दर्द-ए-पेशावर : 32 लोगों की मौत
- सेक्युलर रुदालियाँ आज हैरान है कि रोये तो किसके लिए ?
- अभी अभी गगन भेदी आकाशवाणी हुई, आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता
- 26/11 और 16/12, तब धरती हमारी थी हथियार तुम्हारे थे, आज धरती भी तुम्हारी है हथियार भी तुम्हारे है, हमे दुख कल भी था आज भी है
- मैंने मारे खुदा के बन्दे यूँ ही क्योंकि खुदा उनको मुस्कराने वजह देता है..
- ख़ुदा गज़ब तेरे कारनामे कि आज काफ़िर भी मुसलमानों के बच्चों के लिए रो रहे है..
- मैं बड़ा होकर सभी आतंकवादियों को मार दूंगा। उन्होंने मेरे भाई को मार डाला। मैं उन्हें बख्शूंगा नहीं, एक-एक को मार डालूंगा।
- मेरे बेटे को नकली बंदूक से भी डर लगता था, असली बंदूक देखकर उस पर क्या गुजरी होगी।
- मैं बड़ा होकर सभी आतंकवादियों को मार दूंगा। उन्होंने मेरे भाई को मार डाला। मैं उन्हें बख्शूंगा नहीं, एक-एक को मार डालूंगा।
- एक बच्चे को पाल-पोसकर बड़ा करने में 20 साल लगते हैं, उन्हें मारने में दो सेकंड्स भी नहीं लगे।
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