गांधी का ब्रह्मचर्य और स्‍त्री प्रसंग



नेहरू के विभिन्‍न स्‍त्रियों से सम्‍बन्‍धो की चर्चा तो हमेशा होती ही रही है किन्‍तु अभी गांधी जी के स्‍त्रियों के के सम्‍बन्‍ध पर मौन प्रश्‍न विद्यमान है। गांधी जी ने अपनी पुस्‍तक सत्‍य के प्रयोग में अपने बारे में जो कुछ लिखा है उसमें कितना सही है, यह गांधी से अच्‍छा कौन जान सकता है? गांधी जी के जीवन के सम्बन्ध में अभी तक इतना ही जाना जा सकता है जितना कि नवजीवन प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। आज गांधी की वास्तविक स्थिति हम अनभिज्ञ है, बहुत से बातों में गांधी को समझ पाना कठिन है। गांधी की नज़रों में गीता माता है, पर वे गीता के हर श्‍लोक से बंधे नहीं थे, वह हिन्दू धर्म को तो मानते थे किन्तु मंदिर जाना अपने लिये गलत मानते थे, वे निहायत आस्तिक थे किन्तु भगवान सत्य से बड़ा या भिन्न हो सकता है उन्‍हे इसका संदेह था ठीक इसी प्रकार ब्रह्मचर्य उनका आदर्श रहा, लेकिन औरत के साथ सोना और उलंग होकर सोना उसके लिए स्वाभाविक बन गया था।

गांधी के सत्‍य के प्रयोगों में ब्रह्मचर्य भी प्रयोग जैसा ही था, विद्वानों का कथन है कि गांधी जी अपने इस प्रयोग को लेकर अपने कई सहयोगियों से चर्चा और पत्राचार द्वारा बहस भी की। एक पुस्तक में एक घटना का उल्लेख किया जाता है - पद्मजा नायडू (सरोजिनी नायडू की पुत्री) ने लिखा है कि गांधी जी उन्हें अक्सर चिट्ठी लिखा करते थे ( पता नही गांधी जी और कितनी औरतों को चिट्ठी लिखा करते थे :-) ), एक हफ्ते में पद्मजा के पास गांधी जी की दो तीन चिट्ठियाँ आती है, पद्मजा की बहन लीला मणि कहती है कि बुड्डा (माफ करे, गांधी के लिये यही शब्द वहाँ लिखा था, एक बार मैंने बुड्डे के लिये बुड्ढा शब्द प्रयोग किया था तो कुछ लोग भड़क गये थे, बुड्डे को बुड्ढा क्यों बोला) जरूर तुमसे प्यार करता होगा, नही तो ऐसी व्‍यस्‍ता में तुमको चिट्ठी लिखने का समय कैसे निकल लेता है ?

लीला मणि की कही गई बातो को पद्मजा गांधी जी को लिख भेजती है, कि लीलामणि ऐसा कहती है। गांधी जी का उत्तर आता है। '' लीलामणि सही ही कहती है, मै तुमसे प्रेम करता हूँ। लीलामणि को प्रेम का अनुभव नही, जो प्रेम करता है उसे समय मिल ही जाता है।'' पद्मजा नायडू की बात से पता चलता है कि गांधी जी की औरतो के प्रति तीव्र आसक्ति थी, यौन संबंधों के बारे में वे ज्यादा सचेत थे, अपनी आसक्ति के अनुभव के कारण उन्हे पाप समझने लगे। पाप की चेतना से ब्रह्मचर्य के प्रयोग तक उनमें एक ऊर्ध्वमुखी विकास है । इस सारे प्रयोगो के दौरान वे औरत से युक्त रहे मुक्त नहीं। गांधी का पुरूषत्‍व अपरिमेय था, वे स्वयं औरत, हिजड़ा और माँ बनने को तैयार थे, यह उनकी तीव्रता का ही लक्षण था। इसी तीव्रता के कारण गांधी अपने यौन सम्‍बन्‍धो बहुआयामी बनाने की सृजनशीलता गांधी में थी। वो मनु गांधी की माँ भी बने और उसके साथ सोये भी।

गांधी सत्‍य के प्रयोग के लिये जाने जाते है। उनके प्रयोग के परिणाम आये भी आये होगा और बुरे भी। हमेशा प्रयोगों के लिए कमजोरो का ही शोषण होता है- इसी क्रम में चूहा, मेंढक आदि मारे जाते है। गांधी ने अपने ब्रह्मचर्य के प्रयोग जो अन्‍यों पर किये होगे वे कौन है और उन पर क्या बीती होगी, यह प्रश्न आज भी अनुत्तरित है। गांधी की दया सिर्फ स्वयं तक सीमित रही, वह भिखरियों से नफरत करके है, उनके प्रति उनकी तनिक भी सहानुभूति नही दिखती है ये बो गांधी जिसे भारत के तत्कालीन परिस्थिति से अच्छा ज्ञान रहा होगा। गांधी के इस रूप से गांधी से कर इस दुनिया में कौन हो सकता है, जो पुरुष हो कर माँ बनना चाहता है।

इस लेख के सम्पूर्ण तथ्य राज कमल प्रकाशन से प्रकाशित किशन पटनायक की पुस्तक विकल्पहीन नहीं है दुनिया के पृष्‍ठ संख्‍या 101 में गांधी और स्त्री शीर्षक के लेख से लिये गये है।


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जन्‍मदिवस पर पंगेबाज को मिला मंत्रीपद, पाला बदलने से महत्‍वपूर्ण औहदो से नवाजे गये भगवा ब्‍लागर




आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से उनके निजी सचिव ने भारत के नंबर एक चित्रकार पंगेबाज को उनके 44 वें जन्मदिवस पर स्थिर सरकार का तोहफा भेजा। पंगेबाज के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अब हमें मजबूत सरकार के लिये आपका समर्थन चाहिये। देश विनाश के लिये कांग्रेस में लोगों की बहुत कमी पड़ रही है, जब जाट शिरोमणि अजित सिंह को भी कांग्रेस में शामिल होने को कहा जा रहा है तो अब आप से वैर कैसे किया जा सकता है, हम आपको भी निमंत्रित कर रहे है। उन्होंने कहा कि आपको कांग्रेस पर आने पर केवल सोनिया मैडम और राहुल जी की ही जय बोलना पड़ेगा हमारी नहीं भी करेंगे तो भी कोई बात नहीं क्योंकि और कोई भी नहीं करता है। जबकि भाजपा में अटल-आडवाणी-जोशी-जसवंत-यशवंत-जेटली पता नही किसकी किसकी बोलना पड़ता जिसकी न बोलो वो नाराज और कट गया आपका टिकट। जबकि हमारी कांग्रेस पार्टी में मेरी भी क्‍या औकात कि किसी का टिकट काट दूँ ? और तो और राहुल बाबा और मैडम के अलावा किसी और की तूती बोलती भी नहीं है।
राहुल गांधी ने वर्तमान चुनाव में चिट्ठाकारी के प्रभाव से बहुत प्रभावित हुये। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को आदेश देते हुये कहा कि पंगेबाज के जन्मदिन पर मौके की नजाकत को देखते हुए उन्हें बधाई दीजिए और अपने मंत्रालय में एक चिट्ठाकारी मंत्रालय की स्थापना कर उन्हें कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल जगह दीजिए। राहुल गांधी का यह सोचना भी गलत नहीं है, क्योंकि वर्तमान समय में हिन्दी चिट्ठाकारी में करीब 10 हजार (करीब 5000 प्रतिशत की वृद्धि )चिट्ठाकार हो चुके है जबकि 2006 तक से केवल 200 तक ही थे , और 2014 के आम चुनाव तक करीब 5 करोड़ हिन्‍दी ब्लॉगर हो जाएंगे। जिनकी उपयोगिता के लिहाज से अनदेखा करना ठीक न होगा। पंगेबाज के निजी सचिव ने बताया कि पंगेबाज मंत्रीपद की शपथ लेने के लिये शपथ ग्रहण समारोह स्थल पर रवाना हो चुके है।
ममता, अजित, लालू, मुलायम, माया, पासवान, नीतीश,पवार, करुणानिधि जैसे विरोधियों को अपनी ओर करने से उत्साहित राहुल की नजर अब भगवा ब्‍लागरों पर है। इसी को देखते हुए राहुल गांधी ने भगवा फायरब्राड़ ब्‍लागर सुरेश चिप्‍लूकर और प्रमेन्‍द्र प्रताप सिंह को भी मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग की तर्ज पर चिट्टाकारी आयोग की स्थापना कर, क्रमश: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना कर लाल बत्ती से नवाजने की की पेशकश कर कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश। सुरेश चिप्‍लूकर जी ने अपने ब्लॉग पर लिखे, कांग्रेस विरोधी लेख न मिटने की शर्त रखने पर ही अध्यक्ष पद तो स्वीकार करने की बात कही, राहुल गांधी ने सुरेश जी से निवेदन करते हुए कहा कि आप सही है कि ब्लॉगरों के लेख उनकी अमूल्य निधि होते है वो उसे कैसे डिलीट कर कर सकते है, मै आपकी भावनाओं को समझ सकता हूँ, पर आपसे निवेदन है कि साईड बार में जो कांग्रेस विरोधी लेखों के लिंक दौड़ रहे है उन्‍हे आप हटा दीजिए। सुरेश जी ने कहा कि इतना तो किया ही जा सकता है, लेख तो ब्‍लागरों के बेटे होते है उन्‍हे डिलीट करना बेटो का वध करना होगा, लिंक तो हटा ही सकते है, क्‍या हम अपने बेटो के बाल ओर नाखून आदि नही काटते ?
महाशक्ति के प्रमेन्द्र उपाध्यक्ष पद पाने से खुश हो ही रहे थे कि चिट्ठाकारों विधि सलाहकार दिनेश राय द्विवेदी ने कहा कि प्रमेन्‍द्र आप तो विधि के छात्र हो आपको तो पता होना चाहिए कि किसी भी संवैधानिक पद की पद को धारण करने की उम्र की सीमा 25 वर्ष की होती है, और अभी तुम 22 वर्ष के ही हो, अत: तुम अभी इस पद के लिये अयोग्य हो। न्याय विद् द्विवेदी ली की बात से प्रमेन्द्र तो कम राहुल बाबा बहुत दुखी हुये। उनका मानना था कि घोषणा के बाद युवा का नाम काटा जाना ठीक न होगा वोट पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, अभी महाराष्ट्र के चुनाव भी होने वाले है, ऐसा खतरा लेना ठीक नहीं। उन्होंने समाधान निकालते हुए प्रमेन्द्र को अखिल भारतीय पत्रकार कांग्रेस कमेटी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया।
अभी खबर लिखे जाने तक पंगेबाज अपने 44 जन्मदिन पर चिट्ठाकार मंत्री की शपथ ले चुके थे, चिट्ठाकार आयोग के प्रथम अध्‍यक्ष सुरेश जी भी अपने नये दफ्तर में बैठ झक्कास पोस्ट लिखने की तैयारी कर रहे थे उपाध्यक्ष का पद हिन्दू चेतना के चंदन चौहान को देने की बात तय हुई, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर प्रमेन्द्र के महाशक्ति ब्‍लाग पर युवाओं का रैला टूट पड़ा। चिट्ठाकारों में इस खबर से कांति के रूप में देखा जा रहा है। मंत्री व अध्‍यक्षों ने एक दूसरे को बधाई दी, ब्‍लागरों में भी पंगेबाज को जन्मदिवस व मंत्री पद पाने पर बधाई देने की होड़ लगी थी। काफी वरिष्ठ ब्लॉगर अपने पुराने संबंधों का हवाला देते हुए पिछले सम्‍बन्‍धो का हवाला देते हुए पिछले गेट से घुसकर बधाई देने की होड़ लगी थी। तथाकथित सेक्युलर ब्‍लागर बदले माहौल से हतप्रभ थे उन्होंने भी स्वीकार किया कि हम संप्रदायिक भगवा ब्‍लागर क्यों न थे ?
इस पूरी खबर को कवर किया इलाहाबाद के पत्रकार और नये ब्लॉगर हिमांशु पाण्डेय ने जो कल ही अपना ब्लॉग मेरी आवाज सुनो के साथ चिट्ठाकारी में आये है, इनका भी टिप्‍पणी से स्वागत किया जाये। मीडिया की अलग अलग खबरों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस की सर्वेसर्वा मैडम सोनिया ने प्रधानमंत्री पद का ऑफर किया था, पर पंगेबाज ने इंकार कर दिया है। चूंकि यह मीडिया है, खबरों के भिन्नता न हो तो मीडिया का मतलब ही नहीं पता चलेगा। :)


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What An Idea एडसेंस प्रकाशकों के लिये गुड न्‍यूज़ बचेगे हजारो रूपये



आज Google Adsense (गूगल एडसेंस) के आधिकारिक ब्‍लाग पर जाना हुआ। वहाँ पर गूगल ने भारत में अपने मुद्रा भुगतान के सम्‍बन्‍ध में अपनी प्रवृष्टि जारी किया है। जैसा कि आपको पता होगा कि Google Adsense भारत में भुगतान साधारण वितरण व Standard Delivery पद्धति से करता था। जहाँ साधारण वितरण के लिये कोई शुल्‍क नही लिया जाता था वही Standard Delivery के लिये DHL Courier का प्रयोग करता था जिसके लिये 25 डालर पहले से काट लेता था।
 
वर्तमान समय में गूगल ने अपनी सुविधाओं में वृद्धि करते हुये, Blue Dart courier के द्वारा बिना एक भी पैसा लिये आपके चेको का भुगतान किया जाएगा। निश्चित रूप से भारत में Google Adsense के द्वारा उठाया जाने वाला एक बेहतर कदम है। भारत के सम्बन्ध में गूगल के इस कदम से Google Adsense कमाई करने वालों के 25 डॉलर तो बचेंगे। अब तो कमाई करने वालों के मन में इस बात को भी प्रोत्साहन मिलेगा कि गूगल जल्द ही भारत के इंटरनेट की भूमिका को नजरअंदाज नही करेगा। जैसा कि पूर्व में भारत से पहले इंडोनेशिया छोटे देश में Electronic Clearing Service (ECS) शुरू करने पर भारतीय ब्लॉगर ने रोष व्यक्त किया था। अब भारतीय ब्लॉगर भी आने वाले कुछ महीनों मे Electronic Clearing Service (ECS) के द्वारा सीधे भुगतान प्राप्त करने का स्वप्न देख सकते है और जल्द ही यह स्वप्न साकार भी होगा।
 
चलते चलते - चुनावी महासमर समाप्त हो चुका है। मतगणना की समाप्ति के साथ ही मेरी परीक्षा की तिथियां भी शुरू हो रही है। एक महान सेक्‍युलर ब्‍लागर फिर सनक गया है, सनक उनकी आदतों में शुमार है, उसे सिर्फ ''मै'' का भ्रम है, उसके इस ''मै'' के भ्रम को कई बार तोड़ा था और फिर तोड़ूँगा, मै सलाह दूंगा घमंड और शक्ति का बेअर्थ प्रदर्शन ठीक नही। वो बार बार अपनी शक्ति के प्रदर्शन के पागलपन में मधुमक्खी के छत्ते पर ईंट मार रहा है, अभी मधुमक्खी व्‍यस्‍त है , मामला बाद में देखा जायेगा।


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