कंप्यूटर पर हिन्दी भाषा लेखन के लिए आईटी टूल्स



भाषा, अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और मानव जीवन का अभिन्न अंग है। संप्रेषण के द्वारा ही मनुष्य सूचनाओं का आदान प्रदान एवं उसे संग्रहित करता है। सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक अथवा राजनीतिक कारणों से विभिन्न मानवी समूहों का आपस में संपर्क बन जाता है। गत शताब्दी में सूचना और संपर्क के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रांती ने ज्ञान के द्वार खोल दिये है। बुद्धि एवं भाषा के मिलाप से सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे आर्थिक संपन्नता की ओर भारत अग्रसर हो रहा है। इलेक्ट्रानिक वाणिज्य के रूप में ई-कॉमर्स, इंटरनेट द्वारा डाक भेजना, ई-मेल द्वारा संभव हुआ है। ऑनलाईन सरकारी कामकाज विषयक ई-प्रशासन, ई-बैंकिंग द्वारा बैंक व्यवहार ऑनलाईन, शिक्षा सामग्री के लिए ई-एज्यूकेशन आदि माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के बहु आयामी उपयोग के कारण विकास के नये द्वार खुल रहे हैं। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रयोगों का अनुसंधान करके विकास की गति को बढ़ाया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी में सूचना, आँकडे़ (डेटा) तथा ज्ञान का आदान प्रदान मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में फैल गया है। हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथ अन्य बहुत से क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास दिखाई पड़ता है। इलेक्ट्रानिक तथा डिजीटल उपकरणों की सहायता से इस क्षेत्र में निरंतर प्रयोग हो रहें हैं। आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल विलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफल हुई है। इस नये युग में ई-कॉमर्स, ई-मेडीसिन, ई-एज्यूकेशन, ई-गवर्नंस, ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग आदि इलेक्ट्रानिक माध्यमों का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी आज शक्ति एवं विकास का प्रतीक बनी है। कंप्यूटर युग के संचार साधनों में सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से हम सूचना समाज में प्रवेश कर रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस अधिकतम देन के ज्ञान एवं इनका सार्थक उपयोग करते हुए, उनसे लाभान्वित होने की सभी को आवश्यकता है।
विकसित होने वाला क्षेत्र है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आई क्रांति दूसरी औद्योगिक क्रांति मानी जा रही है। आधुनिक विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी में इलेक्ट्रॉनिकी का महत्वपूर्ण स्थान है, इसे अंतरिक्ष, संचार, रक्षा, कृषि, विनिर्माण, मनोरंजन, रोजगार सृजन तथा राष्ट्रीय प्राथमिक्ताओं को तय करने में मुख्य भूमिका निभानी होती है। यदि राजभाषा हिन्दी को सम्मान देकर उपयोग में लाया जाएगा तो जन-जन तक दूर क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यो में जन-भागीदारी की जा सकेगी। सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी का उपयोग करके इसको विश्वव्यापी स्तर पर अपनी भूमिका निभाने योग्य बनाने में राष्ट्रभाषा का महत्वपूर्ण कार्य कर सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी में राष्ट्रभाषा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसके द्वारा विस्तार की असीम संभावनाएं है तथा इसे उचित महत्व हमारी आस्था एंव अनुष्ठान से ही मिलना संभव है। इसी कड़ी में राजभाषा विभाग, गृह  मंत्रालय द्वारा भरसक प्रयत्न इस दिशा में किये जा रहे हैं, जैसे कि राजभाषा को बढ़ावा देने के लिए बहुत से टूल्स एवं साफ्टवेयर राजभाषा विभाग द्वारा विकसित किये गए हैं।

हिन्दी आई टी टूल्स का प्रयोग 

यूनिकोड को सक्रिय करना : कंप्यूटर पर हिन्दी के प्रयोग के लिए पहली आवश्यकता यूनिकोड को सक्रिय करने की होती है। यूनिकोड एनकोडिंग को सक्रिय करते ही कंप्यूटर किसी भी भाषा में काम करने के लिए सक्षम हो जाता है । यूनिकोड सक्रिय कैसे करें? कृपया देखें

कुंजीपटल / कीबोर्ड के विकल्प :
यूनिकोड को सक्रिय करने के बाद अपनी आवश्यकता के अनुसार कीबोर्ड के विकल्प का चयन कर, उसे इन्स्टाल करना होता है। मुख्यतः तीन विकल्प हैंः
1. इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड
2. रेमिंग्टन कीबोर्ड
3. फोनेटिक कीबोर्ड

इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड मानक कीबोर्ड है तथा यह सभी ओपेरेटिंग सिस्टम्स (विंडोज़, लिनिक्स, बोस, मैकबुक आदि) में पहले से ही उपलब्ध है। इसे भारतीय भाषाओं के लिए यूनिवर्सल कीबोर्ड भी कहा जा सकता है। इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड पर किसी एक भारतीय भाषा की टाइपिंग सीख लेने के बाद किसी भी भारतीय भाषा की टाइपिंग की जा सकती है क्योंकि सभी भारतीय भाषाओं के लिए इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड एक समान है। भाषा इण्डिया पर इंडिक  स्क्रिप्ट ट्यूटर  नाम से एक सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जिसकी सहायता से इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट सीखा जा सकता है। हिन्दी इन्स्क्रिप्ट टाइपिंग सीखने के लिए टीडीआईएल की साइट से निशुल्क हिन्दी इनस्क्रिप्ट टाइपिंग ट्यूटर डाउनलोड किया जा सकता है।
हिन्दी फोंट्स में  केवल यूनिकोड समर्थित फॉन्ट का ही प्रयोग अधिकृत है। इससे फाइलों के लेन-देन में समस्या नहीं होती है। माइक्रोसॉफ्ट तथा एप्पल ओएस वाले सिस्टम में पहले से ही यूनिकोड मंगल सहित कई देवनागरी यूनिकोड फॉन्ट उपलब्ध हैं। अतिरिक्त यूनिकोड समर्थित फोंट्स ILDC से डाउनलोड किये जा सकते हैं। कंप्यूटर पर हिन्दी के प्रयोग के लिए अनेक अन्य टूल्स भी उपलब्ध हैं।

फोनेटिक टूल्स
  • केवल अंग्रेजी अथवा रोमन लिपि में टाइपिंग का ज्ञान होने पर भी हिन्दी देवनागरी में टाइप करने के लिए फोनेटिक टूल्स का प्रयोग किया जा सकता है। इसके भी बहुत विकल्प हैं। माइक्रोसॉफ्ट का टूल डाउनलोड कर सकते हैं। (इसके लिए आपके कंप्यूटर में NET FRAMEWORK अर्थात डॉटनेट फिक्स 2.0 - 3.5 इंस्टाल होना जरूरी है।)
  • गूगल टूल डाउनलोड कर सकते हैं।

श्रुतलेखन (स्पीच टू टैक्स्ट टूल)
  • इस विधि में प्रयोक्ता माइक्रोफोन में बोलता है तथा कम्प्यूटर में मौजूद स्पीच टू टैक्स्ट प्रोग्राम उसे प्रोसैस कर पाठ/टैक्स्ट में बदलकर लिखता है। इस प्रकार का कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर को श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर कहते हैं। यह टूल राजभाषा विभाग की साइट पर उपलब्ध () है।
मंत्र-राजभाषा
  • मंत्र-राजभाषा एक मशीन साधित अनुवाद सिस्टम है, जो राजभाषा के प्रशासनिक, वित्तीय, कृषि, लघु उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य रक्षा, शिक्षा एवं बैंकिंग क्षेत्रों के दस्तावेजों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद करता है। यह टूल राजभाषा विभाग की साइट पर उपलब्ध है।
ई-महाशब्दकोश
ई-महाशब्दकोश एक द्विभाषी-द्विआयामी उच्चारण शब्दकोश है। ई-महाशब्दकोश की विशेषताएं निम्न प्रकार हैंः-
  • देवनागरी लिपि यूनिकोड फोन्ट में
  • हिन्दी/अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण
  • स्पष्ट प्रारूप, आसान व त्वरित शब्द खोज
  • अक्षर क्रम में शब्द सूची, सीधा शब्द खोज
  • अंग्रेजी/हिन्दी अक्षरों द्वारा शब्द खोज
  • स्पीच इंटरफेस के साथ हिन्दी शब्द का उच्चारण 
यह टूल राजभाषा विभाग की साइट पर उपलब्ध है। प्रयोग के लिए लिंक पर जाए। इन टूल्स के प्रयोग से राजभाषा को समझने व इसमें कार्य करने के लिए कितनी आसानी होगी, आप इसमें कार्य करने के बाद ही जान पाएंगे। 

सूचना क्रांति के इस दौर में चारों ओर तेजी से परिवर्तन हो रहा है, हर देश अपनी प्रगति की रफ्तार तेज और दुरुस्त करने में लगा हुआ है, जाहिर है कि इस रफ्तार से सूचना प्रौद्योगिकी के नए युग में सब कुछ पूर्ववत नहीं रहेगा अर्थात् बदलाव अवश्य आएगा और इससे स्वतः ही अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के दौर का सूत्रपात हो जाएगा, अब यदि प्रतिस्पर्धा की दौड़ में शामिल होना है और इससे डट कर मुकाबला करना है तो निःसंकोच आगे बढ़ना होगा। प्रौद्योगिकी के विकास में भाषा की अहम भूमिका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। हमारे देश के संदर्भ में स्वाभाविक है कि यहां की संपर्क भाषा, जन-भाषा हिन्दी की महत्ता से, उसकी उपयोगिता से, उससे संपर्क सूत्र की बहुलता से इंकार नहीं किया जा सकता। सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रचार-प्रसार एंव जनाधार को बढ़ाने में हिन्दी भाषा की भूमिका एक पुल के समान है जो समाज विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के दो हिस्सों को जोड़ने का कार्य कर सकती है।


Share:

कोई टिप्पणी नहीं: