इस भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों को सिर में दर्द की शिकायत रहती है। यह परेशानी बार-बार होने पर माइग्रेन का रूप ले लेती है। इस रोग को आधा सीसी का दर्द भी कहते है जिसमें सिर के आधा हिस्से में दर्द होता है। माइग्रेन का दर्द नार्मल सिर दर्द नहीं होता ये सिर के किसी भी भाग में हो सकता है और जब तेज दर्द होने की साथ उलटी भी आये तो परेशानी और बढ़ जाती है। माइग्रेन के कारण सिर के एक हिस्से में असहनीय तेज दर्द होने लगता है। कई बार तो यह दर्द मिनटों में ठीक हो जाता है तो कई बार यह दर्द घंटों तक बना रहता है। जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो आपका सिरदर्द और ब्लडप्रैशर हाई हो जाता है। ऐसा होने पर आप समझ जाएं कि आप माइग्रेन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अपनी मर्जी से कोई भी दर्द निवारक लेने के बजाएं डॉक्टरी जांच करवाना जरूरी है। जो भी डॉक्टर सलाह दे उस पर अमल करना भी जरूरी है।
डॉक्टरी सलाह के साथ साथ कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता हैं। इससे पहले हमने माइग्रेन सिर दर्द दूर करने के लिए रामबाण घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जाना है। इस रोग के इलाज में बाबा रामदेव की पतंजलि मेडिसिन, होम्योपैथिक इलाज, योग और प्राणायाम से भी काफी राहत मिलती है। इसके साथ-साथ इस बात की भी जानकारी होना जरूरी है कि माइग्रेन में क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए।
माइग्रेन का अर्थ हिंदी में (Migraine Meaning in Hindi)
माइग्रेन एक गंभीर दर्दनाक सिरदर्द के रूप में जाना किया जाता है, जो अक्सर अंधा धब्बे, मतली, उल्टी, प्रकाश की चमक, और हथियारों और पैरों में भी झुनझुनी होती है। दर्द जो इन गंभीर सिरदर्द के परिणाम के रूप में आता है कई दिनों तक चल सकता है।
माइग्रेन आधा सिर दर्द के कारण – Migraine Ke Karan (Causes of Migraine in Hindi)
- दर्द निवारक दवाइयों का अधिक सेवन
- अचानक मौसम में बदलाव आना भी रोग का एक कारण है।
- ज्यादा टेंशन लेना माइग्रेन होने का बड़ा कारण है।
- दर्द दूर करने की दवाओं का सेवन अधिक करना।
- दिन भर भाग दौड़ करना और पूरी नींद ना मिलना।
- मासिक धर्म में कुछ महिलाओं को माइग्रेन की शिकायत होती है।
- हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित रोगी को आधे सिर में दर्द की समस्या ज्यादा होती है।
माइग्रेन दर्द के लक्षण – Migraine Ke Lakshan
- आंखें दर्द करना और धुंधला दिखना
- आधे या फिर पूरे सिर में तेज दर्द करना
- कमजोरी महसूस होना और भूख कम लगना
- जी मचलना, उल्टी आना और किसी भी काम में मन ना लगना
- तेज रोशनी और ज्यादा आवाज में घबराहट होना
- पसीना अधिक आना
- आंखों में दर्द या धुंधला दिखाई देना
- पूरे या आधे सिर में तेज दर्द
- किसी काम में मन न लगना
- आधा सिर दर्द करने के साथ अगर इनमें से कोई और लक्षण भी दिखे तो चिकित्सक से मिलें।
- आधासीसी के दर्द से जल्दी छुटकारा पाने के लिए सिर के जिस भाग में दर्द हो वहां गुनगुने तेल से मालिश करें और साथ ही गर्दन, कंधे, हाथों और पैरो की भी अच्छे से मालिश करें।
- टेंशन ज्यादा लेना इस रोग का एक बड़ा कारण है, माइग्रेन से बचने के लिए ज्यादा तनाव से भी बचे।
- तेज धूप में ना जाए और तेज खुशबू वाला कोई भी सेंट लगाने से बचे।
- थोड़ा कपूर को गाय के घी में मिला कर सिर की हल्की मालिश करे, आधा शीशी दर्द में ये अचूक उपाय है।
- पानी से माइग्रेन के उपचार में मदद मिलती है, माइग्रेन के रोगी को पानी अधिक पीना चाहिए। इस रोग को ठीक करने में पानी रामबाण काम कर सकता है।
- माइग्रेन का दर्द होने पर रोगी को लेटा कर सिर बेड से नीचे की और झुका दे। अब सिर में जिस तरफ दर्द हो रहा है उस तरफ की नाक में कुछ बूंदें सरसों के तेल की डालें और रोगी को सांस ऊपर खींचने को कहे। इस घरेलू नुस्खे से कुछ ही देर में सिर का दर्द कम होने लगेगा।
माइग्रेन आधे सिर दर्द की दवा – Migraine Sir Dard Ki Dawa in Hindi माइग्रेन के घरेलू उपाय
- कोई भी अंग्रेजी, आयुर्वेदिक या होम्योपैथी दवा लेने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर मिले और मेडिसिन लेने का सही तरीका अच्छे से जाने।
- 1 चम्मच अदरक का रस और शहद को मिक्स करके पीएं। इसके अलावा माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए आप अदरक का टुकड़ा भी मुंह में रख सकते हैं। अदरक का किसी भी रूप में सेवन माइग्रेन में राहत दिलाता है।
- अगर सिर में ज्यादा दर्द हो रहा है तो तुरंत लौंग पाउडर और नमक मिलाकर दूध के साथ मिलाकर पिएं। ऐसा करने से सिर का दर्द झट से गायब हो जाएगा।
- खाने पीने की बुरी आदतों से परहेज करें और हर रोज सही समय पर ही भोजन करना चाहिए।
- खीरे की स्लाइस को सिर पर रगड़े या फिर इसे सूंघे। इससे आपको माइग्रेन के दर्द से आराम मिलेगा।
- नींबू के छिलके को धूप में सुखाकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को माथे पर लगाने से आपको माइग्रेन के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
- पतंजलि से भी माइग्रेन की आयुर्वेदिक मेडिसिन ले सकते है – दिव्य धारा तेल, गोदंती भस्म, पतंजलि दिव्य प्रवाल पिष्टी।
- प्रतिदिन 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए और हो सके तो सोने से पहले रात को एक तांबे के जग में पानी भर कर रखे व सुबह इसी जग से पानी पिए।
- बिना फैट वाला दूध माइग्रेन में राहत पाने में उपयोगी है, इसमें विटामिन बी होता है जो बॉडी में सेल्स को एनर्जी देता है।
- माइग्रेन का होम्योपैथिक इलाज की दवा, Spigelia, Belladonna, Sepia, Canadensis, Sanguinaria.
- माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए पालक और गाजर का जूस पीएं। इससे दर्द मिनटों में गायब हो जाएगा।
- माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए रोजाना शुद्ध देसी घी की 2-2 बूंदें नाक में डालें। इससे आपको इसके दर्द से राहत मिलेगी।
माइग्रेन में क्या खाना चाहिए
- माइग्रेन में दही चावल और मिश्री का सेवन अपने भोजन में करे।
- रोज सुबह खाली पेट सेब का सेवन करें, माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए यह काफी असरदार तरीका है।
- शहद के साथ तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर इसका सेवन करें। खाली पेट सुबह इस देसी दवा के सेवन से कुछ ही दिनों में माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है।
- सब्जी में हरी पत्तेदार सब्जी, गाजर, शकरकंद और पालक अपने आहार में शामिल करे।
- नारंगी, पीली और हरी सब्जियां, शकरकंद, गाजर और पालक
- राइस खासकर ब्राउन राइस
- सूखे या पके हुए फल खासकर नॉन सिट्रस फल जैसे चेरी और क्रैनबेरी
- प्राकृतिक तरीके के फ्लेवर या स्वीटनर्स
माइग्रेन में परहेज - ये आहार खाने से बचें
- एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) एक प्रकार का फ्लेवर स्वाद बढ़ाने वाला होता है जिसे कई तरह के आहार में मिलाया जाता है। एमएसजी यानी मोनोसोडियम ग्लूटामेट खाने को स्वादिष्ट और टेस्टी बनाता है, लेकिन इसकी वजह से कई बार माइग्रेन अटैक पड़ सकता है। सभी प्रकार के प्रोसेस्ड फूड, डिब्बे वाले खाद्य पदार्थों, सूप, सलाद, स्नैक्स, आइसक्रीम, च्विंग गम, रेडी-टू-इट उत्पाद, आदि सब में एमएसजी पाया जाता है।
- केला, खट्टे फल, लाल आलूबुखारा और एवोकाडो भी माइग्रेन के दर्द को बढ़ाते हैं, इसलिए इनके सेवन से माइग्रेन में परहेज करना चाहिए ।
- कैफीन को लोग अक्सर कॉफी के रूप में पीते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो कैफीन की ज्यादा मात्रा हानिकारक होती है और इससे बेचैनी, अस्थिरता, सिरदर्द, अनिद्रा जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। कैफीन को सामान्य, से ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
- पनीर को लेकर बहुत सारी डिश बनाई जाती है, जिसे लोग बड़े ही चाव के साथ खाते हैं। क्या आप भी पनीर का ज्यादा सेवन करते हैं तो संभल जाइए क्योंकि माइग्रेन के दर्द को बढ़ाने में पनीर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। माइग्रेन होने पर चीज केक, पनीर स्लाइस खाने से बचना चाहिए।
- पिज्जा, वडा पाव, समोसा, बर्गर, रोल, चौमिन, चिली, फ्रेंच फ्राई और कोल्ड ड्रिंक भी माइग्रेन में हानिकारक है, इसलिए माइग्रेन की समस्या होने पर इसे न खाएं। इसके अलावा शराब का ज्यादा सेवन करने से दिमाग में रक्त का संचार ठीक से नहीं होता है, जिसके कारण मरीज को माइग्रेन में समस्या आती है। इसलिए इसके भी सेवन से बचें।
- बीन्स सेहत के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिंस पाया जाता है, जिसके इस्तेमाल से आपके शरीर की पौष्टिक आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से हो जाती है। लेकिन माइग्रेन की समस्या है उन्हें बीन्स खाने से बचना चाहिए। बीन्स के अलावा टोफू, सोया सॉस आदि माइग्रेन के दर्द को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इसलिए माइग्रेन में इन चीज़ों से परहेज करें ।
- माइग्रेन के मरीज को ज्यादा अखरोट, मूंगफली, बादाम, काजू, किशमिश आदि खाने से बचना चाहिए। सूखे मेवे में सल्फाइट्स नामक तत्व, पाया जाता है, जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ाता है।
- स्वाद और मजे के लिए हम बहुत सारा मिर्च और अचार खा लेते हैं, लेकिन यह हमारे सेहत के लिए सही नहीं है। किसी भी प्रकार का अचार और मिर्च माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकता है। अचार में नमक के साथ तेल की मात्रा ज्यादा होती है जो सेहत के लिए सही नहीं है। इसलिए माइग्रेन में परहेज के दौरान इन से भी दूरी बनाएं
- स्वास्थ्यवर्धक तेल के रूप में जैतून का तेल की पहचान है। इसका प्रयोग कई तरह की बीमारियों में लाभदायक होता है। लेकिन माइग्रेन के मरीजों को जैतून के तेल का सेवन करने से बचना चाहिए। जैतून के तेल से माइग्रेन का दर्द बढ़ता है।
- हॉट डॉग, बेकन और कुछ मीट को संरक्षित करने के लिए सोडियम और नाइट्रेट डाला जाता है। लेकिन इसके सेवन से न केवल माइग्रेन का अटैक आ सकता है बल्कि दिल की बीमारी के होने का भी रिस्क रहता है। साथ ही प्रीर्जेवेटिव, बेनजोइक भी माइग्रेन का कारण बन सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आप इनका सेवन न करें।
- भारी भोजन और मिर्च मसालेदार ना खाएं।
- अंडे, टमाटर, प्याज, डेयरी प्रोडक्ट, सिट्रस फ्रूट्स, फूड एडिटिव्स, चॉकलेट, पुराना चीज़, अल्कोहल खासकर रेड वाइन, पास्ता और ब्रेड प्रोडक्ट और नट्स आदि न खाए।
माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप रोजाना योग और व्यायाम करें। नियमित रूप और सही तरीके से योग करने पर भी आपकी माइग्रेन की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। माइग्रेन के लिए प्राणायाम और योग भी इस रोग से बचने और इलाज में असरदार है। बाबा रामदेव के अनुसार अनुलोम विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, जानुशीर्षासन, अधो मुख श्वानासन, शिशुआसन माइग्रेन का योग है। माइग्रेन के लिए प्राणायाम और योग भी इस रोग से बचने और इलाज में असरदार है।
माइग्रेन को जड़ से खत्म करेंगे ये आसन - माइग्रेन से पीड़ित लोगों की काफी बड़ी संख्या है। लोग इसके लिए अनेक अनेक प्रकार के चिकित्सकीय उपचार अपनाते हैं। लेकिन योग के कुछ आसन हैं जिनको नियमित रूप से करने से माइग्रेन की समस्या को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है।
- शषांकासन - शषांकासन करने के लिए सबसे पहले बैठकर दोनों एड़ीं पंजे आपस में मिला लें। इसके बाद हथेलियों को दाईं ओर रखें और पंजों को तान लें। घुटनों को टांगो से मोड़ते हुए वज्रासन की स्थिति में आ जाएं। अब दोनों घुटनों को दोनों ओर फैला दें तथा दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों के मध्य जमीन पर टिका दें। सांस बाहर करते हुए कमर के निचले हिस्से से धीरे-धीरे झुकते जाएं ऐसा करते हुए हथेलियों को आगे खिसकाते रहें। अपनी ठोड़ी को धरती से लगा लें। फिर उल्टी क्रिया करते हुए धीरे-धीरे पूर्वावस्था आ जाएं।
- मत्स्यासन - मत्स्यासन के लिए सबसे पहले एड़ी और पंजों को आपस में जोड़कर लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों को मोड़ते हुए पद्मासन लगाएं। अब दोनों हथेलियों को कंधे के नीचे रखें तथा वक्ष को ऊपर उठाएं। इसके बाद हाथों से पांवों के अंगूठे को पकड़ें। फिर हाथों को कंधों के नीचे लाते हुए उसकी सहायता से सर को जमीन पर टिका दें। अब हाथों को नितम्बों के नीचे ले जाएं और कोहनी का सपोर्ट लेते हुए सिर को ऊपर उठाएं। दाईं ओर गर्दन को घुमाएं और ठोड़ी को दाएं कंधों तक लाएं। यही क्रिया बाईं ओर से भी करें। अब गर्दन को क्लॉक वाइज वृत्ताकार घुमाएं। यही क्रिया फिर एंटी क्लॉक वाइज भी घुमाएं। जब गर्दन पीछे जाए तो सांस भरें जब आगे आएं तो निकालें। फिर धीरे-धीरे शवासन में लौट आएं।
- विपरीत करणी मुद्रा आसन - विपरीत करणी मुद्रा आसन करने के लिये सबसे पहले लेटकर एड़ी और पंजों को आपस में मिला लें। दोनों हथेलियों को धरती की ओर रखें। पंजों को टाइट कर दोनों पांवों को धीरे से ऊपर उठाना शुरू कर दें। दोनों हथेलियों को नितंबों पर लगाकर उन्हें भी ऊपर की ओर उठाएं। कंधों से जांघ तक 45 डिग्री का कोण बनाएं। पंजों को तान दें और सांस को सामान्य कर लें। फिर धीरे से पूर्वावस्था में लौट आएं और पंजों को धीरे से जमीन पर टिका दें।
- हलासन - इस आसन को करने के लिए सबसे पहले लेट कर दोनों एड़ी पंजों को आपस में मिला लें। अब दोनों टांगों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सांस बाहर निकालते हुए सिर की तरफ लेकर आएं। अब पंजों को जमीन से टिका दें। अंत में धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में लौट आएं।
सामान्य प्रश्नोत्तरी
- माइग्रेन का पता कैसे चलता है?
'ऑरा' दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुक कर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है। - माइग्रेन होने के क्या कारण है?
ज्यादा शोर, बार-बार बढ़ने-घटने वाली तेज रोशनी व धूप में आंखें चौंधियाना, बहुत तेज गंध वगैरह से संवेदनात्मक उत्तेजना बढ़ सकती है और माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है। - ज्यादा मसालेदार भोजन, शराब का ज्यादा सेवन, धूम्रपान, चॉकलेट जैसे कुछ मीठे पदार्थ, पनीर आदि माइग्रेन के दौरे का कारण बन सकते हैं। - क्या माइग्रेन का इलाज संभव है?
माइग्रेन के दर्द को अनदेखी नहीं करना चाहिए। इसका इलाज संभव है। किसी न्यूरो विशेषज्ञ से जांच के बाद माइग्रेन किस स्थिति में उसका पता चल जाता है। उसके अनुसार दवा खानी पड़ती है। - माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?
सिर के जिस हिस्से में दर्द हो, उस तरफ वाली नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालें, फिर जोर से सांस ऊपर की ओर खीचें। इससे सिर दर्द में राहत मिलेगी। दालचीनी पीसकर पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए इसे माथे पर लगाएं। - माइग्रेन में कौन सी दवा लेनी चाहिए?
इंटरनेट पर कोई एलोपैथिक मेडिसिन खोजने के बजाय डॉक्टर के पास जाना चाहिए। - माइग्रेन में क्या नहीं खाना चाहिए?
जंक फूड, फास्ट फूड और डिब्बाबंद भोजन से दूर रहना चाहिए। पनीर, चीज, चॉकलेट, नूडल्स, मैगी आदि में पाए जाने वाले तत्व माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकते हैं इससे परहेज करें। अधिक खुशबू वाली चीजों से दूर रहें। तेज आवाज व तेज रोशनी से दूर रहें और तनाव लेने से बचें।
टैग - आधा सिर दर्द का घरेलू उपाय बताइए, माइग्रेन की टेबलेट, सिर दर्द झाड़ने का मंत्र, पतंजलि सिर दर्द की दवा, माइग्रेन से खतरा, माइग्रेन से मुक्ति, माइग्रेन के लिए योग, आधे सिर दर्द की दवा घरेलू उपचार, माइग्रेन में कौन सी दवा लेनी चाहिए, माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज क्या है, क्या माइग्रेन का इलाज संभव है, माइग्रेन का पता कैसे चलता है और माइग्रेन होने के क्या कारण है
- क्या माइग्रेन हमेशा के लिए ठीक हो सकता है?
- माइग्रेन का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
- माइग्रेन की कितनी स्टेज होती है?
- माइग्रेन कितने उम्र तक रहता है?
- माइग्रेन लास्ट स्टेज में क्या होता है?
- माइग्रेन किसकी कमी से होता है?
- माइग्रेन में क्या परहेज करें?
- माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है?
- लोगों को माइग्रेन क्यों होता है?
- माइग्रेन का दर्द कहां महसूस होता है?
- माइग्रेन के 3 प्रकार क्या हैं?
- माइग्रेन का कौन सा टेस्ट होता है?
- माइग्रेन कितना गंभीर हो सकता है?
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1 टिप्पणी:
Tqq for good & positive suggest..🙏
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