महापुरूषों के प्रेरक-वचन एवं कहावतें



230 Motivational Quotes in Hindi – प्रेरक विचार जो आपकी जिंदगी बदल देंगे


महापुरूषों के प्रेरक-वचन एवं कहावतें

    1. “अगर आप  बार भी असफ़ल हुए है तो एक बार और प्रयास करें।”
    2. “अगर आप कल गिर गए थे तो आज उठिये और आगे बढिये।”
    3. “अगर आप किसी की सफ़लता से खुश नहीं होते तो आप कभी सफ़ल नही हो सकते।”
    4. “अगर आप किसी चीज़ के सपने देख सकते है तो आप उसे हासिल भी कर सकते है।”
    5. “अगर आप रेत पर अपने कदमो के निशान छोड़ना चाहते है तो .. एक ही उपाय है – अपने कदम पीछे मत खिचिए”
    6. “अगर आप सोचते है कि आप इसे कर सकते है तो निश्चित रूप से आप इसे कर सकते है।”
    7. “अगर आपके पास मुसीबतों से लड़ने की ताकद है, तो आप जीत जाओगे। आप जीतते हैं तो आप लीड कर सकते हो, लेकिन अगर आप हारते हो तो आप मार्गदर्शन जरूर कर सकते है।” – Sandeep Maheshwari Quotes
    8. “अगर इस दुनियाँ में खुश रहना है तो खुद से दोस्ती करना सीख लो।”
    9. “अगर लोग आप पर पत्थर फेंके तो आप उस पत्थर को मील का पत्थर बना दीजिए।”
    10. “अच्छा बोलने से बेहतर है कि हम कुछ अच्छा करें।”
    11. “अच्छे के साथ अच्छा बनें बुरे के साथ बुरा नहीं क्योंकि हीरे को हीरे से तराशा तो जा सकता है पर कीचड़ से कीचड़ साफ़ नहीं हो सकता है.”
    12. “अपनापन छलके आंखों में ऐसा कोई एक ही मिलता है लाखों में।”
    13. “अपनापन, परवाह, आदर और समय ये वो दौलत है जो हमारे अपने हमसे चाहते है।”
    14. “अपने उद्देश्य में ईमानदारी से लगे रहना ही सफ़लता का सबसे बड़ा रहस्य है।”
    15. “अपने लक्ष्य को ऊँचा रखो और तब तक मत रुको जब तक आप इसे हासिल नहीं कर लेते है।”
    16. “अपने लक्ष्य को निर्धारित करना इसे हासिल करनें का पहला क़दम है।”
    17. “अपनों पर भी उतना ही विश्वास रखो जितना दवाइयों पर रखते होबेशक थोड़े कड़वे होंगे पर आपके फ़ायदे के लिए होंगे।”
    18. “अलमारी से निकले बचपन के खिलौने मुझे उदास देखकर बोले तुम्हे ही शौक था बड़े होने का।”
    19. “असफलता और सफलता दोनों ही अवस्थाओं में लोग तुम्हारी बातें करेंगे, सफल होने पर प्रेरणा के रूप में और असफल होने पर सीख के रूप में ।”
    20. “आगे बढ़ने के लिए हमे खुद को चीजों का चुनाव करना पड़ता है” — Kiran Bedi
    21. “आप उस व्यक्ति को कभी नहीं हरा सकते जो कभी हार नहीं मानता हो।”
    22. “आप जो आज करते है वो आपका कल निर्धारित करता है।”
    23. “आप समुद्र को किनारे बैठकर पानी की लहरों को देखते हुए नहीं पार कर सकते।”
    24. “आप हमेशा इतने छोटे बनिये कि, हर व्यक्ति आपके साथ बैठ सके और आप इतने बड़े बनिये कि आप जब उठे तो कोई बैठा न रहे।”
    25. “आपका सबसे बड़ा शिक्षक आपकी आखिरी गलती है।”
    26. “आपकी समस्याएं आपको रुकने का संकेत नही देती बल्कि वो लक्ष्य के रास्ते का मार्गदर्शक होती है।”
    27. “इतर से कपड़ों का महकाना कोई बड़ी बात नहीं है, मज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबू आये!!”
    28. “उन पर ध्यान मत दीजिये जो आपकी पीठ पीछे बात करते है इसका सीधा सा अर्थ है आप उनसे दो कदम आगे है”
    29. “उन्नति की क्षमता रखने वालों पर समय-समय पर आपत्ति आती है।”
    30. “एक सफल व्यक्ति हमेशा कुछ अच्छा हासिल करने के लिए प्रेरित होता है ना कि किसी को पराजित करने के लिए।”
    31. “एक हारा हुआ ईन्सान, हारने के बाद भी स्माईल करे तो, जितने वाला अपनी जीत की खुशी खो देता है।”
    32. “कम्फर्ट जोन से बाहर निकालिए, आप तभी आगे बढ़ सकते है जब आप कुछ नया आज़माने को तैयार है।”
    33. “किसी के पैरों में गिरकर कामयाबी पाने से बेहतर है अपने पैरों पर चलकर कुछ बनने की ठान लो।”
    34. “किसी को हराना बेहद आसान है लेकिन किसी से जितना बेहद कठिन काम है।”
    35. “कुछ अलग करना है, तो भीड़ से हट कर चलो, भीड़ साहस तो देती है, पर पहचान छिन लेती है।”
    36. “खरीद पाऊं खुशियाँ उदास चेहरों के लिए, मेरे क़िरदार का मोल बस इतना कर दे ए-खुदा।”
    37. “खुद को एक सोने के सिक्के जैसा बनाइये, जो कि अगर नाली में भी गिर जाए तो भी उसकी क़ीमत कम नहीं होती है।”
    38. “ख़ुशी आपके Attitude पर निर्भर करती है, आपके पास क्या है उस पर नहीं।”
    39. “घड़ी को देखो मत, बल्कि वो करो जो घड़ी करती है, बस चलते रहो।”
    40. “चोट ख़ाकर ही कोई व्यक्ति महान होता है, चोट ख़ाकर ही पत्थर बैठा मन्दिर में भगवान होता है।”
    41. “जब तक आप कोई काम कर नहीं लेते है तब तक ये असंभव ही लगता है।”
    42. “जहर में इतना जहर नहीं होगा जितना कुछ लोग दूसरों के लिए अपने दिल पर रखते हैं।”
    43. “जहां आप की अहमियत समझी ना जाए वहां जाना बंद कर दो चाहे वह किसी का घर हो या किसी का दिल।”
    44. “जिंदगी एक बार मिलती है यह बात बिल्कुल गलत है मौत एक बार मिलती है जिंदगी हर रोज मिलती है।”
    45. “ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथौड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता।”
    46. “जिंदगी में किसी से अपनी तुलना मत करो जैसे चांद और सूरज की तुलना किसी से नहीं की जा सकती क्योकि यह अपने समय पर ही चमकते है।”
    47. “ज़िंदगी में हर मौक़े का फ़ायदा उठाओ, मगर किसी की मज़बूरी और भरोसे का नहीं।”
    48. “जितना कठिन संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।”
    49. “जितने का मज़ा तभी आता है जब सभी आपके हारने का इंतजार कर रहे हो।”
    50. “जिनमें अकेले चलने का होंसला होता हैं, उनके पीछे एक दिन काफिला होता हैं।”
    51. “ज़िन्दगी में अगर बुरा वक़्त नहीं आता तो अपनों में छुपे हुए गैर और गैरों में छुपे हुए अपनों का कभी पता न चलता।”
    52. “जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।”
    53. “जिसने अपनी इच्छाओं पर काबू पा लिया उस व्यक्ति ने समझो अपने दुखों पर काबू पा लिया।” — Gautama Buddha Quotes
    54. “जिससे कोई उम्मीद नही होती अक्सर वही लोग कमाल करते हैं!”
    55. “जीवन मे सबसे बड़ी ख़ुशी उस काम को करनें में है, जिसे लोग कहते है कि आप नहीं कर सकते।”
    56. “जो अपने कदमों की काबिलियत पर विश्वास रखते है, वो ही अक्सर मंज़िल तक पहुँच पाते है।”
    57. “जो मनुष्य अपने क्रोध ख़ुद के ऊपर झेल जाता है वो दूसरों के क्रोध से बच जाता है”
    58. “ज्यादा नहीं बस इतने साफल हो जाओ की अपने माता-पिता की हर ख़्वाहिश पूरी कर सको।”
    59. “डर से जीतने का एक है तरीका है, इसे ख़त्म कर दो।”
    60. “तहज़ीब सीखा दी मुझे एक छोटे से मकान नेे दरवाज़े पर लिखा था थोड़ा झुककर चलिये।”
    61. “थोड़ा सा छुप- छूप कर अपने लिए भी जी लिया करो, कोई नहीं कहेगा थक गए हो आराम कर लो।”
    62. “दिल में बुराई रखने से बेहतर है कि नाराज़गी ज़ाहिर कर दीजिए।”
    63. “दुनियाँ की सबसे ख़तरनाक नदी है भावना, सब इसमें बह जाते है”
    64. “दुनियाँ में दो तरह के लोग होते है एक वो जो दुनियाँ के अनुसार खुद को बदल लेते है और दूसरे वो जो खुद के अनुसार दुनियाँ को बदल देते है।”
    65. “दूसरों को देखने के बज़ाय आप खुद वो काम करने की कोशिश करें, जिससे कि दूसरे आप को देखें।”
    66. “देख लेना ज़िन्दगी में मेहनत से मिले फल का स्वाद क़िस्मत से मिले फल के स्वाद से ज़्यादा मीठा लगेगा।” — ज्योत्सना गाँधी
    67. “देर से बनो लेकिन जरूर कुछ बनो लोग वक्त के साथ खैरियत नहीं पूछते है सियत पूछते हैं।”
    68. “पतझड़ हुए बिना पेड़ पर नए पत्ते नहीं आते ठीक उसी तरह परेशानी और कठिनाई सहे बिना इंसान के अच्छे दिन नहीं आते।”
    69. “पृथ्वी पर ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसको समस्या ना हो और कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसका कोई समाधान ना हो। मंजिले चाहे कितनी भी ऊँची क्यों ना हो उसके रास्ते हमेशा पैरों के नीचे से ही जाते है।” — APJ Abdul Kalam Thoughts
    70. “फोटो लेने के लिए अच्छे कपड़े नहीं बस मुस्कुराहट अच्छी होनी चाहिए।”
    71. “बीते हुए को नहीं बदला जा सकता है, लेकिन भविष्य आपके हाथ मे है।”
    72. “बुरी आदतें अगर वक्त पर नहीं बदली जाए तो वह आदतें आपका वक्त बदल देती हैं|”
    73. “भरोसा जीता जाता है माँगा नहीं जाता है, ये वो दौलत है जो कि पाया जाता है कमाया नहीं जाता।”
    74. “भागते रहो अपने लक्ष्य के पीछे, क्यूंकि आज नहीं तो और कभी, करेंगे लोग गौर कभी, लगे रहो बस रुकना मत, आयेगा तुम्हारा दौर कभी।” — Abhinav Prateek
    75. “मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे।”
    76. “मैं अक्सर तस्वीरों को सफ़ेद छोड़ देती हूँ, शायद इन्हें रंगों का इंतज़ार है।” — ज्योत्सना गाँधी
    77. “मैदान में हारा हुआ इंसान,फिर से जीत सकता है, लेकिन मन से हारा हुआ इंसान, कभी नहीं जीत सकता!!”
    78. “मौन से जो कहा जा सकता है वो शब्द से नहीं, और जो दिल से दिया जा सकता है वो हाथ से नहीं।”
    79. “यदि आप दृढ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी.” — Dheerubhai Ambani
    80. “यदि किसी काम को करने में डर लगे तो याद रखना यह संकेत है, कि आपका काम वाकई में बहादुरी से भरा हुआ है।”
    81. “ये क्या सोचेंगे? वो क्या सोचेंगे? दुनिया क्या सोचेगी? इससे ऊपर उठकर कुछ सोच, जिन्दगीं सुकून का दूसरा नाम हो जाएगी”
    82. “लक्ष्य वो है जो आपके लिए सही है इसके लिए अपना शत प्रतिशत दीजिये और कल के बीज बो दीजिये”― Kiran Bedi
    83. “लाखो किलोमीटर की यात्रा एक कदम से ही शुरू होती है”
    84. “लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें, लेकिन यह भी सत्य है कि उनमें से अधिकाँश यह नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें।”
    85. “लोग जो अपनी जिन्दगी का नियंत्रण अपने हाथो में नहीं लेते उनका नियंत्रण समय के हाथो में चला जाता है”― Kiran Bedi
    86. “वक्त और रिश्तों ने सिखा दी होशियारी, वरना हम भी मासूमियत की हद तक मासूम थे।”
    87. “सच्चाई और अच्छाई की तलाश में पूरी दुनियाँ घूम ले, अगर वो हमारे अंदर नही है तो कहीं नहीं है।”
    88. “सपने धूमिल है तो क्या हुआ कभी तो सच्चे होंगे, वक्त बुरें है तो क्या हुआ कभी तो अच्छे होंगे।”
    89. “सपने सच हो इसके लिए उन्हें देखना जरूरी है।”
    90. “सफल लोग कोई और नहीं होते वो बस कड़ी मेहनत करना जानते हैं|”
    91. “सफल होने के लिए सबसे पहले हमें खुद पर भरोसा करना होगा।”
    92. “सबकुछ मिला है हमको लेकिन सब्र नहीं है, बरसों की सोचते है और पल की ख़बर नही है।”
    93. “समझदार इंसान वो नहीं होता जो ईंट का जवाब पत्‍थर से देता है, समझदार इंसान वो होता है जो फेंकी हुई र्ईंट से आशियॉं बना लेता है।”
    94. “सारी दुनियाँ कहती है कि हार मान लो लेकिन दिल कहता है कि एक बार और कोशिश करो, तुम ये जरूर कर सकते हो”
    95. “सारे सीक्रेट्स आपको पता है,फिर भी अंजान बन कर क्यू रोते होकमियाब होके आप बेहतर इंसान नही बनते,बेहतर इंसान बन के आप कमियाब होते हो।” ― Abhinav Prateek
    96. “सिर्फ मरी हुई मछली को पानी का बहाव चलाती है जिस मछली में जान होती है वह अपना रास्ता खुद बनाती है।”
    97. “हँसते रहा करो दोस्तों चिंता करने के लिए बुढापा तो आएगा ही।”
    98. “हँसी के बिना बिताया हुआ दिन बर्बाद हुआ दिन है।”
    99. “हम कई बार असफ़ल हो सकते है लेकिन हार नहीं सकते।”
    100. “हमेशा अपने हौसलें आसमान में और पैर को ज़मीन पर रखो।”
    101. “हर बन्द रास्ते के बाद एक नया रास्ता खुलता है।”
    102. “हर सफलता की शुरुआत “मैं कर सकता हूँ।” से होती है।”
    103. अगर आप की सोच ही गरीबों वाली है, तो आप अमीर बनने के सपने नहीं देख सकते।
    104. अगर आप जीवन भर गलतियां ही निकालते रहेंगे तो आपको गलतियां सुधारने का अवसर ही नहीं मिलेगा।
    105. अगर आप हमेशा दूसरों के प्रति कृतज्ञ रहते है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
    106. अगर आपके रास्ते में चुनौतियां आ रही है तो समझ जाओ आप दुनिया बदलने वाला कार्य कर रहे है।
    107. अगर आपको किसी चुनौती से डर लगे तो एक बार उसका सामना जरूर करना चाहिए।
    108. अगर जिंदगी में कुछ पाना है, तो अपने तरीके बदलो इरादे नहीं।
    109. अनुशासन – लक्ष्य और उपलब्धियों के बीच सेतु का कार्य करता है।
    110. अपनी खराब आदतों पर विजय हासिल करना, सफलता की ओर बढ़ाया गया सबसे बड़ा कदम होता है।
    111. अपनी सोच को कैसे बेहतर बनाया जाए, यह सीखने से ज्यादा बेहतर और कुछ भी नहीं हो सकता।
    112. अपने आप को सफल और बेहतर इंसान बनाना चाहते हो तो, दूसरों की खुशी से जलने की बजाएं, उनकी खुशी में खुश होना चाहिए।
    113. अपने ऊपर विश्वास रखो जितना आप करते है, उससे कहीं अधिक आप जानते है।
    114. अपने काम में इस तरह डूब जाओ कि सफलता से कम कुछ मंजूर ना हो।
    115. अपने कार्य के प्रति हमेशा ईमानदार रहें फिर आपको सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता।
    116. अपने लिए नहीं तो उनके लिए कामयाब बनो, जो आपको नाकामयाब देखना चाहते है।
    117. असंतोष की भावना को लगन व धैर्य से रचनात्मक शक्ति में न बदला जाए तो वह ख़तरनाक भी हो सकती है।- इंदिरा गांधी
    118. असफलता के समय अगर आप धैर्य से काम लेते हो, तो समझो आप ने सफलता का आधा रास्ता पार कर लिया है।
    119. असल में वही जीवन की चाल समझता है, जो सफर में धूल को गुलाल समझता है।
    120. आज जितना सह लोगे, कल उतना पा भी लोगे।
    121. आपका सबसे अच्छा शिक्षक आपकी गलतियां होती है, वही आपको जीवन भर कुछ नया सीखाती रहती है।
    122. आपका समय सीमित है इसलिए दूसरों की जिंदगी में समय व्यर्थ ना करें।
    123. आपके जन्म से लेकर मृत्यु तक चुनौतियां साथ रहेंगी, अब आपको तय करना है इनसे लड़ना है या फिर हार के बैठ जाना है।
    124. आपके विचार ही आपके भाग्य का निर्माण करेंगे।
    125. आलोचना से बचने का बस एक ही उपाय है, कुछ मत करो, कुछ मत कहो, कुछ मत बनो।
    126. आशावादी व्यक्ति हर आपदा में एक अवसर देखता है, निराशावादी व्यक्ति हर अवसर में एक आपदा देखता है।
    127. इतने काबिल बन जाओ कि जो हाथ आप पर उठते थे, वे हाथ अब आपके लिए तालियां बजाने के लिए उठे।
    128. इतने काबिल बनो कि तुम्हें हराने वाले को कोशिश नहीं साजिश करनी पड़े।
    129. इतिहास को याद रखने में विश्वास मत रखो, इतिहास रचने में विश्वास करो।
    130. इर्ष्या करो लेकिन हराने के लिए नहीं, जीतने के लिए।
    131. इसलिए न रुके कि आप थक गए है, यह मानकर चलते रहे कि आपकी मंजिल बेहद करीब है।
    132. एक कदम आगे बढ़ाओ तो सही, दूसरा अपने आप चल पड़ेगा।
    133. एक दिन में कुछ नहीं होता लेकिन लगातार प्रयासों से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
    134. ऐसे पेशे का चुनाव करें जो आपको दिलचस्प लगता हो, यकीन मानिए आपको जिंदगी में एक भी दिन काम नहीं करना पड़ेगा।
    135. ऐसे व्यक्ति के लिए सभी परिस्थितियां एक समान होती है, जिसका ध्यान हमेशा अपने लक्ष्य पर रहता है।
    136. कल से बेहतर आज करना है इस सोच को अपनालो, फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
    137. कश्तियां उनकी नहीं डूबती जिन की कश्तियों में छेद होता है, कश्तियां तो उनकी डूबती है जिनके बाजुओं में दम नहीं होता।
    138. कष्ट ही तो वह प्रेरक शक्ति है जो मनुष्य को कसौटी पर परखती है और आगे बढ़ाती है।- सावरकर
    139. कसौटी हमेशा आपकी प्रतिभा को निखारती है इसलिए कभी भी कसौटी से डरना नहीं चाहिए।
    140. कसौटीयाँ आपको प्रबल बनाती है, दुर्बल नहीं।
    141. किसी और से कभी भी अधिक आशा ना रखें नहीं तो आपको हर पल निराशा ही मिलेगी।
    142. किसी कार्य को करते समय अगर आपको लोग पागल कहे, तो घबराएं नहीं क्योंकि पागलों की दुनिया बदलते है।
    143. किसी की उम्मीद बनो, ना उम्मीद तो वे खुद भी होते है।
    144. किसी सफल व्यक्ति तथा दूसरों के बीच में मुख्य अंतर ताकत या ज्ञान का नहीं बल्कि इच्छाशक्ति का होता है।
    145. कुछ करने वाले कुछ पलों में सब कुछ कर जाते है, कुछ लोग पूरी जिंदगी भर कुछ नहीं कर पाते।
    146. कुछ भी मुक़ाम हासिल करने के लिए आपको सिर्फ़ दो चीज़ें ही चाहिए, पहला तो दृढ़ निश्चय और दूसरा कभी ना टूटने वाला हौसला। फिर भी संघर्ष के रास्ते मे जब आपका हौसला टूटने लगे तो उस समय किसी ऐसे की जरूरत होती है जो कि आपको एक बार फिर से उठकर खड़े होने के लिए प्रेरित कर सके। इसीलिए आज हम यहाँ आपको सफ़ल और महान लोगो द्वारा दिये गए सफलता के कुछ ऐसे मूलमंत्रो को बताने वाले है जिन्हें आप अपने मुश्किल समय मे अपनी ताकत बना कर खुद को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते है।
    147. कुछ लोग ठोकर खा कर बिखर जाते है, और कुछ लोग ठोकर खा कर निखर जाते है।
    148. खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा भी पूछे बता बंदे तेरी रजा क्या है।
    149. गर्म लोहा ही पिघलता है ठंडा तो टूट जाता है, इसलिए हमेशा निरंतर प्रयास करते रहे।
    150. गलतियां करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन गलतियों को दोहराना बुरा है।
    151. गिरते तो सब है लेकिन उठकर, आगे बढ़ने वाले का ही नाम है।
    152. चाहे गुरु पर हो या ईश्वर पर, श्रद्धा अवश्य रखनी चाहिए। क्योंकि बिना श्रद्धा के सब बातें व्यर्थ होती हैं।- समर्थ रामदास
    153. चाहे पूरी दुनिया बदल जाए लेकिन आप नहीं बदलते
    154. जब तक आप दूसरों के सपनों के गुलाम है, तब तक आप अपने सपने पूरे नहीं कर सकते है।
    155. जब भी आपके साथ कुछ अप्रत्याशित हो तो ईश्वर को धन्यवाद देना कभी ना भूले।
    156. जिंदगी आसान नहीं होती आसान बनाना पड़ता है, कुछ “अंदाज” से तो कुछ “नजर अंदाज” से।
    157. जिंदगी इतनी बड़ी भी नहीं है कि ऐसे काम करने में खत्म कर दे, जिसे आप नापसंद करते हो।
    158. जिंदगी के हर मोड़ से गुजर ना चाहिए, क्या पता किस मोड़ पर मंजिल बैठी हो।
    159. जिंदगी बिताने के लिए फिजूल के कार्य करने जरूरी नहीं है, यह तो बिना कुछ करे भी बीत जाएगी।
    160. जिंदगी में मुसीबतें चाय में मलाई की तरह होती है सफल व्यक्ति वही है जो मलाई को हटाकर चाय पी जाए।
    161. जिस तरह एक दीपक पूरे घर का अंधेरा दूर कर देता है उसी तरह एक योग्य पुत्र सारे कुल का दरिद्र दूर कर देता है- कहावत
    162. जिस प्रकार रात्रि का अंधकार केवल सूर्य दूर कर सकता है, उसी प्रकार मनुष्य की विपत्ति को केवल ज्ञान दूर कर सकता है।- नारदभक्ति
    163. जिसको अपने आप पर भरोसा होता है, उसी को सफलता प्राप्त होती है।
    164. जिसे पराजित होने का डर है, उसकी हार निश्चित है।
    165. जीवन में कुछ बेहतर करना चाहते हो तो हमेशा सीखते रहो और सिखाते रहो।
    166. जीवन में छोटे-छोटे सुधार ही, आपको तरक्की की ओर ले जाते है।
    167. जो लोग आपकी खामोशी को नहीं समझ सकते, वे आपके कहे शब्दों को भी नहीं समझ पाएंगे।
    168. जो सत्य विषय हैं वे तो सबमें एक से हैं झगड़ा झूठे विषयों में होता है।-सत्यार्थप्रकाश
    169. जो हमेशा परिणाम की चिंता करने में लगा रहता है, वह कभी भी सफलता को नहीं पा सकता।
    170. ज्यादा नहीं बस इतने सफल हो जाओ, अपने मां बाप की हर ख्वाहिश पूरी कर सको।
    171. तप ही परम कल्याण का साधन है। दूसरे सारे सुख तो अज्ञान मात्र हैं।- वाल्मीकि
    172. तिनका-तिनका जुड़कर घोसला बनता है, उसी प्रकार धीरे धीरे ही सफलता मिलती है।
    173. तो आप कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते है।
    174. थोड़ा डूबूंगा, थोड़ा टूटुंगा लेकिन मैं फिर लौट आऊंगा, ए जिंदगी तू देख मैं फिर जीत जाऊंगा।
    175. दंड द्वारा प्रजा की रक्षा करनी चाहिए लेकिन बिना कारण किसी को दंड नहीं देना चाहिए।- रामायण
    176. दूसरों को बदलने की कोशिश करते रहने वाले, जब तक स्वयं को नहीं बदलेंगे तब तक सफल नहीं हो सकते।
    177. द्वेष बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते, प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है।- विनोबा
    178. धर्म करते हुए मर जाना अच्छा है पर पाप करते हुए विजय प्राप्त करना अच्छा नहीं।- महाभारत
    179. धर्म का अर्थ तोड़ना नहीं बल्कि जोड़ना है। धर्म एक संयोजक तत्व है। धर्म लोगों को जोड़ता है।- डॉ. शंकरदयाल शर्मा
    180. धीमा ही सही चलो तो सही, मंजिल मिल ही जाएगी काबिल बनो तो सही।
    181. धीरे ही सही लेकिन हमेशा चलते रहे क्योंकि एक समय के बाद ठहरा हुआ पानी भी सड़ने लग जाता है।
    182. धीरे-धीरे आगे बढ़ने से न डरे,एक जगह खड़े रहने से डरे।
    183. परिणाम आपकी सोच के अनुरूप नहीं होता, वह तो सिर्फ आपकी मेहनत के अनुरूप होता है।
    184. पानी जैसे बनो जो अपना रास्ता खुद बनाता है,पत्थर जैसे मत बनो जो दूसरों का रास्ता रोकता है।
    185. पैसों से मिली खुशी कुछ समय के लिए रहती है, लेकिन अपनों से मिली खुशी पूरे जीवन भर साथ रहती है।
    186. प्रजा के सुख में ही राजा का सुख और प्रजाओं के हित में ही राजा को अपना हित समझना चाहिए। आत्मप्रियता में राजा का हित नहीं है, प्रजाओं की प्रियता में ही राजा का हित है।- चाणक्य
    187. बंद तकदीर के ताले वही लोग खोलते है, जिन्होंने अपने हुनर से चाबी बनाई होती है।
    188. बस पाने के तरीके बदल जाते है।
    189. बाधाएँ व्यक्ति की परीक्षा होती हैं। उनसे उत्साह बढ़ना चाहिए, मंद नहीं पड़ना चाहिए।- यशपाल
    190. बिना करें भी तो पछताना है, इससे अच्छा है कुछ करके पछताओ।
    191. बेस्ट मोटिवेशनल विचार : यहाँ हम आपको सफ़ल और महान लोगो द्वारा दिये गए कुछ सफलता के मूलमंत्रो को बताएंगे।
    192. बेहतर दिनों के लिए, बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है।
    193. बोलने में विश्वास मत रखो, कुछ करके दिखाने में विश्वास रखो।
    194. मंजिल एक ही होती है,
    195. मंजिल को पाना मुश्किल जरूर होता है, लेकिन नामुमकिन कभी नहीं होता है।
    196. मंजिल मिलेगी, तू चल तो सही राहे बनेगी, तू कुछ कर तो सही।
    197. मेहनत जरूर रंग लाती है और जीवन में नए रंग खिलाती है।
    198. यदि आप में आत्मविश्वास नहीं है तो आप हमेशा न जीतने का बहाना खोजते रहेंगे।
    199. लड़ाई लड़ने वाला ही विजय प्राप्त करता है, दूर से देखने वाला तो सिर्फ तालियां ही बजा सकता है।
    200. लोकतंत्र के पौधे का, चाहे वह किसी भी किस्म का क्यों न हो तानाशाही में पनपना संदेहास्पद है। -जयप्रकाश नारायण
    201. लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता मत करो, आपको क्या बनना है इस पर विश्वास करो।
    202. लोगों का काम है आपकी गलतियां ढूंढना है, आपको तो बस उन गलतियों को सुधारना है।
    203. वक्त आपका है – चाहे तो सोना बना लो, चाहे सोने में गुजार दो।
    204. वहां तूफान भी हार जाते है, जहां कस्तियाँ ज़िद्द पर होती है।
    205. विकास और विनाश दोनों आपके हाथ में है।
    206. विश्वास तब तक ठीक है जब तक खुद पर हो, दूसरों पर विश्वास अक्सर टूट जाता है।
    207. विस्तार की संभावना वही होती है, जहां कुछ कर गुजरने की चाह होती है।
    208. शाश्वत शांति की प्राप्ति के लिए शांति की इच्छा नहीं बल्कि आवश्यक है इच्छाओं की शांति।- स्वामी ज्ञानानंद
    209. संयम संस्कृति का मूल है। विलासिता निर्बलता और चाटुकारिता के वातावरण में न तो संस्कृति का उद्भव होता है और न विकास।- काका कालेलकर
    210. सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास, ही आपकी सफलता का आधार है।
    211. सत्याग्रह की लड़ाई हमेशा दो प्रकार की होती है। एक जुल्मों के खिलाफ़ और दूसरी स्वयं की दुर्बलता के विरुद्ध।- सरदार पटेल
    212. सफल इंसान वही है जिसे टूटे को बनाना और रूठे को मनाना आता है।
    213. सफल व्यक्ति वह होते है, जो बोलते कम है, सुनते ज्यादा है।
    214. सफल होने के लिए आपकी सफलता की इच्छा, विफलता के डर से बड़ी होनी चाहिए।
    215. सफल होने के लिए साहस और विश्वास दोनों जरूरी है लेकिन जीवन में खुश रहने के लिए अपनों के साथ रहना भी जरूरी है।
    216. सफलता एक दिन में नहीं मिलती, लेकिन एक दिन जरूर मिलती है।
    217. सफलता तब मिलेगी जब आप जो सोचते है, जो कहते है और जो करते है उनमें सामंजस्य से हो।
    218. सफलता नहीं मिल रही इसका मतलब ये नहीं कि लक्ष्य गलत है, हो सकता है आपकी मेहनत ही गलत दिशा में हो।
    219. सफलता पाने कि एक ही आमोध औषधि है, निरंतर कार्य करते जाओ, फल के बारे में चिंता मत करो।
    220. समस्या पैदा करने वाले मत बनो, समस्याओं का समाधान करने वाले बनो।
    221. सहिष्णुता और समझदारी संसदीय लोकतंत्र के लिए उतने ही आवश्यक है जितने संतुलन और मर्यादित चेतना।- डॉ. शंकर दयाल शर्मा
    222. सही स्थान पर बोया गया सुकर्म का बीज ही महान फल देता है।- कथा सरित्सागर
    223. सारा जगत स्वतंत्रता के लिए लालायित रहता है फिर भी प्रत्येक जीव अपने बंधनो को प्यार करता है। यही हमारी प्रकृति की पहली दुरूह ग्रंथि और विरोधाभास है।- श्री अरविंद
    224. साहित्य का कर्तव्य केवल ज्ञान देना नहीं है परंतु एक नया वातावरण देना भी है।- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
    225. सूर्य और शौर्य को दिखाने की आवश्यकता नहीं होती, दोनों अपने आप चमक जाते है।
    226. सृजनशील व्यक्ति कुछ कर पाने की उम्मीद से प्रेरित होता है, दूसरों को होड़ में हराने की उम्मीद से नहीं।
    227. हमारी समस्या का समाधान सिर्फ हमारे पास है, दूसरों के पास तो सिर्फ सुझाव है।
    228. हमेशा दूसरों की सफलता के बारे में जानने के बजाय, खुद की सफलता पर ध्यान देना चाहिए।
    229. हमेशा याद रखे जो जितना सफल होगा, उसकी उतनी ही निंदा भी होगी।
    230. हार के डर जाने से बेहतर है, जीत के लिए कोशिश करते हुए मर जाना।


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    इलाहाबाद कुत्ता ब्‍लागर मीट कांड - ब्‍लागर पहुँचेगे मीरगंज




    जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन की प्रस्तावित इलाहाबाद की बैठक की खबर से कुछ लोगो को अखर रही है, उनके मन में है कि कल के छोरे चले हिन्दी चिट्ठाकारी को स्वर्णकाल मे ले जाने का ख्वाब दिखाने चले है, जो हमने अब तक होने नहीं दिया उसको पूरा करने चले है। हम नर-पिशाचों के होते हुये ये अपने मंसूबे में कामयाब हो जाये तो हमारे द्वारा अर्जित पुण्य का तो ये मटिया मेट कर देंगे।
    अचानक महाशय की सोच से दिल्ली से रायपुर एक हो जाता है, और षड्यंत्र की व्यूह रचना की जाने लगती है। भाई साहब सुन रहे हो लौन्‍ड़ो ने 15 जून को मिलकर इलाहाबाद में जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन की बैठक कर रहे है, सुना है भाई साहब वो लोग कह रहे थे कि सड़क पर ही मीट कर लेंगे। इनकी सड़क पर मीट करेंगे औकात भी है, पर आप चिंता मत करो मै अपने कुत्तो को और आप अपनी चमर पिलई को भी तैयार करो मै रेलवे वाले ब्‍लागर चाचा से बात करता हूँ कि हमारे कुत्तो के लिये कुछ रियायती दरों पर टिकट बुक करवा दे। पर भाई ये बताओ कुत्तो इलाहाबाद में भेजने से क्‍या होगा ? अरे भाई आप भी लगता है कि धूप मे ही बाल सफेद किये है, आपको बाल सफेद करने से कोई वरिष्ठ थोड़े ही मानेगा वरिष्ठ बनने के लिये पिचाल खेलना आना भी चाहिए। अब जिस खुराफात की आप कल्पना भी नही कर सकते हो उनको तो मै सपने मे ही क्रियान्वित कर देता हूँ।
    भाई साहब आपने तो बताया ही नहीं कि आपके कुकुरवा के संग हमरी चमर पिलई को भेजने से क्या होगा ? अरे चूतिया नंदन, आप जैसे को हम ढो रहे है तभी तो हमारी बैण्ड ही बजी, अब जबकि हर बात को आपको संदर्भ सहित व्याख्या न की जाये आपको कुछ समझ ही नही आता है। तो आपके लिये करनी ही पड़ेगी सन्दर्भ सहित व्याख्या करनी ही पड़ेगी, तो लीजिए सुनिए, हम हम लोग मिल कर अगर अपने सभी कुत्तो-कुतिया को इलाहाबाद भेज देगे तो इनकी सुबह-दोपहर-शाम-रात की गंदगी से इलाहाबाद की सड़कों को गंधवा देगे जैसे हम सबने मिलकर चिट्ठकारी को गंधवा दिये है। देखते है कि लौंडे कैसे गंद्दी सड़कों पर मिटियाते है, चले थे सादा जीवन उच्च विचार का नारा देने, जो काम हम दसियों हजार खर्च कर नहीं कर पाते है ये सब फ्रीफंड मे करना चहते है, करे मैले पर मीट, यही काबिल है लोग। मान गए गुरु आपकी तिकड़मी बुद्धि को, क्या सोच लेते हो।
    दिल्ली से दुरंतो से सवार कुत्तों की टीम इलाहाबाद मे करीब 6 बजे पहुंचती है, और सारनाथ एक्सप्रेस से करीब 1 बजे रायपुर के कुत्ते आ जाते है। कुत्ते आ तो गये इलाहाबाद की गलियों, कुत्ते आखिर कुत्ते ही ठहरे जा‍त ही जो ठहरी कुत्तों की ही, आये तो थे मालिक का आदेश लेकर ब्‍लागर संगठन बनाने, इलाहाबाद की सिविल लाइंस, अशोक नगर और लूकरगंज की गलियों को गंदा करने पर जस पशु तस पगहा जस मालिक तस पशु, जैसे मालिकों की ब्लॉगर मीट मे आते तो हरि भजन पर ओटन लगे कपास उसी प्रकार, कुत्‍तों ने भी अपने लिये लाल बत्ती एरिया मीरगंज को ही आखिर चुन ही लिया और कुत्तों की मीट आयोजन मिला। अचानक इतनी बड़ी ब्‍लागर कुत्तों की फौज की शिकायत जूनियर ब्लॉग एसोसिएशन ने पहला ही निशाना सटीक मारते हुये डीआईजी से अश्लील हरकत रोकने लिये धरना प्रदर्शन कर दिया, प्रशासन के निर्देश पर लाल बत्ती एरिया मीरगंज के चौकी इंचार्ज ने मीरगंज में रेड मार दी और सारे कुत्तों को सुधार गृह भेज बेचारी फजीहत तो हुई चमर पिलई, आगे नाथ न प‍ीछे पगहा, ब्‍लागर कुतिया अब न तो घर की रही न घाट की, इज्जत पर लांक्षन लगो सो अलग।
    इधर कुत्तो की गिरफ्तारी से मठाधीशो मे हड़कम्‍प मच गया, मठाधीशों से एक बोला जो भी काम हम करते है सारे पासे उलटे पड़ते है, कभी कुछ ठीक होता ही नही है, दूसरा मठाधीश बोलता है पता नही किस नक्षत्र मे ब्‍लागिंग शुरू की थी, ज्‍योतिष वाली ब्‍लागर से पूछ कर ब्‍लागिंग करना था, तीसरा मठाधीश बोलता है कि पता नही किस कलमुये का मुँह देखा था तभी तपाक से बकलोल ब्‍लागर बोल उठता है कि मॉर्निग मे कैम पर मुझे ही देखा था। मेठ मठाधीश बोलता है कि जहाँ तुम रहोगे वहाँ सत्‍यानाश तो करोगे ही तय है इसमे दो राय नही है। एक मठाधीश ब्‍लागर तपाक से बोलता है कि अपने फला ब्‍लागर इलाहाबाद मे प्रशासनिक अधिकारी है फोन करो कि सम्‍मन रूकवाये, भई मेठ मठाधीस फोन करते है भाई साहब, कैसे है ? भाई साहब मै तो ठीक हूँ आपनी सुनओ है ? "glkdsjg lkdjgkl sdjgk ldajg kldjgkdl sajgkld jgbsdfklj gklsd fgbmnb jgidsfg." मेठ मठाधीश अपनी पूरी बात सुना देते है। भाई साहब इतनी गन्‍दी हरकत करवाने से पहले सोचना था, आप खुद करते थे तो ठीक था पर अब आप कुत्‍तो को भी लगवा दिया ये ठीक नही, वैसे भी अब मै मीट वीट से चक्कर मे नही पडूँगा मीट के अनुभव मेरे भी बहुत अच्‍छे नही है, कोई अच्छा काम करता है तो करने दो आप क्यों पिचाल खेलते हो ? कहते हुये फोन काट दिया।
    अन्तोगत्वा इलाहाबाद के जिलाधीश ने सभी कुत्तो के ब्‍लागर मालिकों के नाम की सूची मीरगंज चौकी पर चस्पा कर दिया गया और सम्मन भेजने की तैयारी चल रही है। आज तक ब्लॉगरों को लेखन सम्मन भेजा गया कि नहीं किन्तु इलाहाबाद में कुत्तों को आवारागर्दी के लिए भेजने के लिये ब्लॉगरों को सम्मन भेजा जा रहा है, जिन जिन ब्‍लागरों ने अपने कुत्‍ते इलाहाबाद के मीरगंज मे भेजे हो सावधान रहे, खुद मीरगंज चौकी के चक्कर लगाने को तैयार रहे। :)
    "अन्तोगत्वा दिल पर मत लो यार"


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    जूनियर ब्लागर एसोशिएशन : हिन्‍दी चिट्ठाकारी के स्‍वर्णकाल का स्‍वप्‍न



    जो भी काम अपनी सार्थकता को लेकर शुरू वह दूरगामी परिणाम देता है किन्तु जो काम भटकाव को लेकर प्रारम्भ होता है वह क्षणिक आनंदानुभूति देने वाले पानी के बुलबुले की भांति होता है। जूनियर ब्लागर एसोसिएशन का उद्देश्य भी दूरगामी परिणाम देने वाला होगा, ताकि चिट्ठाकारी में जारी विसंगतियों दूर किया जा सकें। नये ब्‍लागरों को प्रोत्साहन और सहयोग देने यथा प्रयास होगा तो अनुभवी चित्रकारों के मार्गदर्शन मे चिट्ठकारी कारी को नये आयामो की ओर ले जाने का होगा। जूनियर ब्लागर एसोसिएशन न कभी निरंकुश होगा, वह मुक्त विचारधारा के साथ काम करेगा। आज चिट्ठाकारी मे मठाधीशी और गुटबंदी चरम पर है, इसी निरकुंशता और मठाधीशी पर नियंत्रण करना मुख्य लक्ष्य होगा। किसी भी चिट्ठाकार की बेइज्‍जती का पूरा प्रतिकार किया जाएगा और तब तक इसका प्रतिकार होगा जबकि गलत व्यक्ति सार्वजनिक माफी नहीं मांगता है।
    जूनियर ब्लागर एसोसिएशन सार्थकता को लेकर काम करेगा, यदि किसी को लगता है कि वो हमसे बेहतर हिन्दी चिट्ठाकारी को प्रगति दे सकता है तो उसका स्वागत है। जूनियर ब्लागर एसोशिएशन कोई मठ है न ही इसमे कोई मठाधीश, चिट्ठाकारी मे मठ तो रहेगे किन्‍तु उन मठो मे मठाधीशो को सीमित कर दिया जायेगा। न ही चिट्ठकारी मे न ही चिट्ठाकारों के मध्‍य मठाधीशो को पिचाल खेलने दिया जायेगा। हमारा पूरा प्रयास होगा कि आने वाला वक्त जूनियर ब्लागर एसोशिएशन के नेतृत्‍व मे हिन्‍दी चिट्ठाकारी का स्‍वर्णकाल शिद्ध हो।
    शेष फिर ......
    भारत माता की जय


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    जूनियर ब्‍लागर एसोशिएशन के सम्‍बन्‍ध में



    बहुत दुख होता है जब कोई हराम की रोटी पर मुंह मारने चले आते है, अब यह फितरत कही जाये अथवा आदत से मजबूर, अब एक बंधु जूनियर ब्‍लागर एसोसिएशन के सम्बन्ध अपना राग अलाप रहे है। हम जूनियर ब्‍लागर एसोसिएशन का गठन उद्देश्य को लेकर कर रहे है और हम अपने उद्देश्यों से नही भटकेगे और न ही भटकने देंगे। किसी के द्वारा यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि जूनियर ब्‍लागर एसोसिएशन टॉप-40 ब्लॉगरों के खिलाफ मोर्चा है तो यह मुगालते में है, यह उनकी अपनी गल्प सोच है।
    हम किसी भी चाहे वह बड़ा हो या छोटा, नया हो या पुराना किसी से भी हमारा बैर नही है अपितु जो भी किसी भी ब्‍लागर के साथ अन्याय करेगा, उसके खिलाफ हम हर स्तर पर विरोध करे। कोई भी ब्‍लागर हो वह कम कम मेरे लिए अथवा किसी के लिये भी उतना ही आत्‍मीय है जितना की परिवार का सदस्य। हम अन्याय के लिए खड़े हुए है न कि अन्याय करने के लिये, और मै इस बात की पूरी दमदारी से कहता हूँ हममें से भी कोई गलत काम करेगा तो उसको भी नही छोड़ा जायेगा।
    वरिष्‍ठो (उम्र और चिट्ठाकारी दोनो में) से ही तो हम है और उनके मार्गदर्शन मे हम बहुत कुछ सीखते आये है, यहॉं हम उन तथाकथित वरिष्‍ठो के मानमर्दन की बात की जा रहे है जो चिट्ठकारी के नाम पर ब्‍लागरों को परेशान करते है और चिट्ठाकारी को गलत दिशा मे ले जा रहे है। हमारा उद्देश्‍य नाम के वरिष्‍ठो से जो हिन्‍दी चिट्ठाकारी का नाश करने पर उतारू है, कोई भी ब्‍लागर चाहे वह टॉप 40 का हो या हिन्‍दी चिट्ठाकारी का अन्तिमवा सदस्‍य सभी हमारे लिये सम्‍माननीय है।
    नोट - जूनियर ब्‍लागर एसोशिएशन के सम्‍बन्‍ध मे किसी प्रकार की आधिकारिक धोषणा सिर्फ महाशक्ति(स्‍वयं), नीशू जी और मिथलेश जी द्वारा ही उनके अपने ब्‍लाग पर जारी की जायेगी, यह इसलिये कि अनावश्‍यक लोग की अफवाह से बचा जा सके। जूनियर ब्‍लागर एसोशिएशन के गठन, भूमिका और नीति निर्माण के सम्‍बन्‍ध नीशू जी 15 को इलाहाबाद मे आ रहे है, जहाँ इस विषय पर विशेष चर्चा होगी।


    जय हिन्‍द
    शेष फिर ....


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    ब्‍लागिंग वाले गुन्‍डो के बीच फंसी चिट्ठाकारी



    हिन्दी चिट्ठाकारी आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, आज एक दूसरे की टांग खिंचाई और भद्द मचाने मे लगे हुये है। आज हिन्‍दी ब्‍लागरो की एक ऐसी प्रतियोगिता मची हुई है कि कौन किस पर कितना कीचड़ उछाल सकता है ? कौन किसको कितनी गाली दे सकता है ? क्‍या इन प्रक्रियाओं से हिन्दी ब्लॉगिंग का उन्नयन होगा ?
    न ही छोटो को बड़ो का कोई लिहाज है और नहीं बड़ों का बड़प्पन है, सब हिन्दी चिट्ठाकारी को विकाशोन्‍मुख करने मे धक्कमपेल पेले पड़े है। समझ मे नही आता कि वस्तु स्थिति क्या है और कौन अपने आपको क्या सिद्ध करना चाहता है ? वकाई उद्देश्य हिन्दी के उन्नयन का अथवा अपने अहं को न त्यागने का ? आज इसी प्रकार के प्रश्‍न पिछले कुछ दिनो के पोस्ट को पढ़ने के बाद व्यथित होकर लिखना पड़ रहा है।
    हिन्दी ब्लॉगिंग न हो गई, पिछड़े वर्ग के साहित्यकारों को आरक्षण देने वाला कानून हो गया है, यह ऐसा कानून है जो ऐसे लोगो को ब्‍लागर अथवा चिट्ठकार नाम देकर अपने के माध्‍यम से एक दूसरे को गरिया कर अपने को पंत और निराला के समकक्ष पर खड़ा सुखद अनुभूति दे रहा हो।
    चिट्ठकारी को एक वर्ग ने तमाशा बना दिया है, अनामी का विरोध करने वाले खुद सबसे ज्यादा अनामी बन कर टिप्‍पणी पेलने का सबसे ज्यादा काम करते है, मैने कोई शोध नहीं किया है बल्कि आप खुद दिल से पूछोगे तो यह बात सत्य साबित होगी। आखिर अनामी का विरोध क्यो जरूरी है ? क्‍यो जरूरत है ? अनामियों ने तो मेरी कुछ पोस्‍टो पर गालियां तो मुझे भी दी है किन्तु कुछ अच्छी पोस्ट पर सराहा भी है। सबसे बड़ा प्रश्न की आखिर आनामी है कौन तो, मै स्पष्ट कहना चाहूंगा कि अनामी हमारे में से ही कोई है जो इस प्रकार की गंदी हरकत करता है, और तो और आनामी का नाम करने मे पूरा ग्रुप काम करता है। महाशक्ति पर न माडरेशन कभी था न कभी रहेगा, सुरेश भाई को नैतिक या अनैतिक हार लगती हो तो उनकी निजी राय है लेकिन इस प्रकार की बातो से मै इत्तफाक नही रखता हूँ।
    अगर आज हिन्दी चिट्ठाकारी से किसी का नुकसान हो रहा है तो सबसे ज्यादा इसके हितैषियों से, क्योंकि चिट्ठकारी की जड़ो मे ऐसे लोग छाछ डालने का काम कर रहे है। आज कल हिन्दी चिट्ठाकारी मे संघ बनाने का प्रयास चल रहा है ताकि किसी पर बैन लगाने और हटाने का मंत्री मंडलीय कार्यवाही रूप दिया जा सकें, यह तो बात बहुत पुरानी हो चुकी है जब नारद के दौर प्रतिबंध आदि की बात होती थी किन्‍तु विजय सत्‍य की होती रही है। हिन्‍दी चिट्ठकारी का संघ बने या महासंघ न तो हम पर ब्‍लागधीशों की राजनीति का कोई असर होने वाला है और न ही ब्‍लाग बंद करवा सकता है। यह तो हमारी मौलिकता को कोई रोक नही सकता है न ही नाराद के जमाने मे कोई रोक पाया था और न ही आज, हम आये भी तो अपनी मर्जी से और जायेगी भी अपनी मर्जी से, यह जरूर है कि चिट्ठकारो की चमरई से उब का लिखना कम जरूर कर दिया है किन्‍तु बंद होगी इसकी संभावना कम है और होगी भी तो मेरी मर्जी से होगी।
    आज सुबह एक पोस्ट पढ़ने को मिली कि अमुक सामुदायिक ब्लॉग से हटा दिया गया है। मेरे समझ के यह बात परे है कि लोग इतना क्यों टेंशन लेते है ? लोग मतभेदों को मनभेद क्यों बना लेते है ? क्या कुछ बातों को इतना तूल देना जरूरी है कि वह एक दूसरे पर हावी हो जाये और आपसी प्रेम को तनिक तकरार में तोड़ दे ? किसी को रखना या न रखना ब्‍लाग मॉडरेटर की इच्छा पर है किन्तु यह भी जरूरी है कि जिसे आपने नियंत्रित किया है उसको तिरस्‍कृ‍त कर निकाला जाए, ठीक है मतभेद है सूचित कर आप हटा सकते है। अगर आपस मे सद्भाव है तो बात ही कोई नही है आना जाना तो लगा ही रहता है। किन्‍तु अब हठ कर यह साबित करने का प्रयास किया जाये कि जो मै कर रहा हूँ वो सही है तो हठी को उसके हठ के आगे कोई गलत नही कर सकता। किन्तु नैतिक रूप मे क्‍या सही है क्या गलत यह सब को पता होता ही है। अत: मेरा स्पष्ट निवेदन है कि चिट्ठकारी में गुंडईराज बंद करो और खुद भी ब्‍लागिंग वाले गुंडे बनाने का प्रयास मत करो। बहुत समय से हिन्दी चिट्ठाकारी में ऐसे गुड़े पाये गये है जो डराते-धमकाते और प्रतिबंध लगाते पाये गये है किन्तु सच्चाई कभी छुपती नही है और यह तो सभी जानते है।


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    वीर सावरकर से अन्याय!



    वीर सावरकर से अन्याय!वीर सावरकर से अन्याय!

    महात्मा गांधी का कहना था-शांति- शांति-शांति
    जबकि वीर सावरकर का नारा था -क्रांति-करांति-क्रांति।
    लेकिन अफ़सोस आज हम उस मुकाम पर खड़े है जहाँ से इतिहास हमें चुनोती दे रहा है। आज कि पीढी वीर सावरकर के बारे मैं कुछ ज्यादा नहीं जानती है क्योंकि धर्मनिरपेक्षता का रोना रोने वालो ने देश मैं क्रांति का उदघोष करने वालो से अन्याय किया, उनका पूरा इतिहास सामने ही नहीं आने दिया। लाल रंग मैं रंगे बिके हुए इतिहासकारों ने क्रांतिकारिओं के इतिहास को विकृत किया । पाठ्य पुस्तकों से उनके जीवन सम्बन्धी लेख हटाये गए।
    वीर सावरकर एक महान राष्ट्रवादी थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका अतुलनीय है। वीर सावरकर भारत के पहले क्रांतिकारी थे जिन्होंने विदेशी धरती से भारत की स्वाधीनता के लिए शंखनाद किया। वो पहले स्वाधीनता सेनानी थे जिन्होंने भारत कि पूर्ण स्वतंत्रता कि मांग की। वो पहले भारतीय थे जिनकी पुस्तके प्रकाशित होने से पहले ही जब्त कर ली गई और वो पहले छात्र थे जिनकी डिग्री ब्रिटिश सरकार ने वापिस ले ली थी। वस्तुत: वह भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी, क्रांतिकारियों के प्रेरणा स्त्रोत, अद्वितीय लेखक, राष्ट्रवाद के प्रवर्तक थे, जिन्होंने अखंड हिंदुस्तान के निर्माण का संकल्प लिया।
    उनका सारा जीवन हिंदुत्व को समर्पित था। उन्होंने अपनी पुस्तक 'हिंदुत्व' मैं हिन्दू कोण है की परिभाषा मैं यह श्लोक लिखा--
    "आसिंधू सिन्धुपर्यन्तास्य भारतभूमिका ।
    पितृभू: पुन्याभूश्चैवा स वै हिन्दूरीति स्मृत:।। "
    जिसका अर्थ है कि भारत भूमि के तीनो ओर के सिन्धुओं से लेकर हिमालय के शिखर से जहाँ से सिन्धु नदी निकलती है, वहां तक कि भूमि हिंदुस्तान है एवं जिनके पूर्वज इसी भूमि पर पैदा हुए है ओर जिनकी पुण्य भूमि यही है वोही हिन्दू है। " सावरकर का हिन्दू धर्मं से नहीं एक व्यवस्था, आस्था, निष्ठा, त्याग का परिचायक है, जो सामाजिक समरसता को बढ़ाने में अग्रसर हो।
    वह तो फिरंगियों की चल से उद्वेलित थे जो जो की हिंदुस्तान मैं अपनी सत्ता को कायम रखने की लिए साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे थे। अंग्रेजों द्वारा देश के किसानों मजदूरों पर जुल्म ढहाने वाले उनके कतई बर्दाश्त नहीं थे। उन्होंने हिंदुत्व के नाम पर देश को संगठित करने का प्रयत्न किया। वीर सावरकर के क्रांतिकारी विचारों और राष्ट्रवादी चिंतन से अंग्रेजो की नींद हराम हो गई थी और भयभीत अंग्रेजी सत्ता ने उन्हें कालापानी की सजा दी ताकि भारतीय जनता इनसे प्रभावित होकर अंग्रेजी सत्ता को न उखाड़ फेंके। वीर सावरकर ने अपनी निष्ठा और आत्मसम्मान पर कभी भी आंच नहीं आने दी। मदन लाल ढींगरा ने १ जुलाई ,१९०९ को कर्जन वायले की हत्या कर दी तब इंडिया हाउस मैं इस हत्या की निंदा करने के लिए एक सभा हुई जिसमें सर आगा खान ने कहा की यह सभा सर्वसम्मति से इस हत्या की निंदा करती है। इतने में वीर सावरकर ने निर्भय होकर कहा "केवल मुझे छोड़कर"।
    वीर सावरकर पर यह भी आरोप भी लगाया गया की उन्होंने मदन लाल ढींगरा को उकसाकर कर्जन वायले की हत्या करवाई है। १३ मार्च १९१० को उन्हें लन्दन के विक्टोरिया स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। उससे पूर्व उनके दोनों भाइयों को भी क्रन्तिकारी गतिविधियों के लिए जेल मैं बंद कर दिया गया था। वीर सावरकर को जब इस बात का पता चला तो वे गर्व के साथ बोले "इससे बड़ी और क्या बात होगी की हम तीनो भाई ही भारत माता की आजादी के लिए तत्पर है।" इतिहास साक्षी है की १ जुलाई १९१० के ब्रिटेन से भारत ले जाने वाले समुद्री जहाज मैं सावरकर को बैठाया गया और वो ८ जुलाई १९१० को "स्वतंत्र भारत की जय" बोल कर समुद्र मैं कूद पड़े। अंग्रेजो ने खूब गोलियां चलाई पर निर्भय सावरकर लगातार कई घंटे तैरकर फ्रांस की सीमा मैं पहुँच गए जहाँ उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग मैं मुकदमा चलाया गया और उन्हें दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जज ने जब उनसे कहा की अंग्रेज सरकार आपको ५० साल बाद रिहा कर देगी तो उन्होंने मजाक उड़ते हुए कहा की क्या अंग्रेज ५० वर्षो तक भारत मैं टिके रहेंगे। सजा सुनते ही उन्होंने व्यंग्य किया- चलो इसाई सत्ता ने हिन्दू धर्म के पुनर्जन्म के सिधांत को मन लिया है।
    वीर सावरकर को कला पानी की सजा के दोरान भयानक सैल्यूलर जेल मैं रखा गया। उन्हें दूसरी मंजिल की कोठी नंबर २३४ मैं रखा गया और उनके कपड़ो पर भयानक कैदी लिखा गया। कोठरी मैं सोने और खड़े होने पर दीवार छू जाती थी। उन्हें नारियल की रस्सी बनाने और ३० पोंड तेल प्रतिदिन निकलने के लिए बैल की तरह कोल्हू मैं जोता जाता था। इतना कष्ट सहने के बावजूद भी वह रत को दिवार पर कविता लिखते, उसे याद करते और मिटा देते। १३ मार्च १९१० से लेकर १० मई १९३७ तक २७ वर्षो की अमानवीय पीडा भोग कर उच्च मनोबल, ज्ञान और शक्ति साथ वह जेल से बाहर निकले जैसे अँधेरा चीर कर सूर्य निकलता है।
    आजादी के बाद भी पंडित जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस ने उनसे न्याय नहीं किया। देश का हिन्दू कहीं उन्हें न अपना नेता मन बैठे इसलिए उन पर महात्मा गाँधी की हत्या का आरोप लगा कर लाल किले मैं बंद कर दिया गया। बाद मैं न्यायालय ने उन्हें ससम्मान रिहा कर दिया। पूर्वाग्रह से ग्रसित कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें इतिहास मैं यथोचित स्थान नहीं दिया। स्वाधीनता संग्राम मैं केवल गाँधी और गांधीवादी नेताओं की भूमिका का बढा-चढ़ाकर उल्लेख किया गया।
    वीर सावरकर की मृत्यु के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें नहीं छोडा। सन २००३ में वीर सावरकर का चित्र संसद के केंद्रीय कक्ष में लगाने पर कांग्रेस ने विवाद खड़ा कर दिया था। २००७ मैं कांग्रेसी नेता मणि शंकर अय्यर ने अंडमान के कीर्ति स्तम्भ से वीर सावरकर के नाम का शिलालेख हटाकर महात्मा गांधी के नाम का पत्थर लगा दिया। जिन कांग्रेसी नेताओं ने राष्ट्र को झूठे आश्वासन दिए, देश का विभाजन स्वीकार किया, जिन्होंने शेख से मिलकर कश्मीर का सौदा किया, वो भले ही आज पूजे जाये पर क्या वीर सावरकर को याद रखना इस राष्ट्र का कर्तव्य नहीं है???आजादी केवल गांधीवादियों की देन नहीं है बल्कि भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और वीर सावरकर जैसे क्रांतिकारियों के बलिदानों के चलते ही मिली है।। राष्ट्र इन सभी के बलिदानों को याद रखे और इन्हें सम्मान दे।

    स्वातंत्र्यवीर सावरकर कौन थे ?
    १. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्वतन्त्रता के लिए क्रांतिकारी अभियान चलाने वाले पहले भारतीय थे वीर-विनायक दामोदर सावरकर।
    २. मुद्रित और प्रकाशित होने के पूर्व ही दो शासनों ने जिनकी पुस्तकें ज़ब्त घोषित कर दीं, ऐसे पहले लेखक थे स्वातन्त्र्यवीर सावरकर।
    ३. भारत की स्वतन्त्रता के लिए संघर्षरत रहने के कारण उन्हें एक भारतीय विश्वविद्यालय की अपनी उपाधि से वंचित होना पड़े, ऐसे पहले स्नातक थे वीर विनायक सावरकर।
    ४. दो जन्मों का आजीवन कारा-दंड मिलने पर भी उससे बचने के बाद भी क्रियाशील रहे, विश्व के ऐसे पहले राजवंशी थे तात्या सावरकर।
    ५. ब्रिटिश न्यायालय के अधिकार को अमान्य करने वाले भारत के पहले विद्रोही नेता थे स्वातंत्र्यवीर सावरकर।
    ६. राज निष्ठा की शपथ लेने से इंकार कर देने के कारण उन्हें बैरिस्टर की उपाधि प्रदान नहीं की गयी, ऐसे पहले भारतीय छात्र थे वीर सावरकर।
    ७. भारतीय राष्ट्र जीवन को सभी स्तरों पर पुनर्गठित करने पर जिन्होनें गंभीरता से विचार किया और अपनी रत्नागिरी की स्थानबद्धता के काल-खंड में जिन्होने अस्पृश्यता को मिटाने और जाति मुक्त समाज निर्माण के लिए तीव्र अभियान आरंभ किया, ऐसे पहले क्रांतिकारी नेता थे स्वातंत्र्यवीर सावरकर।
    ८. सार्वजनिक सभा में विदेशी कपड़ों की होली जलाने का साहस दिखाने वाले पहले राजनीतिक नेता थे राष्ट्र-व्रती सावरकर।
    ९. "संपूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता" ही भारत का ध्येय है, ऐसी साहस-पूर्ण घोषणा करने वाले पहले युग नायक थे सावरकर।
    १०. लेखनी और कागज से वंचित होकर भी उन्होंने काव्य सृजन किया, कविताओं को अंडमान की काल कोठरी की दीवारों पर कांटों से अंकित किया। उनकी यह सहस्र पंक्तियां वर्षों तक स्मरण रखकर बाद में उन्हें अपने सह बंदियों द्वारा संदेश पहुंचाने वाले विश्व के पहले कवि थे विनायक दामोदर।
    ११. विदेशी भूमि पर जिनका बंदी बनाया जाना देश के अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में प्रतिष्ठा का विशय बनकर उभरा, ऐसे पहले राजबंदी थे सावरकर।
    १२. योग की सर्वोच्च परंपरा के अनुसार उन्होंने "आत्मार्पण" द्वारा मृत्यु का स्वेच्छा से आलिंगन किया ऐसे प्रथम और एकमेव क्रान्तिकारी थे संगठन सावरकर।
    प्रस्तुति: सावरकर सेना
    साभार : शोध-वाहिनी, राष्ट्र-योग शोध मंत्रालय, संक्रांति
    नेता जी सुभाष चंद्र बोस संबंधित अतिरिक्त लेख -


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    एक अपील सभी से



    मित्रो तापमान नित नई छलांगे लगा कर नया रिकार्ड बनाने में लगा है . ऐसे में इंसान तो क्या पशु पक्षी भी पानी के बिना दम तोड़ते दिखाई दे रहे है

    मेरी सभी से विनती है पक्षियों के लिए कही छत पर किसी बर्तन में . अगर मिट्टी का तो अति सुन्दर ( इसमें पानी ठंडा बना रहता है )किसी छायादार स्थान पर रख दे .

     

    आपकी थोड़ी सी मदद इन खुबसूरत पक्षियों को नया जीवन दे सकती है. अगर हो सके तो अपने घर के आस पास कुछ मित्रो पड़ोसियों के साथ मिलकर किसी पेड़ के नीचे अथवा किस अन्य छायादार स्थान पर कुछ घड़े थोड़ी रेत ड़ालकर रखा दे . तथा उस पर किसी साफ़ बोरी को लपेट कर गीला करदे . आपको थोड़ा सा श्रम किसी के लिए जीवन दाई हो सकता है

     
    "इस जलते हुए मौसम में जल ही जीवन है "
    जल पिलाये जीवन बचाये


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    5 दिनो से फोन नही आया और मुझे पता भी नही चला



    आज प्रात: नीशू तिवारी जी का मेरे भैया के फोन पर फोन आया। नीशू जी शिकायती लहजे मे बोले क्या प्रमेन्द्र जी, आपने फोन क्यों बंद कर रखा है। आज से 4 दिन पहले फोन मे कुछ दिक्कत थी, उसे सर्विस सेंटर पर ले गया। तब से आज तक मै उससे कॉल कर सक रहा था किन्तु काल न प्राप्त करने का कारण हमें लगा कि शायद आज कल कोई फोन नहीं कर रहा है, किंतु नीशू जी की बात से लगा कि शायद फोन मे ही कोई दिक्कत है। आज ही फोन को सर्विस सेंटर पर ले गया और तब से फोन आने लगे है।

    आपमे से किसी को भी असुविधा हुई हो तो खेद है, चूकि मेरे से फोन जा रहा था इसलिए मुझे कोई असुविधा नहीं हुई जहाँ चाह वहाँ मिलाया। अत: आप यह न समझे कि फोन मैंने बंद कर रखा था। :)


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    एक पत्र मित्रो को



    ब्लॉगिंग की दुनिया को अलविदा कहे काफ़ी दिन गुजर चुके है, तब एक जूनून सा था लगता था हमारे हाथ मे कुछ तो है जहाँ से हम दुनिया बदले ना बदले पर हमने बदलने की कोशिश तो कर ही सकते थे। अपनी बात किसी ऐसे से कह सकते है जो पढकर अपनी राय भी रखता है, ऐसे मे जुडाव हो ही जाता है कुछ पसंद करते है कुछ नापसंद, यही जीवन है आप हर किसी को खुश नही रख सकते ।
    अति हर एक की बुरी होती है हमने भी की, कुछ नुकसान भी उठाये पर यहाँ होने के फ़ायदे भी मिलें। बडे भ्राता जैसे मैथिली जी, समीर भाई, ज्ञान जी अफ़लातून जी मिले छोटो में सिरिल, प्रमेंद्र, पी डी नीरज और कितने नाम गिनाऊ बहुत लंबी लिस्ट बन जायेगी सम कक्षो मे मसिजिवी जी, सुरेश जी, शिव जी, अविनाश जी, अजीत जी, संजय बेंगाणी, कृतीश भट्ट जी ( माफ़ी चाहूंगा आपका साथ बीच मे छॊडकर भाग आया) नीरज जी व डाक्टर साहब ढेरो लोगो से मित्रता हुई, जो अभी तक जारी है।
    बहुत मुश्किल वक्त था वो ब्लोगवाणी को ना देखने का निर्णय, चैट पर अपने आप को अदश्य रखने का, अखबार ना पढने का और टीवी पर खबरो को गंभीरता से ना लेने के लिये, पर अब आदत वापस आ गई है। अब कोई फ़रक नही पडता मुझे चाहे सौ सैनिक मारे जाये और सरकार शाम को पार्टी मे चियर्स करने मे जुटी रहे, गृहमंत्री को अब अचानक माओवादी समस्या सिर्फ़ छतीसगढ की सरकार की जिम्मेदारी है दिखने लगता है
    क्योकी वहा अल्पसख्यक वोट नही मर रहे है. वहा देश के लिये मरे सैनिकों से किसी अल्पसंख्यक की भावना को ठेस नहीं लगती तब तक कोई समस्या नहीं. देश का क्या है जितनी देश में ताकत कम होगी जितना बटवारा होगा जितनी आग लगी होगी राज करना उतना आसान होगा. तब भ्रष्टाचार महंगाई का सवाल कही बहुत पीछे होगा. आतंकवाद के लिये हम पाक को दोषी ठहराते रहे है और रहेंगे भी ,पर कांग्रेस के समर्थन कारो के द्वारा माओवाद को पालकर उसकी इन आतंकवादी गतिविधियों को सरकार की अनदेखी को क्या कहेगे ? क्या काग्रेस फ़िर से भिडारवाला की तरह माओवादियो को पराश्रय नही दे रही है ?

    सिर्फ़ दुनिया को दिखाने के लिये कि हम कितने सेकुलर है सरकार ने कासिब के दो लोकल साथियो की पैरवी मे ढील देकर उन्हे बाईज्जत बरी करवाया , चार साल लगा दिये अजमेर बम ब्लास्ट मे मालेगाव की तर्ज पर जबरन हिंदू आतंकवाद का ढिढोरा बजाने के लिये ?

    अब नही फ़डफ़डाता मेरी हाथ कूटू बोर्ड पर लिख कर पोस्ट करने के लिये ,चाहे कितनी गन्दी और शर्मनाक कितनी हरकते होती रहे अब मै लिखने के लिये नही मचलता ना ही नीरज को फ़ोन कर सुनाता हूँ कि ये खबर काहे नही दिखाते बिके हुये लोगो ।
    लेकिन दिल का क्या करूँ जब देखता हूँ कि समाज के लोग नीचता के तमाम रिकार्ड ध्वस्त करने मे लगे है, अभी तक आक्सी एसीटॊन जानवरो से जबरन दूध निकालने के लिये प्रयोग होता था, जिसके कारण जहरीला दूध बालक पीते थे और उन जानवरो के मरने के बाद खाने वाले गिद्ध दुनिया से अलविदा हो गये। सरकार कहती है इसे बनाना गैर कानूनी है, लोग इसे अब सब्जियो को बडा करने के लिये इसका प्रयोग शुरु किया , और अब राजेस्थान के कई शहरो मे लोग इसे पाच सात साल की लडकियो को देश भर से उठाकर उन्हे आक्सी एसीटोन से डेढ दो साल मे ही जवान कर की सेकस मंडी मे बेचने लगे है दूध तो अब खैर निरमा की सफ़ेदी से ही बन जाता है, और ये सारे गिद्ध खुले घूम रहे है इन्सानो के वेश मे ?
    क्या रक्खा है इंसानियत में ? कहा बचे है अब इन्सान ? भेड़ की खाल मे भेड़िये चुने है हम ने देश का चरित्र ही बदल कर रख दिया है उन्होंने साठ साल बहुत होते है किसी देश को बदलने के लिये जापान को हिरोशिमा नागासाकी के बाद कुछ दशक ही लगे थे। पर हमे सदियाँ नहीं बदल पाए हम वही है वही थे और वही रहेंगे जयचंदो को सम्मान पृथ्वीराज को अपमान यही परंपरा चली आई है।

    देश के सैनिक देश मे मर रहे है लेकिन मारने वालो से सरकार की सहानुभूति है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार का ना होना ही सबसे बडा कसूर बन गया है छत्तीसगढ़ का लिहाजा वहा का आतंकवाद कांग्रेस समर्थित होने के कारण न्योचित है ,वहा किसी कार्यवाही के बजाय सैनिक मारने पर केन्द्र सरकार अपराधियों से हाथ जोड़कर गुजारिश करती दिखती है . सारे देश का हाल कशमीरी पंडितो जैसा दिखता है, न्याय और अन्याय मे वोट बैंक का पलडा अन्याय को न्याय से ज्यादा बडा बना देता है।
    देश का करोडो रूपया जा रहा है स्विस बैंक मे निर्बाध रूप से . दिल्ली मे जरुरत ना जरूरत देश का पैसा लग रहा है विकास हो रहा है पर जिस की कीमत पर वो मीलो सडक नाम की पगड्ण्डी पर बिना पैरो मे कुछ पहने भूखा प्यासा दो रोटी के चक्कर मे धक्के खाने मे लगा हुआ है .आखिर पिछले पचास सालो में देश के इन हिस्सों पर १००० करोड़ भी ना खर्च करने वाली सरकार पिछले दो साल में ५००० करोड़ रुपये सुरक्षा बालो पर खर्च कर चुकी है इस असमानता की कीमत तो देश ही चुकाएगा नेता नहीं
    मीडिया नाम के इस चौथे खम्बे का हाल तीसरे खंबे से भी ज्यादा गलीच घ्रणित और गिरा हुआ हो गया है। एश ने क्या खाया, हालीवुड के किस हीरो ने किस हिरोइन को किस किया, दिखाने के लिये २४ घंटे पर खबरों के लिये वक्त नही। सोनिया के कमरे में लाइट चली गई सारा हिंदुस्तान सर पर उठा लेंगे पर जिनके घर के चिराग सोनिया के आंखे मूंद लेने से हमेशा के लिये बुझ गये उनके लिये एक पल नहीं।
    ब्लॉग जगत की उठापटक से भी मै इतना अनभिज्ञ नहीं हूँ जहाँ कोई किसी के धर्म को नीचा दिखाने में ऊर्जा लगा रहा है तो कोई किसी के कद को छोटा करने में लगा है। लगता ही नहीं की ये इतनी बड़ी बड़ी बाते करने वाले खुद इतने छुद्र दिलो दिमाग के होंगे। पर कभी कभी बहुत अच्छा लगता है की अब मै इनमे से एक नहीं, जहाँ कोई किसी को सम्मन भेजने की धमकी देता हो, जहाँ कोई किसी के घरो के पते छापता फिरता हो, जहाँ कोई गुट बनाकर दूसरो के ऊपर कीचड़ उछलता फिरता हो। नही दोस्त नही अब और नही मै अपने दिल के लिये कॊई बीमारी नही पालना चाहता, मै नही चाहता कि मै सारे जहाँ का दर्द महसूस करने के चक्कर मे खुद के लिये दर्द पाल लूँ। तुम चाहे कुछ भी कहो मै रेगिस्तानी ऊँट की तरह रेत मे सर डाल कर बैठना पसंद करूंगा। अब मै अंधड से टकरा कर आखो मे रेत नही भरना चाहूंगा। भले वो ब्लोगिंग की दुनिया का ही अंधड़ क्यों ना हो।
    प्रमेन्द्र तुम्हारी बात अपनी जगह है पर मै कुछ अपने व्यावसायिक हितो तथा पारिवारिक एंव सामाजिक ( मेरे साथ कार्य कर रहे सभी लोगो की भी काफ़ी कुछ जिम्मेदारी मेरी ही बनती है )जिम्मेदारियो के चलते इस से दूर रहने के फ़ैसले कॊ ही सही पाता हू. मै तुम से एवं अपने सभी ब्लॉगर मित्रों और शुभचिंतकों को उनके असीम प्यार के लिये कृतज हूं और रहूंगा .परंतु मेरी खेद के साथ आप सब से विनम्र करबद्ध प्रार्थना है कि मै कम से कम अभी पुन: आप सब के साथ ब्लॉगिंग की दुनिया में कदम मिला कर नहीं चल पाऊंगा .पुनः: आप सभी को इस अकिंचन को इतना प्यार और सम्मान देने के लिये आभार.


    मंजिले धुमिल हुई है
    मिटे राह के नामो निशा
    फ़िर से लंगर को उठा
    चल पड़ा है कारंवा
    अब तो फ़लक पर ही मिलेगे
    जब होगा हाथो मे आसमा


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