भारतीय राजव्यवस्था के कुछ तथ्य
- राजनीति विज्ञान की दृष्टि से भारत है- एक राज्य
- उत्तर प्रदेश है- एक प्रांत या इकाई
- भारत है- एक गणराज्य
- गणराज्य का अर्थ है- राज्य का सर्वोच्च पदाधिकारी जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से निर्वाचित हो।
- भारत में राज्य का प्रधान है- राष्ट्रपति
- भारत में शासन का प्रधान है- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति नाम मात्र का शासक है जबकि प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद वास्तविक ।
- भारत में संसदात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया गया है जबकि अमेरिका में अध्क्षात्मक को।
- संसदात्मक शासन व्यवस्था में वास्तविक कार्यपालिका संसद में से ली जाती है तथा उसी के प्रति उत्तरदायी होती है।
- राष्ट्रपति निर्वाचित होता है जबकि प्रधानमंत्री नियुक्त।
- राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रुप से होता है।
- राष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनो सदनों व प्रांतीय विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
- मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग नहीं लेते हैं।
- प्रांतीय विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग नहीं लेते हैं।
- राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत प्रणाली से होता है।
- राष्ट्रपति बनने के लिए लोकसभा सदस्य बनने के लिए आवश्यक योग्यता तथा 35 वर्ष की आयु चाहिए।
- राष्ट्रपति के पुनर्निवाचन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
- राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अथवा उनकी अनुपस्थिति में वरिष्ठतम न्यायाधीश शपथ दिलाते हैं।
- राष्ट्रपति का कार्यकाल शपथ ग्रहण की दिनांक से प्रारंभ होता है न कि निर्वाचित होने की दिनांक से।
- राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है।
- राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति तथा उनकी भी अनुपस्थिति में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति के रुप में कार्य करते हैं।
- राष्ट्रपति के वेतन तथा भत्ते भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं।
- भारत में दो निधियां हैं- संचित तथा आकस्मिक निधि।
- महाभियोग केवल राष्ट्रपति पर लगाया जाता है अन्य पदाधिकारियों पर केवल पद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया जाता है।
- महाभियोग से पूर्व राष्ट्रपति को 14 दिन का नोटिस देना आवश्यक है।
- राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंपते हैं।
- मंत्रिपरिषद संवैधानिक संस्था है जबकि मंत्रिमण्डल गैरसंवैधानिक।
- मंत्रिपरिषद में 3 स्तर के मंत्री होते हैं- केबीनेट,राज्य तथा उप मंत्री।
- मंत्रिमण्डल में केवल केबीनेट स्तर के।
- प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संसद के सदस्य बने बिना कोई व्यक्ति 6 माह तक प्रधानमंत्री या मंत्री रह सकता है।
- किसी भी दल को बहुमत प्राप्त न होने अथवा बहुमत दल में कोई सर्वमान्य नेता उपलब्ध न होने की स्थिति में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति में स्वविवेक का प्रयोग कर सकते हैं।
- मंत्रियों की नियुक्ति में राष्ट्रपति स्वविवेक का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
- आपात काल के 3 प्रकार हैं- राष्ट्रीय, राज्य तथा वित्तीय।
- आपात काल मंत्रिपरिषद के लिखित परामर्श पर राष्ट्रपति द्वारा लागू किया जाता है।
- उपराष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं।
- उपराष्ट्रपति के चुनाव में केवल संसद के सदस्य भाग लेते हैं, राज्य विधानसभा सदस्य नहीं।
- उपराष्ट्रपति को अपने पद का कोई वेतन नहीं मिलता, उन्हे राज्यसभा के सभापति होने के नाते वेतन मिलता है।
- राज्यसभा का सदस्य ना होते हुए भी उपराष्ट्रपति इसके पदेन सभापति होते हैं।
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