काकोरी कांड- काकोरी कांड स्वतंत्रता संग्राम की एक स्वर्णिम घटनाओं में से एक है । 9 अगस्त 1925 को रामप्रसाद बिस्मिल सहित करीब 10 क्रान्तिकारियों ने ट्रेन लूटने की योजना बनाई थी। काकोरी रेलवे स्टेशन से जैसे ही ट्रेन थोड़ा आगे बढ़ी, बिस्मिल ने चेन खींच कर ट्रेन रोक दी। इसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, ठाकुर रौशन सिंह और चन्द्र शेखर आजाद भी शामिल थे, जिन्होंने ट्रेन के इंजन और उसके ड्राइवर को कब्जे में कर रखा था। क्रांतिकारियों ने ट्रेन से 8000 रूपए की चोरी की थी। इस घटना के बाद इससे सम्बंधित क्रांतिकारियों को पकडने के लिए अंग्रेजों ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया। डेढ़ साल मुकदमा चलने के बाद अशफाक उल्लाह खान, राम प्रसाद बिस्मिल और राजेंद्र नाथ लिहाड़ी को फांसी की सजा दे दी गई।
रामप्रसाद बिस्मिल- राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को यूपी के शाहजहांपुर में हुआ था। बिस्मिल भारत के महान क्रान्तिकारी, अग्रणी स्वतन्त्रता सेनानी व उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार थे। उन्होंने हिन्दुस्तान की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी। बिस्मिल को काकोरी कांड में अंग्रेजों ने 19 दिसंबर 1927 को फांसी की सजा दे दी।
अशफाक उल्लाह खान- इनका जन्म शाहजहांपुर के एक पठान परिवार में 22 अक्टूबर 1900 को हुआ था । अशफाक और बिस्मिल दोनों बेहद घनिष्ठ मित्र थे। दोनों ने ही हिन्दी और उर्दू में देस भक्ति का कई कविताएं और शायरी लिखी हैं। इन्होंने बिस्मिल के साथ मिल कर 1925 में काकोरी कांड को अजांम दिया, जिसके चलते इन्हें 19 दिसंबर 1927 को बिस्मिल के साथ फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया ।
रामप्रसाद बिस्मिल- राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को यूपी के शाहजहांपुर में हुआ था। बिस्मिल भारत के महान क्रान्तिकारी, अग्रणी स्वतन्त्रता सेनानी व उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार थे। उन्होंने हिन्दुस्तान की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी। बिस्मिल को काकोरी कांड में अंग्रेजों ने 19 दिसंबर 1927 को फांसी की सजा दे दी।
अशफाक उल्लाह खान- इनका जन्म शाहजहांपुर के एक पठान परिवार में 22 अक्टूबर 1900 को हुआ था । अशफाक और बिस्मिल दोनों बेहद घनिष्ठ मित्र थे। दोनों ने ही हिन्दी और उर्दू में देस भक्ति का कई कविताएं और शायरी लिखी हैं। इन्होंने बिस्मिल के साथ मिल कर 1925 में काकोरी कांड को अजांम दिया, जिसके चलते इन्हें 19 दिसंबर 1927 को बिस्मिल के साथ फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया ।
रौशन सिंह- ठाकुर रौशन सिंह का जन्म यूपी के शाहजहांपुर में एक ठाकुर परिवार में हुआ था। काकोरी कांड में रौशन सिंह ने बिस्मिल का साथ दिया था । जिसके चलते इनको भी बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान के साथ 19 दिसंबर को फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया गया ।
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