कहा जाता है कि सुख-दुख इंसान के कर्मों के फल हैं। वह जैसा बीज बोता है उसे वैसा ही फल मिल जाता है। वास्तु, अध्यात्म और ज्योतिष आदि में सफल व सुखी जीवन के सूत्र इसीलिए बनाए गए हैं ताकि मनुष्य शुभ काम करे और उसे शुभ फल प्राप्त हो। अनजाने में किए गए कुछ कार्य उसके दुख का कारण भी बन सकते हैं। सभी शास्त्र ऐसे कार्यों से दूर रहने का उपदेश देते हैं। आप भी जानिए सुखी जीवन के लिए किन कार्यों से दूर रहना चाहिए।
- मुख्य द्वार के पास या सामने कूड़ादान न रखें और न ही वहां पानी इकट्ठा होने दें। इससे पड़ोसी भी शत्रु हो जाते हैं।
- रात को सोने से पहले रसोई में एक बाल्टी पानी भरकर रखें। इससे घर में सुख व समृद्धि का वास होता है। खाली बाल्टी घर में तनाव और चिंता लेकर आती है।
- सूर्यास्त के बाद किसी के घर दूध, दही, नमक, तेल और प्याज लेने न जाएं। इससे जीवन में बाधाएं आती हैं और कष्टों का सामना करना पड़ता है। साथ ही परिजनों का मान-सम्मान कमजोर होता है।
- जब यात्रा के लिए निकलें तो घर से पूरे परिवार को एक साथ नहीं निकलना चाहिए। इससे घर की लक्ष्मी और यश का नाश होता है।
- छत पर पुराने मटके या फूटे हुए बर्तन नहीं रखने चाहिए। खासतौर से रसाईघर की छत पर पुरानी चीजें न रखें। ये गरीबी को आमंत्रण देते हैं।
- कभी किसी की गरीबी, अपंगता या रोग का मजाक न बनाएं और न उसकी नकल करें। संभव हो तो उसकी यथाशक्ति सहायता करें। किसी की लाचारी का मजाक बनाने से जीवन में दुर्भाग्य का आगमन होता है और उस व्यक्ति को उसका दंड मिलता है।
- टूटे हुए दर्पण में चेहरा देखना या टूटे हुए कंघे का उपयोग करने से भी अशुभ फल मिलता है। माना जाता है कि इससे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है जो शुभ कार्यों में बाधा पहुंचाती है।
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