इंसान जीवन में रोटी कपड़ा और मकान के लिए मेहनत करता हैं। लेकिन अक्सर वह मेहनत के दौरान कपड़े और मकान पर तो ध्यान देता हैं जबकि रोटी यानी खाने पर उतना ध्यान नहीं देता। यही वजह है कि आजकल हर दिन कोई नई बीमारी युवाओं को अपना शिकार बना रही है। हमारी परंपरा में भोजन के कुछ सामान्य नियम हैं, हर इंसान को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, उसे कब और क्या खाना है जिससे वह अपने आपको स्वस्थ रख सके। सेहतमंद और तरोताजा बने रहने के लिए जरूरी है घर के हर सदस्य को पता हो खान-पान से संबंधी उपयोगी एवं आवश्यक जानकारियां आइए उन्हें जानते हैं।
कब और कैसे खाएं
क्या और क्यों खाएं
कब और कैसे खाएं
- बिना प्रातः स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए।
- भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए।
- भोजन को कभी भी ठूस-ठूंसकर नहीं खाना चाहिए। इससे कई रोग हो सकते हैं।
- भोजन तीन-चैथाई पेट ही करना चाहिए।
- भूख लगने पर पानी और प्यास लगने पर भोजन नहीं करना चाहिए, अन्यथा स्वास्थ्य को हानि पहुचती है। जैसे खाने की आवश्यकता महसूस होने पर उसे पानी पीकर समाप्त करने की कोशिश या प्यास लगने पर कुछ भी खाकर प्यास को टाल देना गलत है।
- भोजन के बीच में प्यास लगने पर थोड़ा-थोड़ा करके पानी पीना चाहिए। भोजन के तुरंत पहले या अंत में तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए।
- हजार काम छोड़कर नियमित समय पर भोजन करें।
- बासी, ठंडा, कच्चा अथवा जला हुआ और दोबारा गर्म किया हुआ भोजन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं होता।
- खाने के साथ सलाद और अंत में फल जरूर खाएं।
- भोजन पच जाने पर ही दूसरी बार भोजन करना चाहिए।
- प्रातः भोजन के बाद शाम को यदि अजीर्ण मालूम हो तो कुछ नर्म भोजन लिया जा सकता है। परन्तु रात्रि को भोजन के बाद प्रातः अजीर्ण हो तो बिल्कुल भोजन नहीं करना चाहिए।
- भोजन के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए।
क्या और क्यों खाएं
- आप अपनी डाइट में विटामिन को शामिल करना चाहतें हैं, तो खाने में मेथी, पालक, सहजन और दूसरी पत्तेदार सब्जियों का होना जरूरी है।
- एक मध्यम आकार के शकरकंद में लगभग 100 कैलोरी होती है। शकरकंद में बीटा-कैरोटीन होते हैं। इसके अलावा पोटैशियम व मैग्नीशियम जैसे खनिज मौजूद होते हैं। सप्ताह में 2 या 3 बार शकरकंद खाएं।
- संतरे में विटामिन सी होता है। यह विटामिन टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करता है। यह आयरन के अवशोषण में भी मददगार होता है। यह खनिज थकावट और लो एनर्जी को दूर करता है। एक दिन में एक संतरा खाएं और 200 मिली संतरे का जूस पिएं।
- सूप को भी डाइट में शामिल करना जरूरी है। कोशिश करें कि एक कप लो कैलोरी और लो सोडियम वेजिटेबल सूप एक दिन में पिएं। एक स्टडी में पाया गया है कि दिन में दो बार सूप पीने वाला व्यक्ति उसी कैलोरी में स्नैक्स खाने वाले व्यक्ति की तुलना में तेजी से वेट लाॅस करता है।
- एक कप पालक में 40 कैलोरी होती है। इतनी मात्रा आपके दिनभर की कुल फाइबर जरूरत का 20 प्रतिशत है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम की अच्छी स्रोत हैं। यह मांसपेशियों के संकुचन में मददगार होती है।
- जिन लोगों को हाई ब्लडप्रेशर की परेशानी हो, उन्हें डाइट लेने में सावधानी बरतनी चाहिए। कैल्शियम के लिए वे स्किम्ड मिल्क, बींस व दाल जैसे चना, मूंग लें, जबकि मैग्नीशियम के लिए साबुत अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी और साबुत गेहूं का आटा डाइट में शामिल करें। पोटैशियम के लिए गहरे रंग के फल और सब्जियां खूब खाएं।
- ये सभी ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखते हैं। भोजन में रोजाना 5 ग्राम या इससे अधिक फाइबर लेने से भी हाई कोलेस्ट्राॅल, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे की समस्या 30 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
- सामान्य मसालों में लौंग प्राकृतिक रूप से एंटी आॅक्सीडेंट का सबसे बढि या स्रोत है। इसलिए मसालों में इसको जरूर शामिल करें।
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