एसिड हमलों के संदर्भ मेंं भारतीय संसद ने विधि आयोग की सिफारिशों के अर्न्तगत भारतीय दंड संहिता की धारा 326 में संशोधन कर इसमें धारा 326 क और धारा 326 ख जोड़ने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी जिसे भारत के महा महीम राष्ट्रपति महोदय की संस्तुति भी मिल गयी। सर्वज्ञान है कि धारा 326 आईपीसी खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने से संबंधित है। इस धारा के तहत ऐसे अपराध के लिए दस साल से लेकर उम्र कैद तक की सज़ा का प्रावधान है। भारत सरकार ने भारतीय दंड संहिता में संशोधन करने का यह निर्णय लेकर धारा 326 क और धारा 326 ख को जोड़ दिया है जो निम्न रूप से है -
- 326 - क आईपीसी - भारतीय दंड संहिता - एसिड हमलेभारतीय दंड संहिता में शामिल धारा 326-क का संबंध किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझ कर किसी व्यक्ति पर तेजाब फेंक उसे स्थाई या आंशिक रूप से उसे कुरूप बनाये या शरीर के विभिन्न अंगों को गंभीर रूप से जख्मी करने जाने से है। यह एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है और इसके लिये दोषी व्यक्ति को कम से कम दस साल और अधिकतम उम्र कैद की सज़ा हो सकती है। इसके साथ ही उस पर उचित जुर्माना भी किया जायेगा और जुर्माने की रकम पीड़ित को देने का इसमें प्रावधान है।
326 - ख आईपीसी - भारतीय दंड संहिता - एसिड हमला करने का प्रयासआईपीसी की धारा 326-ख का संबंध किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझ कर किसी व्यक्ति पर तेजाब फेंकने या तेजाब फेंकने के प्रयास के अपराध से है। यह भी संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है और इसके लिये कम से कम पाँच साल और अधिकतम सात साल तक की सज़ा हो सकती है। इसके अलावा दोषी पर जुर्माना भी किया जाएगा।
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