आज इंटरनेट की वायरल दुनिया में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ किसी परिचय का मोहताज नहीं है। हर किसी राष्ट्रवादी के मोबाइल में व्हाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी के ओजस्वी वाणी की गूंज सुनाई पड़ती है। आज समय में युवा के प्रेरणास्रोत रूप में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ विद्यमान है। उनके ओजस्वी भाषण आज नयी पीढ़ी में भारतीयता के प्रति आस्था को जागृत कर रही है। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ का जन्म 2 दिसंबर 1960 उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उन्होंने भारत के उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मिंटो सर्किल हाई स्कूल (आधिकारिक तौर पर सैयदना ताहिर सैफुद्दीन स्कूल) से स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने भारत के उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनकी परवरिश अलीगढ़ में हुई जहां अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छांव में किसी अन्य मजहब का उन्नयन सम्भव ही नहीं था। शायद यही कारण है कि अपने देश और धर्म के प्रति इनके विचारों में ओजस्विता समय के साथ बढ़ती गई और आज उसी कट्टरता के विरोध में विस्फोट कर रही है।
पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ जी पेशे के पत्रकार है और इन्होने पाकिस्तान के कराची में स्थित एएजे न्यूज़ के साथ काम किया है। इसके साथ ही साथ उन्होंने सहारा न्यूज़, बीबीसी वर्ल्ड, ज़ी न्यूज़ आदि सहित कई अन्य चैनलों के साथ काम किया है। उन्होंने तीन बार प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के महासचिव के रूप में कार्य किया है। जैसा कि हम जानते हैं भारत में कांग्रेसी विचारधारा और वामपंथियों का वर्चस्व मीडिया के क्षेत्र में अधिक है। ऐसे में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ राष्ट्रवादी विचारधारा के होते हुए कार्य कर रहे थे। उन्होंने अपनी सेवाएं सुचारू रूप से लगभग चार वर्ष दिया। उसके पश्चात उन पर गलत आरोप लगाते हुए प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया से बरखास्त कर दिया गया। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था तथा उनके ऊपर प्रमुख तीन धाराओं 420, 406 और 120 बी में केस दर्ज कराया गया। जांच प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के पांच सदस्यों ने किया। पुलिस और अन्य ब्यूरो एजेंसियों ने भी किया, किंतु कोई भी अपराध पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ पर साबित नहीं हो सके। यह केवल उनके छवि पर दाग लगाने का प्रयास मात्र था।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ निश्चित रूप से एक प्रखर वक्ता है। यह गुण उनमें जीवन के आरंभिक शिक्षा से ही ग्रहण किया था। जब उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई की , उस समय उन्हें कई मंच प्राप्त हो चुके थे। जिसके माध्यम से उनमें प्रखर वक्ता के गुण आने लगे। पत्रकारिता के क्षेत्र में जब उन्होंने अपने कदम जमा लिए तब वह निश्चित रूप से एक गुण शील प्रखर वक्ता के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया। इस कार्य के क्षेत्र में उन्हें अनेकों-अनेक मंचों पर अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया। विभिन्न कार्यक्रमों में वह मुख्य अतिथि के रूप में सम्मानित हुए। उनके विचारों शब्दों को सुनने के लिए पत्रकार जगत के लोग तथा युवा विशेष रूप से उत्सुक रहते थे। पत्रकारिता के बाद उन्होंने स्वतंत्र रूप से लोगों के साथ सीधा संवाद किए। वे पाकिस्तान के एएजे न्यूज में कार्यकारी संपादक और भारत के प्रमुख थे। उन्होंने सहारा न्यूज, बीबीसी वर्ल्ड और ज़ी न्यूज़ के साथ विभिन्न पदों पर काम किया है। उन्होंने 2017 में इस्तीफा दे दिया। वह पब्लिक 24 ×7 नामक YouTube चैनल के चला रहे हैं जिसके माध्यम से वह भारतीयों और विशेष रूप से कश्मीरी हिंदूओं की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। वह कश्मीर संघर्ष, कश्मीर घाटी में कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास, इस्लामी चरमपंथ और इस्लामी आतंकवाद जैसे विवादास्पद मुद्दों पर कुशल बौद्धिक वक्ता हैं।
पुष्पेंद्र ने अपने दो अन्य मित्रों के साथ एक नागरिक संगठन वी द सिटीजन गठन किया। उन्होंने एनजीओ वी द सिटिजन्स के अध्यक्ष संदीप कुलकर्णी के साथ भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 की वैधता और दोनों अनुच्छेद को रद्द करने के सवाल उठाया गया था। जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष रूप से बने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35ए और 370 से भारत के लोग अनभिज्ञ थे और पिछले 70 वर्षों से, अमानवीय कानूनों के इस अवैध हिस्से के कारण क्षेत्र के विकास और एकीकरण में बाधा आ रही थी। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के प्रयासों कश्मीर में अनुच्छेद 35ए और 370 के नाम पर क्रूरता और अनैतिक कानून को समझने के लिए भारतीय समाज में जन जागरूकता पैदा की। जब लोगों ने भारत सरकार से चर्चा और विरोध करना शुरू किया तो देश में इसे कानूनन लड़ने की हिम्मत मिली। मोदी और अमित शाह भले ही इस धारा को खत्म किया हों किन्तु इसका श्रेय पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ और उनकी टीम को मिलना चाहिए।पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ सम्पूर्ण जीवनी
Pushpendra Kulshrestha Biography in Hindi
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