भाई बोला- तुम मुझे क्यू डस रहे हो?
साँप बोला- मैं तुम्हारा काल हूँ। और मुझे तुमको डसना है।
भाई बोला- मेरी बहिन मेरा इंतजार कर रही है। मैं जब तिलक करा के वापस लौटूँगा, तब तुम मुझे डस लेना।
साँप ने कहा- भला आज तक कोई अपनी मौत के लिए लौट के आया है, जो तुम आओगे।
भाई ने कहा- अगर तुझे यकीन नही है तो तू मेरे झोले में बैठ जा। जब मैं अपनी बहिन के तिलक कर लूँ तब तू मुझे डस लेना। साँप ने ऐसा ही किया।
भाई बहिन के घर पहुँच गया। दोनों बड़े खुश हुए।
भाई बोला- बहिन, जल्दी से खाना दे, बड़ी भूख लगी है।
बहिन क्या करें, न तो दूध की रसोई सूखे, न ही घी में चावल पके।
भाई ने पूछा- बहिन इतनी देर क्यूँ लग रही है? तू क्या पका रही है?
तब बहिन ने बताया कि ऐसे-ऐसे किया है।
भाई बोला- पगली! कहीं घी में भी चावल पके हैं , या दूध से कोई रसोई लीपे है। गोबर से रसोई लीप, दूध में चावल पका।
बहिन ने ऐसा ही किया। खाना खा के भाई को बहुत ज़ोर नींद आने लगी। इतने में बहिन के बच्चे आ गये। बोले-मामा मामा हमारे लिए क्या लाए हो?
भाई बोला- में तो कुछ नहीं लाया।
बच्चों ने वह झोला ले लिया जिसमें साँप था। जैसे ही उसे खोला, उसमें से हीरे का हार निकला।
बहिन ने कहा- भैया तूने बताया नहीं की तू मेरे लिए इतना सुंदर हार लाए हो।
भाई बोला- बहना तुझे पसंद है तो तू लेले, मुझे हार का क्या करना।
अगले दिन भाई बोला- अब मुझे जाना है, मेरे लिए खाना रख दे। बहिन ने उसके लिए लड्डू बना के एक डब्बे मे रख के दे दिए।
भाई कुछ दूर जाकर, थक कर एक पेड़ के नीचे सो गया। उधर बहिन के जब बच्चों को जब भूख लगी तो माँ से कहा की खाना दे दो।
माँ ने कहा- खाना अभी बनने में देर है। तो बच्चे बोले कि मामा को जो रखा है वही दे दो। तो वह बोली की लड्डू बनाने के लिए बाजरा पीसा था, वही बचा पड़ा है चक्की में, जाकर खा लो। बच्चों ने देखा कि चक्की में तो साँप की हड्डियाँ पड़ी है।
यही बात माँ को आकर बताई तो वह बावड़ी सी हो कर भाई के पीछे भागी। रास्ते भर लोगों से पूछती की किसी ने मेरा गैल बाटोई देखा, किसी ने मेरा बावड़ा सा भाई देखा। तब एक ने बताया की कोई लेटा तो है पेड़ के नीचे, देख ले वही तो नहीं। भागी भागी पेड़ के नीचे पहुची। अपने भाई को नींद से उठाया। भैया-भैया कहीं तूने मेरे लड्डू तो नही खाए!!
भाई बोला- ये ले तेरे लड्डू, नहीं खाए मैंने। ले दे के लड्डू ही तो दिए थे, उसके भी पीछे पीछे आ गयी।
बहिन बोली- नहीं भाई, तू झूठ बोल रहा है, ज़रूर तूने खाया है। अब तो मैं तेरे साथ चलूंगी।
भाई बोला- तू न मान रही है तो चल फिर।
चलते-चलते बहिन को प्यास लगती है, वह भाई को कहती है की मुझे पानी पीना है।
भाई बोला- अब मैं यहाँ तेरे लिए पानी कहाँ से लाऊँ। देख! दूर कहीं चील उड़ रहीं हैं,चली जा वहाँ शायद तुझे पानी मिल जाए।
तब बहिन वहाँ गयी, और पानी पी कर जब लौट रही थी तो रास्ते में देखती है कि एक जगह ज़मीन में 6 शिलाएँ गढ़ी हैं, और एक बिना गढ़े रखी हुई थी। उसने एक बुढ़िया से पूछा कि ये शिलाएँ कैसी हैं।
उस बुढ़िया ने बताया कि- एक बुढ़िया है। उसके सात बेटे थे। 6 बेटे तो शादी के मंडप में ही मर चुके हैं, तो उनके नाम की ये शिलाएँ ज़मीन में गढ़ी हैं, अभी सातवें की शादी होनी बाकी है। जब उसकी शादी होगी तो वह भी मंडप में ही मर जाएगा, तब यह सातवीं सिला भी ज़मीन में गड़ जाएगी।
यह सुनकर बहिन समझ गयी ये सिलाएँ किसी और की नहीं बल्कि उसके भाइयों के नाम की हैं। उसने उस बुढ़िया से अपने सातवें भाई को बचाने का उपाय पूछा। बुढ़िया ने उसे बतला दिया कि वह अपने सातवें भाई को कैसे बचा सकती है। सब जान कर वह वहाँ से अपने बॉल खुले कर के पागलों की तरह अपने भाई को गालियाँ देती हुई चली।
भाई के पास आकर बोलने लगी- तू तो जलेगा, कुटेगा, मरेगा।
भाई उसके ऐसे व्यवहार को देखकर चौंक गया पर उसे कुछ समझ नहीं आया। इसी तरह दोनों भाई बहिन माँ के घर पहुँच गये। थोड़े समय के बाद भाई के लिए सगाई आने लगी। उसकी शादी तय हो गयी।
जब भाई को सहरा पहनाने लगे तो वह बोली- इसको क्यूँ सहरा बँधेगा, सहारा तो मैं पहनूँगी। ये तो जलेगा, मरेगा।
सब लोगों ने परेशान होकर सहरा बहिन को दे दिया। बहिन ने देखा उसमें कलंगी की जगह साँप का बच्चा था। बहिन ने उसे निकाल के फेंक दिया।
अब जब भाई घोड़ी चढ़ने लगा तो बहिन फिर बोली- ये घोड़ी पर क्यू चढ़ेगा, घोड़ी पर तो मैं बैठूँगी, ये तो जलेगा, मरेगा, इसकी लाश को चील कौवे खाएंगे। सब लोग बहुत परेशान । सब ने उसे घोड़ी पर भी चढ़ने दिया।
अब जब बारात चलने को हुई तब बहिन बोली- ये क्यू दरवाजे से निकलेगा, ये तो पीछे के रास्ते से जाएगा, दरवाजे से तो मैं निकलूंगी। जब वह दरवाजे के नीचे से जा रही थी तो दरवाजा अचानक गिरने लगा। बहिन ने एक ईंट उठा कर अपनी चुनरी में रख ली, दरवाजा वही की वही रुक गया। सब लोगों को बड़ा अचंभा हुआ।
रास्ते में एक जगह बारात रुकी तो भाई को पीपल के पेड़ के नीचे खड़ा कर दिया।
बहिन कहने लगी- ये क्यू छाव में खड़ा होगा, ये तो धूप में खड़ा होगा। छाँव में तो मैं खड़ी होगी।
जैसे ही वह पेड़ के नीचे खड़ी हुई, पेड़ गिरने लगा। बहिन ने एक पत्ता तोड़ कर अपनी चुनरी में रख लिया, पेड़ वही की वही रुक गया। अब तो सबको विश्वास हो गया की ये बावली कोई जादू टोना सिख कर आई है, जो बार बार अपने भाई की रक्षा कर रही है। ऐसे करते-करते फेरों का समय आ गया।
जब दुल्हन आई तो उसने दुल्हन के कान में कहा- अब तक तो मैंने तेरे पति को बचा लिया, अब तू ही अपने पति को और साथ ही अपने मरे हुए जेठों को बचा सकती है।
फेरों के समय एक नाग आया, वो जैसे ही दूल्हे को डसने को हुआ , दुल्हन ने उसे एक लोटे में भर के उपर से प्लेट से बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद नागिन लहर-लहर करती आई।
दुल्हन से बोली- तू मेरा पति छोड़।
दुल्हन बोली- पहले तू मेरा पति छोड़।
नागिन ने कहा- ठीक है मैंने तेरा पति छोड़ा।
दुल्हन- ऐसे नहीं, पहले तीन बार बोल।
नागिन ने 3 बार बोला, फिर बोली की अब मेरे पति को छोड़।
दुल्हन बोली- एक मेरे पति से क्या होगा, हँसने बोलने के लिए जेठ भी तो होना चाहिए, एक जेठ भी छोड़।
नागिन ने जेठ के भी प्राण दे दिए।
फिर दुल्हन ने कहा- एक जेठ से लड़ाई हो गयी तो एक और जेठ छोड़। वो विदेश चला गया तो तीसरा जेठ भी छोड़।
इस तरह एक-एक करके दुल्हन ने अपने 6 जेठ जीवित करा लिए।
उधर रो-रो के बुढ़िया का बुरा हाल था। कि अब तो मेरा सातवाँ बेटा भी बाकी बेटों की तरह मर जाएगा। गाँव वालों ने उसे बताया कि उसके सात बेटा और बहुएँ आ रही है
तो बुढ़िया बोली- अगर यह बात सच हो तो मेरी आँखों की रोशनी वापस आ जाए और मेरे सीने से दूध की धार बहने लगे। ऐसा ही हुआ। अपने सारे बहू बेटों को देख कर वह बहुत खुश हुई,
बोली- यह सब तो मेरी बावली का किया है। कहाँ है मेरी बेटी?
सब बहिन को ढूँढने लगे। देखा तो वह भूसे की कोठरी में सो रही थी। जब उसे पता चला कि उसका भाई सही सलामत है तो वह अपने घर को चली। उसके पीछे-पीछे सारी लक्ष्मी भी जाने लगी।
बुढ़िया ने कहा- बेटी, पीछे मुड़ के देख! तू सारी लक्ष्मी ले जाएगी तो तेरे भाई भाभी क्या खाएंगे।तब बहिन ने पीछे मुड़ के देखा और कहा- जो माँ ने अपने हाथों से दिया वह मेरे साथ चल, बाद बाकी का भाई भाभी के पास रह।
इस तरह एक बहिन ने अपने भाई की रक्षा की।
कामयाबी तुम्हारे कदम चूमे,
खुशियाँ तुम्हारे चारो और हो,
पर भगवान से इतनी प्रार्थना करने के लिए,
तुम मुझे कुछ तोह कमीशन दो...!!!
भाई दूज की आप सब को बधाईयाँ !!
कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिये……….
बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली.
छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….॥
बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली,
छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………॥
छोटी हो या बड़ी,
छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,
एक बहन होनी चाहिये…….॥
बड़ी हो तो, गलती पे हमारे कान खींचने वाली,
छोटी हो तो अपनी गलती पर,
साँरी भईया कहने वाली…
खुद से ज्यादा हमे प्यार करने वाली एक बहन होनी चाहिये…. ….॥
भाईदूज की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
खुशनसीब होती है वो बहन,
जिसके सिर पर भाई का हाथ होता है;
हर परेशानी में उसके साथ होता है,
लड़ना-झगडना फिर प्यार से मनाना,
तभी तो इस रिश्ते में इतना प्यार होता है।
Happy Bhai Dooj 2017
Bhai Dooj Wishes in HIndi
खामोशियो में एक अदा इतनी प्यारी लगी,
दुनिया में आपकी मोहब्बत सबसे न्यारी लगी,
दुआ करतें हे ये न टूटे ये रिश्ता कभी,
क्योकि इस दुनिया में यही हमको हमारी लगी.
*** Wishes u a very very happy Bhai Dooj ***
भाई दूज का है आया है शुभ त्यौहार,
बहनों की दुआएं भाइयों के लिए हज़ार ,
भाई बहन का यह अनमोल रिश्ता है बहुत अटूट,
बना रहे यह बंधन हमेशा खूब।
भाई दूज की शुभ कामनायें !
हे ईश्वर बहुत प्यारा हैं मेरा भाई
मेरी माँ का दुलारा हैं मेरा भाई
न देना उसे कोई कष्ट भगवन
जहाँ भी हो ख़ुशी से बीते उसका जीवन..!!!
Happy भाईदूज to u....
I Feel So Blessed And Treasured to Have a Brother Like You In My Life.
You Like An Angel Are Always There When I Need You.
Thanks, Brother And Have a Happy Bhai Dooj .
My Brother is My Best Friend,
You Stand By Me When I Am Alone You Make Feel Happy When I Am Low,
Thanks For Being For Me Always Dear Brother.
Happy Bhai Dooj.
You Were Always My Best Friend,
Looking Out For Me, Making Sure
The Path I Traveled On Was Smooth.
Even If I Searched The World Over,
There Cannot Be a Better Sister Than You.
** Happy Bhai Dooj My Sweet Sister **
Brothers r Like Streetlights Along The Road,
They Don’t Make Distance Any Shorter But
They Light Up The Path & Make The Walk Worthwhile.
“Happy Bhai Dooj”
Bhai Dooj Quotes In Hindi
बहन लगाती तिलक, फिर मिठाई है खिलाती;
भाई देता पैसे और बहन है मुस्कुराती;
भाई-बहन का ये रिश्ता न पड़े कभी लूज
मेरे प्यारे भैया मुबारक हो आपको भाई दूज।
थाल सजा कर बैठी हूँ अँगना
तू आजा अब इंतजार नहीं करना
मत डर अब तू इस दुनियाँ से
लड़ने खड़ी हैं तेरी बहन सबसे
Happy Bhai Dooj !!!!!!!
प्रेम और विश्वास के बंधन को मनाओ;
जो दुआ माँगो उसे तुम हमेशा पाओ;
भाई दूज के त्यौहार है, भईया जल्दी आओ;
अपनी प्यारी बहना से आकर तिलक लगवाओ।
भाई दूज की शुभ कामनायें!
भाईदूज के इस पावन अवसर पर आपकी हर मनोकामना पूरी हो,
और वो हर चीज़ आपके पास रहे जो आप के लिए जरूरी हो.....
**** हैप्पी भाईदूज ****
धनतेरस मई आप धनवान हो,
रुप्चौदास मई आप रूपवान हो,
दिवाली मई आपका जीवन जगमग हो,
भाईदूज पर रिश्तो मई मिठास आए.
आपको और आपके पूरे परिवार को भाईदूज की शुभकामनायें
बहन चाहे भाई का प्यार,
नहीं चाहे महंगे उपहार,
रिश्ता अटूट रहे सदियों तक,
मिले मेरे भाई को खुशियाँ अपार.
Happy भाईदूज
Bhai Dooj Shubh Kamnaye Messages
फूलों का तारों का सबका कहना हैं,
एक हजारों मैं मेरी बहना हैं.
भाईदूज की ख़ूब शुभकामनायें
यह त्योहार है कुछ ख़ास,
बनी रहे हमारे प्यार की यही मिठास.
*** Happy Bhai Dooj ***
Praying For Your Long Life And Good Health
On This Bhai Dooj And Always
Have a Wonderful Bhai Dooj
Bhai Dooj Images Quotes in Hindi
Bhai Dooj Festival Hindi Sms
प्रेम और विश्वास के बंधन को मनाओ जो दुआ मांगो,
उससे तुम पाओ भाईदूज का त्यौहार है,
भैया जल्दी आओ अपनी प्यारी बहना से तिलक लगवाऊ.
हैप्पी भाईदूज.
लाल गुलाबी रंग है जाम रहा संसार,
सूरज की किरणें खुशियों की हो बहार,
चाँद की चांदनी अपनों का हो प्यार.
मुबारक हो आपको भाई दूज का त्योहार.
You Ever Say No You Never Say
Thats Impossible And You Never
Say You Can Not.
That’s My Bro a Superman
Who Make Things Possible And
Who Make Paths Smoother.
I Love You Bro.
Happy Bhaiya Dooj...!!!!
Bhai Dooj Greetings in Hindi
Behen Chahe Bhai Ka Pyaar,
Nahi Chahe Mahange Uphar,
Rishta Atoot Rahey Sadiyon Tak,
Mile Mere Bhai Ko Khushiyan Apar.
Happy BHAI DOOJ.....!!!!
प्रेम और विश्वास के बंधन को मनाओ,
जो दुआ मांगो, उससे तुम पाओ,
भाईदूज का त्योहार है, भैयाजी जल्दी आओ,
अपनी प्यारी बहना से तिलक लार्वाओ.
*** हैप्पी भाईदूज ***
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