``फलाने´´ की दीवानगी और वो जल कर मर गई




आपने अक्सर देखा, सुना, पढ़ा होगा कि अमुक व्यक्ति या दो प्रेमी-प्रेमिका ने आत्म हत्या कर लिया, जल गये, जला दिया गया, नदी में कूद गये। ऐसे तमाम किस्से आपने सुने भी होंगे। इन सबसे अलग जो धीरूभाई अंबानी की तर्ज पर काम करता था-बड़ा सोचो, तेज सोचो, आगे सोचो। सो उसने इस बात पर अमल करते हुए प्रेम बाजार में उतर आया और उसका कारोबार चौपट हो गया। हुआ यूं कि फैशन परस्त और बंबईया स्टाइल में जिंदगी गुजारने वाला ऐसा शख्स जिसने छोटी सी उम्र में अंधेर नगरी गया था। पिता ने पहले वहां जाकर एक सैलून की दुकान खोली थी तो फिर इसको भी बुला लिया। अंधेर नगरी पहुंचने के बाद वहां की चकाचौंध देख भौचक रह गया। उसने भी उसी रंग में अपने को रंगना चाहा और उस ठाट को पाने के लिए हाथ-पांव मारने लगा। जल्दी ही उसने राम लाल से टैक्सी ड्राइव करना सीख लिया और विशाल सागर से सटे नगर जुहू का चक्कर काटने लगा। फिल्मों की शूटिंग देखने के लिए वह अपनी टैक्सी को एक किनारे खड़ी कहीं भी हो रही हो जाया करता था। फिर हो जाता था इंतजार करने के लिए शुरू। उसकी दीवानगी इस कदर बढ़ती चली गई कि उसको न चाहते हुए भी पिता ने उसकी शादी कर दी। उसे इसका सुरूर शादी के बाद भी छाया रहा और कई बार उससे मिलने की कोशिश की परन्तु असफल रहा। दीवाने ने घर की दीवार पोस्टरों से पाट दी। अब शुरू हुआ सौतेली बहनों का कहर। चूंकि मुबंई की रहने वाली के पोस्टरों ने उसके घर के झगड़े का अहम कारण रहा।


उक्त घटना कोई कहानी नहीं है जानकारी के अनुसार इलाहाबाद जिले के हंडिया तहसील, थाना क्षेत्र स्थित तारा चंदूपुर गांव में कमलेश कुमार शर्मा अपने परिवार के साथ रहता था। 11 अगस्त की रात घर से तेज धुंआ देख ग्रामीण महिलाएं दंग रह गयी। घर के बाहर सो रहे कमलेश शर्मा का मुंह कलेजा को आ गया। उसी के कमरे से तेज आग की लपटें आ रही थी। तत्पश्चात उसने देखा कि मेरी पत्नी तीन बच्चों सहित जल रही है। यह सब कुछ मात्र उसकी रोज-रोज के झगड़े जो मात्र कमलेश के दिल की चाहत प्रियंका चोपड़ा थी, उसने उसका घर उजाड़ दिया।


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आज छुट्टी पर हूँ



आप सभी को स्‍वतन्‍त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाऐं। आज बहुत थक गया हूँ, स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों में भाग लेकर के तथा मित्र के यहॉं रामचरित मानस के पाठ के बाद भंडारा खा करकें।

आज सर्वजनिक अवकाश का लाभ लेते हुऐ मै भी नई पोस्‍ट नही लिख रहा हूँ। कल फिर मिलेगें---


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धूम्रपान के शौकीनों की संख्या में इजाफा



धूम्रपान के शौकीनों की संख्या में दिनों-दिन हो रहे इजाफा आज चिंता का विषय बना हुआ हैं इसकी वजह यह है कि आए दिन जनकर्ता व धूम्रपान पर अंकुश लगाने वाले लोग अपने आप को ही नशे की लत से रोक नहीं पा रहे है। कारण यह है कि आज कल छोटी सी उम्र में ही लोग नशे के शौकीन होते जा रहे है। जब ये लोग बड़े होते है तो इनकी लत में और भी इजाफा होता जाता है और ये एक दिन बहुत बड़े नशेड़ी के रूप में जाने जाते है। अब तो धूम्रपान निषेध दिवस भी मनाया जाने लगा है। लेकिन दिवस की सबसे बड़ी विसंगति यह है कि लोग अयोजनों में धूम्रपान के खिलाफ आवाज जरूर उठाते है लेकिन आयोजन के बाद स्वयं धूम्रपान करने से अपने आप को रोक नहीं पाते है। इनकी संख्या बढ़ रही है। आज इसलिए तमाम प्रकार के रोग भी बढ़ रहे हैं। 15 वर्ष के कम आयु के बच्चों में भी आज कल कैंसर का रोग देखा जाने लगा हैं। भारत में लगभग 33 करोड़ से अधिक लोग तम्बाकू का सेवल करते हैं 55 प्रतिशत लोग सिगरेट में तम्बाकू का सेवन करते हैं। 1 करोड़ से अधिक लोग इस समय सिगरेट का सेवन कर रहे हैं।
धूम्रपान

छले कई वर्षो से धूम्रपान निषेध दिवस का आयोजन करने वालों की संख्या में कमी आने के बारे में लोग कह रहे हैं लेकिन यह बात सरासर गतल है क्योंकि आज की छोटी जनरेशन के लोग ज्यादा मात्रा में शराब नशे के आदी हो रहे है। अब तो सार्वजनिक स्थलों पर भी इस प्रकार के दृष्य दिखाई देते है। सरकार तो इस प्रकार के कारनामों पर हमेशा से रोक लगाती चली आ रही है लेकिन इसको मानने वाला ही काई नहीं हैं।

आज तम्बाकू उत्पादन में भारत में विश्व का तीसरा स्थान हैं। यहां प्रतिवर्ष 60 करोड़ किलोग्राम तम्बाकू पैदा होती है। इसकी बिक्री से सरकार को करोड़ों रूपये का राजस्व प्राप्त होता हैं जिससे सरकार की आमदनी तो बनी रहती हैं लेकिन लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं हैं। अमेरिका में हुई खोज के अनुसार गर्भावस्था के तीन महीने से धूम्रपान करने वाली महिलाओं एवं बच्चों की आंखों में भेंगापन होने की संभावना रहती है। जो बच्चे घातक रोग के शिकार हो जाते है उनका तो उनके परिजन इजाल में काफी पैसा जला देते है। तब भी वे पूर्ण रूप से ठीक नहीं होते। आजकल तो डाक्टर जैसे लोग भी बुरी नशे के शिकार होते जा रहे हैं बहुत से ऐसे डाक्टर देखे गये है जो स्मोकिंग करना पसंद करते हैं। फिलहाल जो भी हो अब तो इस प्रकार की समस्या से लोगों को मुक्त कराने के लिए सरकार और देश की जनता दोनों को प्रयास करना होगा। तभी इस धूम्रपान जैसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
लेखक ---- रजनीश चौधरी


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