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इलाहाबाद कुत्ता ब्‍लागर मीट कांड - ब्‍लागर पहुँचेगे मीरगंज




जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन की प्रस्तावित इलाहाबाद की बैठक की खबर से कुछ लोगो को अखर रही है, उनके मन में है कि कल के छोरे चले हिन्दी चिट्ठाकारी को स्वर्णकाल मे ले जाने का ख्वाब दिखाने चले है, जो हमने अब तक होने नहीं दिया उसको पूरा करने चले है। हम नर-पिशाचों के होते हुये ये अपने मंसूबे में कामयाब हो जाये तो हमारे द्वारा अर्जित पुण्य का तो ये मटिया मेट कर देंगे।
अचानक महाशय की सोच से दिल्ली से रायपुर एक हो जाता है, और षड्यंत्र की व्यूह रचना की जाने लगती है। भाई साहब सुन रहे हो लौन्‍ड़ो ने 15 जून को मिलकर इलाहाबाद में जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन की बैठक कर रहे है, सुना है भाई साहब वो लोग कह रहे थे कि सड़क पर ही मीट कर लेंगे। इनकी सड़क पर मीट करेंगे औकात भी है, पर आप चिंता मत करो मै अपने कुत्तो को और आप अपनी चमर पिलई को भी तैयार करो मै रेलवे वाले ब्‍लागर चाचा से बात करता हूँ कि हमारे कुत्तो के लिये कुछ रियायती दरों पर टिकट बुक करवा दे। पर भाई ये बताओ कुत्तो इलाहाबाद में भेजने से क्‍या होगा ? अरे भाई आप भी लगता है कि धूप मे ही बाल सफेद किये है, आपको बाल सफेद करने से कोई वरिष्ठ थोड़े ही मानेगा वरिष्ठ बनने के लिये पिचाल खेलना आना भी चाहिए। अब जिस खुराफात की आप कल्पना भी नही कर सकते हो उनको तो मै सपने मे ही क्रियान्वित कर देता हूँ।
भाई साहब आपने तो बताया ही नहीं कि आपके कुकुरवा के संग हमरी चमर पिलई को भेजने से क्या होगा ? अरे चूतिया नंदन, आप जैसे को हम ढो रहे है तभी तो हमारी बैण्ड ही बजी, अब जबकि हर बात को आपको संदर्भ सहित व्याख्या न की जाये आपको कुछ समझ ही नही आता है। तो आपके लिये करनी ही पड़ेगी सन्दर्भ सहित व्याख्या करनी ही पड़ेगी, तो लीजिए सुनिए, हम हम लोग मिल कर अगर अपने सभी कुत्तो-कुतिया को इलाहाबाद भेज देगे तो इनकी सुबह-दोपहर-शाम-रात की गंदगी से इलाहाबाद की सड़कों को गंधवा देगे जैसे हम सबने मिलकर चिट्ठकारी को गंधवा दिये है। देखते है कि लौंडे कैसे गंद्दी सड़कों पर मिटियाते है, चले थे सादा जीवन उच्च विचार का नारा देने, जो काम हम दसियों हजार खर्च कर नहीं कर पाते है ये सब फ्रीफंड मे करना चहते है, करे मैले पर मीट, यही काबिल है लोग। मान गए गुरु आपकी तिकड़मी बुद्धि को, क्या सोच लेते हो।
दिल्ली से दुरंतो से सवार कुत्तों की टीम इलाहाबाद मे करीब 6 बजे पहुंचती है, और सारनाथ एक्सप्रेस से करीब 1 बजे रायपुर के कुत्ते आ जाते है। कुत्ते आ तो गये इलाहाबाद की गलियों, कुत्ते आखिर कुत्ते ही ठहरे जा‍त ही जो ठहरी कुत्तों की ही, आये तो थे मालिक का आदेश लेकर ब्‍लागर संगठन बनाने, इलाहाबाद की सिविल लाइंस, अशोक नगर और लूकरगंज की गलियों को गंदा करने पर जस पशु तस पगहा जस मालिक तस पशु, जैसे मालिकों की ब्लॉगर मीट मे आते तो हरि भजन पर ओटन लगे कपास उसी प्रकार, कुत्‍तों ने भी अपने लिये लाल बत्ती एरिया मीरगंज को ही आखिर चुन ही लिया और कुत्तों की मीट आयोजन मिला। अचानक इतनी बड़ी ब्‍लागर कुत्तों की फौज की शिकायत जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन ने पहला ही निशाना सटीक मारते हुये डीआईजी से अश्लील हरकत रोकने लिये धरना प्रदर्शन कर दिया, प्रशासन के निर्देश पर लाल बत्ती एरिया मीरगंज के चौकी इंचार्ज ने मीरगंज में रेड मार दी और सारे कुत्तों को सुधार गृह भेज बेचारी फजीहत तो हुई चमर पिलई, आगे नाथ न प‍ीछे पगहा, ब्‍लागर कुतिया अब न तो घर की रही न घाट की, इज्जत पर लांक्षन लगो सो अलग।
इधर कुत्तो की गिरफ्तारी से मठाधीशो मे हड़कम्‍प मच गया, मठाधीशों से एक बोला जो भी काम हम करते है सारे पासे उलटे पड़ते है, कभी कुछ ठीक होता ही नही है, दूसरा मठाधीश बोलता है पता नही किस नक्षत्र मे ब्‍लागिंग शुरू की थी, ज्‍योतिष वाली ब्‍लागर से पूछ कर ब्‍लागिंग करना था, तीसरा मठाधीश बोलता है कि पता नही किस कलमुये का मुँह देखा था तभी तपाक से बकलोल ब्‍लागर बोल उठता है कि मॉर्निग मे कैम पर मुझे ही देखा था। मेठ मठाधीश बोलता है कि जहाँ तुम रहोगे वहाँ सत्‍यानाश तो करोगे ही तय है इसमे दो राय नही है। एक मठाधीश ब्‍लागर तपाक से बोलता है कि अपने फला ब्‍लागर इलाहाबाद मे प्रशासनिक अधिकारी है फोन करो कि सम्‍मन रूकवाये, भई मेठ मठाधीस फोन करते है भाई साहब, कैसे है ? भाई साहब मै तो ठीक हूँ आपनी सुनओ है ? "glkdsjg lkdjgkl sdjgk ldajg kldjgkdl sajgkld jgbsdfklj gklsd fgbmnb jgidsfg." मेठ मठाधीश अपनी पूरी बात सुना देते है। भाई साहब इतनी गन्‍दी हरकत करवाने से पहले सोचना था, आप खुद करते थे तो ठीक था पर अब आप कुत्‍तो को भी लगवा दिया ये ठीक नही, वैसे भी अब मै मीट वीट से चक्कर मे नही पडूँगा मीट के अनुभव मेरे भी बहुत अच्‍छे नही है, कोई अच्छा काम करता है तो करने दो आप क्यों पिचाल खेलते हो ? कहते हुये फोन काट दिया।
अन्तोगत्वा इलाहाबाद के जिलाधीश ने सभी कुत्तो के ब्‍लागर मालिकों के नाम की सूची मीरगंज चौकी पर चस्पा कर दिया गया और सम्मन भेजने की तैयारी चल रही है। आज तक ब्लॉगरों को लेखन सम्मन भेजा गया कि नहीं किन्तु इलाहाबाद में कुत्तों को आवारागर्दी के लिए भेजने के लिये ब्लॉगरों को सम्मन भेजा जा रहा है, जिन जिन ब्‍लागरों ने अपने कुत्‍ते इलाहाबाद के मीरगंज मे भेजे हो सावधान रहे, खुद मीरगंज चौकी के चक्कर लगाने को तैयार रहे। :)
"अन्तोगत्वा दिल पर मत लो यार"


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दस करोड़ की लाटरी



90 वर्षीय एक सज्जन की दस करोड़ की लाटरी लग गई। इतनी बड़ी खबर सुनकर कहीं दादाजी खुशी से मर न जाएं, यह सोचकर उनके घरवालों ने उन्हें तुरंत जानकारी नहीं दी। सबने तय किया कि पहले एक डॉक्टर को बुलवाया जाए फिर उसकी मौजूदगी में उन्हें यह समाचार दिया जाए ताकि दिल का दौरा पड़ने की हालत में वह स्थिति को संभाल सके।
शहर के जानेमाने दिल के डॉक्टर से संपर्क किया गया । डॉक्टर साहब ने घरवालों को आश्वस्त किया - आप लोग चिंता मत करें । दादाजी को यह समाचार मैं खुद दूंगा । उन्हें कुछ नहीं होगा, मेरी गारंटी है।
डॉक्टर साहब दादाजी के पास गए । कुछ देर इधर - उधर की बातें कीं फिर बोले - दादाजी, मैं आपको एक शुभ समाचार देना चाहता हूं। आपके नाम दस करोड़ की लाटरी निकली हैं।
दादाजी बोले - अच्छा ! लेकिन मैं इस उमर में इतने पैसों का क्या करूंगा । पर अब तूने यह खबर सुनाई है तो जा, आधी रकम मैंने तुझे दी।
डॉक्टर साहब धम् से जमीन पर गिरे और उनके प्राण पखेरू उड़ गए ।
एक मित्र द्वारा भेजा हुआ


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ब्‍लॉंगवाणी को लेकर इतनी टेंशन क्‍यो ? मेरे ब्‍लाग को हटाने से मुझे आपत्ति नही।



मेरी कल की TimeLoss की पोस्‍ट पर वयस्‍क समग्री- क्रिकेटर गाली भी देते है!!! (वयस्‍क समग्री कृपया जाने से पहले सोचे) पर ज्ञान जी ( अपने मानसिक हलचल वाले ज्ञान जी नही है, उनके पास टाईम कहाँ ) तो विफर ही पड़े है, मै समझ नही पा रहा हूँ क्यो ? शायद क्रिकेटरों के द्वारा दी गई गली उन्हें हजम नहीं हो रही है, मेरे पास हाजमोला भी नही है। मै भी स्वीकार करता हूँ कि गालियाँ वास्तव में खराब है, और मैंने पोस्ट करते हुए अपनी बात को लिखा भी था। हो सकता है ज्ञान जी गंभीर के गंभीर प्रशासन होगा या अफरीदी के जो उन्हें गालियां अच्छी नही लग रही, मै किसी का प्रशंसक नही हूँ, किन्तु मुझे भी गालियाँ अच्छी नहीं लग रही, किन्तु क्रिकेट खिलाडियों के ये वारदात किसी को हँसने से रोक नहीं पा रही है। यह पोस्ट मैंने सिर्फ मनोरंजन और हकीकत रखने के लिये किया था न कि गालियों के समृद्धि विकास और उन्नयन के लिये इस पर तो उनका बिफरना नाहक है।
थोड़ा पोस्‍ट के वीडियो पर भी लिखना चाहूँगा, यह वीडियो यूट्यूब पर April 03, 2009 को डाला गया है। अभी तक यह विडियों विद्यमान है अर्थात यूट्यूब द्वारा अश्लीलता या अशिष्टता की श्रेणी में नही है, अगर यह जब भी यूट्यूब समूह द्वारा यूट्यूब पर द्वारा हटाया जायेगा स्‍वत: ही मेरे ब्लॉग से हट जायेगा। इस विडियों में गाली थी, जिसकी सूचना मैने अपने पोस्‍ट में कर दी थी। बहुत से पाठक/दर्शक आये, ब्‍लाग पोस्‍ट को देखा, आनंद लिया, कुछ ने पंसद किया और टिप्‍पणी करना उचित न समझ कर चले गये। मैने इस पोस्‍ट को मर्यादा के दायर में रख कर तैयार किया था, चेतवनी भी लिख थी कि टाईम लॉस के नाम कोई अनैच्छिक साम्रगी न देख ले, और उसे ग्‍लानि का एहसास हो, अगर आप चेतवनी के बाद देखते है और अन्‍य लोगो के मध्‍य देखने को प्रचारित करते है तो आपकी गलती है।

ब्‍लागवाणी को लगता है जन भावना के आधार पर मेरी उस पोस्‍ट जो टाईम लॉस पर आई थी के कारण ब्‍लागवाणी से हटाने योग्‍य है तो हटा दिया जाये, मुझे कोई आपत्ति नही है। क्‍योकि जन भावना को ध्‍यान में रखकर किये गये कार्य में मुझे क्‍या आपत्ति होगी। ब्‍लागवाणी के अनुसार करीब 35 लोगों द्वारा यह पोस्‍ट पढ़ी करीब 10 लोगो द्वारा पंसद की गई। (लेख लिखे जाने तक) जहाँ तक ब्लॉगवाणी को हिन्दू वाणी और संतवाणी के नामकरण का सम्बन्ध है तो यह काम ब्लॉगवाणी के संचालको का है, वो इतने समर्थवान है कि सब कर सकते है, किसी के अनुशंशा की आवश्यकता नही है। अब कोई इस बात पर अड़ा रहे कि इनकी गंदगी ब्लागवाणी पर आयी मेरी नही तो यह कहना गलत बात है। वो पोस्ट कोई गंदगी न होकर क्रिकेटिया खिलाड़ियों के बीच की बात था, जो सच था और सब न मैच मै लाईव देखा रहा होगा, किन्तु आज इतना ज्यादा हुआ है किसी ओठ की भाषा को पढ़ पाने वाले जानकार ने अपने शब्द भर दिये है, इन महाशय को यह बुरा लग रहा है।

रही ब्लॉग बात ब्लॉग को फ्लैग करने की तो झंडा इसलिए लिये लगाया जाता है, ताकि शोक काल में उसे झुकाया जा सके है, मेरे उक्त ब्लॉग से जिसे शोक हो आराम से झंडा लहराए मुझे कोई दिक्कत नहीं है। आगे भी अच्छी-खराब (कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्‍यादा अच्‍छी ही हो किन्तु क्रिकेटर जैसे क्रिकेट प्रेमियों के भगवान ऐसा अवतार) बाते आपके सामने लाता रहूँगा।


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लुघु पोस्‍ट - हो गये चिट्ठाकारी को तीन साल



आज चिट्ठाकारी में मुझे 3 साल पूरे हो गये, चौथे साल में प्रवेश कर रहा हूँ। तब से अब तक में बहुत कुछ बदल गया, सबसे ज्यादा सक्रियता। एक समय ऐसा था कि 2007 August ही अकेले 32 पोस्ट हुई थी, आज की गति ये है कि आधा साल बीतने को है 34 पोस्ट ही लिख पाया हूँ। आत्मसंतोष की घंटी बजा सकता हूँ कि आज-तक चिट्ठाकारी जारी है। ब्‍लाग के आर्चीव2009 (34), 2008 (114), 2007 (152) व 2006 (28) पोस्‍टों के साथ चार साल के दर्शन कर भविष्य में चिटठकारी के लाईफ टाईम अचीवमेंट की दौड़ में आगे बने रहने ख्वाब पाल सकता हूँ। :)

आज बहुत ज्यादा लिखने का इरादा नहीं है, लघु पोस्ट से ही काम चला लीजिए। जल्द ही मिलूँगा, आप सभी के स्नेह व प्रोत्साहन लिये धन्यवाद। चूंकि यह पोस्ट कल ही आनी थी, 30 जून को ही मैंने चिट्ठाकारी प्रारम्भ की थी, किन्तु कल का दिन व्यस्तता भरा होने के कारण पोस्ट नहीं कर सका।


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अडवाणी का चुंबन और थप्‍पड़



मुशर्रफ, अडवाणी जी , ऐश्वर्या राय और सोनिया एक ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं। ट्रेन एक सुरंग से निकलती है ट्रेन में अंधेरा हो जाता है। अचानक वहां एक चुंबन ध्वनि और फिर एक थप्पड़ की आवाज आती है। ट्रेन सुरंग से बाहर आती है।सभी चुपचाप बैठे रहते हैं कोई कुछ नहीं बोलता बस कूटनीति से सब मुशर्रफ का चेहरा देखते हैं क्योंकि उसका गाल लाल है।
सोनिया सोच रही है: ये सभी पाकिस्तानी ऐश्वर्य के पीछे पागल हो रहे हैं। मुशर्रफ ने ही सुरंग में उसे चूमने की कोशिश की गई होगी, उसने अच्‍छा किया जो थप्पड़ मार दिया।
ऐश्वर्या सोच रही है: मुझे चूमने की कोशिश की होगी, लेकिन सोनिया को चूमा और बदले में सोनिया ने थप्पड़ मारा होगा।
मुशर्रफ सोचते है: धिक्कार है, अडवाणी जी ने ऐश्वर्या चूमने की कोशिश की होगी और उसने मुझे थप्पड़ मार दिया।
अडवाणी जी सोचते हैं: काश ट्रेन एक और बार सुरंग से गुजर जाये है तो मैं फिर से चुंबन की आवाज निकाल कर मुशर्रफ को एक और चांटा मारू।

  
 
  
चित्र व रचना साभार


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जन्‍मदिवस पर पंगेबाज को मिला मंत्रीपद, पाला बदलने से महत्‍वपूर्ण औहदो से नवाजे गये भगवा ब्‍लागर




आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से उनके निजी सचिव ने भारत के नंबर एक चित्रकार पंगेबाज को उनके 44 वें जन्मदिवस पर स्थिर सरकार का तोहफा भेजा। पंगेबाज के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अब हमें मजबूत सरकार के लिये आपका समर्थन चाहिये। देश विनाश के लिये कांग्रेस में लोगों की बहुत कमी पड़ रही है, जब जाट शिरोमणि अजित सिंह को भी कांग्रेस में शामिल होने को कहा जा रहा है तो अब आप से वैर कैसे किया जा सकता है, हम आपको भी निमंत्रित कर रहे है। उन्होंने कहा कि आपको कांग्रेस पर आने पर केवल सोनिया मैडम और राहुल जी की ही जय बोलना पड़ेगा हमारी नहीं भी करेंगे तो भी कोई बात नहीं क्योंकि और कोई भी नहीं करता है। जबकि भाजपा में अटल-आडवाणी-जोशी-जसवंत-यशवंत-जेटली पता नही किसकी किसकी बोलना पड़ता जिसकी न बोलो वो नाराज और कट गया आपका टिकट। जबकि हमारी कांग्रेस पार्टी में मेरी भी क्‍या औकात कि किसी का टिकट काट दूँ ? और तो और राहुल बाबा और मैडम के अलावा किसी और की तूती बोलती भी नहीं है।
राहुल गांधी ने वर्तमान चुनाव में चिट्ठाकारी के प्रभाव से बहुत प्रभावित हुये। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को आदेश देते हुये कहा कि पंगेबाज के जन्मदिन पर मौके की नजाकत को देखते हुए उन्हें बधाई दीजिए और अपने मंत्रालय में एक चिट्ठाकारी मंत्रालय की स्थापना कर उन्हें कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल जगह दीजिए। राहुल गांधी का यह सोचना भी गलत नहीं है, क्योंकि वर्तमान समय में हिन्दी चिट्ठाकारी में करीब 10 हजार (करीब 5000 प्रतिशत की वृद्धि )चिट्ठाकार हो चुके है जबकि 2006 तक से केवल 200 तक ही थे , और 2014 के आम चुनाव तक करीब 5 करोड़ हिन्‍दी ब्लॉगर हो जाएंगे। जिनकी उपयोगिता के लिहाज से अनदेखा करना ठीक न होगा। पंगेबाज के निजी सचिव ने बताया कि पंगेबाज मंत्रीपद की शपथ लेने के लिये शपथ ग्रहण समारोह स्थल पर रवाना हो चुके है।
ममता, अजित, लालू, मुलायम, माया, पासवान, नीतीश,पवार, करुणानिधि जैसे विरोधियों को अपनी ओर करने से उत्साहित राहुल की नजर अब भगवा ब्‍लागरों पर है। इसी को देखते हुए राहुल गांधी ने भगवा फायरब्राड़ ब्‍लागर सुरेश चिप्‍लूकर और प्रमेन्‍द्र प्रताप सिंह को भी मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग की तर्ज पर चिट्टाकारी आयोग की स्थापना कर, क्रमश: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना कर लाल बत्ती से नवाजने की की पेशकश कर कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश। सुरेश चिप्‍लूकर जी ने अपने ब्लॉग पर लिखे, कांग्रेस विरोधी लेख न मिटने की शर्त रखने पर ही अध्यक्ष पद तो स्वीकार करने की बात कही, राहुल गांधी ने सुरेश जी से निवेदन करते हुए कहा कि आप सही है कि ब्लॉगरों के लेख उनकी अमूल्य निधि होते है वो उसे कैसे डिलीट कर कर सकते है, मै आपकी भावनाओं को समझ सकता हूँ, पर आपसे निवेदन है कि साईड बार में जो कांग्रेस विरोधी लेखों के लिंक दौड़ रहे है उन्‍हे आप हटा दीजिए। सुरेश जी ने कहा कि इतना तो किया ही जा सकता है, लेख तो ब्‍लागरों के बेटे होते है उन्‍हे डिलीट करना बेटो का वध करना होगा, लिंक तो हटा ही सकते है, क्‍या हम अपने बेटो के बाल ओर नाखून आदि नही काटते ?
महाशक्ति के प्रमेन्द्र उपाध्यक्ष पद पाने से खुश हो ही रहे थे कि चिट्ठाकारों विधि सलाहकार दिनेश राय द्विवेदी ने कहा कि प्रमेन्‍द्र आप तो विधि के छात्र हो आपको तो पता होना चाहिए कि किसी भी संवैधानिक पद की पद को धारण करने की उम्र की सीमा 25 वर्ष की होती है, और अभी तुम 22 वर्ष के ही हो, अत: तुम अभी इस पद के लिये अयोग्य हो। न्याय विद् द्विवेदी ली की बात से प्रमेन्द्र तो कम राहुल बाबा बहुत दुखी हुये। उनका मानना था कि घोषणा के बाद युवा का नाम काटा जाना ठीक न होगा वोट पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, अभी महाराष्ट्र के चुनाव भी होने वाले है, ऐसा खतरा लेना ठीक नहीं। उन्होंने समाधान निकालते हुए प्रमेन्द्र को अखिल भारतीय पत्रकार कांग्रेस कमेटी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया।
अभी खबर लिखे जाने तक पंगेबाज अपने 44 जन्मदिन पर चिट्ठाकार मंत्री की शपथ ले चुके थे, चिट्ठाकार आयोग के प्रथम अध्‍यक्ष सुरेश जी भी अपने नये दफ्तर में बैठ झक्कास पोस्ट लिखने की तैयारी कर रहे थे उपाध्यक्ष का पद हिन्दू चेतना के चंदन चौहान को देने की बात तय हुई, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर प्रमेन्द्र के महाशक्ति ब्‍लाग पर युवाओं का रैला टूट पड़ा। चिट्ठाकारों में इस खबर से कांति के रूप में देखा जा रहा है। मंत्री व अध्‍यक्षों ने एक दूसरे को बधाई दी, ब्‍लागरों में भी पंगेबाज को जन्मदिवस व मंत्री पद पाने पर बधाई देने की होड़ लगी थी। काफी वरिष्ठ ब्लॉगर अपने पुराने संबंधों का हवाला देते हुए पिछले सम्‍बन्‍धो का हवाला देते हुए पिछले गेट से घुसकर बधाई देने की होड़ लगी थी। तथाकथित सेक्युलर ब्‍लागर बदले माहौल से हतप्रभ थे उन्होंने भी स्वीकार किया कि हम संप्रदायिक भगवा ब्‍लागर क्यों न थे ?
इस पूरी खबर को कवर किया इलाहाबाद के पत्रकार और नये ब्लॉगर हिमांशु पाण्डेय ने जो कल ही अपना ब्लॉग मेरी आवाज सुनो के साथ चिट्ठाकारी में आये है, इनका भी टिप्‍पणी से स्वागत किया जाये। मीडिया की अलग अलग खबरों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस की सर्वेसर्वा मैडम सोनिया ने प्रधानमंत्री पद का ऑफर किया था, पर पंगेबाज ने इंकार कर दिया है। चूंकि यह मीडिया है, खबरों के भिन्नता न हो तो मीडिया का मतलब ही नहीं पता चलेगा। :)


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