plz hamara gotra aur vansh k baare me bataye
Hum bhi rajput hai

Unknown ने कहा…

Jays gotr ke bare me or kuch btao

ARUN singh ने कहा…

DHEKAHA RAJPUT JO KI APNE BATAYA SAMARAT PRASENJEET KE VANSAJ HAI KACHHAWAHA SURYAVANSI HAI JINKA GOTRA KASHYAP HAI.PARMARO KA GOTRA VASHISHT HAI.

समय सिंह पुंडीर ने कहा…

रोहिलखण्ड कठेहर के रोहिल्ला राजपूतो का इतिहास गोत्र वन्स क्यो नही लिखा
पुण्डीर को चन्द्र वंसी कपिल लिखा है जबकि पुण्डीर सूर्य वंसी लव के वंसज राजऋषि पुण्डरीक के वंसज है ऋषि गोत्र पुलस्त्य है

समय सिंह पुंडीर ने कहा…

काठी कौम सूर्य वन्स निकुम्भ ने कठियवाड कठेहर रोहिलखण्ड स्थापित कर 800 साल दिल्ली सुल्तानों को धूल चटाई अपने रोहिल्ला राजपूत छोड़ दिया है कठेहर के सभी राजपूत रोहिला राजपूत है

Unknown ने कहा…

Kaushik rajpoot Ka history kuchh bataye

Unknown ने कहा…

Kaushik rajpoot Ka history kuchh bataye

Unknown ने कहा…

From where Rajput came in India?????

Unknown ने कहा…

Chandrawanshi Lodhi Thakur kshatriya Rajput ka naam nahi hya Chandrawansh me lodhi aate hta

Unknown ने कहा…

U

Unknown ने कहा…

Sikarwar nd devda rajput k description to btaya hi nhi ??????

Hritikraj Rajput ने कहा…

Mangeeee

बेनामी ने कहा…

Even I have the same question.

Unknown ने कहा…

बघेल राजपूत का भी परिचय दीजिये

Unknown ने कहा…

This grate rajput

Unknown ने कहा…

जादौन गोत्र कहां है हुकुम इसमें

STAR ने कहा…

Rawat from Chauhan.

STAR ने कहा…

धाकरे राजपूत भोम वंश से सूर्य वंशी हैं प्रागज्योतिषपुर के राजा थे जिसे आज आसाम कहते हैं लेकिन अहोम वंश जो चीन से था उनसे युद्ध में हार गए थे व कमरूप तक सीमित हो गए थे लेकिन उन्होंने उत्कल (उडीसा) को जीत लिया था बाद में पाल वंश से हारने के बाद उत्तर कोशल (बुंदेलखंड) कि तरफ प्रस्थान किया व चंदेल राजा धग कि सेना में शामिल हो गए व राजा धग ने सेनापति विचित्र सिंह ढाका के नेतृत्व में अजमेर कि रक्षा के लिए सेना भेजी थी उसमें धाकरे राजपूतों का अलग दस्ते थे व अजमेर कि रक्षा के लिए धाकरे राजपूत अजमेर में हि बस गए थे जो 200 वर्षों तक चौहान सेना का हिस्सा भी रहे थे पृथ्वीराज चव्हाण के मरने के बाद 1600 ईस्वी में राठोरों ने हमला करके इनकी जमीने छीन ली व वहाँ से आगरा के आसपास आकर बस गए थे और आज भी ज्यादातर उसी एरिया में रहते हैं धाकरे राजपूतों कि भी बहुत सी शाखाएं हैं

STAR ने कहा…

असल में गोत्र सिर्फ 7 ही होते हैं व ये सूत्र है जो लिखे हैं व सूत्रों कि भी बहुत सी शाखाएं हैं यदि शुरू से विश्लेषण किया जाए तो एक - 2 सूत्र में कई - 2 शाखाएं ओर खुल जाती हैं कई जगह तो पदवी को ही लगाना शुरू कर दिया है जैसे रावत एक पदवी थी चौहान सेना में आज नाम के साथ लगाते हैं ऎसे बहुत सी पदवी बहादुरी के लिए दि जाती थी..

STAR ने कहा…

मुडैड पंजाब के पुराने राजवंश थे जो ज्यादातर गद्दी टूटने के बाद दूसरे काम करने लग गए थे जैसे सुनार आदि का...

chandan singh chandel ने कहा…

chandel h hm

Manas Ranjan lenka ने कहा…

Bhai odisha m bhi Rajput hote h....wo khaa gye
Mera surname (Lenka)h or hum ek Kshatriya h
Plss Odisha k state k Rajput k baare m btao

Manas Ranjan lenka ने कहा…

Khandayat (from Sanskrit khandâ-âyata, "master of the sword") is a caste of Odisha in India. Khandayats are one of the largest and were the highest caste of Odisha throughout its medieval history except for last century where Brahmins dominated caste in Orissa, constituting around 18% of the state's population. Khandayats were mainly involved in ruling and operating the body of society in ancient to medieval era. After Turkic-Mongol invasion of Northern India, when warrior clans and societies had almost lost their power and dominance, Khandayats in Odisha were still prosperous politically and did much to protect the land of Odisha free from foreign incursions.[1] They are a regional sub-caste of the warrior caste such as Rajputs or Khatris, and are mainly concentrated in Odisha.[2]

Manas Ranjan lenka ने कहा…


Subdivisions
Khandayats are divided into various clans under the common division of the Khandayat jāti. The four are listed as Agnivanshi, Suryanvanshi, Nagavanshi and Chandravanshi. It is considered that Khandayats are one homogeneous community, however this community is divided into various class strata along with the a fore-mentioned clans. But these divisions are of a social nature and has no effect on religious customs or rituals. At the first are Rajputia Khandayats, which consists of the erstwhile royal families, next is Sresth-Khandayats, who are generally people related to the royal family or people whose forefathers' actions have been of noteworthy to the kingdoms in the medieval ages, and then the normal Khandayats, who are traditionally warriors, and at peacetime, educators, agriculturalists, and distinguished leaders of towns and villages.[8]

Unknown ने कहा…

चौहान क्षत्रिय को लोनिया क्यों कहते है,कृपया भाई मुझे बताओ।

Unknown ने कहा…

क्या ये राजपूत वंश है।

Unknown ने कहा…

Kachchi Kushwaha kon hote he.. ???

Or Kushwaha Thakur or Kachwaha ,Kachhi Sab ek hi hote he kya ???

Unknown ने कहा…

Bhai Rawat nahi h list me

Unknown ने कहा…

Bhai zala Suryavanshi hai
Hamare sakha me likha hai

Unknown ने कहा…

Tell me more about rishiwansh gotr karcholi rajputs.

Unknown ने कहा…

सोनगरा राजपूत जो कि चौहान वंश की शाखा है उसको आपने नहीं लिखा प्लीज् उनके बारे में जानकारी दे दीजिए

समय सिंह पुंडीर ने कहा…

कठेहर रोहिलखण्ड जिसने निरन्तर 400 साल ओर अंटारालो में 400 साल 800 साल दिल्ली सल्तनत की सेनाओं को धूल चटाई यहां वाछिल चौहान राठौड़ गौड़ गहलोत परमार राजपूत ओर निकुम्भ वंसी काठी राजपूत शासन करते थे 909 से 1742 तक 800 साल संघर्ष कर राजपूतो के शौर्य का सम्मान बचाने वाले ये कठेहर के कठेहरिया राजपूत रोहिले राजपूत है जिनके ऋषि गोत्र वशिष्ट गौतम भारद्वाज ओर वत्स है आपने लिस्ट में कही नही लिया बुंदेला है चंदेला है रोहिल्ला नही है

समय सिंह पुंडीर ने कहा…

पुण्डीर को चन्द्र वन्स क्यो बताया है किस जगह लिखा है बताइये, पुण्डीर तो सूर्य वंशी महाराज लव के वंसज पुण्डरीक के वंसज है ऋषि गोत्र पौलस्त्य है कोंन से पुण्डीर की बात कर रहे आप स्पष्ट कीजिए

Unknown ने कहा…

Bari rajput k baate m bataye kahi kahi p ye jikra h ki bari vansh bali k bhai sugriv k ladke dadhiwal Jin hone ravan k ladke narantak ka vadh kiya tha bari jati par kuch research kariye yahi bari aage chalkar dobar donvar kshatriya kehlaye iss jati ka praman bhut se granth puran was ram charitramanas m bhi milta h

Unknown ने कहा…

Lodhi rajput nahi hote Obc se belong karte hai

Unknown ने कहा…

मै सूर्यवंशी हू (इलाहाबाद) प्रयागरज कुम्भ नगरी
ये भी आप के लिस्ट मे समलित नहीं है

Unknown ने कहा…

बहोत अच्छी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जाणकारी उपलब्ध कराई आपणे आपकी इस साईड के मध्यम से आपका आभार
जय राजपुताना

Unknown ने कहा…

Rahishwal Rajput Ka BHI ullekh nahi Kiya Gaya Hain Yaha pr

Unknown ने कहा…

Harivansham .ka Nahi hai .

Unknown ने कहा…

(शाक्य राजपूतो) के बारे में यदि आपको कोई जानकारी हो तो कृपया जरूर बताएं।
धन्यवाद

Unknown ने कहा…

(शाक्य राजपूतो) के बारे में यदि आपको कोई जानकारी हो तो कृपया जरूर बताएं
धन्यवाद

Unknown ने कहा…

Sir apne mainpuri Chauhan ke bare me nahi likha hai iske atrikat aapne bahut se rajput ke bare me nahi likha hai jaise:- harivansh narawani, malgobwa ,sirmor, gajkeshar, kalchuri, or bhi bahut hai

Unknown ने कहा…

Beldar sc caste me aate hai yh kisi bhi caste ka surname use karte jaise Singh,chauhan use krna chalu kar diye.yh hamesha beldar hi rahenge surname lagane se Rajput nhi ban sakte.

Unknown ने कहा…

Badgujjar
Ashawari mata

Unknown ने कहा…

Bhai jay mataji isme (VAJA) RAJPUT NAHI HE? Aur UN ka itihas nahi he bhai

Unknown ने कहा…

Jay mataji bhai esma (Vaja) Rajput ka itihas nahi he

Rajasthan Tours ने कहा…

I am proud of Rathore Rajput (Jai Singh Rathore) #bestindiatourpackages.com

बेनामी ने कहा…

सचोरा चौहान क्या है, कहा पाए जाते हैं, पहले स्पष्ट करें।

Unknown ने कहा…

Dist.sitapur me kaha jata hai ki aadhe me gaur aadhe me aur Thakur rahte hai

priyansha mobile repairing ने कहा…

Sir dhura suryanvanshi Rajput ke bare me kuchh bataiye......

Unknown ने कहा…

Bahi muze pars gotra ke bare me janna hi

Rudra ने कहा…

भाई कठेरिया राजपूत जो रोहिखण्ड में जिनका गढ़ है उसके बाबर में कोई जानकारी नही दी गयी है

Kailash ने कहा…

काली पहाड़ी राजस्थान के कछवाहा की कौन सी खाप है

जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने कहा…

रघुवंशी भी भारत के विभिन्न स्थानो में आज भी वर्तामान है भाई। रघुवंशियो का गोत्र कश्यप है।सवंत 1207 में बाबा नयन देव अयोध्या का दनुवा रियास का त्याग किये जिंसके वंशज वाराणासी के कटेहर परगना तथा जौनपुर के डोभी परगना में वर्त्तमान है। यही कटेहर से जाम्मू,पँ बंगाल,विहार,गाजीपुर,चंदौली में वर्त्तमान है। कटेहर तथा डोभी के रघुवंशियो की वंशावली सतयुग से लेकर आज तक के गोंद गोंद के वच्चो तक का वर्णन मिलेगा।

जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने कहा…

रघुवंशियो एक मात्र गोत्र कश्यप है।भले ही भारत के विभिन्न स्थानों में रघुवंशी अनेख शाखाओं तथा अनेख गोत्रों से आज भी है। परंतु वाराणासी के कटेहर परगना तथा जौंनपुर के डोभी परगना के रघुवंशियो का गोत्र कश्यप है। सवंत 1207 में अयोध्या के दनुवा रियासत बाबा नयनदेव ने त्याग किया जिनका वंशज वाराणासी के कटेहर परगाना तथा जौंनपुर के डोभी परगना में वर्त्तमान है,यही कटेहर परगना से जाम्मू,पँ बंगाल,विहार के रौंनी, गाजीपुर,चंदौली में वर्तमान है। जिनकी रघुवंश वंशावली भाग 1 में सतयुग से लेकर आज तक का गोंद गोंद तक का वच्चो तक वर्णन किया गया है। सोलहवीं सदी में दक्षिण कौशल से जो रघुवंशी अयोध्या का त्याग किये वो मध्यप्रदेश में है। इसके अलावा सुल्तान पुर में भी रघुवंशी पाये जाते है।

Unknown ने कहा…

खरवड़ राजपूत में कितनी साखे होती है बताइये plese

Unknown ने कहा…

मुजे भी जानना है हुक्म

Unknown ने कहा…

Rawat kon jaat me aate h har jagah ise SC kahte h

Unknown ने कहा…

Rawat rajput ke Bargat gotra ka list chahiye

Vishal Singh ने कहा…

Bhai kuch bhumihar kehte hain ki wo brahmkshatriya hain. Kripya jaankari de ki kya wo sach me brahmkshatriya hain ya phir nahi.
Main chandel rajput hoon.

Unknown ने कहा…

Shekhawat Rajput ke baare me kha btaya gya hai

Unknown ने कहा…

Want to know about ranaut family history

Unknown ने कहा…

Jija bayi ke pita lalku yadav rai tha they r yadav community sahi hai kurmi nahi tha

Unknown ने कहा…

Kakan rajput ks bare me kuchh jankari do bhai

Abhishek Thakur ने कहा…

Mera papa btatein ha ki hmm sandal rajput ha . Sandal akshr khi dikha hi nhi sandal hamari gotr batatein haa or mera papa himachal se ha . Kya aaap kuch jaankari do ge

Abhishek Thakur ने कहा…

Papa kehte ha ki hmm sandal rajput haa . Mtlb sandl hmari gotr ha hmm himachal se ha kuch bta skte ho??

Unknown ने कहा…

Good

Unknown ने कहा…

Bhai mujhe Mahori Rajput uttrakhand ke vansh or gotra ke baare me bataiye

Unknown ने कहा…

Somvanshi kiske kul se ate hai aur inka gotra aur vansh kaha we shuru huva

Unknown ने कहा…

Somvanshi ke bare me batye

Unknown ने कहा…

Bhal rajpoot miss hai

Unknown ने कहा…

Bhal rajpoot miss kyon h..

Unknown ने कहा…

Bhal rajpoot miss kyon h..

Unknown ने कहा…

Plz add & describe for Payak Rajput

INDER LAL RAJPUT ने कहा…

Oad Rajput konse vansh ka h

Unknown ने कहा…

Katariya Thakur ki,gotra.mounas ke bare me bataye mujhe

Unknown ने कहा…

Where is Bhamu gotre in Mair rajput. Related to maharana Pratap.

Unknown ने कहा…

बेरूआर राजपूत जो चन्द्र वंश से है के बारे मे जानकारी दे

Unknown ने कहा…

Somvanshi Rajput Pratapgarh ke baiya gotra ke baare main likhe

Unknown ने कहा…

गलत हैं

Unknown ने कहा…

Gajkesar rajput ko mention nhi kiya gaya hai. I want to know about gajkesar

Abhishek Singh ने कहा…

Gajkesar rajput ke bare me mention kare. Aur information de.

Unknown ने कहा…

Tapriyal Rajputon ke bare me btayen. Gotr Shandilya

Ashu ने कहा…

Haryakwans bhi koi rajpit hota hai Kya? Agr haan to uska gotra Kya hota h

Ashu ने कहा…

Haryakwans bhi koi rajpit hota hai Kya? Agar haan to uska gotra Kya hota hai?

Unknown ने कहा…

Tank vans ki koldevi kon sir h Tank Rawna Rajput

Virendra Singh ने कहा…

मान्यवर जी जैसा कि आपने क्रमांक संख्या 92 पर पांडव क्षत्रिय जिक्र किया है और आपने लिखा है कि वह अब इस देश में नहीं है जो की चंद्रवंश आत्रेय गोत्र से है वह लोग अभी भी इस देश में है यह लोग भारत देश के उतर प्रदेश के गोंडा बस्ती फैजाबाद में बहुल संख्या मे है व प्रदेश के अन्य बहुत सारे जिलों में भी हैं जो कि अब यहां राणा छत्रिय के नाम से जाने जाते हैं कुछ लोग इन को घर रुक भी बुलाते हैं अतः आपसे सादर निवेदन है कि आप अपने दिए गए विस्तृत जानकारी में सुधार करें आपकी अति महान कृपा होगी

Virendra Singh ने कहा…

मान्यवर जी आपको क्रमांक संख्या 92 पर पांडव क्षत्रिय के संबंध में जानकारी अवगत कराना चाहता हूं जैसा कि आपने लिखा है पांडव क्षत्रिय का अब इस देश में पता नहीं है मैं आपको अवगत कराता हूं पांडव क्षत्रिय चंद्र वंश अत्रय गोत्र भारत के उत्तर प्रदेश में गोंडा बस्ती फैजाबाद बाराबंकी लखनऊ बहुल संख्या में हैं देश के कई हिस्सों में और भी हैं अब पांडव क्षत्रिय राणा क्षत्रिय के नाम से गोंडा बस्ती फैजाबाद में जाने जाते हैं अतः आपसे सादर निवेदन है की विस्तृत जानकारी में सुधार करने की कृपा करें आप की महान कृपा होगी

RAJENDRA RAJPUT ने कहा…

Ham ko to bhola hi diya

Unknown ने कहा…

VAGHELA (RAJPUT) KYO NAHI LIKHA HE


Himanshu raj ने कहा…

Bhai mujhe mahthan rajput ke bare mein batao

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