भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 509 उन लोगों पर लगाई जाती है जो किसी औरत के शील या सम्मान को चोट पहुंचाने वाली बात कहते हैं या हरकत करते हैं। अगर कोई किसी औरत को सुना कर ऐसी बात कहता है या आवाज निकालता है,जिससे औरत के शील या सम्मान को चोट पहुंचे या जिससे उसकी प्राइवेसी में दखल पड़े तो उसके खिलाफ धारा 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। इस धारा के तहत एक साल तक की सजा जो तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
ठाणे की एक अदालत ने छम्मकछल्लो शब्द को धारा 509 के तहत अपराध घोषित कर दिया है। कोर्ट ने इस शब्द को महिलाओं के प्रति अपमानजनक माना है जो आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध है। कोर्ट ने पड़ौसी महिला को छम्मकछल्लो पुकाने वाले व्यक्ति पर कोर्ट उठने तक साधारण कैद की सजा सुनाई एवं 1 रुपए जुर्माना भी लगाया। फैसला केस फाइल करने के 8 साल बाद आया है।
एक मजिस्ट्रेट ने पिछले सप्ताह शहर के एक निवासी को 'अदालत के उठने तक' साधारण कैद की सजा सुनाई थी और उस पर एक रुपए का जुर्माना लगाया। आरोपी के एक पड़ोसी ने उसे अदालत में घसीटा था। पड़ोसी महिला की शिकायत के अनुसार, 9 जनवरी 2009 को जब वह अपने पति के साथ सैर से लौट रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई। महिला ने कहा कि यह कूड़ेदान आरोपी ने सीढ़ियों पर रखा था। आरोपी इस दंपति पर चिल्लाने लगा और उन्हें कई चीजें कहने के बीच उसने महिला को ''छम्मकछल्लो'' कहकर पुकारा।
इस शब्द से गुस्साकर महिला ने पुलिस से संपर्क किया लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। तब महिला ने अदालत का रुख किया। आठ साल बाद, न्यायिक मजिस्ट्रेट आर टी लंगाले ने उनके मामले को उचित ठहराते हुए कि आरोपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द, इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान) के तहत अपराध किया है। मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, 'यह एक हिंदी शब्द है। जिसकी अंग्रेजी नहीं है। भारतीय समाज में इस शब्द का अर्थ इसके इस्तेमाल से समझा जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी महिला का अपमान करने के लिए किया जाता है। यह किसी की तारीफ करने का शब्द नहीं है, इससे महिला को चिढ़ होती है और उसे गुस्सा आता है।'
ठाणे की एक अदालत ने छम्मकछल्लो शब्द को धारा 509 के तहत अपराध घोषित कर दिया है। कोर्ट ने इस शब्द को महिलाओं के प्रति अपमानजनक माना है जो आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध है। कोर्ट ने पड़ौसी महिला को छम्मकछल्लो पुकाने वाले व्यक्ति पर कोर्ट उठने तक साधारण कैद की सजा सुनाई एवं 1 रुपए जुर्माना भी लगाया। फैसला केस फाइल करने के 8 साल बाद आया है।
एक मजिस्ट्रेट ने पिछले सप्ताह शहर के एक निवासी को 'अदालत के उठने तक' साधारण कैद की सजा सुनाई थी और उस पर एक रुपए का जुर्माना लगाया। आरोपी के एक पड़ोसी ने उसे अदालत में घसीटा था। पड़ोसी महिला की शिकायत के अनुसार, 9 जनवरी 2009 को जब वह अपने पति के साथ सैर से लौट रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई। महिला ने कहा कि यह कूड़ेदान आरोपी ने सीढ़ियों पर रखा था। आरोपी इस दंपति पर चिल्लाने लगा और उन्हें कई चीजें कहने के बीच उसने महिला को ''छम्मकछल्लो'' कहकर पुकारा।
इस शब्द से गुस्साकर महिला ने पुलिस से संपर्क किया लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। तब महिला ने अदालत का रुख किया। आठ साल बाद, न्यायिक मजिस्ट्रेट आर टी लंगाले ने उनके मामले को उचित ठहराते हुए कि आरोपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द, इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान) के तहत अपराध किया है। मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, 'यह एक हिंदी शब्द है। जिसकी अंग्रेजी नहीं है। भारतीय समाज में इस शब्द का अर्थ इसके इस्तेमाल से समझा जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी महिला का अपमान करने के लिए किया जाता है। यह किसी की तारीफ करने का शब्द नहीं है, इससे महिला को चिढ़ होती है और उसे गुस्सा आता है।'
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