उच्च रक्तचाप : सुझाव



उच्च रक्तचाप : सुझाव

उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या एक गंभीर बीमारी है और इसकी वजह से कई दूसरी गंभीर बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हाइपरटेंशन भी कहते हैं जो कि सेहत के लिए घातक है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और इसका इलाज करना चाहिए। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती हैं। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से रक्त वाहिनियों में दबाव पड़ने लगता है और वॉल क्षतिग्रस्त हो जाती है या उनमें ब्लॉकेज आ जाती है। सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि ब्लड प्रेशर 90 और 120 मिलीमीटर के बीच रहे। इससे ज्यादा ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार हो जाता है। हाइपरटेंशन हमारी कोरोनरी आर्टरी की परतों को नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से हमारे दिमाग से लेकर किडनी तक को क्षति पहुंच सकती है। जब ब्लड प्रेशर उच्च होता है, तो ब्लड धमनियों (आर्टरी) की साइड की परतों को तेजी से हिट करता है। इसकी वजह से धमनियों की परतों को नुकसान पहुंचता है। वो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। धमनियों में होने वाले इस नुकसान से रुकावट आ जाती है। काफी लंबे वक्त से हाइपरटेंशन होने पर हार्ट की मांसपेशियों में कमज़ोरी आ जाती है। हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती है। हाइपरटेंशन चिंता, गुस्सा, मानसिक विकार, अनियमित खान-पान, जीवनशैली में आए बदलाव, सिगरेट और शराब के अधिक सेवन से हो सकता है। मोटापा, तनाव और नमक के ज़्यादा सेवन से हाइपरटेंशन हो सकता है। इसके अलावा, जेनेटिक प्रोब्लम की वजह से भी हाइपरटेंशन की बीमारी होती है। हाइपरटेंशन को बिना किसी ड्रग्स की सहायता से नॉर्मल लेवल पर लाया जा सकता है। इसके लिए हमें अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करने की जरूरत होती है। वजन को नियंत्रित करना जरूरी होता है। नियमित व्यायाम से हाइपरटेंशन की समस्या से छुटकारा पाया सकता है। वास्तव में हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर माना जाता है। अधिकांश को देर से पता चलता है कि वे इस समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में दवाओं से बचना चाहते हैं तो लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
उच्च रक्तचाप एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव की वजह से धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। रक्तचाप में दो माप शामिल होती हैं, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक, जो इस बात पर निर्भर करती है कि हृदय की मांसपेशियों में संकुचन हो रहा है या धड़कनों के बीच में तनाव मुक्तता हो रही है। आमतौर पर 140/90 से ऊपर के रक्तचाप को अति तनाव (हाइपरटेंशन) कहा जाता है। अगर दबाव 180/120 से ऊपर है तो ये खतरनाक माना जाता है। उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण नहीं होता। समय के साथ अगर इसका इलाज न हो, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां जैसे हृदय रोग और स्ट्रोक हो सकते हैं। आइए जानते हैं नेचुरल तरीके कैसे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम किया जा सकता है :-
  1. नियंत्रित खानपान : फैटी डाइट व अधिक नमक से परहेज। विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्य व्यक्ति को दिनभर में 5-6 ग्राम नमक खाना चाहिए। सलाद खूब खाएं।
  2. नींद से बीपी कंट्रोल : अनिद्रा भी इसका एक कारण है। देर रात की पार्टियां ज्यादातर अनिद्रा की वजह बनती हैं जो हार्ट के लिए ठीक नहीं है। 7 से 8 घंटे रोजाना गहरी नींद सोना चाहिए। अच्छी नींद हार्ट के अलावा कई अन्य बीमारियों से बचाव करती है।
  3. योग से फायदा : दिल के मामले में योग भी बेहतरीन विकल्प हो सकता है। कई शोध में साबित हो चुका है कि रोजाना योग करने से हृदय संबंधी रोगों के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से भी राहत मिलती है।
  4. व्यायाम : वजन बीपी का मुख्य कारण है। सामान्य वजन से 4-5 किलो अधिक वजन ब्लड प्रेशर को करीब 4 एमएम-एचजी तक बढ़ा देता है। वॉक, जॉगिंग, जिमिंग व एरोबिक्स एनर्जी लेवल बढ़ाती हैं। डांस से भी वजन घटता है। इससे कैलोरी बर्न होगी और हार्ट की ब्लड पम्पिंग क्षमता बढ़ेगी।
  5. सांस से आराम : कुछ लोगों का बीपी शाम की तुलना में सुबह ज्यादा होता है। इसका कारण है रात में कम ऑक्सीजन की प्राप्ति। इसके लिए दिन में 10 से 15 बार पेट से गहरी सांस लें। विशेषज्ञों के अनुसार गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन व रक्त का संचार सुचारू रहता है। मानसिक शांति मिलती है, गुस्सा भी कम आता है। हाई ब्लड प्रेशर के आयुर्वेदिक उपचार
  6. इसके अलावा लहसुन की दो या तीन कलियों को सुबह खाली पेट पानी के साथ चबाकर खाना चाहिए। चबाने में दिक्कत हो तो लहसुन के रस की 5-6 बूंद 20 मिली पानी में मिलाकर ले सकते हैं।
  7. इससे निजात पाने के लिए अर्जुन का क्षीरपाक इस्तेमाल कर सकते हैं। क्षीरपाक बनाने के लिए अर्जुन की छाल का 10 ग्राम चूर्ण, 100 मिली दूध और 100 मिली पानी लेते हैं। फिर इसे पकाते हैं, जब सिर्फ दूध बच जाए, मतलब सिर्फ 100 मिली रह जाए तब इसे आंच से उतार कर, ठंडा करके, छानकर इसे पीते हैं।
  8. इसी तरह से त्रिफला के पानी का प्रयोग भी कर सकते हैं। 20 ग्राम त्रिफला को रात में पानी में भिगो दें और सुबह पानी को सुबह निथारकर दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से हाइपरटेंशन में फायदा मिलता है।
  9. मेथी और अजवाइन के पानी का प्रयोग भी किया जा सकता है। इसके लिए एक चम्मच मेथी और अजवाइन पाउडर को पानी में भिगोए और सुबह इस पानी को पी लें।
  10. 2 चम्मच प्याज का रस, 2 चम्मच शहद मिलाकर सुबह और शाम खाली पेट लें। भोजन में कच्ची प्याज नित्य खाना चाहिए।
  11. उच्च रक्तचाप की शिकायत वाले बुद्धिजीवी वर्ग वालो को प्रतिदिन 2-3 घंटे ससंकल्प मौन व्रत के साथ ही साथ सप्ताह में एक बार 6 घंटे से लेकर 18 घंटे तक मौन व्रत अवश्य करना चाहिये। मौन साधना की अवधि में अनुष्ठानों के अतिरिक्त ऐसी प्रवृत्तियों से बचना चाहिए, जिससे किसी प्रकार की उत्तेजना पैदा होने की जरा भी संभावना हो।
  12. यदि अच्छी तरह 15 मिनट श्वास का ध्यान किया जाये तो मानसिक तनाव दूर होगा, शांति मिलेगा, बढ़ा हुआ रक्तचाप दूर होगा।
  13. अब हम बात करेंगे हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप के रोगियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में।
  14. अब हम बात करते हैं आहार की। उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को कम नमक वाली चीज़ें ही खाना चाहिए, हो सके तो सेंधा नमक का प्रयोग करें।
  15. खाने में सब्जियों और फलों की मात्रा बढ़ाएं। लगभग सारी हरी सब्जियां और मौसमी फलों फायदेमंद होते हैं।
  16. छाछ और दूध के साथ ही नारियल पानी को भी अपनी डाइट में शामिल करें।
  17. ड्राई फ्रूट्स जैसे अखरोट, बादाम, अंजीर, किशमिश खाना भी फायदेमंद रहेगा।
  18. दूध में हल्दी और दालचीनी का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
  19. भोजन में लहसुन की मात्रा बढ़ाएं।
  20. सबसे जरूरी है एक शेड्यूल बनाना। सोने से लेकर उठने, एक्सरसाइज और योग हर एक चीज का समय निर्धारित करें।
  21. हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह है तनाव जिसे दूर करने के लिए योग और प्राणायाम सबसे अचूक उपाय हैं। ताड़ासन, पवनमुक्तासन, शलभासन और योगनिद्रा के अलावा भ्रामरी, अनुलोम-विलोम का प्रयोग भी कर सकते हैं। अगर हम ॐ का जप करते हैं तो इससे भी बहुत फायदा मिलता है।
  22. हाइपरटेंशन के रोगियों को रोजाना या हफ्ते में तीन से चार बार पूरे शरीर पर तेल से मालिश करनी चाहिए। इन चीजों से बचें
  23. डिब्बा बंद, बासी, ज़्यादा तला हुआ, मिर्च-मसालेदार, ज्यादा नमक वाला खाना और दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
  24. हाइपरटेंशन के रोगियों को चिंता, भय और क्रोध से खुद को बचाना है।


Share:

फेसबुक ब्लॉग की जगह नहीं ले सकता



२००१० में विधि स्नातक होने और फेसबुक पर आने के बाद ब्लॉगर की दुनिया में मेरी दस्तक थोड़ी कम हुई. जिस तरह शादी के बाद लड़का काफी समय तक अपने एक नये जीवन में मस्त हो जाता है, दोस्त क्या कर रहे है कौन दोस्त कहाँ है इस दुनिया से बहुत दूर अपनी एक नयी ज़िन्दगी में व्यक्ति होता है. व्यक्ति की जीवन में नयी नयी पत्तियां कितनी भी प्रभावी क्यों न हो जाये किन्तु उसकी जड़े जितनी ही पुरानी होती है उसको उतनी ही मजबूती देती है.
मैंने पिछले 3 वर्षो में ब्लॉग लिखना बंद तो नहीं किया किन्तु जो नियमितता थी वो जरूर कम हुई, फेसबुक तो सिर्फ टाइम पास का माध्यम है क्योंकि हम जो वहाँ करते है, २४ घंटे बाद वो ऐसा इतिहास हो जाता है जो किसी को भी याद नहीं होता है. सोशल नेटवर्किंग एक संपर्क माध्यम हो सकता है किन्तु व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के प्रचार का माध्यम कभी नहीं. फेसबुक की अपनी एक अलग दुनिया और ब्लॉग की अपनी अलग और फेसबुक कभी भी ब्लॉग की जगह नहीं ले सकता. मैंने कभी लिखना छोड़ा नहीं किन्तु कम जरूर हुआ इसलिए वापसी करने जैसा कोई प्रश्न नहीं है, कोशिश होगी की कम से कम अच्छा और प्रभावी लेखन हो. बाकी राम जी मालिक है.


Share:

Real Thakur Raghuraj Pratap Singh Raja Bhaiya



परवीन ने गाँव का नाम बदलवाने की शर्त क्यों रखी मुझे समझ नहीं आया... ऐसा क्या कर दिया ज़िया साहब ने उस गाँव के लिए जो उसका नाम उनके नाम पर रखा जाए? मरने की जगह का नाम मरने वाले पुलिस अफसर के नाम पर रखा जाने लगा तो हर घंटे किसी न किसी शहर या गाँव का नाम बदल जायेगा... फिर क्या होगा? चिट्ठी पोस्ट करने से पहले लोग अखिलेश यादव को फ़ोन करके गाँव का ताज़ा नाम कन्फर्म किया करेंगे... और यदि एक ही जगह पर एक से अधिक लोग मुठभेड़ में मारे गए तो एकता कपूर के सीरियल की तर्ज पर उनकी बेवाओं के बीच जंग होगी कि किसके पति के नाम पर गाँव का नाम रखा जाए.... उफ़! मुझे तो सोचकर ही डर लग रहा है..



Share:

Hanuman Mantra for Strength & Power





मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तिदायक हनुमान मंत्र
Lord Hanuman

सर्वप्रथम स्नानादि से निवृत्त होकर मंगलवार या शनिवार के दिन शुद्ध आसन पर विराजमान होकर श्री राम दरबार को सामने स्थापित कर श्री हनुमान जी का ध्यान करना चाहिए, ध्यान करने हेतु मंत्र दिया गया है:-

श्री हनुमान ध्यान मंत्र:-
उद्यन्मार्तण्ड कोटि प्रकटरूचियुतं चारूवीरासनस्थं।
मौंजीयज्ञोपवीतारूण रूचिर शिखा शोभितं कुंडलांकम्‌
भक्तानामिष्टदं तं प्रणतमुनिजनं वेदनाद प्रमोदं।
ध्यायेद्नित्यं विधेयं प्लवगकुलपति गोष्पदी भूतवारिम॥

भावार्थ:- उदय होते हुए करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी, मनोरम वीर तथा आसन में स्थित मुंज की मेखला और यज्ञोपवीत धारण किए हुए कुंडली से शोभित मुनियों द्वारा बारम्बार वंदित, वेद नाद से प्रहर्षित वानर कुल स्वामी, समुद्र को एक पैर में लांघने वाले देवता स्वरूप, भक्तों को अभीष्ट फल देने वाले श्री रामभक्त हनुमान जी मेरी रक्षा करें।

इस प्रकार हनुमान जी का ध्यान कर लेने के पश्चात श्री राम दरबार का ध्यान मन में करते हुए पूर्ण श्रद्धा तथा आस्था रखकर मंत्रों में विश्वास करते हुए श्रद्धा सहित मंत्र का जाप आरम्भ करना चाहिए | मंत्र इस प्रकार है:-


In Hindi:-
ॐ ह्राँ ह्रीं ह्रैं हनुमते श्री रामदूताय नमो नमः
ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय स्वाहा ||
In English:-
Ohm Hram Hrim Hraim Hanumate Shree Ramdutay Namo Namah:
Ohm Namo Bhagawate Aanjneyay Mahabalay Swaha ||
इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार अवश्य ही करना चाहिए तथा संभव हो सके तो प्रतिदिन संध्या कल में 21 बार इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य कि सारी चिंताओ तथा पीडाओ को हनुमान जी हर लेते है तथा मानसिक तथा शारीरिक शांति प्रदान करते है।

Mantra For Strength and Power, Hanuman Mantras,


Share:

आपसी प्रेम और भाईचारा प्रेरक प्रसंग



बहुत पुरानी कथा है। किसी गांव में दो भाई रहते थे।बडे की शादी हो गई थी। उसके दो बच्चे भी थे। लेकिन छोटा भाई अभी कुंवारा था। दोनों साझा खेती करते थे।
एक बार उनके खेत में गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई। दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूं तैयार किया।
इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूं बांट लिया। अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था । रात हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन ही हो पाता। रात में दोनों को फसल की रखवाली के लिए खलिहान पर ही रुकना था। दोनों को भूख भी लगी थी।
दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची। पहले बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया। छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया। वह सोचने लगा- भैया की शादी हो गई है, उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज की जरूरत होगी।
यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूं निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया। बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा। उसके बाद छोटा भाई खाना खाने घर चला गया। बड़ा भाई सोचने लगा - मेरा तो परिवार है, बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं, लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। इसे मुझसे ज्यादा गेहूं की जरूरत है। उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूं छोटे भाई वाले गेहूं के ढेर में मिला दिया।
इस तरह दोनों के गेहूं की कुल मात्रा में कोई कमी नहीं आई। हां, दोनों के आपसी प्रेम और भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई।


Share:

सूक्ति महाभारत से



कुर्वतो नार्थसिद्धिर्मे भवतीति ह भारत।
निर्वेदो नात्र कर्तव्यो द्वावन्यौ ह्रत्र कारणम्।। - वेदव्यास (महाभारत,वनपर्व, 32/50)

हे भारत! पुरुषार्थ करने पर भी यदि सिद्धि न प्राप्त हो तो खिन्न नहीं होना चाहिए, क्योंकि फल-सिद्धि में पुरुषार्थ के अतिरिक्त भी प्रारब्ध तथा ईश्वर कृपा दो अन्य कारण हैं।


Share:

महाकुंभ भगदड़ - मृतकों व घायलों की सूची



इलाहाबाद जंक्शन और कुम्भ मेले में भगदड़ निश्चित रूप से प्रदेश और केंद्र सरकार की विफलता को दर्शाता है, स्टेशन पर 6.50 पर घटना हुई किन्तु SRN अस्पताल में पहला शव/घायल रात 11.15 पर पंहुचा.. बेहद विचलित कर देने वाली SRN अस्पताल ये तस्वीरे है जहाँ संघ के स्वयंसेवकों ने प्रथम राहत कार्य किया, संघ के स्वयंसेवकों ने विभिन्न शहर के अस्पतालों व घटना स्थल पर रहत कार्य में सवेदना के साथ राहत कार्य में सहयोग किया.. विभाग प्रचारक मनोज जी, जिला प्रचारक आलोक जी, देवेन्द्र प्रताप सिंह , चिंतामणि जी, नागेन्द्र जी और अनेको स्वयंसेवकों सहित मैं SRN में थे, बेली और रेलवे अस्पताल में भी अपनी स्वयंसेवकों की टीम अन्य अधिकारियो के साथ काम कर रही थी

अगर आपके परिजन इलाहाबाद में है और उनका फ़ोन नहीं लग रहा हो तो घबराने की जरूरत नहीं है, यहाँ भारी जनसमुदाय होने के कारण संचार प्रणाली टीक काम नहीं कर रही है..

मृतक :-
1. उर्मिला देवी (70), पत्‍‌नी छोटे लाल, रामबाग, बक्सर 
2. बिपताबाई (60), पत्‍‌नी देवप्रसाद मझौली, जबलपुर
3. नत्थूलाल द्विवेदी (72), पिता दिवंगत श्रीराम द्विवेदी, आशा नगर, हरदोई 
4. संध्या शुक्ला (46), पत्‍‌नी राजेश कुमार, चकेरी, कानपुर
5. कामताबाई (65), पत्‍‌नी गोपीनाथ, औरंगाबाद, महाराष्ट्र
6. रामकला श्रीवास्तव, पुत्र गंगा प्रसाद, मेहंदीनगर, प्रतापगढ़
7. रामसुती, भिंड, मध्य प्रदेश 
8. शिवकुमारी, आरा, बिहार
9. आशा देवी, आरा, बिहार 
10. चौथी लाल मीणा (46), पुत्र सुखराम
11. बबिता (35)
12. शिवकुमार देवी (45), पत्‍‌नी रमेशचंद्र, कृष्णगढ़, आरा, बिहार
13. इंद्रा सना देवी पत्नी गुप्तेश्वर राय, चंदवा बिहार
 
 घायल :-
1. प्रवीण (25), सोनीपत, हरियाणा
2. राम निवास (45), सोनीपत, हरियाणा
3. पार्वर्ती (45), धनबाद, झारखंड
4. शेष बहादुर (32), सोन बिहार, दिल्ली
5. सुमित्रा (60), बिगर, कर्नाटक
6. छोटे लाल यादव (60), बक्सर, बिहार
7. मुनीश देवी (40), मॉडल टाउन, दिल्ली
8. राजेश गुप्ता (22), दिल्ली
9. शगुनबाई (35), बड़गांव
10. ज्योति (18), बड़गांव
11. देवकी यादव (55), झारखंड
12. बिल्लो (35), जौनपुर, उप्र
13. कृष्णादेवी (40), बक्सर, बिहार
14. कमलेश मिश्रा (40), नवादा, बिहार
15. शकुंतला (35)
16. सत्यम भावना (30)
17. शेष बहादुर (55)
18. शाहबहादुर (45), इटावा, उप्र
19. लक्ष्मी अवस्थी (35), फतेहपुर, उप्र
20. बिट्टन (55) सतना, मध्य प्रदेश
21. प्रवीण कुमार (40), सोनीपत, हरियाणा
22. सरस्वती (30), छिंदवाड़ा, छत्तीसगढ़
23. राजीव गुप्ता (50), फरीदाबाद, हरियाणा
24. राधिका देवी (40), मेहरौली, दिल्ली
25. शाकराबाई (40)
26. सनंत कुमार, मिश्र पुत्र राजकुमार मिश्र, विध्ववासिनी अकबरपुर बांदा, उप्र
27. लक्ष्मीकांत विमल (36), पुत्र कृष्णकांत विमल, लोहना मधुबनी, बिहार
28. रंजना झा (35), पत्‍‌नी नागेंद्र झा, कटवरिया, दिल्ली
29. सविता झा (42), पत्‍‌नी मणेश्वर झा, दिल्ली
30. बिट्ट (55), पत्‍‌नी सालिगराम सिविल लाइंस, सतना, मध्य प्रदेश
31. शुकनबाई (35), पत्‍‌नी मुनीश बड़ागांव रीठी, कटनी, मध्य प्रदेश
32. ज्योति (12), पुत्री मुनीश बड़ागांव रीठी कटनी, मध्य प्रदेश


Share:

भाग्य और कर्मफल - बोधकथा



एक गरीब किसान था। एक साल तक उसके खेतों में अच्छी फसल नहीं हुई, तो वह अपने बूढ़े माता-पिता के साथ जंगल चला गया। जंगल में इन तीनों को प्यास लगी। और ये लोग एक साधु की कुटिया में पहुंचे। वहां इन लोगों ने पानी पीने के बाद अपनी आपबीती भी उस फकीर को सुनायी। इसके बाद फकीर ने इन लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। किन्तु ईश्वर ने साधू से कहा इन लोगों के भाग्य में ही कष्ट है। परन्तु साधु काफी दयालु था, उसने फिर ईश्वर से प्रार्थना की। इसके बाद ईश्वर ने कहा, ठीक है तुम नहीं मानते हो, तो इन तीनों की एक-एक इच्छा पूरी की जाएगी। फकीर से यह बात पता चलते ही ये तीनों घर वापस जाने लगे। रास्ते में बूढ़ी को शंका हुई कि कहीं यह साधू हम तीनों को मूर्ख तो नहीं बना रहा है। अत: उसने ईश्वर से मांग की कि "मुझे इतिहास प्रसिद्ध सुन्दरी जुलेखा जैसी बना दो।' उसकी मांग पूरी हुई और वह एक सुन्दर युवती बन गई। उसी समय वहां एक राजकुमार आया। उस युवती ने राजकुमार से कहा, "मुझे इन दोनों से बचा लो। ये लोग मुझे जबरदस्ती ले जा रहे हैं।' राजकुमार यह चाहता भी था। अत: उसने तुरन्त उसे अपने घोड़े पर बैठा लिया और वहां से चल दिया। बूढ़े को युवती (पूर्व में बुढ़िया) की इस झूठी बात पर गुस्सा आया। अत: उसने भी ईश्वर से मांग की कि "भगवान! उस युवती को शूकरी बना दो।' उसकी मांग भी पूरी हुई और युवती शूकरी बन गई। शूकरी बनते ही राजकुमार ने उसे रास्ते में गिरा दिया। फिर वह अपने पति और बेटे के पास लौट आयी। काफी विनती करने पर उसके बेटे ने ईश्वर से प्रार्थना की कि "इसे मेरी मां की तरह बना दो।' इस तरह वह शूकरी फिर बुढ़िया ही बन गई।


Share:

कौमार्य की शुद्धता खो रहे हैं भारतीय



विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार अशोक सिंघल ने कहा कि भारत में कौमार्य संरक्षित रखा जाता था। लेकिन अब तो इसकी शुद्धता भंग हो गयी है और हम इसे खो रहे हैं। ‘भारत’ नहीं ‘इंडिया’ में बलात्कार की घटनाएं होने संबंधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के एक दिन बाद शनिवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बलात्कार और महिलाओं से छेड़छाड़ की वारदात में इजाफे के लिए ‘पश्चिमी मॉडल’ को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि शहरों के नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार अशोक सिंघल ने रहन-सहन के पश्चिमी तरीके को ‘‘खतरनाक’’ करार दिया और कहा कि यह संस्कृति अमेरिका से इस देश में आयी है। पश्चिमी मॉडल खतरनाक देश में बलात्कार की घटनाओं में हो रही बढ़ोत्तरी के बारे में कहा कि यह पश्चिमी मॉडल खतरनाक है। दरअसल हो यह रहा है कि हम अमेरिका की नकल कर रहे हैं। हमने अपने शहरों के मूल्यों को खो दिया है।
VHP supremo Ashok Singhal
लिव-इन रिश्तों की जीवनशैली को गलत करार देते हुए सिंघल ने कहा कि यह न केवल हमारी संस्कृति के खिलाफ है बल्कि यह कभी हमारी संस्कृति का हिस्सा भी नहीं रही है। कौमार्य की ‘शुद्धता’ भंग सिंघल ने दावा किया कि अंग्रेजों के आने से पहले भारतवासी एक ‘शुद्ध’ जीवन जीते थे। उन्होंने कौमार्य की ‘शुद्धता’ को ‘ब्रह्मचर्य’ करार दिया और कहा कि यह अपवित्र हुई है। उन्होंने कहा कि कौमार्य संरक्षित रखा जाता था। लेकिन अब तो इसकी शुद्धता भंग हो गयी है. हम इसे खो रहे है।


Share: