आम फलों का राजा है। कहते हैं यह इस भूतल पर अमरपुरी अर्थात स्वर्ग से आया है, इसी से इसका नाम अमृत फल हुआ, दूसरा देवफल तथा तीसरा सर्वप्रिय फल है क्योंकि इस फल को बच्चे, युवा, वृद्ध सभी यहाँ तक कि पक्षी भी बड़े चाव से खाते हैं और पसंद करते हैं, अतः इस फल के एक किस्म का नाम दिल पसंद है। आम स्वाद में ही नहीं, गुणों में भी राजा है। हिन्दी में आम को आम, नृपप्रिय, सर्वप्रिय, फलश्रेष्ठ, पिकवल्लभ आदि कहते हैं। संस्कृत में आम को आम्र, मराठी में आम को आम्बा, गुजराती में अंबो व कैरिनुझाड़, बंगला में आम्र, तमिल में मांगई, मलयालम में मआंग, सिंधी में अंब, कश्मीरी में अम्ब आदि कहते हैं।
भारत विश्व का सबसे ज्यादा आम का उत्पादन देश है। पूरे विश्व में आम का जितना भी उत्पादन होता है उसमें से 63% उत्पादन भारत में होता है। आम की हजारों किस्में पाई जाती हैं जैसे तोता, लंगड़ा, सफेदा, दशहरी, चौसा आदि। पके हुए आम में रासायनिक तत्व काफी अधिक मात्रा में होते हैं। आम का फल पौष्टिक और शक्तिदायक होता है। आम एक रुचिकर फल है। बच्चे, बुडे और जवान सभी आम खाना पसंद करते हैं। आम का फल बहुत ही स्वादिष्ट और मीठा होता है। गर्मी के मौसम में आम और दूध का शेक बनाकर पीते हैं। आम का फल हमारे शरीर के कई बिमारियों में लाभदायक है जैसे छय रोग आखों के रोग, पेट के रोग, उच्च रक्तचाप, पीलिया, कब्ज, अनीमिया बवासीर आदि।
अनेक औषधीय गुणों व उपयोगिता के अलावा इसका उपयोग अचार, चटनी, मुरब्बा, आम पापड़, जैली, शर्बत आदि बनाने में किया जाता है॰ वास्तव में यह स्वाद में सर्वश्रेष्ठ गुणों का भंडार है। भारत से इसका निर्यात किया जाता है। पका हुआ आम मीठा, चिकना, शक्ति बढ़ाने वाला, सुख व तृप्ति देने वाला, वायु का नाश करने वाला, कांति बढ़ाने वाला, ठंडा और खून को बढ़ाने वाला है। आयुर्वेद की दृष्टि में आम त्रिदोष नाशक है। आम रक्तवर्द्धक है, रक्ताल्पता को दूर करता है, आम से आँतों को बल मिलता है, पाचन शक्ति बढ़ती है, कब्ज दूर होती है और भूख बढ़ती है, यह वात, पित्त नाशक है। हमारे यहाँ इसे एक पवित्र वृक्ष माना जाता है तथा धार्मिक अनुष्ठानों में इसके पत्तों और शुष्क टहनियों का उपयोग होता है। मांगलिक अवसरों पर आम के पत्तों के तोरण घरों-मंडपों एवं मंदिरों पर बाँधे जाते हैं और नवरात्रि में कलश स्थापना के समय आम पल्लवों का उपयोग अनिवार्य माना जाता है।
आम का गूदा विटामिन ए तथा सी का अच्छा स्रोत है। इसके गूदे तथा गुठली दोनों में ही प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार आम के लगभग 100 ग्राम गूदे से 74 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
100 पके आम में 0.6 प्रतिशत प्रोटीन, 0.1 प्रतिशत वसा, 0.02 प्रतिशत फास्फोरस, 11.20 से 16.80 कार्बोहाड्रेट, 8.3 मिग्रा. लोहा, 8.3 मिग्रा निकोटिनिक एसिड, .18 से .56 प्रतिशत तक फौलिक एसिड, 480 अंतर्राष्ट्रीय इकाई कैरोटिन एवं 85.1 प्रतिशत पानी पाया जाता है।
आम में जो विटामिन सी पाया जाता है वह सेब में पाए जाने वाले विटामिन सी का 6 गुना होता है। एक विख्यात पाश्चात्य विद्वान ने आम का उल्लेख करते हुए लिखा है- आम पूरा भोजन है, विश्व का कोई भी फल आम की तुलना में ठहर नहीं सकता। अमेरिका के डॉ. विल्सन के अनुसार आम में मक्खन से सौ गुना अधिक पोषक तत्व विद्यमान है। उन्होंने परीक्षण कर यह सिद्ध किया है कि आम के उचित प्रयोग से शरीर के स्नायविक संस्थान को शक्ति मिलती है, शुद्ध रक्त बहुतायत से उत्पन्न होता है तथा शोर्य वीर्य की वृद्धि होती है। चरक ने हृदय रोगों के लिए 10 औषधियाँ निर्धारित की हैं, उनमें एक आम भी है। आम के सेवन से श्रुकाल्पताजन्य, नपुंसकत्व तथा मस्तिष्क, दौर्बल्य आदि के लक्षण शीघ्र दूर होते हैं। भाव प्रकाश ने लिखा है कि आम से नया खून अधिक मात्रा में बनता है और तपेदिक के रोगियों के लिए यह रामबाण औषधि है।
आम में जो विटामिन सी पाया जाता है वह सेब में पाए जाने वाले विटामिन सी का 6 गुना होता है। एक विख्यात पाश्चात्य विद्वान ने आम का उल्लेख करते हुए लिखा है- आम पूरा भोजन है, विश्व का कोई भी फल आम की तुलना में ठहर नहीं सकता। अमेरिका के डॉ. विल्सन के अनुसार आम में मक्खन से सौ गुना अधिक पोषक तत्व विद्यमान है। उन्होंने परीक्षण कर यह सिद्ध किया है कि आम के उचित प्रयोग से शरीर के स्नायविक संस्थान को शक्ति मिलती है, शुद्ध रक्त बहुतायत से उत्पन्न होता है तथा शोर्य वीर्य की वृद्धि होती है। चरक ने हृदय रोगों के लिए 10 औषधियाँ निर्धारित की हैं, उनमें एक आम भी है। आम के सेवन से श्रुकाल्पताजन्य, नपुंसकत्व तथा मस्तिष्क, दौर्बल्य आदि के लक्षण शीघ्र दूर होते हैं। भाव प्रकाश ने लिखा है कि आम से नया खून अधिक मात्रा में बनता है और तपेदिक के रोगियों के लिए यह रामबाण औषधि है।
आम के औषधीय उपयोग
- आम खाकर उपर से दूध पीना शक्तिवर्द्धक, स्फूर्तिदायक तो है ही साथ ही अनिद्रा ग्रस्त रोगियों के लिए भी यह रामबाण है।
- आम के रस में शहद मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से बढ़ी तिल्ली ठीक हो जाती है।
- आम और जामुन का रस मिलाकर पीने से मधुमेह में लाभ होता है।
- आम में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है, अतः आम नेत्र ज्योति के लिए बहुत लाभकारी है। रतौंधी के लिए चूसने वाला आम विशेष उपयोगी रहता है।
- पाचन संस्थान को सुदृढ़ करने के लिए मीठे आम के रस में थोड़ा सा नमक डालकर कुछ दिनों तक सेवन करें।
- क्षय रोगियों को चाहिए कि आम के मौसम में आम के एक कप रस में दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।
सावधानियां
- पके फल खाएं, बासी व कटे फल काम में न लें। आमों को एक घंटे पानी में भीगने दें। अधिक मात्रा में आम नहीं खाएँ मोटे।
- मधुमेह से ग्रस्त व पाइल्स रोगियों को सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
- हल्के हरे रंग के छोटे आकार के आम के पत्तों को तो़ड़ लें, उन्हें अच्छे से धोएं और छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर चबाइये।
- आम के कुछ पत्तों को तोड़िये और रात भर के लिये बर्तन में भिगो दें। सुबह इसका सेवन करें। ध्यान रखें इसका सेवन खाली पेट ही करें।
- पत्तियों को धो कर धूप में सुखाएं और पावडर बना लें। इस पावडर की एक चम्मच लें और एक गिलास पानी में मिलाकर पी लें। रोज सुबह एक चम्मच सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
- आम के फल के साथ-साथ पत्तों में भी विटामिन ए होता है, जो आंखों के लिये बेहद फायदेमंद होता है।
आम के पत्ते भी आंखों को खराब होने से बचा सकते हैं, साथ ही ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने में भी मदद करते हैं।
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