दिनांक 10/1/2007 को इलाहाबाद के दिल कहे जाने वाले सिविल लाइंस इलाके में बहुमंजिला इमारत ढह गई। इमारत के गिरते ही आस-पास के माहौल में हड़कंप मच गया। कुछ का कहना कि शायद कोई विमान आ कर गिरा है तो कोई सोच रहा था कि भूकंप आया है, तो कुछ व्यक्ति सोच रहे थे कि अर्ध कुम्भ के दौरान आतंकवादियों ने हमला कर दिया है। जितने मुँह उतनी बातें हो रही थी। पर बात कोई और थी, सिविल लाइन्स क्षेत्र की करोड़ों की जमीन का मामला था पांच मंजिले सिर्फ 1 माह में बनकर तैयार कर दी गई थी। प्रत्येक आठ दिनों में एक मंजिल का लेंटर डाला जा रहा था।
मामला पूरा का पूरा राजनीति व स्थानीय अधिकारियों की शह पर हो रहा था, इस जमीन पर निर्माण करने करने वाला बिल्डर जमील अहमद स्थानीय अधिकारियों के बीच जाना माना नाम है जिसके नाम से अधिकारी भी खौफ खाते है। वह पिछले एक दशक से इस प्रकार का अवैध कार्य कर रहा है, परंतु अधिकारियों के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही थी और जिसका परिणाम था कि इस बिल्डिंग का धराशाई होना। यह बिल्डर होने के साथ ही साथ सपा का नेता भी है, और अन्य दलों के नेताओं से भी मधुर सम्बन्ध भी है।
इस निर्माण के साथ साथ कई अन्य निर्माण भी वह करा रहा है, और वह करेली मोहल्ले मे लगभग 400 बीधे की कालोनी का भी निर्माण करा रहा था। पर आश्चर्य करने की बात यह है कि इलाहाबाद विकास प्राधिकरण (ADA) को इस कालोनी के निर्माण की जानकारी भी नहीं है।
इस हासदे की खबर पूरे महानगर मे महामारी की तरह फैल गई, स्थानीय लोग, संद्य के स्वयंसेवक, सेना तथा स्थानीय प्रशासन ने मौके पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया। हर जुबान पर इस हादसे की चर्चा हो रही थी और बत्दुआ निकल रही थी कि इन दोषियों को नर्क भी न नसीब हो। स्थानीय प्रशासन ने मामले को भरसक दबाने का प्रयास किया कारण उत्तर प्रदेश के चुनाव भी हो सकते है। प्रशासन ने मात्र तीन लोगों की मरने की घोषणा कि जबकि प्रत्यक्ष दर्शी मजदूरों का कहना था कि लगभग 150 लोग कार्य कर रहे थे लगभग 80 के दबे होने की संभावना है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल स्वरूपरानी मेडिकल कालेज मे न तो दवा उपलब्ध थी न तो पट्टी।
मजदूरों का कहना था कि रात 8 बजे से ही बिल्डिंग से चर्र चर्र की आवाज आ रही थी पर किसी ने ध्यान नही दिया जिसका परिणाम आज हमारे सामने है। अब प्रश्न उठता है कि क्या दस दोषियों को सजा मिल पाएगी या फिर सरकार इन्हे मौत के तांडव का लाइसेंस देती रहेगी। सम्बन्धित लेख के चित्र के लिये चूहे का खटका चापें करे अदिति पर जाइये
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नववर्ष के दिन मैने अमित जी के ब्लॉग एक लेख देखा, जिस पर उन्होंने कुछ बातो का उल्लेख किया था। मैने भी उनके इस लेख पर अपनी एक टिप्पणी प्रस्तुत की थी किन्तु वह माडरेशन की शिकार हो गई। कुछ अटपटा सा लगा कि मैंने ऐसा क्या लिख दिया कि वह पठनीय नही था। मैने उस टिप्पणी की कोई प्रति अपने पास सुरक्षित नहीं रखी थी, पर मुझे जहां तक याद है मै अक्षरस: बताने का प्रयास करूँगा।
मैंने जो कुछ भी टिप्पणी में लिखा वह निम्न है -----
‘अमित जी आपके दोस्त को पूरा ध्यान पूर्वक पढ़ लगा कि दिव्याभ जी ने जिन शब्दो का प्रयोग किया वह कदापि उचित नही था और मै इन शब्दों के प्रयोग की कढ़ी शब्दो मे निंदा करता हूँ। पर ध्यान देने योग्य यह भी है कि जैसा आपने कहा कि मै चिठ्ठाकार को ईमेल भेज रहे थे वह उनके पास गया तो गलती तो अपकी थी अगर आपने इसकी माफी मॉंग ली होती कि भूल से चला गया है तो बात वही खत्म हो जाती। और एक बात जब बात द्विपक्षीय हो रही हो तो उसे बहुपक्षीय बनने से स्थिति और खराब होती है। आपने जिस प्रकार दिव्याभ जी के ईमेल को सार्वजनिक किया वह ठीक नहीं था। कोशिश करनी चाहिये कि इस प्रकार के झंझटो से बचा जाय। मै एक बार फिर से किसी चिठ्ठाकार या किसी के प्रति इन प्रकार के शब्दों की निंदा करता हूँ।‘
मेरी पूरी टिप्पणी मेरे विवेकानुसार जो मैने लिखा था वह यही है, और इसमे क्या माडरेशन वाली बात थी जिसे माडरेशन का कोप भाजन का होना पड़ा और इसे प्रकाशित नहीं किया गया मुझे नही समझ मे आया, अगर अपने मन की ही टिप्पणी की इच्छा हो तो इस पर लिख दिया जाए कि केवल पक्ष में बोलने वाले ही टिप्पणी करे विपक्ष में लिखने वालों की टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं किया जायेगा। तो मैं टिप्पणी करता न ही इस पोस्ट को लिखता। अब तो मै सोचने पर मजबूर हूँ कि माडरेशन वाली ब्लॉगों पर टिप्पणी करूँ भी कि नहीं। क्योंकि आधे घंटे-पन्द्रह मिनट बैठ कर टाइप करों और किसी को पसंद न आया तो टिप्पणी को कोप का भाजन बनना पड़े, आप सभी से माडरेशन वालों से निवेदन है कि आप अपने ब्लॉग पर नोटिस चस्पा कर दे कि आपको किस प्रकार की टिप्पणी की जाए ताकि भूलवश कोई आपके मन के विपरीत टिप्पणी न करे और टिप्पणीकार की करनी का परिणाम उसकी टिप्पणी को न भुगतना पडे।
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पर्यायवाची, विलोम या विपरीतार्थक अथवा प्रतिलोम शब्द एवं अनेकार्थक शब्द
पर्यायवाची, विलोम या विपरीतार्थक अथवा प्रतिलोम शब्द एवं अनेकार्थी शब्द
Synonyms, Antonyms or Antonyms or Antonyms and Synonyms
पर्यायवाची शब्द
- अंधकार - तम, तिमिर, अँधेरा, अँधियारा, ध्वांत, तमिस्र, तमस।
- अंधा - नेत्रहीन, चक्षुहीन, विवेकशून्य, दृष्टिहीन।
- अहंकार - दर्प, दम्भ, अभिमान, घमण्ड, गर्व, मद।
- अतिथि - मेहमान, पाहुना, आगंतुक, अभ्यागत, बटाऊ।
- अग्नि - आग, अनल, पावक, वह्नि, ज्वाला, कृशानु, वैश्वानर, धनंजय, दहन, सर्वभक्षी, जातवेद, हुताशन, हव्यवान, ज्वलन, शिखा, वैसन्दर, रोहिताश्व, कृपीटयोनि, तनूनपात, शोचिष्केनश, उषर्बुध, आश्रयाश, वृहदभानु, वायुसख, चित्रभानु, विभावस्, शुचि, अप्पिन्त।
- अकाल - सूखा, दुर्भिक्ष, भुखमरी, कमी, काळ (राजस्थानी)।
- अध्यापक - गुरु, आचार्य, शिक्षक, प्रवक्ता, उपाध्याय।
- अमृत - सुधा, पीयूष, अमिय, सोम, सुरभोग, जीवनोदक, अमी, मधु, दिव्य पदार्थ।
- अनुपम - अनूप, अपूर्व, अतुल, अनोखा, अद्भुत, अनन्य, अद्वितीय, बेजोड़, बेमिसाल, अनूठा, निराला, अभूतपूर्व, विलक्षण।
- असुर - दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज, रात्रिचर, जातुधान, तमीचर, मायावी, सुरारि, निश्चिर, मनुजाद।
- अचल - अटल, अडिग, अविचल, स्थिर, दृढ़।
- अनाथ - यतीम, नाथहीन, बेसहारा, दीन, निराश्रित।
- अपमान - अनादर, बेइज्जती, अवमानना, निरादर, तिरस्कार।
- अभिजात - संभ्रान्त, कुलीन, श्रेष्ठ, योग्य।
- अभिप्राय - आशय, तात्पर्य, मतलब, अर्थ, मंशा, व्याख्या, भाष्य, टीकापिप्पणी।
- अरण्य - जंगल, अटवी, विपिन, कानन, वन, कान्तार, दावा, गहन, बीहड़, विटप।
- अजेय - अदम्य, अपराजेय, अपराजित, अजित।
- अन्य - पर, भिन्न, पृथक, और, दूसरा, अलग।
- अनुचर - भृत्य, किँकर, दास, परिचारक, सेवक।
- अनार - शुकप्रिय, रामबीज, दाड़िम।
- अर्जुन - पार्थ, धनंजय, सव्यसाची, गाण्डीवधारी।
- अक्षर - हरफ, ब्रह्म, अ आदि वर्ण, अविनाशी।
- अनाज - अन्न, धान्य, खाद्यान्न, शस्य, गल्ला।
- अधिकार - हक, स्वामित्व, स्वत्व, कब्जा, आधिपत्य।
- अनुमान - अंदाज, तखमीना, अटकल, कयास।
- अनुमति - इजाजत, आज्ञा, अनुज्ञा, मंजूरी, स्वीकृति।
- अप्सरा - देवांगना, सुरांगना, देवकन्या, सुखनिता, अरुणप्रिया।
- अवनति - अपकर्ष, ह्रास, गिराव, उतार।
- अशुद्ध - दूषित, अपवित्र, मलिन, गंदा, गलत।
- अस्त - ओझल, गायब, छिपना, तिरोहित।
- आँख - नेत्र, नयन, चक्षु, दृग, लोचन, अक्षि, नजर, दृष्टि, विलोचन।
- आँसू - अश्रु, नयनजल, नेत्रनीर, नैत्रज, दृगजल, दृगम्बु।
- आँधी - तूफान, चक्रवात, झंझावत, बवंडर।
- आँगन - अंगना, प्रांगण, बाखर, बगर, अजिर, बाड़ा।
- आकाश - नभ, अंबर, व्योम, गगन, अनंत, शून्य, तारापथ, अन्तरिक्ष, दुष्कर, आसमान, महानील, द्यौ, शून्यरव, दिव, अभ्र, सुखर्त्यन्, क्यित, विहायस, नाक, द्युस्।
- आम - आम्र, रसाल, सहकार, अमृतफल, अम्बु, सौरभ, मादक।
- आनन्द - आमोद, प्रमोद, प्रसन्नता, हर्ष, उल्लास, आह्लाद, मोद, मुद, खुशी, मजा, सुख, चैन, विहार।
- आन - प्रण, प्रतिज्ञा, हठ, शपथ, घोषणा, मर्यादा।
- आभूषण - जेवर, गहना, भूषण, आभरण, मंडन, अलंकार।
- आत्मा - चैतन्य, विभु, जीव, सर्वज्ञ, सर्वव्याप्त, देव, चेतनतत्त्व, अन्तःकरण।
- आज्ञा - आदेश, निदेश, हुक्म।
- आयु - उम्र, वय, अवस्था, जीवनकाल।
- आदर्श - मानक, प्रतिमान, नमूना, प्रतिरूप।
- आदि - प्रथम, आरम्भिक, पहला, अथ।
- आपत्ति - विपत्ति, आपदा, संकट, मुसीबत।
- आश्रय - अवलंब, सहारा, आधार, प्रश्रय, आसरा।
- आश्रम - कुटी, विहार, मठ, संघ, अखाड़ा।
- आचरण - व्यवहार, चाल–चलन, बरताव।
- आयुष्मान - चिरायु, दीर्घायु, चिरंजीव।
- इन्द्र - महेन्द्र, देवराज, देवेश, सुरपति, शचिपति, वासव, पुरन्दर, सुरेन्द्र, सुरेश, देवेन्द्र, मघवा, शक्र, पुरहूत, देवपति, उर्वशीनाथ, सुनासीर, वज्री, वृत्रहा, नाकपति, सलस्राक्ष।
- इच्छा - अभिलाषा, आकांक्षा, कामना, चाह, ईप्सा, मनोरथ, ईहा, स्पृहा, उत्कंठा, लालसा, वांछा, लिप्सा, काम, चाव।
- ईश्वर - परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता, दीनबन्धु, जगन्नाथ, हरि, राम, विश्वम्भर।
- ईर्ष्या - जलन, डाह, द्वेष, खार, रश्क, कुढ़न।
- ईनाम - उपहार, पुरस्कार, पारितोषिक, बख्शीश।
- ईमानदारी - सदाशयता, निष्कपटता, दयानतदारी।
- उपहास - मजाक, खिल्ली, परिहास, मखौल, हास, प्रहसन्न, हँसी, लास।
- उपवन - बाग, बगीचा, उद्यान, वाटिका, फुलवारी, गुलशन।
- उत्तम - श्रेष्ठ, उत्कृष्ट, प्रवर, प्रकृष्ट, बेहतरीन, अच्छा।
- उत्थान - उत्कर्ष, आरोह, चढ़ाव, उत्क्रमण, उन्नति, प्रगति, उन्नयन।
- उदाहरण - दृष्टांत, मिसाल, नजीर, नमूना।
- उपकार - भलाई, नेकी, हितसाधन, कल्याण, मदद, परोपकार।
- उत्सव - समारोह, पर्व, त्यौहार, जलसा, जश्न।
- उदय - प्रकट होना, आरोहण, चढ़ना।
- उदास - दुखी, रंजीदा, विरक्त, अनमना, अन्यमनस्क।
- उद्देश्य - लक्ष्य, ध्येय, हेतु, प्रयोजन।
- उद्यम - साहस, उद्योग, परिश्रम, व्यवसाय, धंधा, कार्य, व्यापार, कर्म, क्रिया।
- उपमा - तुलना, मिलान, सादृश्य, समानता।
- उदर - पेट, कुक्ष, जठर।
- ऊँट - उष्ट्र, क्रमलेक, मरुयान, लम्बोष्ठ, महाग्रीव।
- एकान्त - सूना, निर्जन, जनशून्य।
- ऐश्वर्य - वैभव, सम्पन्नता, समृद्धि, प्रभुत्व, ठाठ–बाट।
- ओझल - गायब, लुप्त, अदृश्य, अंतर्धान, तिरोभूत।
- ओस - तुषार, हिमकण, शबनम, हिमबिँदु।
- ओष्ठ - अधर, रदच्छद, लब, किनारा, होठ, ओँठ।
- कमल - नलिन, अरविन्द, उत्पल, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, वारिज, शतदल, अम्बुज, पुण्डरिक, अब्ज, सरसिज, इंदीवर, ताम्ररस, कंज, वनज, अम्भोज, सहस्रदल, पुष्कर, कुवलय, पङ्करुह, सरसीरुह, कोकनद।
- कल्पवृक्ष - देवदारु, सुरतरु, मन्दार, पारिजात, कल्पद्रुम, देववृक्ष, सुरद्रुम, कल्पतरु।
- कबूतर - कपोत, हारीत, परेवा, पारावत, रक्तलोचन।
- कर्ण - अंगराज, सूतपुत्र, सूर्यपुत्र, राधेय, कौन्तेय।
- करुणा - दया, प्रसाद, अनुग्रह, अनुकंपा, कृपा, मेहरबानी।
- कर्ज - ऋण, उधार, देनदारी, देयता।
- कलंक - लांछन, दोष, दाग, तोहमत, धब्बा, कालिख पोतना।
- कमर - कटि, श्रोणि, लंक, मध्यांग।
- कस्तूरी - मृगनाभि, मृगमद, मदलता।
- कवि - कल्पक, सृष्टा, काव्यकार, रचनाकार।
- कलश - घट, घड़ा, गागर, गगरी, मटका, घटिका, कुंभ, कुट।
- कपड़ा - वस्त्र, चीर, वसन, अंबर, पट, कर्पट, दुकूल, परिधान।
- कष्ट - दुःख, दर्द, पीड़ा, मुसीबत, व्यथा, कठिनाई, व्याधि, कलेश, विषाद, संताप, वेदना, यातना, यंत्रणा, पीर, भीर, संकट, शोक, श्वेद, क्षोम, उत्पीड़न।
- कामदेव - काम, अनंग, मदन, मनोज, मन्मथ, कन्दर्प, स्मर, रतिपति, पुष्पधन्वी, मयन, मीनकेतु, पंचशर, मकरध्वज, मनसिज, पुष्पशायक, पंचबाण, मनोभव, कुसुमायुध, मार, सारंग, दर्पक, शम्बरारि।
- कान - कर्ण, श्रवण, श्रवणेन्द्रिय, श्रोत, श्रुतिपुट, श्रुतिपटल।
- कान्ति - चमक, आभा, प्रभा, सुषमा, द्युति।
- किरण - रश्मि, कर, मरीचि, मयूख, अंशु, दीधिति, वसु, ज्योति, दीप्ति।
- किताब - पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक, गुटका।
- किनारा - तट, तीर, कूल, पुलिन, पर्यंत, बेलातट।
- कुबेर - यक्षराज, धनाधिप, धनद, धनपति।
- कुत्ता - श्वान, शुनक, गंडक, कूकर, श्वजन।
- क्रूर - निष्ठुर, निर्मोही, बर्बर, नृशंस, निर्दयी।
- कृष्ण - श्याम, कन्हैया, वासुदेव, मोहन, राधास्वामी, नंदलाल, मुरलीधर, बनवारी, माधव, मधुसूदन, गिरिधर, गोपाल, गोपीवल्लभ, विश्वंभर, नटवर, गिरधारी, चतुर्भुज, नारायण, जनार्दन, पुरुषोत्तम, अच्युत, गरुड़ध्वज, कैटमारि, घनश्याम, चक्रपाणि, पद्मनाभ, राधापति, मुकुन्द, गोविन्द, केशव।
- कृतज्ञ - आभारी, उपकृत, अनुगृहीत, कृतार्थ, ऋणी।
- कृषक - किसान, हलवाहा, भूमिसुत, खेतिहर, कृषिजीवी, हलधर, अन्नदाता, भूमिपुत्र।
- क्रोध - गुस्सा, रीस, अमर्ष, रोष, शेष, कोप, कोह, प्रतिघात।
- केला - कदली, भानुफल, रंभा, गजवसा, कुंजरासरा, मोचा।
- केश - बाल, शिरोरुह, कच, कुंतल, पश्म, चिकुर, अलक।
- कोयल - पिक, कलकंठ, कोकिला, श्यामा, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, कुहुकिनी, वनप्रिया, सारंग, कलापी, कोकिल, परभृत।
- कौआ - काक, वायस, पिशुन, करटक, काग।
- क्षमा - माफी, सहनशीलता, सहिष्णुता।
- खंभा - यूप, स्तंभ, खंभ, स्तूप।
- खल - अधम, दुष्ट, दुर्जन, धूर्त, कुटिल, नीच, पामर, पिशुन, निकृष्ट, शठ।
- खिड़की - गवाक्ष, झरोखा, बारी, वातायन, दरीचा।
- गंगा - देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विष्णुपदी, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, जाह्नवी, त्रिपथगा, देवगंगा, सुरापगा, विपथगा, स्वर्गापगा, आपगा, सुरधनी, विवुधनदी, विवुधा, पुण्यतीया, नदीश्वरी, भीष्मसू।
- गणेश - विनायक, गजानन, गौरीनंदन, गणपति, गणनायक, शंकरसुवन, लम्बोदर, महाकाय, एकदन्त, गजवदन, मूषकवाहन, वक्रतुण्ड, विघ्ननाशक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, गणराज, भालचन्द्र, पार्वतीनंदन, सिद्धिसदन।
- गरुड़ - वैनतेय, खगकेतु, हरिवाहन, खगेश, पक्षिराज, उरगरिपु।
- गधा - गदहा, खर, गर्दभ, रासभ, वेशर, चक्रीवान, वैशाखनन्दन।
- गला - कण्ठ, ग्रीवा, शिरोधरा।
- गाय - गौ, गऊ, गैया, धेनु, सुरभी, गौरी, पयस्विनी, दौग्धी, भ्रदा, ऋषिभि, सुरभिवच्छा, माहेयी।
- ग्रीष्म - घाम, निदाघ, ताप, ऊष्मा, गर्मी, उष्ण।
- गीदड़ - शृगाल, सियार, जंबूक।
- गुलाब - शतपत्र, पाटल, वृत्तपुष्प, स्थलकमल।
- गुरु - शिक्षक, अध्यापक, आचार्य, अवबोधक।
- घर - गृह, सदन, गेह, भवन, धाम, निकेतन, निवास, आलय, आवास, निलय, मंदिर, मकान, आगार, निकेत, अयन, आयतन, शाला, ओक, सौध, केत।
- घृत - घी, नवनीत, अमृत, आज्य, हव्य, सर्पि।
- घोड़ा - घोटक, अश्व, तुरंग, हय, वाजि, सैन्धव, तुरंगम, बाजी, वाह, तरंग, रविपुत्र।
- घोड़ी - अश्विनी, वामी, प्रसू, प्रसूका।
- चंदन - मलय, मंगल्य, गंधराज।
- चन्द्रमा - चाँद, हिमांशु, इंदु, विधु, तारापति, चन्द्र, शशि, हिमकर, राकेश, रजनीश, निशानाथ, सोम, मयंक, सारंग, सुधाकर, कलानिधि, सुधांशु, निशाकर, शशांक, राकापति, मृगांक, औषधीश, द्विजराज, रजनीपति, क्षयनाथ, विश्व विलोचन, राकेन्दु, चन्द्रिकाकान्त, दधिसुत, हियभानु, हियवान, हियकर, मरीचिमाली, क्षयाकर, नक्षत्रेश।
- चतुर - कुशल, प्रवीण, निपुण, योग्य, पटु, नागर, होशियार, दक्ष, चालाक।
- चरण - पद, पग, पाँव, पैर, पाँव।
- चाँदनी - चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रमरीचि, उजियारी, अमला, जुन्हाई।
- चाँदी - रजत, रूपक, रूपा, रौप्य, कलधौत, जातरूप।
- चोर - धनक, रजनीचर, तस्कर, मौषक, कुंभिल।
- छल - कपट, छद्म, धोखा, व्याज, वंचना, प्रवंचना, ठगी।
- छिपकली - गोधिका, विषतूलिका, माणिक्य।
- जंगल - विपिन, कानन, वन, अरण्य, गहन, कांतार, बीहड़, विटप।।
- जल - नीर, सलिल, उदक, अम्बु, तोय, जीवन, वारि, पय, मेघपुष्प, पानी, वन जीवम, पुष्कर, सारंग, रस, पात, क्षीर, धनरस, वसु, अम्भ, शम्बर, अमृत, पानीय, अप।
- जन्म - उद्भव, उत्पति, आविर्भाव, पैदाइश।
- जहर - विष, गरल, हलाहल, कालकूट, गर।
- जवान - युवा, युवक, तरुण, किशोर।
- जीभ - जिह्वा, रसना, रसज्ञा, रसिका।
- जीव - प्राणी, प्राण, चैतन्य, जान।
- झरना - प्रपात, निर्झर, उत्स, स्रोता।
- झूठ - असत्य, मिथ्या, मृषा, अनृत।
- झोँपड़ी - कुंज, कुटिया, पर्णकुटी।
- तलवार - असि, चन्द्रहास, खड़्ग, कृपाण, करवाल, खंग।
- तरकस - तूणीर, निषंग।
- त्वचा - चर्म, चमड़ी, खाल, चाम।
- तालाब - सरोवर, जलाशय, सर, पुष्कर, पोखरा, जलवान, सरसी, तड़ाग, पद्माकर, हृद, कासार, पल्वल, पुष्पकरण, सरस, सरक, सरस्वत, सत्र, सारंग।
- तारा - उडु, नखत, नक्षत्र, तारक, तारिका, ऋक्ष, सितारा।
- तोता - शुक, कीर, सुआ, वक्रतुण्ड, दाड़िमप्रिय।
- थोड़ा - कम, जरा, स्वल्प, तनिक, न्यून, अल्प, किँचित, मामूली।
- दर्पण - शीशा, आरसी, आईना, मुकुर।
- दल - समूह, झुण्ड, झल, निकर, गण, तोम, वृन्द, पुंज।
- दरिद्र - गरीब, विपन्न, धनहीन, निर्धन, कंगाल।
- दाँत - दन्त, रद, दशन, रदन, द्विज, मुखक्षुर।
- दिन - वासर, वासक, दिवस, दिवा, अह्न, आह्न, अर्हि, अहः, वार।
- दुःख - पीड़ा, क्लेश, वेदना, यातना, खेद, कष्ट, व्यथा, शोक, यन्त्रणा, सन्ताप, संकट, श्वेद, क्षोभ, विषाद, उत्पीड़न, पीर, लेश।
- दुर्गा - चंडिका, भवानी, कुमारी, कल्याणी, महागौरी, कालिका, शिवा, चामुण्डा, चण्डी, सुभद्रा, कामाक्षी, काली, अम्बा, शेरावाली, ज्वाला, गौरी।
- दूध - क्षीर, पय, दुग्ध, गोरस, सरस।
- देवता - सुर, अजर, अमर, देव, विवुध, गोर्वाण, निर्जर, वसु, आदित्य, लेख, वृन्दारक, अजय, सुमना, अमर्त्य, त्रिदश, ऋभु, सुपर्वा, दिदिवेश, त्रिवौकस, आदितेय।
- देश - वतन, स्थान, मुल्क, क्षेत्र, झर्झरीक।
- दिव्य - अलौकिक, लोकोत्तर, लोकातीत।
- द्रौपदी - कृष्णा, पांचाली, याज्ञसेनी।
- धन - अर्थ, वित्त, सम्पत्ति, द्रव्य, सम्पदा, दौलत, मुद्रा, लक्ष्मी, श्री।
- धनुष - कोदण्ड, चाप, शरासन, कमान, धनु, विशिखासन।
- ध्वजा - ध्वज, निशान, केतु, पताका, झण्डा, वैजयन्ती।
- ध्वनि - आवाज, स्वर, शब्द, नाद, रव।
- धरती - पृथ्वी, उर्वि, वसुन्धरा, अचला, क्ष्मा, कु, भू, क्षोणी, विपुला, जगती, पुहिम, धरा, धरणी, रसा, मही, वसुमति, मेदिनी, गह्वरी, धात्री, क्षिति, भूमि, अनन्ता, अवनि, तृणधरी, धरित्र, रत्नगर्भा।
- नर - व्यक्ति, जन, मनुष्य, मनुज, आदमी, पुरुष, मानव, काम्य, सौम्य, नृ।
- नदी - निम्नगा, कूलकंषा, सरिता, सरि, धुनि, आपगा, सरित, नोचगा, तटिनी, प्रवाहिनी, शर्करी, निर्झरिणी, फूलंकषा, जलमाला, नद, तरंगिणी, रजवती, स्रोतस्विनी, शैवालिनी।
- नकुल - नेवला, महादेव, वंशरहित, युधिष्ठिर का भाई।
- नया - नूतन, नव, नवीन, नव्य।
- नश्वर - नाशवान, क्षणी, क्षणभंगुर, क्षणिक।
- नारद - ब्रह्मर्षि, देवर्षि, ब्रह्मापुत्र।
- नारी - महिला, वनिता, ललना, रमणी, स्त्री, कामिनी, औरत, अबला, तिय, भामा, काम्या, सोम्या, भामिनी, अंगना, कलत्र, तरुणी, त्रिया, प्रमदा, भात्रिनी, बारा, तन्वंगी।
- नाश - विनाश, ध्वंस, क्षय, तबाही, संहार, नष्ट।
- नाव - नौका, तरणी, जलयान, तरी, डोँगी, पोत, पतंग, नैया।
- निँदा - बुराई, अपयश, बदनामी, चुगली।
- नियति - प्रारब्ध, भाग्य, होनी, भावी, दैत्य, होनहार।
- निर्मल - स्वच्छ, शुद्ध, साफ, उज्ज्वल, पवित्र, पावन।
- नौकर - अनुचर, सेवक, किँकर, चाकर, भृत्य, परिचारक, दास।
- पंडित - विद्वान, कोविद, सुधी, मनीषी, बुध, प्राज्ञ, धीर, विचक्षण।
- पहाड़ - पर्वत, अचल, गिरि, नग, भूधर, महीधर, शैल, अद्रि, मेरु, धराधर, नाग, गोत्र, शिखरी, तुंग।
- पक्षी - द्विज, शकुनि, पतंग, अंडज, शकुन्त, चिड़िया, विहंगम, विहग, खग, नभचर, खेचर, पंछी, पखेरू, परिन्दा।
- पवन - अनिल, वात, वायु, बयार, समीर, हवा, मरुत, मारुत, प्रभंजन।
- पति - भर्ता, वल्लभ, स्वामी, बालम, अधिपति, भरतार, अधिईश, कान्त, नाथ, आर्यपुत्र, वर, प्राणाधार, प्राणेश, प्राणप्रिय।
- पत्नी - भार्या, दारा, सहधर्मिणी, वधु, गृहिणी, बहू, कलम, प्राणप्रिया, प्राणवल्लभा, तिय, वामा, वामांगीत्रिया, अर्द्धांगिनी, गृहिणी, कलत्र, कान्ता, अंगना।
- पथ - राह, रास्ता, मार्ग, बाट, पंथ।
- पराग - रज, पुष्परज, केशर, कुसुमरज।
- पत्ता - पर्ण, पल्लव, दल, किसलय, पत्र।
- प्रकाश - रोशनी, आलोक, उजाला, प्रभा, दीप्ति, छवि, ज्योति, चमक, विकास।
- पत्थर - पाषाण, शिला, पाहन, प्रस्तर, उपल।
- प्रातः - प्रभात, सुबह, अरुणोदय, उषाकाल, अहर्मुख, सवेरा।
- पान - ताम्बूल, नागरबेल, मुखमंडन, मुखभूषण।
- पाला - हिम, तुषार, नीहार, प्रालेय।
- पाप - अघ, पातक, दुष्कृत्य, अधर्म, अनाचार, अपकर्म, जुल्म, अनीत।
- पार्वती - गिरिजा, शैलजा, उमा, भवानी, शिवा, शिवानी, दुर्गा, अम्बिका, रुद्राणी, कात्यायिनी, गौरी, शंकरी, अपर्णा, गिरितनया, आर्या, मैनादुलारी।
- प्रेम - प्यार, प्रीति, अनुराग, राग, हेत, स्नेह, प्रणय।
- पिता - जनक, तात, पितृ, बाप, प्रसवी, पितु, पालक, बप्पा।
- पुत्र - बेटा, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन, लाल, लड़का, पूत, सुवन।
- पुत्री - बेटी, आत्मजा, तनुजा, सुता, तनया, दुहिता, नन्दिनी, लड़की।
- पेड़ - विटप, द्रुम, तरु, वृक्ष, पादप, रूख, शारणी, भूरुह, शाखी।
- प्यास - पिपासा, तृषा, तृष्णा, तिषा, तिष, पिष।
- प्रसन्न - खुश, हर्षित, प्रसादपूर्ण, आनन्दित।
- फूल - कुसुम, सुमन, पुष्प, मंजरी, प्रसून, फलपिता, पुहुप, लतांत, प्रसूमन।
- बलराम - हलधर, मूसली, रेवतीरमण, हली।
- बसंत - ऋतुराज, माधव, कुसुमाकर, मधुऋतु, मधुमास, मधु।
- बहिन - सहोदरा, भगिनी, सहगर्भिणी, बान्धवी।
- ब्रह्मा - अज, विधि, विधाता, सृष्टा, प्रजापति, चतुरानन, चतुर्मुख, नाभिज, सदानन्द, विरंचि, आत्मभू, स्वयंभू, पद्मयोनि, हिरण्यगर्भ, लोकेश, सृष्टा, अब्जयोनी, कमलासन, गिरापति, रजोमूर्ति, हंसवाहन, धाता।
- बन्दर - वानर, मर्कट, शाखामृग, हरि, लंगूर, कपि, कीश।
- बर्फ - तुषार, हिम, तुहिन, नीहार।
- ब्राह्मण - द्विज, विप्र, अग्रजन्मा।
- ब्याह - शादी, विवाह, परिणय, पाणिग्रहण।
- बाघ - व्याघ्र, शार्दूल, चित्रक, चीता।
- बाज - श्येन, शशदिन, कपोतारि।
- बाण - तीर, शायक, शिलीमुख, नाराच, शर, विशिख, कलाप, आशुग।
- बालू - रेत, बालुका, सैकत।
- बादल - पयोद, वारिद, जलद, नीरद, तोयद, अम्बुद, मेघ, पयोधर, जलधर, अब्द, बलाहक, कन्द, अभ्र, घन, पर्जन्य, वारिवाह, तड़ित्वान, सारंग, जीयूत, घुख।
- बालक - शिशु, बच्चा, शावक।
- बिजली - शम्पा, शतह्रदा, ह्रादिनी, ऐरावती, क्षणप्रिया, तड़ित, सौदामिनी, विद्युत, चंचला, चपला, दामिनी, बिज्जु, बिजुरी, अशनि, क्षणप्रभा।
- बिल्ली - मार्जारी, विलास, विड़ाल।
- बुद्धि - मति, मेधा, धी, मनीषा, प्रज्ञा, अक्ल, विवेक।
- बैल - वृषभ, वृष, ऋषभ, नंदी, शिखी।
- भय - त्रास, डर, आतंक, भीति।
- भैँस - महिषी, कासरी, सैरिभी, लुलापा।
- भ्राता - भाई, बान्धव, सगर्भा, सहोदर, भातृ, तात, बन्धु।
- भाग्य - ललाट, तकदीर, भाग, अंक, भाल, किस्मत।
- भालू - रीछ, जंबू, ऋक्ष्य।
- भिखारी - भिक्षुक, याचक, मँगता, मँगन, भिक्षोपजीवी।
- भौँरा - मधुप, भ्रमर, अलि, मधुकर, षटपद, भृंग, चंचरीक, शिलीमुख, मिलिँद, मारिन्द, मधुलोभी, मकरन्द, द्विरेफ, मधुवत, मधुसिँह।
- मक्खन - नवनीत, लौनी, माखन, दधिसार।
- मछली - मकर, शफरी, मीन, मत्स्य, झख, पाठीन, झष।
- मदिरा - दारू, शराब, सुरा, मद्य, मधु, वारुणी, कादम्बरी, माधव, हाला।
- मांस - आमिष, गोश्त, पलल, पिशित।
- माता - माँ, जननी, अम्बा, धात्री, प्रसू, अम्बिका, प्रसूता, प्रसविनी, प्रसवित्री, मैया, मात, अम्मा, जन्मदायिनी।
- मित्र - संगी, साथी, सहचर, दोस्त, सखा, सुहृद, मीत, मितवा, यार।
- मुख - मुँह, चेहरा, वदन, आनन।
- मुनि - साधु, महात्मा, संत, बैरागी, तापस, तपस्वी, संन्यासी।
- मुर्गा - कुक्कुट, ताम्रचूड़, उपाकर, अरुणशिखा।
- मूर्ख - मूढ़, अज्ञ, अज्ञानी, वालिश।
- मेँढक - मंडूक, दादुर, वर्षाभू, शातुर, दुर्दर, मण्डूक।
- मैना - सारिका, चित्रलोचना, कहहप्रिया, मधुरालय, सारी।
- मोती - मुक्ता, मौक्तिक, सीपज, शशिप्रभा।
- मोर - मयूर, केकी, शिखी, वर्हि, कलाधर, कलापी, कलकंठ, नीलकंठ, सारंग, भुजंगभुक्, शिखाबल, चन्द्रकी, मेघानन्दी, शिखण्डी, क्षितिपति, अधिपति।
- मृत्यु - मौत, निधन, देहान्त, प्राणान्त, मरना, निऋति, स्वर्गवास।
- मोक्ष - मुक्ति, निर्वाण, कैवल्य, अपवर्ग, अमृतपद।
- यमराज - यम, धर्मराज, हरि, जीवनपति, सूर्यपुत्र।
- यमुना - कृष्णा, कालिँदी, सूर्यजा, तरणिजा, तनूजा, अर्कजा, रवितनया, जमुना, श्यामा।
- युद्ध - रण, संग्राम, समर, लड़ाई, विग्रह, आहव, संख्य, संयुग, संगर।
- युवती - किशोरी, तरुणी, श्यामा।
- रक्त - खून, लहू, रुधिर, लोहित, शोणित।
- राम - रघुपति, सीतापति, रघुवर, राघव, दशरथनंदन, दशरथसुत, रघुकुलमणि, सियावर, जानकीवल्लभ, रघुकुलतिलक।
- रावण - दशानन, लंकापति, लंकेश, दशकंध, दशासन।
- राजा - नृप, महीप, नरेश, भूप, नरेन्द्र, भूपति, नृपति, अहिपति, महीपति, भूपाल, राव, अवनिपति, महीश, पार्थिव, महिपाल, अवनीश, क्षोणीव, क्षितिपति, अधिपति।
- राधा - वृषभानुजा, ब्रजरानी, कृष्णप्रिया, राधिका।
- रात्रि - रात, रजनी, निशा, क्षपा, वामा, रैन, यामिनी, शर्बरी, यामा, त्रिभामा, विभावरी, तमी, क्षणदा, तमिसा, राका, सारंग।
- रोगी - बीमार, अस्वस्थ, रुग्ण, व्याधिग्रस्त, रोगग्रस्त।
- लक्ष्मी - कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इन्दिरा, पद्मासना, पद्मानना, लोकमाता, क्षारोदा, क्षीरोदतनया, समुद्रजा, भार्गवी, विष्णुवल्लभा, सिन्धुजा, विष्णुप्रिया, चपला, सिन्धुसुता।
- लक्ष्मण - लखन, सौमित्र, रामानुज, लषन, शेषावतार, मेघनादारि।
- लता - वेलि, वल्लरी, वीरुध, बेल।
- लहर - तरंग, ऊर्मि, वीचि।
- लोहा - अयस, लौह, सार।
- वर्ष - साल, बरस, अब्द, वत्सर।
- वर्षा - बरसात, पावस, बारिश, वर्षण, बरखा।
- वरुण - अम्बुपति, सागरेश, प्रचेता, समुद्रेश, पाशी।
- वात्सल्य - स्नेह, लाड प्यार, ममता, लालन, शिशु–प्रेम।
- विधवा - पतिहीना, अनाथा, राँड।
- विष्णु - नारायण, केशव, उपेन्द्र, माधव, अच्युत, गरुड़ध्वज, हरि, चक्रपाणि, दामोदर, रमेश, मुरारी, जनार्दन, विश्वम्भर, मुकुन्द, ऋषिकेश, लक्ष्मीपति, विधु, विश्वरूप, जलशायी, सारंगाणि, बनमाली, पीताम्बर, चतुर्भुज, अधोक्षज, पुरुषोत्तम, श्रीपति, वासुदेव, मधुसूदन, मधुरिपु, पद्मनाभ, पुराणपुरुष, दैत्यारि, सनातन, शेषशायी।
- वियोग - बिछोह, विरह, जुदाई, विप्रलंब।
- वीर्य - शुक्र, बीज, जीवन।
- शब्द - ध्वनि, रव, नाद, निनाद, स्वर।
- शत्रु - रिपु, बैरी, विपक्षी, अरि, अराति, दुश्मन, विरोधी, द्वेषी, अमित्र।
- शरीर - देह, तन, काया, कलेवर, वपु, गात, विग्रह, तनु, घट, बदन, अवयव, अंगी, गति, काय।
- शहद - मधु, मकरंद, पुष्परस, पुष्पासव।
- शत्रुघ्न - रिपुसूदन, शत्रुहन, शत्रुहन्ता।
- श्वेत - शुभ्र, ध्वल, सफेद, शुक्ल, वलक्ष, अमल, दीप्त, उज्ज्वल, सित।
- शिकार - आखेट, मृगया, अहेर।
- शिकारी - बहेलिया, अहेरी, व्याध, लुब्धक।
- शिष्ट - सभ्य, सुशील, सुसंस्कृत, विनीत।
- शिव - रुद्र, नीलकंठ, अग्निकेतु, शम्भु, शम्भू, ईश, चन्द्रशेखर, शूली, महेश्वरी, शर्व, शव, भूतेश, पिनाकी, उग्र, कपर्दी, श्रीकंठ, शितिकंठ, वामदेव, विरुपाक्ष, विलोचन, कृशानुरेत, सर्वज्ञ, धूजर्टि, उमापति, पंचानन, ऋतुध्वंसी, स्मरहर, मदनारि, अहिर्बूध्न्य, महानट, गौरीपति, कापालिक, दिगम्बर, गुड़ाकेश, चन्द्रापीड़, श्मशानेश्वर, वृषांक, अंगीरागुरु, अंतक, अंडधर, अंबरीश, अकंप, अक्षतवीर्य, अक्षमाली, अघोर, अचलेश्वर, अजातारि, अज्ञेय, अतीन्द्रिय, अत्रि, अनघ, अनिरुद्ध, अनेकलोचन, अपानिधि, अभिराम, अभीरु, अभदन, अमृतेश्वर, अमोघ, अरिदम, अरिष्टनेमि, अर्धेश्वर, अर्धनारीश्वर, अर्हत, अष्टमूर्ति, अस्थिमाली, आत्रेय, आशुतोष, इंदुभूषण, इंदुशेखर, इकंग, ईशान, ईश्वर, उन्मत्तवेष, उमाकांत, उमानाथ, उमेश, उमापति, उरगभूषण, ऊर्ध्वरेता, ऋतुध्वज, एकनयन, एकपाद, एकलिंग, एकाक्ष, कपालपाणि, कमंडलुधर, कलाधर, कल्पवृक्ष, कामरिपु, कामारि, कामेश्वर, कालकंठ, कालभैरव, काशीनाथ, कृत्तिवासा, केदारनाथ, कैलाशनाथ, क्रतुध्वसी, क्षमाचार, गंगाधर, गणनाथ, गणेश्वर, गरलधर, गिरिजापति, गिरीश, गोनर्द, चंद्रेश्वर, चंद्रमौलि, चीरवासा, जगदीश, जटाधर, जटाशंकर, जमदग्नि, ज्योतिर्मय, तरस्वी, तारकेश्वर, तीव्रानंद, त्रिचक्षु, त्रिधामा, त्रिपुरारि, त्रियंबक, त्रिलोकेश, त्र्यंबक, दक्षारि, नंदिकेश्वर, नंदीश्वर, नटराज, नटेश्वर, नागभूषण, निरंजन, नीलकंठ, नीरज, परमेश्वर, पूर्णेश्वर, पिनाकपाणि, पिंगलाक्ष, पुरंदर, पशुपतिनाथ, प्रथमेश्वर, प्रभाकर, प्रलयंकर, भोलेनाथ, बैजनाथ, भगाली, भद्र, भस्मशायी, भालचंद्र, भुवनेश, भूतनाथ, भूतमहेश्वर, भोलानाथ, मंगलेश, महाकांत, महाकाल, महादेव, महारुद्र, महार्णव, महालिंग, महेश, महेश्वर, मृत्युंजय, यजंत, योगेश्वर, लोहिताश्व, विधेश, विश्वनाथ, विश्वेश्वर, विषकंठ, विषपायी, वृषकेतु, वैद्यनाथ, शशांक, शेखर, शशिधर, शारंगपाणि, शिवशंभु, सतीश, सर्वलोकेश्वर, सर्वेश्वर, सहस्रभुज, साँब, सारंग, सिद्धनाथ, सिद्धीश्वर, सुदर्शन, सुरर्षभ, सुरेश, सोम, सृत्वा, हर-हर महादेव, हरिशर, हिरण्य, हुत।
- शेषनाग - अहीश, धरणीधर, सहस्रासन, फणीश।
- षडयंत्र - कुचक्र, दुरभिसंधि, अभिसंधि, साजिश, जाल।
- संध्या - सायंकाल, गोधूलि, निशारंभ, दिनांत, दिवावसान, पितृप्रसू, प्रदोष, सायम्।
- संसार - जग, जगत्, भव, विश्व, जगती, दुनिया, लोक, संसृति।
- समुद्र - जलधि, सिंधु, सागर, रत्नाकर, उदधि, नदीश, पारावार, वारिधि, पयोधि, अर्णव, नीरनिधि, तोयधि, वननिधि, वारीश, कंपति।
- स्वर्ग - सुरलोक, देवलोक, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक, बैकुंठ, गोलोक, परलोक, नाक, द्यौ, इन्द्रलोक, दिव।
- सरस्वती - भाषा, वाणी, वागीश्वरी, इला, विधात्री, भारती, शारदा, वीणाधारिणी, वाक्, गिरा, वीणापाणि, वाग्देवी, वीणावादिनी, ब्राह्मी, वाचा, गिरा, वागीश, महाश्वेता, श्री, ईश्वरी, संध्येश्वरी।
- सखी - सहेली, सजनी, आली, सैरन्ध्री।
- स्तन - उरोज, थन, कुच, वक्षोज, पयोधर।
- स्वामी - ईश, पति, नाथ, साँई, अधिप, प्रभु।
- साँप - सर्प, नाग, अहि, व्याल, भुजंग, विषधर, उरग, पन्नग, फणी, चक्षुश्रुवा, श्वसनोत्सुक, पवनासन, फणधर।
- सिँह - केसरी, शेर, महावीर, हरि, मृगपति, वनराज, शार्दूल, नाहर, सारंग, मृगराज, मृगेन्द्र, पंचमुख, हर्यक्ष, पञ्चास्य, पारीन्द्र, श्वेतपिंगल, कण्ठीरख, पंचशिख, भीमविक्रम, केशी, मृगारि, कव्याद, नखी, विक्रान्त, दीप्तपिँगल, पुण्डरिक, पंचानन।
- सीता - जानकी, भूमिजा, वैदेही, रामप्रिया, अयोनिज, जनकसुता, जनकदुलारी, सिया।
- सुगन्ध - खुशबू, सुरभि, सौरभ, सुवास, तर्पण, सुगन्धि, मदगंध, सुवास, महक।
- सुन्दर - रुचिर, चारु, सुहावन, सौम्य, मोहक, रमणीय, ललित, चित्ताकर्षक, ललाम, कमनीय, रम्य, कलित, मंजुल, मनोज, मनभावन।
- सुन्दरता - लावण्य, सौम्यता, रमणीयता, शोभा, स्त्री, कमनीयता, चारुता, रुचिरता, छवि, कांति, रम्यता, सौन्दर्य, छटा, सुषमा।
- सूर्य - रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, दिनेश, भास्कर, दिवाकर, मार्तण्ड, अंशुमाली, दिननाथ, अर्क, तमरि, भूषण, तरणि, पतंग, मित्र, भानू, सविता, छायानाथ, मरीची, दिवसाधिप, विवस्वान, विभावसु, अम्बर, मणि, खग, गभास्तिमान, हिरण्यगर्भ, नक्षमाधिपति, सूर, वीरोचन, पूषण, अर्यमा, चक्रबन्धु, कमलबन्धु, हरि, सप्ताश्व, द्वादशात्मा, ऊष्मरश्मि, असुर, विकर्तन, गृहपति, सहस्रांशु, पद्माक्ष, तेजोराशि, महातेज, तमिस्रहा, जगच्चक्षु, प्रद्योतन, खद्योत, सारंग, मित्र।
- सेना - कटक, सैन्यदल, फौज, वाहिनी।
- सोना - हाटक, कनक, सुवर्ण, कंचन, हेम, कुन्दन, हिरण्य, स्वर्ण, चामीकर, तामरस।
- हंस - मराल, चक्रंग, सूर्य, आत्मा, मानसौक, कलकंठ, मितपक्ष, कारण्डव।
- हनुमान - कपीश, अंजनि पुत्र, पवनसुत, मारुति नंदन, मारुत, बजरंगबली, महावीर।
- हरिण - मृग, कुरंग, चमरी, सारंग, कृष्णसार, तृनजीवी।
- हाथ - कर, हस्त, पाणि, बाहु, भुजा, भुज।
- हाथी - गज, हस्ती, द्विप, वारण, वसुन्दर, करी, कुन्जर, दंती, कुम्भी, वितुण्डा, मतंग, नाग, द्विरद, सिन्धुर, गयन्द, कलभ, सारंग, मतगंज, मातंग, हरि, वज्रदन्ती, शुण्डाल।
- हिमालय - हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, नगेश, नगाधिराज, हिमवान, हिमाद्रि, शैलराट।
- हृदय - छाती, वक्ष, वक्ष स्थल, हिय, उर, सीना।
- त्रुटि - गलती, कसर, कमी, भूल, संशय, अंगहीनता, प्रतिज्ञा–भंग।
विलोम शब्द या विपरीतार्थक अथवा प्रतिलोम शब्द
जो शब्द परस्पर विपरीत या विरोधी अर्थ प्रकट करते हैँ, उन्हें विलोम शब्द या विपरीतार्थक अथवा प्रतिलोम शब्द कहते हैँ। विलोम शब्दों के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिए –- शब्द जिस स्तर का हो, उसका विलोम भी उसी स्तर का होना अति आवश्यक है। यदि शब्द तत्सम है तो विलोम भी तत्सम होगा, जैसे – हस्ति - हस्तिनी। यदि शब्द तद्भव है तो विलोम भी तद्भव होगा, जैसे – हाथी - हथिनी।
- संज्ञा का विपरीतार्थी शब्द संज्ञा तथा विशेषण के लिए विशेषण शब्द ही विलोम होगा। जैसे – अधिक - न्यून। अधिक का विलोम ‘कम’ नहीं होगा क्योंकि ‘कम’ शब्द उर्दू का है। कम का विलोम ज्यादा होगा।
- शब्द - विलोम शब्द
- अंत - आदि
- अंश - पूर्ण
- अंतर्मुखी - बहिर्मुखी
- अंतरंग - बहिरंग
- अति - अल्प
- अपना - पराया
- अपराजित - पराजित
- अर्वाचीन - प्राचीन
- अकाल - सुकाल
- अभिज्ञ - अनभिज्ञ
- अनन्त - अन्त, सान्त
- अज्ञ - विज्ञ
- अधिमूल्यन - अवमूल्यन
- अपराधी - निरपराधी
- अथ (प्रारम्भ) - इति (समाप्ति)
- अकर्मक - सकर्मक
- अमृत - विष
- अथाह - छिछला
- अवर - प्रवर
- अवतल - उत्तल
- अतिथि - आतिथेय
- अतिवृष्टि - अनावृष्टि
- अधोगति - ऊर्ध्वगति
- अघोष - सघोष
- अभियुक्त - अभियोगी
- अग्र - पश्च
- अत्यधिक - स्वल्प
- अनुकूल - प्रतिकूल
- अनुराग - विराग
- अनुरक्त - विरक्त
- अनुरूप - प्रतिरूप
- अनाहूत - आहूत
- अग्रज - अनुज
- अधम - उत्तम
- अपेक्षा - उपेक्षा
- अल्पज्ञ - बहुज्ञ
- अल्पायु - चिरायु/दीर्घायु
- अवनि - अंबर
- असीम - ससीम
- अनुनासिक - निरानुनासिक
- अभिजात - अकुलीन
- अनिवार्य - ऐच्छिक/वैकल्पिक
- अधुनातन - पुरातन
- अस्त्रीकरण - निरस्त्रीकरण
- आदि - अंत
- आविर्भाव - तिरोभाव
- आरोह - अवरोह
- आगमन - निर्गमन
- आस्तिक - नास्तिक
- आग्रह - दुराग्रह
- आधुनिक - प्राचीन
- आविर्भूत - तिरोभूत/तिरोहित
- आवर्तक - अनावर्तक
- आगामी - विगत
- आज्ञा - अवज्ञा
- आर्द्र - शुष्क
- आलस्य - उद्यम
- आकाश - पाताल
- आचार - अनाचार
- आत्मनिर्भर - परजीवी
- आद्य - अंत्य
- आध्यात्मिक - सांसारिक
- आनन्द - शोक
- आह्लाद - विषाद
- आभ्यंतर - बाह्य
- आकुंचन - प्रसारण
- आह्वान - विसर्जन
- आलोचना - प्रशंसा
- आकर्षण - विकर्षण
- आमिष - निरामिष
- आसक्त - अनासक्त
- आशीर्वाद - अभिशाप
- आशा - निराशा
- आर - पार
- आवृत्त - अनावृत्त
- आस्था - अनास्था
- आयात - निर्यात
- आदान - प्रदान
- आया - गया
- आय - व्यय
- आश्रित - अनाश्रित
- इहलोक - परलोक
- इष्ट - अनिष्ट
- इच्छा - अनिच्छा
- ईश्वर - अनीश्वर
- उत्थान - पतन
- उद्धत - विनीत
- उपस्थित - अनुपस्थित
- उत्कृष्ट - निकृष्ट
- उपकार - अपकार
- उत्कर्ष - अपकर्ष
- उन्मीलन (खिलना) - निमीलन
- उन्नति - अवनति
- उद्घाटन - समापन
- उन्मूलन - स्थापन/रोपण
- उन्मुख - विमुख
- उपमान - उपमेय
- उर्वर - ऊसर/अनुर्वर
- उत्पति - विनाश
- उत्तरायण - दक्षिणायन
- उत्तरार्द्ध - पूर्वार्ध
- उदयाचल - अस्ताचल
- उपमेय - अनुपमेय
- उपचार - अपचार
- उषा - संध्या
- उच्छ्वास - निःश्वास
- उज्ज्वल - धूमिल
- उत्तीर्ण - अनुत्तीर्ण
- उपार्जित - अनुपार्जित
- उल्लास - विषाद
- उपसर्ग - प्रत्यय
- उदार - अनुदार
- उद्भव - अवसान
- उपजाऊ - अनुपजाऊ
- उर्ध्व - अधर
- उधार - नकद
- उत्पादक - अनुत्पादक
- उपयोग - अनुपयोग/दुर्पयोग
- ऊपर - नीचे
- ऊँच - नीच
- ऋत - अनृत
- ऋण - उऋण
- ऋणी - धनी
- ऋजु - वक्र
- एक - अनेक
- एडी - चोटी
- एकता - अनेकता
- एकान्त - अनेकान्त
- एकाकी - समग्र
- एकार्थक - अनेकार्थक
- एकाधिकार - सर्वाधिकार
- ऐहिक - पारलौकिक
- ऐक्य - अनेक्य
- ऐश्वर्य - अनैश्वर्य
- औजस्वी - निस्तेज
- औचित्य - अनौचित्य
- औदार्य - अनौदार्य
- उपत्यका (पहाड़ के नीचे की समतल भूमि) - अधित्यका (पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि)
- कटु - मधुर
- कदाचार - सदाचार
- कापुरुष - पुरुषार्थी
- कनिष्ठ - वरिष्ठ/ज्येष्ठ
- कठोर - मुलायम
- क्रय - विक्रय
- कल्याण - अकल्याण
- कायर - वीर
- कडुवा - मीठा
- कपूत - सपूत
- कपटी - निष्कपट
- कमजोर - बलवान
- कमी - वृद्धि, बेशी
- कर्कश - मधुर
- कलंकित - निष्कलंक
- कल्पित - यथार्थ
- कलुषित - निष्कलंक
- कसूरवार - बेकसूर
- कटुभाषी - मृदुभाषी
- काला - गोरा
- कुलदीप - कुलांगार
- कुमारी - विवाहिता
- क्रोध - शान्ति
- कोलाहल - नीरवता
- कर्मण्य - अकर्मण्य
- करणीय - अकरणीय
- कार्य - अकार्य
- कुपथ - सुपथ
- कुगति - सुगति
- कुमार्ग - सुमार्ग
- कुमति - सुमति
- कुरूप - सुरूप
- कृत्रिम - नैसर्गिक
- कृष्ण - शुक्ल
- कुलटा - पतिव्रता
- कृपा - कोप
- कृश - पुष्ट/स्थूल
- क्रिया - प्रतिक्रिया
- कीर्ति - अपकीर्ति
- कुख्यात - विख्यात
- कृपण - उदार
- कृतज्ञ - कृतघ्न
- कुटिल - सरल
- कोमल - कठोर
- क्षुण्ण - अक्षुण्ण
- क्षुद्र - विराट
- खंडन - मंडन
- खरा - खोटा
- खगोल - भूगोल
- खीझना - रीझना
- खुशी - गम
- खुशकिस्मत - बदकिस्मत
- खुशबू - बदबू
- खेद - प्रसन्नता
- गणतंत्र - राजतंत्र
- गंभीर - वाचाल/चंचल, चपल
- गरल - सुधा
- गरिमा - लघिमा
- गहरा - उथला
- गृहस्थ - संन्यासी
- ग्राम - नगर
- ग्राह्य - अग्राह्य/त्याज्य
- गुप्त - प्रकट
- गुरु - लघु
- गोचर - अगोचर
- गौरव - लाघव
- गौण - मुख्य
- गुण - अवगुण/दोष
- गर्मी - सर्दी
- गमन - आगमन
- घना - छितरा
- घात - प्रतिघात
- घृणा - प्रेम
- चंचल - स्थिर
- चपल - गंभीर
- चर - अचर
- चतुर - मूर्ख
- चढ़ाव - उतार
- चिँतित - निश्चिँत
- चिर - स्थिर
- चेतन - अचेतन/जड़
- चेतना - मूर्च्छा
- छली - निश्छल
- छाया - धूप
- जंगम - स्थावर
- जय - पराजय
- जन्म - मृत्यु
- जागरण - सुषुप्ति/निद्रा
- जाग्रत - सुषुप्त
- जटिल - सरल
- जल - थल
- जीत - हार
- जीवित - मृत
- जीव - जड़
- ज्योति - तम
- जीर्ण - अजीर्ण
- ज्येष्ठ - लघु
- ज्ञात - अज्ञात
- ज्ञान - अज्ञान
- ज्ञेय - अज्ञेय
- झूँठ - साँच
- झूठा - सच्चा
- झोँपड़ी - महल
- ठोस - द्रव/तरल
- ढ़ाल - चढ़ाई
- तटस्थ - पक्षपाती
- तर - शुष्क
- तरुण - वृद्ध
- तप्त - शीतल
- त्यक्त - गृहीत
- त्याज्य - ग्राह्य
- तामसिक - सात्विक
- तारीफ - बुराई
- तिमिर - प्रकाश
- तीव्र - मंद/मन्थर
- तुच्छ - महान
- तृष्णा - वितृष्णा
- तृषा - तृप्ति
- त्याग - भोग
- तीक्ष्ण - सरल
- थाह - अथाह
- थोक - खुदरा
- थोड़ा - बहुत
- दरिद्र - धनी
- दया - क्रूरता
- दक्षिण - उत्तर
- दाता - गृहीता, कृपण
- दिन - रात
- दिवा - रात्रि
- दीर्घ - लघु
- दीर्घकाय - लघुकाय
- दुर्गन्ध - सुगन्ध
- दृश्य - अदृश्य
- दुराचार - सदाचार
- दुर्जन - सज्जन
- दुरुपयोग - सदुपयोग
- दुराचारी - सदाचारी
- दुष्कर - सुकर
- दुष्प्राप्य - सुप्राप्य
- द्रुत - मंथर
- दूर - पास
- देव - दानव
- देनदार - लेनदार
- देशभक्त - देशद्रोही
- द्वेष - सद्भावना
- द्वैत - अद्वैत
- दिव्य - अदिव्य
- द्वन्द्व - निर्द्वन्द्व
- दुरात्मा - महात्मा
- दुःख - सुख
- दुर्गम - सुगम
- धर्म - अधर्म
- ध्वंस - निर्माण
- ध्वल - श्याम
- धरा - गगन
- धनात्मक - ऋणात्मक
- धीर - अधीर
- धीरज - उतावलापन
- धृष्ट - विनम्र
- धूप - छाँव
- नया - पुराना
- नश्वर - शाश्वत
- न्यून - अधिक
- नगर - ग्राम
- नवीन - प्राचीन
- नत - उन्नत
- नराधम - नरपुंगव
- नम्र - अनम्र
- नमकहराम - नमकहलाल
- निर्भीक - भीरु
- निरुद्देश्य - सोद्देश्य
- निर्मल - मलिन
- निषिद्ध - विहित
- निर्बल - सबल
- निर्लज्ज - सलज्ज
- निरर्थक - सार्थक
- निर्गुण - सगुण
- निराधार - साधार
- निराकार - साकार
- निँद्य - वंद्य
- निष्क्रिय - सक्रिय
- निन्दा - स्तुति
- निरपेक्ष - सापेक्ष
- निश्चल - चंचल
- निस्वार्थ - स्वार्थी
- नीरस - सरस
- नूतन - पुरातन
- नेकी - बदी
- नैतिक - अनैतिक
- निष्काम - सकाम
- नर - नारी
- निरक्षर - साक्षर
- पठित - अपठित
- परमार्थ - स्वार्थ
- पण्डित - मूर्ख
- परतंत्र - स्वतंत्र
- पवित्र - अपवित्र
- पराधीन - स्वाधीन
- परकीय - स्वकीय
- पहले - पीछे
- प्रधान - गौण
- प्रशंसा - निंदा
- प्रवृत्ति - निवृत्ति
- प्राकृतिक - अप्राकृतिक
- प्रत्यक्ष - परोक्ष/अप्रत्यक्ष
- परितोष - दंड
- पाश्चात्य - पौर्वात्य/पौरस्त्य
- प्रसारण - संकुचन
- पदोन्नत - पदावनत
- पाप - पुण्य
- पावन - अपावन
- पात्र - अपात्र
- पेय - अपेय
- पुरुष - स्त्री
- पूर्ण - अपूर्ण
- पाठ्य - अपाठ्य
- पदस्थ - अपदस्थ
- पक्ष - विपक्ष
- पल्लवन - संक्षेपण
- परिश्रम - विश्राम
- प्रलय - सृष्टि
- प्रश्न - उत्तर
- प्रगति - अवनति
- प्रथम - अंतिम
- प्रवेश - निकास
- प्रतीची - प्राची
- प्रफुल्ल - ग्लान
- प्रसाद - विषाद
- प्रज्ञ - मूढ़
- प्रारंभिक - अंतिम
- पार्थिव - अपार्थिव
- पालक - घालक/संहारक
- पापी - निष्पाप
- प्रीति - द्वेष
- पुरस्कृत - दंडित
- पुरोगामी - पश्चगामी
- पुष्ट - क्षीण
- पूर्णिमा - अमावस्या
- पूर्ववर्ती - परवर्ती
- प्रेम - घृणा
- प्रेषक - प्रापक
- पैना - भौथरा
- प्रोत्साहित - हतोत्साहित
- फूल - काँटा
- बहिष्कार - स्वीकार
- बद्ध - मुक्त
- बंधन - मुक्ति/मोक्ष
- बढ़िया - घटिया
- बलवान - कमजोर
- बंजर - उर्वर
- बलिष्ठ - दुर्बल
- बसंत - पतझड़
- बहादुर - डरपोक
- बर्बर - सभ्य
- बाढ़ - सूखा
- बाह्य - आंतरिक
- भद्र - अभद्र
- भलाई - बुराई
- भारी - हल्का
- भूत - भविष्य
- भोगी - योगी
- भ्रान्त - निभ्रांत
- भला - बुरा
- भौतिक - आध्यात्मिक
- भेद - अभेद
- भेद्य - अभेद्य
- ममत्व - परत्व
- मग्न - दुखी/ऊपर
- मंगल - अमंगल
- मसृण - रुक्ष
- मनुज - दनुज
- ममता - निष्ठुरता
- महीन - मोटा
- मत - विमत
- मति - कुमति
- मनुष्यता - पशुता
- मान - अपमान
- मित्र - शत्रु
- मितव्यय - अपव्यय
- मिलन - बिछोह
- मिथ्या - सत्य
- मुनाफा - घाटा
- मुख्य - गौण
- मूढ़ - ज्ञानी
- मूक - वाचाल
- मेहमान - मेज़बान
- मौखिक - लिखित
- मौन - मुखर, वाचाल
- मानवीय - अमानवीय
- मूल्यवान - मूल्यहीन
- यश - अपयश
- युगल - एकल
- युद्ध - शांति
- योग - वियोग
- यौवन - वार्धक्य
- रत - विरत
- रक्षण - भक्षण
- रक्षक - भक्षक
- रद्द - बहाल
- रचनात्मक - ध्वंसात्मक
- रसीला - नीरस
- रति - विरति
- राग - द्वेष, विराग
- राजा - रंक
- रिक्त - पूर्ण
- रीता - भरा
- रुचि - अरुचि
- रुग्ण - स्वस्थ
- रुदन - हास्य
- ललित - कुरूप
- लघु - विशाल/गुरु/दीर्घ
- लाभ - हानि
- लिप्त - निर्लिप्त
- लिखित - अलिखित
- लुप्त - व्यक्त
- लुभावना - घिनौना
- लोक - परलोक
- लोभ - त्याग
- लौकिक - अलौकिक
- वक्र - सरल
- वक्ता - श्रोता
- वर - वधू
- वफादार - बेवफा
- वरदान - अभिशाप
- व्यक्ति - समाज
- व्यक्तिगत - सामूहिक/समष्टिगत
- व्यष्टि - समष्टि
- व्यभिचारी - सदाचारी
- व्यर्थ - अव्यर्थ
- वन्य - पालतु
- वादी - प्रतिवादी
- वाकिफ - नावाकिफ
- व्यवस्था - अव्यवस्था
- विधवा - सधवा
- विभव - पराभव
- विश्लेषण - संश्लेषण
- विपदा - सम्पदा
- विधि - निषेध
- विस्तार - संक्षेप
- विकल - अविकल
- विज्ञ - अविज्ञ
- विजयी - परास्त
- विनीत - उद्धत
- विपति - सम्पत्ति
- विशेष/विशिष्ट - साधारण
- विराट - क्षुद्र
- विस्तृत - संक्षिप्त
- विरह - मिलन
- विकल्प - संकल्प
- विद्वान - मूर्ख
- विवादित - निर्विवाद
- विजेता - विजित
- वियोग - संयोग
- विदाई - स्वागत
- विपुल - अल्प
- विलास - तपस्या
- वेदना - आनन्द
- वैमनस्य - सौमनस्य
- वैतनिक - अवैतनिक
- शकुन - अपशकुन
- श्लील - अश्लील
- शत्रुता - मित्रता
- शयन - जागरण
- शर्मदार - बेशर्म
- शहरी - देहाती
- श्लाघा - निँदा
- श्वेत - श्याम
- शायद - अवश्य
- शासक - शासित
- शालीन - धृष्ट
- शान्त - अशान्त
- शिव - अशिव
- शीत - उष्ण
- शीर्ष - तल
- शिष्ट - अशिष्ट
- श्रीगणेश - इतिश्री
- शुभ - अशुभ
- शूरता - भीरुता
- शृंखलित - विशृंखलित
- शोहरत - बदनामी
- शोक - हर्ष
- शोषक - पोषक
- समर्थ - असमर्थ
- सूम - उदार
- सुबोध - दुर्बोध
- सन्देह - विश्वास
- सौभाग्य - दुर्भाग्य
- सम्पन्नता - विपन्नता
- सन्धि - विग्रह
- सम्भोग - विप्रलम्भ
- समास - व्यास
- स्थूल - सूक्ष्म
- सक्षम - अक्षम
- सजीव - निर्जीव
- सत्याग्रह - दुराग्रह
- सभ्य - असभ्य
- संघठन - विघटन
- सजल - निर्जल
- सत्य - असत्य
- संतोष - असंतोष
- सफलता - असफलता
- संकीर्ण - विस्तृत/विस्तीर्ण
- संन्यासी - गृहस्थ
- संयुक्त - वियुक्त
- संध्या - प्रातः
- सदाशय - दुराशय
- सत्कार - तिरस्कार
- समूल - निर्मूल
- सहज - कठिन
- सम - विषम
- सचेष्ट - निश्चेष्ट
- सघन - विरल
- स्मरण - विस्मरण
- स्मृत - विस्मृत
- स्वदेश - परदेश/विदेश
- साधर्म्य - वैधर्म्य
- साहचर्य - पृथक्करण
- सार - निस्सार
- सित - असित
- सुपुत्र - कुपुत्र
- सुखांत - दुखांत
- सुरीला - बेसुरा
- सृजन - संहार
- हरा - सूखा
- हर्ष - विषाद
- हृस्व - दीर्घ
- ह्रास - वृद्धि
- हिँसा - अहिंसा
- हित - अहित
- हेय - प्रेय
- होनी - अनहोनी
- क्षणिक - शाश्वत।
अनेकार्थक शब्द
‘अनेकार्थक’ शब्द का अभिप्राय है, किसी शब्द के एक से अधिक अर्थ होना। बहुत से शब्द ऐसे हैँ, जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैँ। ऐसे शब्दोँ का अर्थ भिन्न–भिन्न प्रयोग के आधार पर या प्रसंगानुसार ही स्पष्ट होता है। भाषा सौष्ठव की दृष्टि से इनका बड़ा महत्त्व है। प्रमुख अनेकार्थक शब्द :
- अंक - संख्या के अंक, नाटक के अंक, गोद, अध्याय, परिच्छेद, चिह्न, भाग्य, स्थान, पत्रिका का नंबर।
- अंग - शरीर, शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा।
- अंचल - सिरा, प्रदेश, साड़ी का पल्लू।
- अंत - सिरा, समाप्ति, मृत्यु, भेद, रहस्य।
- अंबर - आकाश, वस्त्र, बादल, विशेष सुगंधित द्रव जो जलाया जाता है।
- अक्षर - नष्ट न होने वाला, अ, आ आदि वर्ण, ईश्वर, शिव, मोक्ष, ब्रह्म, धर्म, गगन, सत्य, जीव।
- अर्क - सूर्य, आक का पौधा, औषधियोँ का रस, काढ़ा, इन्द्र, स्फटिक, शराब।
- अकाल - दुर्भिक्ष, अभाव, असमय।
- अज - ब्रह्मा, बकरा, शिव, मेष राशि, जिसका जन्म न हो (ईश्वर)।
- अर्थ - धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, कारण, मतलब, अभिप्रा, हेतु (लिए)।
- अक्ष - धुरी, आँख, सूर्य, सर्प, रथ, मण्डल, ज्ञान, पहिया, कील।
- अजीत - अजेय, विष्णु, शिव, बुद्ध, एक विषैला मूषक, जैनियों के दूसरे तीर्थंकर।
- अतिथि - मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, अग्नि।
- अधर - निराधार, शून्य, निचला ओष्ठ, स्वर्ग, पाताल, मध्य, नीचा, पृथ्वी व आकाश के बीच का भाग।
- अध्यक्ष - विभाग का मुखिया, सभापति, इंचार्ज।
- अपवाद - निंदा, कलंक, नियम के बाहर।
- अपेक्षा - तुलना में, आशा, आवश्यकता, इच्छा।
- अमृत - जल, दूध, पारा, स्वर्ण, सुधा, मुक्ति, मृत्युरहित।
- अरुण - लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिँदूर, सोना।
- अरुणा - ऊषा, मजीठ, धुँधली, अतिविषा, इन्द्र, वारुणी।
- अनन्त - सीमारहित, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शेषनाग, लक्ष्मण, बलराम, बाँह का आभूषण, आकाश, अन्तहीन।
- अग्र - आगे का, श्रेष्ठ, सिरा, पहले।
- अब्ज - शंख, कपूर, कमल, चन्द्रमा, पद्य, जल मेँ उत्पन्न।
- अमल - मलरहित, कार्यान्वयन, नशा-पानी।
- अवस्था - उम्र, दशा, स्थिति।
- आकर - खान, कोष, स्रोत।
- अशोक - शोकरहित, एक वृक्ष, सम्राट अशोक।
- आराम - बगीचा, विश्राम, सुविधा, राहत, रोग का दूर होना।
- आदर्श - योग्य, नमूना, उदाहरण।
- आम - सामान्य, एक फल, मामूली, सर्वसाधारण।
- आत्मा - बुद्धि, जीवात्मा, ब्रह्म, देह, पुत्र, वायु।
- आली - सखी, पंक्ति, रेखा।
- आतुर - विकल, रोगी, उत्सुक, अशक्त।
- इन्दु - चन्द्रमा, कपूर।
- ईश्वर - प्रभु, समर्थ, स्वामी, धनिक।
- उग्र - क्रूर, भयानक, कष्टदायक, तीव्र।
- उत्तर - जवाब, एक दिशा, बदला, पश्चाताप।
- उत्सर्ग - त्याग, दान, समाप्ति।
- उत्पात - शरारत, दंगा, हो-हल्ला।
- उपचार - उपाय, सेवा, इलाज, निदान।
- ऋण - कर्ज, दायित्व, उपकार, घटाना, एकता, घटाने का बूटी वाला पत्ता।
- कंटक - काँटा, विघ्न, कीलक।
- कंचन - सोना, काँच, निर्मल, धन-दौलत।
- कनक - स्वर्ण, धतूरा, गेहूँ, वृक्ष, पलाश (टेसू)।
- कन्या - कुमारी लड़की, पुत्री, एक राशि।
- कला - अंश, एक विषय, कुशलता, शोभा, तेज, युक्ति, गुण, ब्याज, चातुर्य, चाँद का सोलहवाँ अंश।
- कर - किरण, हाथ, सूंड, कार्यादेश, टैक्स।
- कल - मशीन, आराम, सुख, पुर्जा, मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन।
- कक्ष - कांख, कमरा, कछौटा, सूखी घास, सूर्य की कक्षा।
- कर्त्ता - स्वामी, करने वाला, बनाने वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर, पहला कारक, परिवार का मुखिया।
- कलम - लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की हरी लकड़ी, कनपटी के बाल।
- कलि - कलड, दुःख, पाप, चार युगों में चौथा युग।
- कशिपु - चटाई, बिछोना, तकिया, अन्न, वस्त्र, शंख।
- काल - समय, मृत्यु, यमराज, अकाल, मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।
- काम - कार्य, नौकरी, सिलाई आदि धंधा, वासना, कामदेव, मतलब, कृति।
- किनारा - तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।
- कुल - वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र, सारा।
- कुशल - चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित।
- कुंजर - हाथी, बाल।
- कूट - नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का सिरा।
- कोटि - करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा।
- कोष - खजाना, फूल का भीतरी भाग।
- क्षुद्र - नीच, कंजूस, छोटा, थोड़ा।
- खंड - टुकड़े करना, हिस्सोँ मेँ बाँटना, प्रत्याख्यान, विरोध।
- खग - पक्षी, बाण, देवता, चन्द्रमा, सूर्य, बादल।
- खर - गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस, तीक्ष्ण, धतूरा, दवा कूटने की खरल।
- खत - पत्र, लिखाई, कनपटी के बाल।
- खल - दुष्ट, चुगलखोर, खरल, तलछट, धतूरा।
- खेचर - पक्षी, देवता, ग्रह।
- गंदा - मैला, अश्लील, बुरा।
- गड - ओट, घेरा, टीला, अन्तर, खाई।
- गण - समूह, मनुष्य, भूत प्रेत, शिव के अनुचर, दूत, सेना।
- गति - चाल, हालत, मोक्ष, रफ्तार।
- गद्दी - छोटा गद्दा, महाजन की बैठकी, शिष्य परम्परा, सिंहासन।
- गहन - गहरा, घना, दुर्गम, जटिल।
- ग्रहण - लेना, सूर्य व चन्द ग्रहण।
- गुण - कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, विशेषता, हुनर, महत्त्व, तीन गुण (सत, तम व रज), प्रत्यंचा (धनुष की डोरी)।
- गुरु - शिक्षक, बड़ा, भारी, श्रेष्ठ, बृहस्पति, द्विमात्रिक अक्षर, पूज्य, आचार्य, अपने से बड़े।
- गौ - गाय, बैल, इन्द्रिय, भूमि, दिशा, बाण, वज्र, सरस्वती, आँख, स्वर्ग, सूर्य।
- घट - घड़ा, हृदय, कम, शरीर, कलश, कुंभ राशि।
- घर - मकान, कुल, कार्यालय, अंदर समाना।
- घन - बादल, भारी हथौड़ा, घना, छः सतही रेखागणितीय आकृति।
- घोड़ा - एक प्रसिद्ध चौपाया, बंदूक का खटका, शतरंज का एक मोहरा।
- चक्र - पहिया, भ्रम, कुम्हार का चाक, चकवा पक्षी, गोल घेरा।
- चपला - लक्ष्मी, बिजली, चंचल स्त्री।
- चश्मा - ऐनक, झरना, स्रोत।
- चीर - वस्त्र, रेखा, पट्टी, चीरना।
- छन्द - पद, विशेष, जल, अभिप्राय, वेद।
- छाप - छापे का चिन्ह, अँगूठी, प्रभाव।
- छावा - बच्चा, बेटा, हाथी का पट्ठा।
- जलज - कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख, शैवाल, काई, जलजीव।
- जलद - बादल, कपूर।
- जलधर - बादल, समुद्र, जलाशय।
- जवान - सैनिक, योद्धा, वीर, युवा।
- जनक - पिता, मिथिला के राजा, उत्पन्न करने वाला।
- जड़ - अचेतन, मूर्ख, वृक्ष का मूल, निर्जीव, मूल कारण।
- जीवन - जल, प्राण, आजीविका, पुत्र, वायु, जिन्दगी।
- टंक - तोल, छेनी, कुल्हाड़ी, तलवार, म्यान, पहाड़ी, ढाल, क्रोध, दर्प, सिक्का, दरार।
- ठस - बहुत कड़ा, भारी, घनी बुनावट वाला, कंजूस, आलसी, हठी।
- ठोकना - मारना, पीटना, प्रहार द्वारा भीतर धँसाना, मुकदमा दायर करना।
- डहकना - वंचना, छलना, धोखा खाना, फूट-फूटकर रोना, चिँघाड़ना, फैलना, छाना।
- ढर्रा - रूप, पद्धति, उपाय, व्यवहार।
- तंग - सँकरा, पहनने मेँ छोटा, परेशान।
- तंतु - सूत, धागा, रेशा, ग्राह, संतान, परमेश्वर।
- तट - किनारा, प्रदेश, खेत।
- तप - साधना, गर्मी, अग्नि, धूप।
- तम - अंधकार, पाप, अज्ञान, गुण, तमाल वृक्ष।
- तरंग - स्वर लहरी, लहर, उमंग।
- तरी - नौका, कपड़े का छोर, शोरबा, तर होने की अवस्था।
- तरणि - सूर्य, उद्धार।
- तात - पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र, श्रद्धेय, गुरु।
- तारा - नक्षत्र, आँख की पुतली, बालि की पत्नी का नाम।
- तीर - किनारा, बाण, समीप, नदी तट।
- थाप - थप्पड़, आदर, सम्मान, मर्यादा, गौरव, चिह्न, तबले पर हथेली का आघात।
- दंड - सजा, डंडा, जहाज का मस्तूल, एक प्रकार की कसरत।
- दक्षिण - दाहिना, एक दिशा, उदार, सरल।
- दर्शन - देखना, नेत्र, आकृति, दर्पण, दर्शन शास्त्र।
- दल - समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी।
- दाम - धन, मूल्य, रस्सी।
- द्विज - पक्षी, ब्राह्मण, दाँत, चन्द्रमा, नख, केश, वैश्य, क्षत्रिय।
- धन - सम्पत्ति, स्त्री, भूमि, नायिका, जोड़ मिलाना।
- धर्म - स्वभाव, प्राकृतिक गुण, कर्तव्य, संप्रदाय।
- धनंजय - वृक्ष, अर्जुन, अग्नि, वायु।
- ध्रुव - अटल सत्य, ध्रुव भक्त, ध्रुव तारा।
- धारणा - विचार, बुद्धि, समझ, विश्वास, मन की स्थिरता।
- नग - पर्वत, नगीना, वृक्ष, संख्या।
- नाग - सर्प, हाथी, नागकेशर, एक जाति विशेष।
- नायक - नेता, मार्गदर्शक, सेनापति, एक जाति, नाटक या महाकाव्य का मुख्य पात्र।
- निऋति - विपत्ति, मृत्यु, क्षय, नाश।
- निर्वाण - मोक्ष, मृत्यु, शून्य, संयम।
- निशाचर - राक्षस, उल्लू, प्रेत।
- निशान - ध्वजा, चिह्न।
- पक्ष - पंख, पांख, सहाय, ओर, शरीर का अर्द्ध भाग।
- पट - वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र का आधार।
- पत्र - चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख, पुस्तक का पृष्ठ।
- पद्म - कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।
- पद - पाँव, चिन्ह, विशेष, छन्द का चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द, उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम।
- पतंग - पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने का पतंग।
- पय - दूध, अन्न, जल।
- पयोधर - बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।
- पानी - जल, मान, चमक, जीवन, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान।
- पुष्कर - तालाब, कमल, हाथी की सूँड, एक तीर्थ, पानी मद।
- पृष्ठ - पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का पेज।
- प्रत्यक्ष - आँखो के सामने, सीधा, साफ।
- प्रकृति - स्वभाव, वातावरण, मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य, खजाना, स्वामी, मित्र।
- प्रसाद - कृपा, अनुग्रह, हर्ष, नैवेद्य।
- प्राण - जीव, प्राणवायु, ईश्वर, ब्रह्म।
- फल - लाभ, खाने का फल, सेवा, नतीजा, लब्धि, पदार्थ, संतान, भाले की नोक।
- फेर - घुमाव, भ्रम, बदलना, गीदड़।
- बंधन - कैद, बाँध, पुल, बांधने की चीज।
- बट्टा - पत्थर का टुकड़ा, तौल का बाट, काट।
- बल - सेना, ताकत, बलराम, सहारा, चक्कर, मरोड़।
- बलि - बलिदान, उपहार, दानवीर राजा बलि, चढ़ावा, कर।
- बाजि - घोड़ा, बाण, पक्षी, चलने वाला।
- बाल - बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल (गेहूं की बाल)।
- बिजली - विद्युत, तड़ति, कान का एक गहना।
- बैठक - बैठने का कमरा, बैठने की मुद्रा, अधिवेशन, एक कसरत।
- भव - संसार, उत्पति, शंकर।
- भाग - हिस्सा, दौड़, बाँटना, एक गणितीय संक्रिया।
- भुजंग - सर्प, लम्पट, नाग।
- भुवन - संसार, जल, लोग, चौदह की संख्या।
- भृति - नौकरी, मजदूरी, वेतन, मूल्य, वृत्ति।
- भेद - रहस्य, प्रकार, भिन्नता, फूट, तात्पर्य, छेदन।
- मत - सम्मति, धर्म, वोट, नहीं, विचार, पंथ।
- मदार - मस्त हाथी, सुअर, कामुक।
- मधु - शहद, मदिरा, चैत्र मास, एक दैत्य, बसंत ऋतु, पराग, मीठा।
- मान - सम्मान, घमंड, रूठना, माप।
- मित्र - सूर्य, दोस्त, वरुण, अनुकूल, सहयोगी।
- मूक - गूँगा, चुप, विवश।
- मूल - जड़, कंद, पूँजी, एक नक्षत्र।
- मोह - प्यार, ममता, आसक्ति, मूर्च्छा, अज्ञान।
- यंत्र - उपकरण, बंदूक, बाजा, ताला।
- युक्त - जुड़ा हुआ, मिश्रित, नियुक्त, उचित।
- योग - मेल, लगाव, मन की साधना, ध्यान, शुभकाल, कुल जोड़।
- रंग - वर्ण, नाच-गान, शोभा, मनोविनोद, ढंग, रोब, युद्धक्षेत्र, प्रेम, चाल, दशा, रंगने की सामग्री, नृत्य या अभिनय का स्थान।
- रस - स्वाद, सार, अच्छा देखने से प्राप्त आनंद, प्रेम, सुख, पानी, शरबत।
- राग - प्रेम रंग, लाल रंग, संगीत की ध्वनि (राग)।
- राशि - समूह, मेष, कर्क, वृश्चिक आदि राशियाँ।
- रेणुका - धूल, पृथ्वी, परशुराम की माता।
- लक्ष्य - निशाना, उद्देश्य, लक्षणार्थ।
- लय - तान, लीन होना।
- लहर - तरंग, उमंग, झोंका, झूमना।
- लाल - बेटा, एक रंग, बहुमूल्य पत्थर, एक गोत्र।
- लावा - एक पक्षी, खील, लावा।
- वन - जंगल, जल, फूलों का गुच्छा।
- वर - अच्छा, वरदान, श्रेष्ठ, उत्तम, पति (दुल्हा)।
- वर्ण - अक्षर, रंग, रूप, भेद, चातुर्वर्ण्य (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र), जाति।
- वार - दिन, आक्रमण, प्रहार।
- वृत्ति - कार्य, स्वभाव, नीयत, व्यापार, जीविका, छात्रवृत्ति।
- विचार - ध्यान, राय, सलाह, मान्यता।
- विधि - तरीका, विधाता, कानून, व्यवस्था, युक्ति, राख, महिमामय, पुरुष।
- विवेचन - तर्क-वितर्क, परीक्षण, सत्-असत् विचार, निरुपण।
- व्योम - आकाश, बादल, जल।
- शक्ति - ताकत, अर्थवत्ता, अधिकार, प्रकृति, माया, दुर्गा।
- शिव - भाग्यशाली, महादेव, शृगाल, देव, मंगल।
- श्री - लक्ष्मी, सरस्वती, सम्पत्ति, शोभा, कान्ति, कोयल, आदर सूचक शब्द।
- संधि - जोड़, पारस्परिक, युगोँ का मिलन, निश्चित, सेँध, नाटक के कथांश, व्याकरण मेँ अक्षरोँ का मेल।
- संस्कार - परिशोधन, सफाई, धार्मिक कृत्य, आचार-व्यवहार, मन पर पड़ने वाले प्रभाव।
- सम्बन्ध - रिश्ता, जोड़, व्याकरण मेँ अक्षरोँ का मेल-जोल, छठा कारक।
- सर - अमृत, दूध, पानी, तालाब, गंगा, मधु, पृथ्वी।
- सरल - सीधा, ईमानदार, खरा, आसान।
- साधन - उपाय, उपकरण, सामान, पालन, कारण।
- सारंग - एक राग, मोर की बोली, चातक, मोर, सर्प, बादल, हिरन, पपीहा, राजहंस, हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष, भौंरा, मधुमक्खी, कमल, स्त्री, दीपक, वस्त्र, हवा, आँचल, घड़ा, कामदेव, पानी, राजसिँह, कपूर, वर्ण, भूषण, पुष्प, छत्र, शोभा, रात्रि, शंख, चन्दन।
- सार - तत्त्व, निष्कर्ष, रस, रसा, लाभ, धैर्य।
- सिरा - चोटी, अंत, समाप्ति।
- सुधा - अमृत, जल, दुग्ध।
- सुरभि - सुगंध, गौ, बसंत ऋतु।
- सूत - धागा, सारथी, गढ़ई।
- सूत्र - सूत, जनेऊ, गूढ़ अर्थ भरा संक्षिप्त वाक्य, संकेत, पता, नियम।
- सूर - सूर्य, वीर, अंधा, सूरदास।
- सैँधव - घोड़ा, नमक, सिन्धुवासी।
- हंस - जीव, सूर्य, श्वेत, योगी, मुक्त पुरुष, ईश्वर, सरोवर का पक्षी (मराल पक्षी)।
- हँसाई - हँसी, निन्दा, बदनामी, उपहास।
- हय - घोड़ा, इन्द्र।
- हरि - हाथी, विष्णु, इंद्र, पहाड़, सिंह, घोड़ा, सर्प, वानर, मेढक, यमराज, ब्रह्मा, शिव, कोयल, किरण, हंस, इन्द्र, वानर, कृष्ण, कामदेव, हवा, चन्द्रमा।
- हल - समाधान, खेत जोतने का यंत्र, व्यंजन वर्ण।
- हस्ती - हाथी, अस्तित्व, हैसियत।
- हित - भलाई, लोभ।
- हीन - दीन, रहित, निकृष्ट, थोड़ा।
- क्षेत्र - तीर्थ, खेत, शरीर, सदाव्रत देने का स्थान।
- त्रुटि - भूल, कमी, कसर, छोटी इलाइची का पौधा, संशय, काल का एक सूक्ष्म विभाग, अंगहीनता, प्रतिज्ञा-भंग, स्कंद की एक माता।
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