भारतीय दंड संहिता की धारा आईपीसी 151 आईपीसी



जो भी कोई व्यक्ति पांच या अधिक व्यक्तियों के किसी जनसमूह जिससे सार्वजनिक शांति में भंग होने की सम्भावना हो, जबकि ऐसे सभी जनसमूहों को बिखर जाने का समादेश विधिपूर्वक दे दिया गया हो, तब पर जानबूझकर शामिल हो या बना रहे, को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा।

सजा एवं अपराध की प्रकृति - छह महीने कारावास या जुर्माना या दोनों यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।


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