इलाहाबाद छात्र संघ में रोहित शुक्ला जीत अद्भुत है किंतु जिस प्रकार यह बताया जा रहा है कि यह अध्यक्ष पद पर विद्यार्थी परिषद् की इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पहली जीत है..
अगर हम अपने आपको संघ, बीजेपी, विहिप या अनुसांगिक सगठनों के जुड़े कहते है तो हमें अपने सगठनों से संबधित इतिहास भी सही से जान लेना चाहिए..
जहाँ तक मुझे पता है कि इससे पहले विद्यार्थी परिषद् की ओर से छात्र संघ अध्यक्ष विजय कुमार जी, रामदीन सिंह जी और लक्ष्मी शंकर ओझा हुए थे या हम कहना चाहते है वो संघ या विद्यार्थी परिषद् से नहीं के नहीं थे ??
यह हम कहना चाहते है कि पीछे 70 वर्षों में संघ की विचारधारा का नाम लेना वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नहीं था, इतनी कमजोर थी संघ की पकड़ और विचारधारा?
अतिउत्साह में कही न कही हम अपने पुराने अस्तित्व और अपने पुराने स्तंभों पर पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दे रहे है..
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वास्तु के अनुसार सोने के लिए सर्वोत्तम दिशा
दिन काम करने के लिए और रात आराम करने के लिए बने है लेकिन सोना भी अपने आप ने पूरा विज्ञान है। एक अच्छी नींद के लिए दिशाओं का बहुत महत्व है। दिशाओ को ध्यान में रखकर सोने से हम बहुत से बीमारियों से तो बचते ही है साथ ही साथ अपने शरीर को सही आराम देकर एक लम्बी जिंदगी जी सकते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में सिर करके सोना सबसे अच्छा होता है लेकिन उत्तर दिशा में सोना सबसे खतरनाक है। अब तो विज्ञान भी इसको मानता है। इसके साथ ही साथ वास्तु शास्त्र में संभोग करने की खास दिशा बताई गई है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने की सबसे अच्छी दिशा वह है जब आप अपना सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर की ओर रखें। शोध में पाया गया है कि जानवर स्वाभाविक रूप से दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके सोते हैं। यह भी सिद्ध हो चुका है कि जो व्यक्ति सोने की सर्वोत्तम दिशा के लिए इस पद्धति का पालन करते हैं उनका रक्तचाप कम होता है और नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
वैज्ञानिक रूप से सोने के लिए सर्वोत्तम दिशा के लिए दक्षिणी ध्रुव की ओर मुख करने के पीछे का तर्क वास्तु द्वारा प्रदान किया गया है। इस पद्धति के अभ्यासकर्ताओं ने घरों और हमारे शरीरों को ऊर्जा वाले के रूप में देखा। पृथ्वी में एक ऊर्जावान चुंबकीय क्षेत्र भी है। इसे ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों ने पाया कि - जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए, हमें अपनी कंपन ऊर्जा को प्राकृतिक ऊर्जा से मेल खाना चाहिए। यदि हमें अपने सिर को, जो कि हमारा उत्तर है, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के दक्षिणी ध्रुव की ओर और अपने पैरों को, जो कि हमारा दक्षिण है, पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के साथ संरेखित करना है, तो हम एक विपरीत ध्रुवीय प्रभाव पैदा करते हैं। अध्ययनों ने इस पद्धति को वैज्ञानिक सिद्ध किया है। साक्ष्य से पता चलता है कि हमारा शरीर पृथ्वी के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों के प्रति संवेदनशील है।
सोने की सर्वोत्तम दिशा का पालन करने से सिरदर्द कम होता है, रक्तचाप का स्तर बेहतर होता है और रात को अच्छी आरामदायक नींद आती है।
कौन सी दिशा है सबसे अच्छी - पूर्व सबसे अच्छी दिशा है। पूर्वोत्तर भी ठीक है। इसके बाद पश्चिम है। अगर कोई विकल्प नहीं है तो दक्षिण। लेकिन उत्तर बिल्कुल नहीं। सोने के लिए उत्तर की दिशा मृत्यु की दिशा है। अगर आप उत्तरी गोलार्ध में हैं तो उत्तर के अलावा किसी भी दिशा में सिर करके सोया जा सकता है। अगर दक्षिणी गोलार्ध में हैं तो दक्षिण की ओर सिर करके न रखें।
गलत दिशा में सोने का परिणाम
- ऐसा नहीं है कि एक दिन गलत दिशा में सोने पर आप मर जाएंगे। मगर रोजाना ऐसा करने पर आप परेशानियों को दावत दे रहे हैं। आपके साथ किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं, यह इस पर निर्भर करता है कि आपका शरीर कितना मजबूत है।
- दक्षिण दिशा में पाँव रखकर कभी नहीं सोना चाहिए। इससे मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है। स्मृतिभ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियां होती है। अर्थात उत्तर की तरफ सिर करके सोने से आयु क्षीण होती है।
- जब हम उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते है तो उत्तर की धनात्मक तरंग तथा सिर की धनात्मक तरंग एक दुसरे से दूर भागती है। जिससे हमारे दिमाग में हलचल होती है। बेचैनी बढ़ जाती है। इससे अच्छे से नींद नही आती है। सुबह सोकर उठने के बाद भी शरीर में थकान रहती है। रक्तचाप असंतुलित हो जाता है। तथा मानसिक बीमारियां होती है।
आखिर क्यों न सोयें इस दिशा में ?
- पृथ्वी के चारों ओर चुंबकीय तरंगे है जो उत्तरी ध्रुव से निकलती है और दक्षिणी ध्रुव तक जाती है। यह एक चुम्बक की तरह काम करते हैं।
- पृथ्वी के दोनों ध्रुवों उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव में चुम्बकीय प्रवाह होता है। उत्तरी ध्रुव पर ऋणात्मक प्रवाह तथा दक्षिणी ध्रुव पर ऋणात्मक प्रवाह होता है। उसी तरह मानव शरीर में भी सिर में धनात्मक प्रवाह तथा पैरों में ऋणात्मक प्रवाह होता है। विज्ञान के अनुसार दो धनात्मक ध्रुव या दो ऋणात्मक ध्रुव एक दुसरे से दूर भागते है।
- पूर्व दिशा न्यूट्रल है यहाँ न तो आकर्षण बल काम करता है और न ही प्रतिकर्षण बल काम करता है और यदि है भी तो संतुलित अवस्था में है।
सही दिशा में सोने के अद्भुत परिणाम - गलत दिशा में सोने के जितने नुकसान है उससे कई गुना ज्यादा सही दिशा में सोने के फायदे है। अलग अलग दिशाओ में सोने के अलग अलग फायदे आपको जरूर जानना चाहिए।
दक्षिण दिशा में सिर करके - दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से आयु की वृद्धि होती है। जिस तरह उत्तर में सिर करके सोने के कारण रक्त में दबाव पड़ेगा है। नींद भी ठीक प्रकार से नही आती। हृदय की गति भी तेज हो जाती है। इसी का उल्टा करने पर यानी सिर दक्षिण में और पैर उत्तर में करके सोने कर आकर्षण बल काम करेगा और आपके शरीर को खींचेगा जिसके कारण शरीर को आराम मिलेगा और नींद अच्छी आएगी। ऐसा करने से ज्यादातर मानसिक रोगों में लाभ मिलता है।
अन्य दिशाओं में सिर करके - पूर्व दिशा वास्तु के अनुसार सोने के लिए बहुत अच्छी मानी गयी है। पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से ध्यान,एकाग्रता,आध्यात्मिकता और स्मृति में वृद्धि होती है। एक विद्यार्थी के लिए तो पूर्व दिशा में सिर रखकर सोना बहुत ही गुणकारी माना गया है। अतः पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोना सबसे लाभप्रद माना गया है। पूर्व दिशा में मस्तक रखकर सोने से विधा की प्राप्ति होती है। दक्षिण में मस्तक रखकर सोने से धन लाभ और आरोग्य लाभ होता है। पश्चिम में मस्तक रखकर सोने से प्रबल चिंता होती है। हालाँकि पढ़ते-लिखते या कोई भी अभ्यास करना हो तो उत्तर की दिशा सबसे अच्छी है। जिन बच्चों की लम्बाई उनकी उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ रही है, ऐसे बच्चों को दक्षिण दिशा में सिर करके सुलाना चाहिए। 4-5 सालों में लम्बाई सामान्य हो जायेगी।
दक्षिण दिशा में सिर करके - दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से आयु की वृद्धि होती है। जिस तरह उत्तर में सिर करके सोने के कारण रक्त में दबाव पड़ेगा है। नींद भी ठीक प्रकार से नही आती। हृदय की गति भी तेज हो जाती है। इसी का उल्टा करने पर यानी सिर दक्षिण में और पैर उत्तर में करके सोने कर आकर्षण बल काम करेगा और आपके शरीर को खींचेगा जिसके कारण शरीर को आराम मिलेगा और नींद अच्छी आएगी। ऐसा करने से ज्यादातर मानसिक रोगों में लाभ मिलता है।
अन्य दिशाओं में सिर करके - पूर्व दिशा वास्तु के अनुसार सोने के लिए बहुत अच्छी मानी गयी है। पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से ध्यान,एकाग्रता,आध्यात्मिकता और स्मृति में वृद्धि होती है। एक विद्यार्थी के लिए तो पूर्व दिशा में सिर रखकर सोना बहुत ही गुणकारी माना गया है। अतः पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोना सबसे लाभप्रद माना गया है। पूर्व दिशा में मस्तक रखकर सोने से विधा की प्राप्ति होती है। दक्षिण में मस्तक रखकर सोने से धन लाभ और आरोग्य लाभ होता है। पश्चिम में मस्तक रखकर सोने से प्रबल चिंता होती है। हालाँकि पढ़ते-लिखते या कोई भी अभ्यास करना हो तो उत्तर की दिशा सबसे अच्छी है। जिन बच्चों की लम्बाई उनकी उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ रही है, ऐसे बच्चों को दक्षिण दिशा में सिर करके सुलाना चाहिए। 4-5 सालों में लम्बाई सामान्य हो जायेगी।
पत्नी के साथ सोते समय अथवा संभोग करते समय हमेशा दक्षिण दिशा में ही सोना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा में उत्तरी ध्रुव (हमारे शरीर का उत्तरी ध्रुव मस्तिष्क है) और दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी का दोनों के बीच आकर्षण बल काम करता है, जो की संभोग के समय के लिए बहुत अच्छा माना गया है। अतः पत्नी के साथ जब भी सोये या संभोग की स्थिति हो तो दक्षिण दिशा में ही मस्तिष्क करके सोना चाहिए। गृहस्थ को छोड़कर सभी को सोते समय सिर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। गृहस्थ को दक्षिण दिशा में सिर रखना चाहिए। गृहस्थ लोगों के अतिरिक्त सभी लोगों को पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए और सभी गृहस्थ लोगों को दक्षिण दिशा में सिर करके सोना चाहिए।
यह सोने की सर्वोत्तम दिशा के ठीक विपरीत है। उत्तर की ओर सिर करके और दक्षिण की ओर पैर करके सोने से कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। शारीरिक रूप से, किसी के शरीर को प्रभावित करने वाले चुंबकीय क्षेत्र की ऊर्जा के कारण रक्तचाप और सिरदर्द में वृद्धि देखी जा सकती है। इससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और नींद की कमी भी होती है। ऐसा केवल इसलिए होता है क्योंकि हमारे रक्त में आयरन होता है और जब हम इस तरह स्थित होते हैं तो यह हमारे मस्तिष्क और शरीर के ऊपरी हिस्से की ओर प्रवाहित होता है। फेंगशुई भी आपके बिस्तर का सिरहाना दक्षिण की ओर रखने की सलाह देता है।
वास्तु के अनुसार सोने की दिशा: पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोएं - पूर्व वह जगह है जहां सूर्य सबसे पहले उगता है और इसमें सकारात्मक ऊर्जा होती है जो आपके भौतिक शरीर से विपरीत नहीं होती है। आप सुबह सूरज की किरणों से ऊर्जावान और तरोताजा महसूस कर सकते हैं। इसलिए, वास्तु के अनुसार यह सोने के लिए सबसे पसंदीदा और सबसे अच्छी दिशा में से एक है। बेहतर याददाश्त और शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए विशेषज्ञों द्वारा ईस्ट की विशेष रूप से सिफारिश की जाती है। आपके मस्तिष्क में बेहतर रक्त प्रवाह होना छात्रों, प्रोफेसरों और विद्वानों जैसे शैक्षणिक क्षेत्र के लोगों के लिए आवश्यक साबित होता है। अधिकांश हिंदू घरों में भी अपने पूजा कक्ष और मूर्तियाँ पूर्व दिशा की ओर रखते हैं।
वास्तु के अनुसार सोने की दिशा: पश्चिम की ओर सिर करके सोयें - पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोना कुछ लोगों के लिए सोने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। अपने करियर में सफलता चाहने वाले व्यवसायियों और पेशेवरों जैसे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपना सिर पश्चिम की ओर और पैर पूर्व की ओर करके सोएं। यह वास्तु के अनुसार सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा, यानी दक्षिण या पूर्व दिशा जितना प्रभावी नहीं है, लेकिन कोई इसे आज़मा सकता है। पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोने से नकारात्मक ऊर्जा कम होने के संबंध में वास्तु ने कुछ लाभ भी सिद्ध किए हैं। वास्तु के अनुसार सोने की सर्वोत्तम दिशा में सोने से सफलता मिलती है पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोने से व्यावसायिक सफलता मिलती है।
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श्री हनुमान जी की आरती और चित्र
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्टदलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपै। रोग दोष जाके निकट न झांपै।
अंजनिपुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाये। लंका जारि सीय सुधि लाये।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारि असुर संहारे। सीतारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि सजीवन प्राण उबारे।
पैठि पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखारे।
बायें भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर नर मुनि आरती उतारे। जय जय जय हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
जो हनुमान जी की आरती गावै। बसि बैकुण्ठ परम पद पावै।
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