इलाहाबाद मिलन का अंतिम सच



तुम लोग अभी नही हो लेकिन मै तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूँ, तुम सब बहुत याद आ रहे हो, किसी के लिये अतिशयोक्ति होगी कि कि वाणी कट्टरता वाला व्यक्ति इतना भावुक हो सकता है, पिछले 36 घंटे मे मै जितनी देर तुम लोगों के साथ रहा और अभी कुछ मिनट पूर्व नीशू और मिथलेश के जाने पर वो 36 घंटो का साथ अब अखर रहा है, वो उन 36 घंटे का परिणाम है कि दोस्त तुम्हारे लिये आँखे नम है, तुम सब जा रहे थे पर दिल कहता था कि कह दूँ एक दिन और रुक जाओ, मुझे पता है कि तुम लोग बस अड्डे पर होगे ..... व्यक्ति को इतना लगाववादी नही होना चाहिये।


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जूनियर ब्‍लॉगर एसोसिएशन की बैठक के पहले और बाद के आनंद‍ित क्षण



आखिर में वो बहुत प्रतिक्षित समय आ गया जब जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन के द्वारा नामी जूनियर चिट्ठाकारों का मिलन कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। कार्यक्रम का अपना रोमांच और उत्साह था, इसी उत्साह के बल पर हमीरपुर से संतोष कुमार और उनके आग्रह प्रेम कुमार जी दिनांक 15-06 की सुबह 8 बजे इलाहाबाद में मेरे आवास पर पहुंचे।
जूनियर ब्‍लॉगर एसोसिएशन की ब्‍लागरीय उड़ान
भ्राता द्वय को जलपान ग्रहण करने के पश्चात उनसे कई विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा थी। उन्होंने भी अपनी चिट्ठकारी की कई खट्टे-पलो को बांटे। काफी देर बाद घर से सूचना आई कि कुछ खाने के लिये मंडी से सब्जियां ले आओ तो सभी लोग टहलते घूमते मंडी की ओर निकल गये। अचानक पंसारी की दुकान पर पहुँचा तो मेरे मुँह यह शब्द निकल आया कि फला चीज का क्या हाल चाल है ? :) इस पर सभी उपस्थित लोग हंस पड़े। कि भाव की जगह हाल चाल क्यों पूछ रहा है क्योकि मै उस टाइम फोन पर था और .......... :)
जूनियर ब्‍लागर एसोशिएशन की निर्माणाधीन इमारत का विभागीय निरीक्षण

करीब दोपहर 12 बजे नीशू तिवारी और मिथलेश दुबे भी हमारे द्वार पर दस्तक देकर फोन कर रहे थे। उन्होने बताया कि सलीम खान अपना रिजर्वेशन करवाने के बाद भी कार्यक्रम नहीं पहुंच पा रहे है और लखनऊ रेलवे स्टेशन पर पहुँच कर मिथलेश दूबे का लखनऊ से इलाहाबाद के लिए करवाया रिजर्वेशन टिकट मिथलेश को सौंपा, इस कार्यक्रम में सलीम खान जी उपस्थिति से मै भी उत्साहित था। ईश्वर की अनुकम्पा होगी तो उनसे शीघ्र ही मिलने का कोई कार्यक्रम अवश्य बनेगा। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर हम लोग विभिन्न कार्यों में एक दूसरे का परस्पर सहयोग किया, मुझे सहयोग की भावना इस प्रकार थी कि कभी लगा ही नहीं कि ये अतिथि है और ब्लॉगर मिलन के लिये पधारे है। निश्चित रूप दोनों का सहयोग पाकर बहुत अच्छा लगा।
कहा ''अदिति'' ने ''अतिथि'' तुम फिर कब आओगे

जिन लोगों की कार्यक्रम में सहभागिता हो सकती थी, दूरभाष के द्वारा संपर्क किया गया और उनकी स्थिति को जाना गया है। कार्यक्रम में वीनस केसरी जी समय से पूर्व उपस्थित होकर हमारे मध्य उत्साह को दोगुना करने का काम किया, यह हमारे लिये हर्ष का विषय है कि जो भी आया समय को महत्व देते हुए आया। घर में ही दो चिट्ठाकार होने के बाद भी कामों की वजह से वो भाग नहीं ले सकें किंतु उसका मुझे लाभ मिला और मै पूर्ण समय कार्यक्रम में बना रहा।
ऐतिहासिक आकाशीय क्षण

कार्यक्रम 2 बजे प्रारंभ होना था कि यात्रा के कारण थकावट सवार थी मिथलेश जी और नीशू जी में, इस कारण भोजन प्रारम्भ करने में विलंब हुआ, हमारे द्वारा लघु सहभोज आयोजित किया गया, जिसका सभी लोगो गर्मजोशी और आनंद के साथ भोजन ग्रहण किया, भोजन के पश्चात ठीक 3 बजे हमारा कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ और यह करीब 5.30 बजे इसके बाद, शहर के विभिन्न इलाकों का भ्रमण का लुफ्त उठाया गया।
रात्रि दो बजे विशेष रणनीति होने के बाद निश्चिंत मुद्रा मे
हमारे द्वारा कार्यक्रम का पूर्ण आनंद लिया गया, 24 घंटे इंटरनेट सेवा होने के बाद भी हम लोगों ने कार्यक्रम को इंजॉय करना ज्यादा महत्वपूर्ण समझा इसलिए कार्यक्रम के बाद किसी पोस्‍ट को छापने और इंटरनेट पर समय व्यर्थ के बजाय एक दूसरे के समझने का बेहतर प्रयास किया। कार्यक्रम आधारित पोस्ट शीघ्र ही प्रस्तुत होगी, जिसकी सार्थकता को आप स्वयं सिद्ध करेगे।
 
शीघ्र ही फिर मिलना होगा,

जय श्रीराम- भारत माता की जय


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100+ Best Motivational Thoughts in Hindi – सर्वश्रेष्ठ अनमोल वचन



100+ Best Motivational Thoughts in Hindi
  1. अगर आप किसी काम के बारे में बहुत सोचते हो, तो आप वो काम नहीं कर पाओगे। – ब्रूस ली
  2. अगर सफलता का कोई रहस्य है, तो वो इस योग्यता में निहित है कि दूसरे व्यक्ति की बात को समझना और चीजों को उसके और अपने नजरिए से देख पाना। – हेनरी फोर्ड
  3. अगर हम हल का हिस्सा नहीं है, तो हम समस्या है। – शिव खेड़ा
  4. अधिक अनुभव, अधिक सहनशीलता और अधिक अध्ययन यही विद्वत्ता के तीन महास्तंभ हैं।- अज्ञात
  5. अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आती है।-जयशंकर प्रसाद
  6. अध्यापक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं। वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं और अपने श्रम से उन्हें सींच-सींच कर महाप्राण शक्तियाँ बनाते हैं।- महर्षि अरविंद
  7. अनुभव, ज्ञान उन्मेष और वयस् मनुष्य के विचारों को बदलते हैं।- हरिऔध
  8. अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है।- प्रेमचंद
  9. अपना जीवन जीने के दो तरीके है, एक मायने के कुछ भी चमत्कार नहीं है, दूसरे मायने के सब कुछ चमत्कार है। – अब्राहम लिंकन
  10. अपने ज्ञान के प्रति जरूरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। ये याद रखें कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है। – महात्मा गांधी
  11. अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित निष्ठावान होना पड़ेगा। – अब्दुल कलाम
  12. अपने विषय में कुछ कहना प्राय: बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरों को।- महादेवी वर्मा
  13. अपने ह्रदय में उस दिव्य चिंगारी, जिसे अंतरात्मा कहते है, को जिंदा रखने के लिए मेहनत करो। – जॉर्ज वाशिंगटन
  14. अहसास के साथ आप जो कुछ भी यकीन करते हैं वही आपकी हकीक़त बन जाती है।
  15. आप अपने चरित्र व साहस का निर्माण किसी अन्य के अवसर व स्वतंत्रता को छीनकर नहीं कर सकते। – अब्राहम लिंकन
  16. आभार,आत्मा से उत्पन्न होने वाली सबसे खूबसूरत कली है। – हेनरी वार्ड बीचर
  17. इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के है, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है। – स्वामी विवेकानंद
  18. उत्कृष्टता एक सतत प्रक्रिया है कोई दुर्घटना नहीं। – अब्दुल कलाम
  19. उन लोगों के अटल साहस से ज्यादा प्रभावशाली कुछ भी नहीं है, जो अपनी आजादी और सम्मान के लिए दुःख सहने और त्याग करने के लिए तैयार है। – मार्टिन लूथर किंग जेआर
  20. एक मूर्ख खुद को बुद्धिमान समझता है, लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति खुद को मूर्ख समझता है। – विलियम शेक्सपियर
  21. एक संतुलित मन के बराबर कोई तपस्या नहीं है. संतोष के बराबर कोई ख़ुशी नही है, लोभ के जैसी कोई बीमारी नहीं है दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है। – चाणक्य
  22. एक सफल आदमी बनने की कोशिश करने के बजाए आप एक ऐसा व्यक्ति बनने की कोशिश करें जो अपनी बात का पक्का हो। – अल्बर्ट आइंस्टीन
  23. कभी भी घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता घृणा प्यार से कम होती है. यह एक अटल नियम है। – बुद्ध
  24. कभी-कभी सफलता सही निर्णय लेने के बारे में नहीं होती, ये बस कोई निर्णय लेने के बारे में होती है। – रोबिन शर्मा
  25. करुणा में शीतल अग्नि होती है जो क्रूर से क्रूर व्यक्ति का हृदय भी आर्द्र कर देती है।- सुदर्शन
  26. कवि और चित्रकार में भेद है। कवि अपने स्वर में और चित्रकार अपनी रेखा में जीवन के तत्व और सौंदर्य का रंग भरता है।- डॉ. रामकुमार वर्मा
  27. कविता का बाना पहन कर सत्य और भी चमक उठता है।- अज्ञात
  28. कुछ भी आपको शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता हो उसे झर समझ के उसका बहिष्कार करे। – स्वामी विवेकानंद
  29. कुछ भी इतना कठिन नहीं है अगर आप उसे छोटे-छोटे कार्यो में विभाजित कर ले। – हेनरी फोर्ड
  30. कुटिल लोगों के प्रति सरल व्यवहार अच्छी नीति नहीं।- श्री हर्ष
  31. कोई ख़ुशी से जो भी करता है, स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। – महात्मा गांधी
  32. कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता, जिससे वो डरता है। – अरस्तु
  33. खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। – स्वामी विवेकानंद
  34. ख़ुशी तब होती है जब आप जो सोचते है जो कहते है और जो करते है, सब में संतुलन होता है। – विलियम शेक्सपियर
  35. गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किए गए प्रयत्न में निहित है, ना की उसे पाने में। – महात्मा गांधी
  36. चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते है। – अस्तु
  37. जंज़ीरें, जंज़ीरें ही हैं, चाहे वे लोहे की हो या सोने की, वे समान रूप से तुम्हें गुलाम बनाती हैं।- स्वामी रामतीर्थ
  38. जहाँ प्रकाश रहता है वहाँ अंधकार कभी नहीं रह सकता।- माघ
  39. जिंदगी एक साइकिल की तरह है, अगर आपको बैलेंस बनाकर रखना है तो आपको पैडल मारते रहना होगा। – अल्बर्ट आइंस्टीन
  40. जिस प्रकार बिना जल के धान नहीं उगता उसी प्रकार बिना विनय के प्राप्त की गयी विधा फलदायी नहीं होती। – भगवान महावीर
  41. जीवन में सफल होने का सबसे बढ़िया तरीका है, उस नसीहत पर काम करना जो दुसरो को देते है। – मदर टेरेसा
  42. जैसे अंधे के लिए जगत अंधकारमय है और आँखों वाले के लिए प्रकाशमय है वैसे ही अज्ञानी के लिए जगत दुखदायक है और ज्ञानी के लिए आनंदमय।- संपूर्णानंद
  43. जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।- वेदव्यास
  44. जो अपने ऊपर विजय प्राप्त करता है वही सबसे बड़ा विजयी हैं।- गौतम बुद्ध
  45. जो अपने दिल से काम नहीं कर सकते वे हासिल करते है, लेकिन बस खोखली चीजे अधूरे मन से मिली सफलता अपने आस-पास कड़वाहट पैदा करती है। – अब्दुल कलाम
  46. जो दीपक को अपने पीछे रखते हैं वे अपने मार्ग में अपनी ही छाया डालते हैं।- रवींद्र
  47. जो दूसरों में बुराई ढूंढते है, उन्हें निश्चित तोर पर बुराई मिल भी जाती है। – अब्राहम लिंकन
  48. जो बहाने बनाने में अच्छा है, वो शायद ही किसी और काम में अच्छा हो। – बेजामिन फ्रकलिन
  49. ज्ञान, दवा और हिम्मत तीन ऐसे नैतिक गुण है, जो पूरे विश्व में मान्य है। – कवयुशिय्स
  50. तलवार ही सब कुछ है, उसके बिना न मनुष्य अपनी रक्षा कर सकता है और न निर्बल की।- गुरु गोविंद सिंह
  51. त्योहार साल की गति के पड़ाव हैं, जहाँ भिन्न-भिन्न मनोरंजन हैं, भिन्न-भिन्न आनंद हैं, भिन्न-भिन्न क्रीड़ास्थल हैं - बरुआ
  52. दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते- प्रेमचंद
  53. दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव में अपने आप के प्रति सच्चे रहना, अपने आप पर विश्वास रखो हमेशा। – स्वामी विवेकानंद
  54. दुनिया की सबसे खुबसूरत चीजे न ही देखी जा सकती है और ना छुई, उन्हें बस दिल से महसूस किया जा सकता है। – हेलेन केलर
  55. दुनिया मजाक करे या तिरस्कार, उसकी परवाह किए बिना मनुष्य को अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए। – स्वामी विवेकानंद
  56. नजरिया एक छोटी सी चीज है जिससे बहुत फर्क पड़ता है। – विस्टन चचिर्ल
  57. नजरिया एक छोटी सी चीज है,जिससे बहुत फर्क पड़ता है। – विंस्टन च्रिचर्ल
  58. नम्रता और मीठे वचन ही मनुष्य के आभूषण होते हैं। शेष सब नाममात्र के भूषण हैं।- संत तिरुवल्लुवर
  59. नेकी से विमुख हो जाना और बदी करना नि:संदेह बुरा है, मगर सामने हँस कर बोलना और पीछे चुगलखोरी करना उससे भी बुरा है।- संत तिरुवल्लुवर
  60. प्रत्येक बालक यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।- रवींद्रनाथ ठाकुर
  61. बदलाव प्रारम्भ में सबसे कठिन, मध्य में सबसे बेकार और अंत में सबसे अच्छा होता है। – रॉबिन शर्मा
  62. बाधाएं वो डरावनी चीजे है, जो आप तब देखते है जब आप लक्ष्य से अपनी आँखे हटा लेते है। – हेनरी फोर्ड
  63. बिना सेहत के जीवन, जीवन नहीं है, बस पीड़ा की एक स्थति है, मोंत की छवि है। – गोतम बुद्ध
  64. बीते हुए कल से सीखें, आज के लिए जिए और आने वाले कल के लिए उम्मीद रखे। – अल्बर्ट आइंस्टीन
  65. बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है। – कन्फ्यूशियस
  66. भय ही पतन और पाप का मुख्य कारण है। – स्वामी विवेकानंद
  67. भाग्य के विपरीत होने पर अच्छा कर्म भी दुःखदायी हो जाता है। – चाणक्य
  68. मनुष्य अपने सबसे अच्छे रूप में सभी जीवों में सबसे उदार होता है, लेकिन यदि कानून और न्याय न हो तो वो सबसे खराब बन जाता है। – अरस्तु
  69. मनुष्य का जीवन एक महानदी की भाँति है जो अपने बहाव द्वारा नवीन दिशाओं में राह बना लेती है।- रवींद्रनाथ ठाकुर
  70. मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से और झूठ को सत्य से जीत सकता है।- गौतम बुद्ध
  71. मन्त्रणा के समय कर्तव्य पालन में कभी ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। – चाणक्य
  72. महान सौंदर्य, अत्यधिक ताकत, बहुत धन का वास्तव में कुछ खास उपयोग नहीं है. एक सच्चा हृदय सबसे ऊपर है।– बेजामिन फ्रकलिन
  73. महान सौंदर्य, अत्यधिक ताकत, बहुत धन का वास्तव में कुछ खास उपयोग नहीं है। एक सच्चा हृदय सबसे ऊपर है। – बेंजामिन फ्रैंकलिन
  74. मित्रों का उपहास करना उनके पावन प्रेम को खंडित करना है।- राम प्रताप त्रिपाठी
  75. मुठ्ठी भर संकल्पवान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा को बदल सकते हैं। -महात्मा गांधी
  76. यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देंगे तो सच बाहर रह जाएगा। – रवीन्द्रनाथ टैगोर
  77. यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके है कि हम एक दुसरे के है। – मदर टेरेसा
  78. ये मायने नहीं रखता की आप कहाँ से आ रहे है, बस ये मायने रखते है कि आप कहाँ जा रहे है। – ब्रायन ट्रेसी
  79. लोग क्या सोचेंगे, इस बात की चिंता करने की बजाए क्यों न कुछ ऐसा करने में समय लगाए जिसे प्राप्त करने पर लोग आप की प्रशंसा करें। – डेल कानेर्गी
  80. लोग हमारी परवाह नहीं करते है कि आप कितना जानते है, वो ये जानना चाहते है कि आप कितना ख्याल रखते है। – शिव खेड़ा
  81. वही उन्नति करता है जो स्वयं अपने को उपदेश देता है।- स्वामी रामतीर्थ
  82. विद्रोह को क्रांति नहीं कहा जा सकता, यह हो सकता है कि विद्रोह का अंतिम परिणाम क्रांति हो। – भगत सिंह
  83. विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हो, लेकिन सभी इस बात पर एकमत है कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है। – महात्मा गांधी
  84. विश्वास वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश किया जा सकता है। – हेलेन केलर
  85. शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है, वरना हम अपने दिमाग को स्वच्छ और मजबूत नहीं रख पाएंगे – बुद्ध
  86. शिक्षित मन की यह पहचान है कि वो किसी भी विचार को स्वीकार किये बिना उसके साथ सहज रहे। – अरस्तु
  87. सच्चे साहित्य का निर्माण एकांत चिंतन और एकांत साधना में होता है।- अनंत गोपाल शेवडे
  88. समझदार आदमी को सारस की तरह होश से काम लेना चाहिए. जगह, वक्त और अपनी योग्यता को समझते हुए कार्य को सिद्ध करना चाहिए। – चाणक्य
  89. समझदार होने की असली निशानी ज्ञान नहीं है बल्कि कल्पना करने की आपकी सकती है। – अल्बर्ट आइंस्टीन
  90. स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है!- लोकमान्य तिलक
  91. स्वस्थ नागरिक किसी देश के लिए सबसे बड़ी सम्पति होते है। – विस्टन
  92. हजार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है, लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजयी है। – गौतम बुद्ध
  93. हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मों में प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनाता है।- वाल्मीकि
  94. हताश न होना ही सफलता का मूल है और यही परम सुख है।- वाल्मीकि
  95. हम जितना अध्ययन करते है, उतना ही हमें अपने अज्ञान का आभास होता जाता है। – स्वामी विवेकानंद
  96. हम सब यहाँ किसी खास वजह से है अपने अतीत के कैदी बनना छोड़िए. अपने भविष्य के निर्माता बनिए। – रोबिन शर्मा
  97. हम सभी एक दुसरे की मदद करना चाहते है, मनुष्य ऐसे ही होते है, हम एक दूसरे के सुख के लिए जीना चाहते है दुःख के लिए नहीं। – चार्ली चैपलिन
  98. हमें नई परिस्थितियों में नई सोच के साथ काम करना चाहिए। – अब्राहम लिंकन
  99. हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए, विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते है। – चाणक्य
  100. हमेशा याद रखो कि आपका अपना सफल होने का संकल्प ही किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। – अब्राहम लिंकन
  101. हमेशा सही करे, ये कुछ लोगो को संतुष्ट करेगा और बाकियों को अचंभित। – मार्क
  102. हार से डरो मत..कोशिश अच्छी हो तो हारना भी यशस्वी होता है। – ब्रूस ली


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ब्‍लागिंग वाले गुंड़ो मै "महाशक्ति" चुनौती स्‍वीकार करता हूँ



कानपुर से लौटा जाने से पूर्व एक पोस्ट की थी, लौट कर देखा नेट खराब था नेट ठीक हुआ तो देखा कि उस पोस्ट पर तो किसी दादा जी द्वारा बहुत अभद्र शब्दों प्रयोग था जिसे हटाया जाना ही ठीक था। इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग कतई उचित नहीं है। अत: उसे आते ही हटाना उचित समझा। क्योंकि यह सर्वथा उचित नहीं है।

कुछ लोग चिट्टाकारी की मार्यादाओ की सीमा को लांग रहे है, जब ऐसा करने वाले लोग 40-45 साल उम्र की सीमा पार करने वाले लोग करते है बहुत झोभ होता है। हाल मैंने दो सज्जनों के ब्लॉग पर अपने नाम को देखा है, अकारण प्रत्यक्ष नामोल्लेख करके लिखना बहुत खेद जनक है। मै खुद इस बात से हत प्रभ हूँ कि अपने आपको खुद वरिष्‍ठ कहने वाले लोग मर्यादा भंग करते है। कहावत है कि नंगो से खुद भी डरता है मै तो इंसान हूँ यही सोच कर अभी तक इग्नोर कर रहा था किन्तु अब सिर से पानी ऊपर हो गया है बात खुदा से श्रीकृष्ण तक जा पहुँची है, ऐसे नंगो की #@*^%& ढकने की पूरी तैयारी जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन खुद करेगा।

जहाँ तक मुझे याद है कि मेरे द्वारा किसी के नाम का उल्लेख करते हुये कोई भूत में लेख लिखा किंतु जिस प्रकार उनके द्वारा प्रत्यक्ष रूप से मेरे नाम का उल्लेख किया, वह मर्यादा विरूद्ध है, किसी पाठक ने कुछ समय पूर्व टिप्‍प्‍णी मे सही कहा था कि जब बुर्जुग मर्यादा को खूंटी पर टांग दें तो इससे बुरा और क्या हो सकता है?

मुझे हंसी आती है उन महान पाठको और टिप्पणीकारों पर जिनको आदर्श मानता हूँ वे ऐसे भद्दे, फूहड़ तथा व्यक्तिगत आक्षेप से व्‍यंग को बिना पढ़ कर लोग सर्वोत्तम व्‍यंग का दर्जा देने वाले ब्‍लागर समूह को चाहिये कि नाम पर टिप्पणी करने के बजाय उनके काम और लेखन पर टिप्पणी करें तो अपने आप नीर-क्षीर अलग हो जायेगा। किन्तु ब्लॉगरों की आदत ही है बिना पढ़े टिप्‍पणी करने की और व्यंग का लेबल देख कर ठेल दी महान व्यंग की उपाधि देती हुई टिप्‍पणी, चाहे वाह करने वाली की माँ-बहन की ही #@*^%& कर दी गई हो, ब्लॉगरों की आदत ही हो गई है वह कोठे पर बैठकर वाह वाह करने वालो की तरह, जैसे वहाँ बैठ कर वाह-वाह करते है वैसे ही यहाँ भी टिप्पणी कर बधाई देते नजर आते है।

उस तथाकथित पोस्ट पर मात्र रचना जी ने ही सार्थक टिप्‍पणी की जो वास्तव मे पोस्ट को पढ़ा, अन्यथा एक दिन मे सर्वाधिक टिप्‍पणी करने का रिकॉर्ड दर्ज करने वाले तथा सदी के महान ब्लागर भी उस पोस्ट को साधुवाद देते नज़र आये, राक्षसी पोस्ट पर उम्‍दा नामक टिप्‍प्‍णी अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड, लखनऊ तथा पता नही कहाँ से आयी पर बिना पोस्ट पढ़े टिप्‍पणी करने की आदत न बदल पायी।

महान परसाई की प्रशिद्ध दत्तक औलाद के शब्‍दो मे महाशक्ति के बारे दो लाईन - वो ‘महाशक्ति'…हाँ!…वही जिसे अपनी शक्ति पे बड़ा नाज़ है…असल में तो उसे खुद नहीं पता कि उसकी शक्ति का ह्रास हुए तो मुद्दतें बीत चुकी हैं मुझे उनके शब्‍दो से अपने बारे जानकर अच्‍छा लगा कि महाशक्ति के शक्ति ह्रास के बारे जानकारी रखते है, मतलब महाशक्ति के दम के बारे मे पूरी जानकारी है, और जानकारी नही रही होगी तो अपने पुरखो से पता कर ली होगी।

लगातार मेरे नाम महाशक्ति/प्रमेन्द्र को लेकर, इलाहाबाद को लेकर तथा जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन के बारे भिन्न लोगों ने लगातार पोस्ट ठेले जा रहे है, जैसे जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन को लेकर उनकी #@*^%& मे किसी ने मिर्ची ठूस दी हो और दर्द के मारे भद्दी पोस्‍टों की दस्त कर रहे है।

जहाँ तक महाशक्ति की शक्ति ह्रास की बात है तो कुछ पारस्परिक मित्रों के कहने पर मैंने लगातार विवादों की जंग में मंदक की भूमिका निभाई और जो कुछ भी मैंने इस मसले पर चुप रह कर किया, उसी का परिणाम था कि प्रतिनिधि मंडल मेरठ गया और प्रस्तुत मसले का कुछ हल निकाल सका। मैंने पूरे संयम के साथ मामले पर नियंत्रित करने का किया, पर कुछ पिचालियों को सूअरों की भांति गंदगी मे लौटने में आनंद मिलता है। जहाँ उस विवाद में मैंने विवाद को निपटाने का जिन मित्रों से वादा किया था वो मैंने निभाया किन्तु वर्तमान में जो लोग अब गलत दिशा मे बात ले जा रहे है, अगर कुछ लोगों को इसी में मजा आता है तो मै अब स्‍वयं चुनौती लेने का तैयार हूँ। मै इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करूँगा और जरूरत पड़ी तो ही सामने आऊँगा। जो मित्रगण मठाधीशी की ध्‍वस्‍त करने मे लगे है वही आप लोगो के लिये काफी है, मुझे नहीं लगता कि मेरी इस प्रकरण में जरूरत है, अब कोई भी व्यक्ति मेरे से सम्‍पर्क करने की कोशिश न करे, क्योंकि जहां तक मेरा काम था मै कर चुका हूँ। अगर अब वो गलत भी करते है तो मै पूर्ण रूप से उनके साथ हूँ।

अब जो लोग भी "जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन तथा उससे जुड़े किसी भी व्यक्ति का नाम करते हुये अभद्र पोस्‍ट लिखेगा तो अपनी भद्द करवाने का खुद जिम्मेदार होगा", जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन का प्रत्‍येक सदस्‍य अपना विरोध ऐसे वाहियात पोस्‍टो पर साम-दाम-दंड-भेद के साथ दर्ज करने के लिए स्वतंत्र है।


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आज कानपुर में ppp



आज रात्रि 7 जून तथा कल 8 जून को मै कानपुर मे रहूँगा, कल 10 बजे से अपने कार्य समाप्ति तक व्‍यस्‍तता रहेगी। 10 बजे से पूर्व तथा इलाहाबाद के लिये ट्रेन पकड़ने से पहले समय मिला तो परिचित अपरचित ब्‍लारगों तथा मित्रों से मिलने की कोशिश रहेगी।


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