स्वप्न में गो दर्शन का फल



स्वप्न में गौ अथवा सांड के दर्शन से कल्याण लाभ एवं व्याधि नाश होता है, इसी प्रकार स्वप्न में गौ के थन को चूसना भी श्रेष्ठ माना गया है।
इसी प्रकार स्वप्न में गौ के थन को चूसना भी श्रेष्ठ माना गया है।
स्वप्न में गौ का घर में ब्याना, बैल अथवा सांड की सवारी करना, तलाक के बीच में घृत मिश्रित खीर का भोजन भी उत्तम माना गया है। इनमें से घी सहित खीर का भोजन तो राज्य प्राप्ति का सूचक माना गया है। किसी प्रकार स्वप्न में ताजे दुहे  हुए  फेन सहित दुग्ध का पान करने वाले को अनेक भोगों  की तथा दही के देखने से प्रसन्नता की प्राप्ति होती है। जो बैल अथवा साड़ से युक्त रथ पर स्वप्न में अकेला सवार होता है और उसी अवस्था में जागता है, उसे शीघ्र ही धन मिलता है।
स्वप्न में दही मिलने से धन की भी मिलने से तथा दही खाने से यश की प्राप्ति निश्चित है। इसी प्रकार यात्रा आरंभ करते समय दही अथवा दूध का दिखना शुभ शकुन माना गया है। स्वप्न में दही भात का भोजन करने से कार्य सिद्धि होती है तथा बैल पर चढ़ने से द्रव्य लाभ होता है एवं व्याधि से छुटकारा मिलता है इसी प्रकार स्वप्न में सावन सांड अथवा गौ का दर्शन करने से कुटुंब की वृद्धि होती है। स्वप्न में सभी काली वस्तु का दर्शन निषेध माना गया है, केवल कृष्णा गौ का दर्शन शुभ होता है।
स्वप्न में सभी काली वस्तु का दर्शन निर्णय माना गया है केवल कृष्णा गौ का  दर्शन शुभ होता है



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नवग्रह स्तोत्र - जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महद्युतिं



शास्त्रों में कुल नौ नवग्रह बताए गए हैं और इन नवग्रहों के अनुसार ही हम लोगों का जीवन चलता है। ज्योतिषियों के अनुसार जातक की कुंडली में ये नौ ग्रह किस घर में हैं। इस पर ही जातक का जीवन आधारित होता है। इसलिए ये बेहद ही जरूरी होता है कि आपकी कुंडली में ग्रह आपके अनुकुल ही बनें रहें। ताकि इन ग्रहों के दुष्भाव से बचा जा सके। नौ नवग्रहों के नाम इस प्रकार हैं- सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। इन सभी ग्राहकों का नाता हमारे शरीर के किसी ना किसी अंग से होता है और इन ग्रहों की खराब दशा चलने पर शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

शरीर के किस अंग से जुड़ा है कौन सा ग्रह-
  1. सूर्य ग्रह की खराब दिशा चलने से आंखों से संबंधित रोग हो जाते हैं। क्योंकि ये ग्रह आंखों से जुड़ा होता है।
  2. चंद्रमा को मन का ग्रह माना जाता है और इसकी बुरी दिशा होने पर मन अशांत रहता है।
  3. मंगल ग्रह को रक्त संचार माना जाता है और जब किसी जातक की कुंडली में ये ग्रह गलत घर में हो, तो जातक को रक्त यानी खून से संबंधित रोग लग जाते हैं।
  4. बुध ग्रह हृदय से जुड़ा होता है और कुंडली में ये ग्रह भारी होने पर इसका असर दिल पर पड़ता है।
  5. बृहस्पति ग्रह अगर कुंडली में गलत स्थान पर हो, तो जातक की बुद्धि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
  6. शुक्र ग्रह का नाता रस से होता है और शुक्र ग्रह के कुंडली में अशांत होने पर शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
  7. शनि, राहू और केतु ये तीनों ग्रह उदर के स्वामी होते हैं और इनकी वजह से पेट से जुड़ी तकलीफें होती हैं।
श्री नवग्रह स्तोत्र का पाठ पढ़ने से मिलने वाले लाभ-
  1. नवग्रह स्तोत्र का पाठ करने से ग्रह सदा शांत रहते हैं और इनके प्रकोप से आपकी रक्षा होती है।
  2. रोजाना इस स्तोत्र को करने से रोग दूर हो जाते हैं और आपको सेहतमंद शरीर मिलता है।
  3. ग्रह शांत रहने से घर में कलह नहीं होती है और दिमाग शांत रहता है।
  4. ग्रहों की बुरी दशा चलने पर ये जरूरी होता है कि आप इन ग्रहों को शांत रखने के लिए उपाय करें।
श्री नवग्रह स्तोत्र  

सूर्य को मैं प्रणाम करता हूं
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महद्युतिं।
तमोरिसर्व पापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरं ।। (रवि) 
जो जपा पुष्प के समान अरुणिमा वाले महान तेज से संपन्न अंधकार के विनाशक सभी पापों को दूर करने वाले तथा महर्षि कश्यप के पुत्र हैं उन सूर्य को मैं प्रणाम करता हूं
दधिशंख तुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवं।
नमामि शशिनं सोंमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।। (चंद्र)
जो दधि, शंख तथा हिम के समान आभा वाले छीर समुद्र से प्रादुर्भूत भगवान शंकर के सिरो भूषण तथा अमृत स्वरूप है उन चंद्रमा को मैं नमस्कार करता हूं।
धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्कांतीं समप्रभं।
कुमारं शक्तिहस्तंच मंगलं प्रणमाम्यहं ।। (मंगळ)
जो पृथ्वी देवी से उद्भूत विद्युत की कांति के समान प्रभाव आ दें कुमारावस्था वाले तथा हाथ में शक्ति लिए हुए हैं उन मंगल को मैं प्रमाण प्रणाम करता हूं।
प्रियंगुकलिका शामं रूपेणा प्रतिमं बुधं।
सौम्यं सौम्य गुणपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहं ।।(बुध)
जो प्रियंगु लता की कली के समान गहरे हरित वर्ण वाले अतुलनीय सौंदर्य वाले तथा सौम्य गुण से संपन्न है उन चंद्रमा के पुत्र बुद्ध को मैं प्रणाम करता हूं।
देवानांच ऋषिणांच गुरुंकांचन सन्निभं
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिं (गुरु)
जो देवताओं और ऋषियों के गुरु हैं स्वर्णिम आभा वाले हैं ज्ञान से संपन्न है तथा तीनों लोकों के स्वामी हैं उन बृहस्पति को मैं नमस्कार करता हूं।
हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूं।
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहं।। (शुक्र)
जो हिमकुंद पुष्प तथा कमलनाल के तंतु के समान श्वेत आभा वाले, दैत्यों के परम गुरु, सभी शास्त्रों के उपदेष्टा तथा महर्षि ध्रुव के पुत्र हैं, उन शुक्र को मैं प्रणाम करता हूं।
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्वरं।। (शनि)
जो नीले कज्जल के समान आभा वाले, सूर्य के पुत्र यम के जेष्ठ भ्राता तथा सूर्य पत्नी छाया तथा मार्तंड से उत्पन्न है उन शनिश्चर को मैं नमस्कार करता हूं।
नवग्रह स्तोत्र - navagraha stotra in Hindi
 
अर्धकायं महावीर्यं चंद्रादित्य विमर्दनं।
सिंहिका गर्भसंभूतं तं राहूं प्रणमाम्यहं।। (राहू)
जो आधे शरीर वाले हैं महान पराक्रम से संपन्न है, सूर्य तथा चंद्रमा को ग्रसने वाले हैं तथा सिंह ही का के गर्भ से उत्पन्न उन राहों को मैं प्रणाम करता हूं। 
पलाशपुष्प संकाशं तारका ग्रह मस्तकं। 
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहं।।(केतु)
पलाश पुष्प के समान जिनकी आभा है जो रुद्र शोभा वाले और रुद्र के पुत्र हैं भयंकर हैं तारक आधी ग्रहों में प्रधान है उनके तो को मैं प्रणाम करता हूं।
फलश्रुति : 
इति व्यासमुखोदगीतं य पठेत सुसमाहितं दिवा वा यदि वा रात्रौ।
विघ्नशांतिर्भविष्यति नर, नारी, नृपाणांच भवेत् दु:स्वप्न नाशनं ऐश्वर्यंमतुलं तेषां आरोग्यं पुष्टिवर्धनं।। 
भगवान वेद व्यास जी के मुख से प्रकट इस स्तुति को जो दिन में अथवा रात में एकाग्रचित होकर पाठ करता है उसके समस्त दिल शांत हो जाते हैं स्त्री पुरुष और राजाओं के दुख में दुख सपनों का नाश हो जाता है पाठ करने वाले को अतुलनीय ऐश्वर्या और आरोग्य प्राप्त होता है तथा उसके पुष्टि की वृद्धि होती है
 इति श्री व्यासविरचित आदित्यादि नवग्रह स्तोत्रं संपूर्णं


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उत्तर प्रदेश में महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ताओ की मनमानी नियुक्तियां



उत्तर प्रदेश में महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ताओ कि नियुक्ति पर मन में कुछ प्रश्न उपजे है,
  1. क्या महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ताओ कि नियुक्ति वास्तव में सर्वोत्तम है और क्या वास्तव में नवनियुक्त 6 विकल्पों से अच्छे विकल्प संघ, भाजपा और अन्य अनुसांगिक सगठनों में उपलब्ध नहीं थे ?
  2. इन नियुक्ति के समय ग्राउंड लेबल (जमीनी स्तर) पर कार्यकर्ताओं और जिम्मेदार अधिकारीयों से राय ली गयी?
  3. इन नियुक्तियों में अधिवक्ताओं कि योग्यता, कार्य कुशलता, वरिष्ठता और कार्यकर्ताओं के मध्य लोकप्रियता आदि पैमानों पर गढ़ा गया?
मेरे इन प्रश्नों के उत्तर देना उपरी लोगो के लिए कठिन होगा, क्योकि ये चयनित नाम उत्तम हो सकते है किन्तु यह सर्वोत्तम नहीं है इसलिए मैं महाधिवक्ता सहित सभी नियुक्तियों निंदा और भर्त्सना करता हूँ, कोई भी चयन निष्पक्ष नहीं रहा और न ही जनभावना के सम्मान में रख कर किया गया.. वास्तव में यह नियुक्तियां बड़े बड़े राजनैतिक "घाघों" के दबाव में हुई है..
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उत्तर प्रदेश में महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता के चयन पर प्रश्न उठ रहा है कि 1 माह बाद खूब खोज बीन कर नियुक्ति भी हुई तो सिफारिशी लोगो की। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद पहले महाधिवक्ता स्व प्यारेलाल बनर्जी थे। गोविन्द बल्लभ पन्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। महाधिवक्ता से किसी राय की जरूरत थी। महाधिवक्ता को पन्त जी ने इलाहबाद से लखनऊ बुलवाया। बनर्जी साहब ने जो उत्तर दिया वह चकरा देने वाला था।

उन्होंने कहा कि मुवक्किल वकील के पास जाता है, न कि वकील मुवक्किल के पास। पन्त जी ने निर्देश दिया कि चीफ सेक्रेटरी तुरंत इलाहाबाद जा कर महाधिवक्ता से विचार विमर्श करें और चीफ सेक्रेटरी ने ऐसा ही किया। इसके बाद बनर्जी साहब ने इस्तीफा दे दिया। वकालत के कार्य की dignity अर्थात सम्मान का बड़ा महत्व है, बनर्जी साहब का यह कदम वकीलों के सम्‍मान के लिए एक नमूना मात्र है। वर्तमान एक महाधिवक्ता मंत्री और विधायको की चरण वंदना करने से बाज नहीं आयेगे। 

महाधिवक्ता का पद तो अब हर मुख्यमंत्री और राजनेताओं के पसंद का पद हो चुका है। जहाँ तक काबिलियत की कोई कीमत नही है और कबीलीयत की परख तब होती है जब भी कोई तकनिकी विधि का मामला होता है नियु‍क्त महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता हाथ खड़ेकर देते है और सरकार को सलाह और पैरवी के लिये मोटी फीस पर विशेष अधिवक्ता नियुक्त करना पड़ता है, ऐसे कई मामले पिछली सपा सरकार मे आये थे जब महाधिवक्ता वि‍जय बहादुर 7 जजो की बेच के सामने बौने पड़ गये और सरकार को विशेष वकील के रूप मे एसपी गुप्‍ता नियुक्त करना पड़ा और अन्‍य अपर महाधिवक्ता भी सिर्फ मजे मारते रहे। सरकार को अपने द्वारा नियमित ढंग से नियुक्त किये गए वकीलों पर भरोसा नहीं रहता।

प्रदेश की सरकार ठीक काम करे इसका बहुत कुछ दारोमदार महाधिवक्‍ता का होता है। चाटुकारिता करने वालो की ही नियुक्ति होगी तो महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता पुरानी कहावत चरित्रार्थ करेगे कि "काम के न काज के दुश्‍मन अनाज के"


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भगवान सूर्य की पूजा में प्रयोग होने वाले पुष्प



 भगवान सूर्य की पूजा में प्रयोग होने वाले पुष्प
भविष्य पुराण में बलाया गया है कि भगवान सूर्य को यदि एक आक का फूल अर्पण कर दिया जाए तो सोने की दस अशरफिया चढ़ाने का फल मिल जाता है। फूलों का तारतम्य इस प्रकार बतलाया गया है-
  • हजार अड़हुल के फूल से बढ़कर एक कनेर का फूल होता है, हजार कनेर के फूलों से बढ़कर एक बिल्वपत्र, हजार बिल्वपत्रों से बढ़कर एक पद्म( सफेद रंग से भिन्न रंग वाला), हजारों रंगीन पद्म पुष्पों से बढ़कर एक मौलसिरी, हजारों मौलसिरी से बढ़कर एक कुश का फूल, हजार कुश के फूलों से बढ़कर एक शमी का फूल हजार शमी के फूलों से बढ़कर एक नीलकमल हजार नीलकमल हजारों मील और रक्त कमलों से बढ़कर केसर और लाल कनेर का फूल होता है।
  • यदि इनके फूल ना मिले तो बदले में पत्ते चढ़ाएं और पत्ते भी न मिले तो इनके फल चढ़ाएं। फूल की अपेक्षा माला में दुगना फल प्राप्त होता है रात में कदम के फूल और मुकुर को अर्पण करें और दिन में शेष समस्त फूल। बेला दिन में और रात में भी चढ़ाना चाहिए।
  • सूर्य भगवान पर चढ़ने योग्य कुछ फूल फूल इस प्रकार हैं। बेला, मालती, काश, माधवी, पाटला, कनेर, जपा,यावन्ति, कुब्जक,कर्णिकार, पीली कटसरैया, चंपा, रोलक, कुंद, काली कटसरैया (वाण), बर्बर मल्लिका, अशोक, तिलक, लोध, अरुषा, कमल, मौलसिरी, अगस्त और पलाश के फूल तथा दुर्वा।
 
कुछ समकक्ष फूल
शमी का फूल और बड़ी कटेरी का फूल एक समान माने जाते हैं। करवीर की कोटि में चमेली, मौलश्री और पाटला आते हैं। श्वेत कमल और मंदार की श्रेणी एक है। इसी तरह नागकेसर, चंपा, और मुकुर एक समान माने जाते हैं। 
 
विहित पत्र
बेल का पत्र, शमी का पत्र, भंगरैया की पत्ती, तमालपत्र, तुलसी पत्र, काली तुलसी के पत्ते, कमल के पत्ते भगवान सूर्य की पूजा में गृहीत हैं।
 
भगवान सूर्य के लिए निषिद्ध फूल।
गुंजा (कृष्णाला), धतूरा, कांची, अपराजिता ( गिरी कर्णिका), भटकटैया, तगर और अमड़ा, इन्हें भगवान सूर्य पर न चढ़ाएं। वीरमित्रोदय में इन्हें सूर्य पर चढ़ाने का निषेध किया गया है यथा।
 
फूलों के चयन की कसौटी
सभी फूलों का नाम गिनाना कठिन है। सब फूल सब जगह मिलते भी नहीं। अतः शास्त्र में योग्य फूलों के चुनाव के लिए हमें एक कसौटी दी है की जो फोन निषेद कोठी में नहीं हैं और रंग रूप तथा सुगंध से युक्त हैं उन सभी फूलों को भगवान को चढ़ाना चाहिए।


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भगवान विष्णु की पूजा के लिए विहित और निषिद्ध पत्र पुष्प



 भगवान विष्णु
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय है। एक ओर रत्न मणि तथा स्वर्ण निर्मित बहुत से फूल चढ़ाया जाएं दूसरी ओर तुलसीदल चढ़ाया जाए तो भगवान तुलसीदल को ही पसंद करेंगे। सच पूछा जाए तो यह तुलसी दल की सोलहवीं कला की भी समता नहीं कर सकते। भगवान को कौस्तुभ(माणिक्य) भी उतना प्रिय नहीं है, जितना की तुलसी पत्र-मंजरी। काली तुलसी तो प्रिय है ही किंतु गौरी तुलसी तो और भी अधिक प्रिय है भगवान ने स्वयं अपने श्रीमुख से कहा है कि यदि तुलसीदल न हो तो कनेर, बेला, चंपा, कमल और मणि आदि से निर्मित फूल भी मुझे नहीं सुहाते। तुलसी से पूजित शिवलिंग या विष्णु की प्रतिमा के दर्शन मात्र से ब्रम्ह हत्या का दोष भी दूर हो जाता है। एक ओर मालती अदि की ताज़ी मालाएं हो दूसरी और दूसरी और बासी तुलसी हो तो भी भगवान उसी बासी तुलसी को ही अपनाएंगे।
शास्त्र ने भगवान पर चढ़ने योग्य पत्रों का भी परस्पर तारतम्य बतलाकर तुलसी की सर्वातिशायिता बतलाई हैं जैसे कि चिड़चिड़े की पत्ती से भंगरैया की पत्ती अच्छी मानी गई है तथा उससे अच्छी खैर की और उससे भी अच्छी शमी की, शमी से दूर्वा, दूर्वा से अच्छा कुश, और उससे भी अच्छा दौनाकी, उससे भी अच्छा बेल की पत्ती और उससे भी अच्छा तुलसीदल होता है।
 
नरसिंह पुराण में फूलों का तारतम्य बतलाया गया है और कहां गया है की दस स्वर्ण सुमनों का दान करने से जो फल प्राप्त होता है वह एक गुमा के फूल चढ़ाने से प्राप्त हो जाता है। इसके बाद उन फूलों का नाम गिनाए गए हैं जिनमें पहले की अपेक्षा अगला उत्तरोत्तर हजार गुना अधिक फलप्रद होता है जैसे घुमा के फूल से हजार गुना बढ़कर एक खैर, हजारों खैर के फूल से बढ़कर एक शमी का फूल, हजारों शमी के फूल से बढ़कर एक मौलसिरी का फूल, हजारों मौलश्री के पुष्पों से बढ़कर एक नन्द्यावर्त आर्वत, हजारों ननन्द्यावर्त से बढ़कर एक कनेर, हजारों कनेर के फूलों से बढ़कर एक सफेद कनेर, हजारों सफेद कनेर से बढ़कर एक कुशा का फूल, हजारों कुशा के फूल से बढ़कर एक वनवेला, हजारों वनवेला के फूलों से एक चंपा, हजारों चंपाओं से बढ़कर एक अशोक, हजारों अशोक के पुष्पों से बढ़कर एक माधवी, हजारों वासंतीयों से बढ़कर एक गोजटा, हजारों गोजटाओं के फूल से बढ़कर एक मालती, हजारों मालती के फूलों से बढ़कर एक लाल त्रिसंधि(फगुनिया), हजारों लाल त्रिसंधि के फूल से बढ़कर एक सफेद त्रिसंधि, हजारों सफेद त्रिसंधि के फूलों से बढ़कर एक कुंदन का फूल, हजारों कुंदन पुष्पों से बढ़कर एक कमल का फूल हजारों कमल पुष्पों से बढ़कर एक बेला और हजार बेला फूलों से बढ़कर एक चमेली का फूल होता है निम्नलिखित फूल भगवान को लक्ष्मी की तरह प्रिय हैं इस बात को उन्होंने स्वयं श्री मुख से कहा है--
मालती, मौलसिरी, अशोक, कलीनेवारी(शेफालिका), बसंतीनेवारी (नवमल्लिका), आम्रात(आमड़ा), तगर आस्फोत, बेला, मधुमल्लिका, जूही, अष्टपद, स्कंध, कदंब, मधुपिंगल, पाटला, चंपा, हृद्य, लवंग, अतिमुक्तक(माधवी), केवड़ा कुरब, बेल, सायं काल में फूलने वाला श्वेत कमल (कल्हार) और अडूसा
 
कमल का फूल तो भगवान को बहुत ही प्रिय है। कृष्णरहस्य में बतलाया गया है कि कमल का एक फूल चढ़ा देने से करोड़ों वर्ष के पापों का नाश हो जाता है। कमल के अनेक भेद हैं। उन भेदों के फल भी भिन्न-भिन्न हैं। बतलाया गया है कि सौ लाल कमल चढ़ाने का फल एक श्वेत कमल के चढ़ाने से मिल जाता है तथा लाखों श्वेत कमलों का फल एक नीलकमल से और हज़ारों नील कमलों का फल एक पद्म से प्राप्त हो जाता है यदि कोई भी किसी प्रकार का एक भी पद में चढ़ा दे तो उसके लिए विष्णुपुरी की प्राप्ति सुनिश्चित है।
बलि के द्वारा पूछे जाने पर भक्तराज प्रह्लाद ने भगवन विष्णु को प्रिय कुछ फूलों के नाम बतलाए हैं सुवर्णजाती, शतपुष्पा, चमेली, कुंद, कठचंपा, बाण, चंपा, अशोक, कनेर, जूही, परिभद्र, पाटला, मौलसिरी, अपराजिता, तिलक, अड़हुल, पीले रंग के समस्त फूल और तगर।
 
पुराणों ने कुछ नाम और गिनाए हैं जो नाम पहले आ गए हैं उनको छोड़कर शेष नाम इस प्रकार हैं अगस्त्य, आम की मंजरी, मालती, बेला, जूही, माधवी, अतिमुक्तक, यावंती, कुब्जई, करण्टक, पीली कटसरैया, धव(धातक), वाण(काली कटसरैया), बर्बरमल्लिका (बेला का भेद) और अडूसा।
 
विष्णुधर्मोत्तर में बतलाया गया है कि भगवान विष्णु के श्वेत पीले फूल की प्रियता प्रसिद्ध है, फिर भी लाल फूलों में दो पहरिया (बन्धुक), केसर, कुमकुम, अड़हुल के फूल उन्हें प्रिय हैं अतः इन्हें अर्पित करना चाहिए। लाल कनेर और बर्रे भी भगवान को प्रिय है। बर्रे का फूल पीला लाल होता है।
 
इसी तरह कुछ सफेद फूलों को वृक्षायुर्वेद लाल उगा देता है। लाल रंग होने मात्र से वे अप्रिय नहीं हो जाते, उन्हें भगवान को अर्पण करने चाहिए इस प्रकार कुछ सफेद फूलों के बीच भिन्न-भिन्न वर्ण होते हैं जैसे परिजात के बीच में लाल वर्ण का होता होता है। बीच में भिन्न वर्ण होने से भी उन्हें सफेद फूल माना जाना चाहिए और वह भगवान के अर्पण योग्य हैं।
 
विष्णुधर्मोत्तर के द्वारा प्रस्तुत नए नाम यह हैं -- तीसी, भूचंपक, पुरन्ध्रि, गोकर्ण और नागकर्ण।
अंत में विष्णुधर्मोत्तर ने पुष्पों के चयन के लिए एक उपाय बतलाया है कि जो फूल शास्त्रों से निषिद्ध ना हो और गंध तथा रूप से संयुक्त हो उन्हें विष्णु भगवान को अर्पण करना चाहिए।
विष्णु भगवान के लिए निषिद्ध पुष्प
विष्णु भगवान पर नीचे लिखे फूलों को चढ़ाना मना है --
आक, धतूरा, कांची, अपराजिता (गिरीकर्णिका), भटकटैया, कुरैया, सेमल, शिरीष, चिचिड़ा(कोशातकी), कैथ, लान्गुली, सहिजन, कचनार, बरगद, गूलर, पाकर, पीपल और आमड़ा(कपितन)।
घर पर रोपे गए कनेर और दुपहरिया के फूल का भी निषेध है


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Historical Places Of India



भारत के ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल


  1. अकबर का मकबरा - सिकन्दरा, आगरा
  2. अजन्ता की गुफाएँ - औरंगाबाद
  3. अमरनाथ गुफा - काश्मीर
  4. आगा खां पैलेस - पुणे
  5. आमेर दुर्ग - जयपुर
  6. इण्डिया गेट - दिल्ली
  7. इमामबाड़ा - लखनऊ
  8. एतमातुद्दौला - आगरा
  9. एलिफैंटा की गुफाएँ - मुम्बई
  10. एलोरा की गुफाएँ - औरंगाबाद
  11. कुतुबमीनार - दिल्ली
  12. गेटवे ऑफ इण्डिया - मुम्बई
  13. गोमतेश्वर मन्दिर श्रवणबेलगोला - कर्नाटक
  14. गोल गुम्बद - बीजापुर
  15. गोलकोण्डा - हैदराबाद
  16. गोलघर - पटना
  17. चिल्का झील - ओड़ीसा
  18. जंतर-मंतर - दिल्ली,जयपुर
  19. जगन्नाथ मन्दिर - पुरी
  20. जलमन्दिर - पावापुरी
  21. जामा मस्जिद - दिल्ली
  22. जोग प्रपात - मैसूर
  23. टावर ऑफ साइलेंस - मुम्बई​​
  24. ताजमहल - आगरा
  25. दिलवाड़ा मन्दिर, माउंट आबू
  26. नटराज मन्दिर - चेन्नई
  27. निशात बाग - श्रीनगर
  28. बुलन्द दरवाजा - फतेहपुर सीकरी
  29. बेलूर मठ - कोलकाता
  30. महाकाल का मन्दिर - उज्जैन
  31. मालाबार हिल्स - मुम्बई
  32. मीनाक्षी मन्दिर - मदुरै
  33. रणथम्भौर का किला - सवाई माधोपुर
  34. विजय स्तम्भ - चित्तौड़गढ़
  35. विश्वनाथ मन्दिर - वाराणसी
  36. वृन्दावन गार्डन - मैसूर
  37. वृहदेश्वर मन्दिर - तन्जौर
  38. शान्ति निकेतन - कोलकाता
  39. शेरशाह का मकबरा - सासाराम
  40. साँची का स्तूप - भोपाल
  41. सारनाथ - वाराणसी के समीप
  42. सूर्य मन्दिर (ब्लैक पगोडा) - कोणार्क
  43. स्वर्ण मन्दिर - अमृतसर
  44. हवामहल - जयपुर


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जानिए लक्ष्मीजी की कैसी फोटो है शुभ और कैसी है अशुभ



ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, मित्रों आज हम बतायेगे की लक्ष्मी जी की कैसी चित्र या मूर्ति को घर में स्थापित करें और किस प्रकार की चित्रों का संस्थापन न करें, जो की घोर हानि का कारण बन सकता है।
लक्ष्मी जी की ऐसी चित्र या मूर्ति को घर में स्थापित न करें, जिसमे वे उल्लू की सवारी कर रहीं हों। इस प्रकार के चित्र और मूर्ति की पूजा करने से धन लाभ नहीं बल्कि नुकसान हो सकता है। धन मिल भी जाये तो वह निरर्थ ही खर्च हो सकता है। चंचल स्वभाव में लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू है। उल्लू अँधेरे में रहने वाला जीव है, अँधेरा तम और असत का प्रतीक है, और उल्लू अज्ञान का, उल्लू पर सवार लक्ष्मी अत्यंत चंचल होती है। चंचल लक्ष्मी कही भी जादा देर नही टिकती है।

लक्ष्मीजी की कैसी फोटो है शुभ और कैसी है अशुभ
ऐसी चित्र या मूर्ति को भी घर में स्थापित न करें जिसमे लक्ष्मी जी खड़ी हों, यह भी अस्थिर लक्ष्मी का प्रतीक है
लक्ष्मीजी की कैसी फोटो है शुभ और कैसी है अशुभ
लक्ष्मी की ऐसे फोटो की पूजा करनी चाहिए जिसमे वे भगवान विष्णु के साथ गरूण पर सावार हों। ऐसे चित्र की पूजा से शुभ धन की प्राप्ति होती है और यह धन घर में स्थिर भी रहता है। दिवाली पर गणेश और लक्ष्मी की पूजा का अप्रत्यक्ष आशय यह है की गणेश जी बुद्धि और ज्ञान के प्रतिक है और लक्ष्मी जी सौभाग्य और सम्पन्नता की प्रतीक है
लक्ष्मीजी की कैसी फोटो है शुभ और कैसी है अशुभ
अगर घर में लक्ष्मीं जी की चित्र लगनी हो तो ऐसी चित्र लगायें जिसमे वे बैठी हों। दीवाली पर जब लक्ष्मी जी के पूजन के लिए मूर्ती कर चयन करें तो, कमल आसन पर विराजमान लक्ष्मी की मूर्ती की स्थापना और पूजन करें

लक्ष्मीजी की कैसी फोटो है शुभ और कैसी है अशुभ

जिससे सुभ लक्ष्मी आपके धर में सदैव विराजमान रहे है 


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भारत में कृषि उत्पादन संबंधी प्रमुख क्रांतियां



List of Important Agricultural Revolutions In India
List of Important Agricultural Revolutions In India
 
कृषि/उत्पादन संबंधी प्रमुख क्रांतिया 
  1. हरित क्रांति---------------खाद्यान्न उत्पादन।
  2. श्वेत क्रांति---------------दुग्ध उत्पादन।
  3. नीली क्रांति---------------मत्स्य उत्पादन।
  4. भूरी क्रांति---------------उर्वरक उत्पादन।
  5. रजत क्रांति---------------अंडा उत्पादन।
  6. पीली क्रांति---------------तिलहन उत्पादन।
  7. कृष्ण क्रांति---------------बायोडीजल उत्पादन।
  8. लाल क्रांति---------------टमाटर/मांस उत्पादन।
  9. गुलाबी क्रांति---------------झींगा मछली उत्पादन।
  10. बादामी क्रांति---------------मासाला उत्पादन।
  11. सुनहरी क्रांति---------------फल उत्पादन।
  12. अमृत क्रांति---------------नदी जोड़ो परियोजनाएं।


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पर्यायवाची ( Synonyms) शब्दकोश



  850+ से अधिक पर्यायवाची ( Synonyms) शब्दकोश
 Paryayvachi Shabd (Synonyms Words) पर्यायवाची शब्द
शब्द विशेष के लिए लगभग समान अर्थ में प्रयुक्त होने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द (Paryayvachi Shabd) की संज्ञा दी जाती है। ऐसे विभिन्न शब्दों की समानता को ध्यान में रख कर इनके लिए समानार्थी या समानार्थक शब्द भी प्रयुक्त होते हैं। पर्यायवाची शब्दों के विषय में मुख्य रूप से यह उल्लेखनीय तथ्य है कि ये शब्द आपस में पूर्ण समान न होकर लगभग समान होते हैं। पूर्ण समानार्थी शब्द को एकार्थी शब्द का नाम दिया जात है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि पर्यायवाची शब्द आपस में पूर्ण समान लगते हैं, किन्तु लगभग समान होते हैं। गंभीर चिंतन करने पर उनमें सूक्ष्म भिन्नता अवश्य सामने आती है। पर्यायवाची शब्द हिंदी भाषा की सबसे प्रमुख विशेषता है। लगभग समान अर्थ के लिए विभिन्न शब्दों के प्रयोग से भाषा का नवीन और आकर्षक रूप सामने आता है। जिस प्रकार विभिन्न संदर्भों में मनुष्य भिन्न - भिन्न वस्त्रों को पहन कर सुन्दर लगता है, उसी प्रकार समान अर्थ के लिए भिन्न - भिन्न शब्दों के प्रयोग से जहाँ भाषा को भी स्वर रूप मिलता है, वहीं अभिव्यक्ति भी प्रभावी होती है। यहाँ 850 से भी ज्यादा पर्यायवाची शब्द दिये जा रहे है..

Paryayvachi Shabd (पर्यायवाची शब्द) - Synonyms in Hindi, समानार्थी शब्द, Top 100 Synonyms in Hindi (हिंदी में महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द)


पर्यायवाची शब्द समानार्थी - Paryayvachi Shabd in Hindi (All Synonyms List)


  1. अंकुश - नियंत्रण, पाबंदी, रोक, दबाव।
  2. अंग - अंश, अवयव, हिस्सा, भाग।
  3. अंजाम - नतीजा, परिणाम, फल।
  4. अंत - समाप्ति, अवसान, इति, इतिश्री, समापन।
  5. अंतर - भिन्नता, असमानता, भेद, फर्क।
  6. अंतरिक्ष - खगोल, नभमंडल, गगनमंडल, आकाशमंडल।
  7. अंतर्धान - गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य।
  8. अंदर - भीतर, आंतरिक, अंदरूनी, अभ्यंतर।
  9. अंदाज - अंदाजा, अटकल, कयास, अनुमान।
  10. अंधकार - तम, तिमिर, तमिस्र, अँधेरा, तमस, अंधियारा।
  11. अंधा - सूरदास, आँधरा, नेत्रहीन, दृष्टिहीन।
  12. अंबर - आकाश, आसमान, गगन, फलक, नभ।
  13. अंबु - जल, पानी, नीर, क्षीर, सलिल, वारि।
  14. अंबुज - कमल, पंकज, नीरज, वारिज, जलज, सरोज, पदम।
  15. अंबुद - मेघ, बादल, घन, घनश्याम, अंबुधर, घटा।
  16. अंबुनिधि - समुंदर, सागर, सिंधु, जलधि, उदधि, जलेश।
  17. अंशु - रश्मि, किरन, किरण, मयूख, मरीचि।
  18. अंशुमान - सूरज, सूर्य, रवि, दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, भास्कर।
  19. अकड़बाज - ऐंठू, गर्वीला, घमंडी, अकड़ूखाँ, अहंकारी।
  20. अकिंचन - गरीब, निर्धन, दीनहीन, दरिद्र।
  21. अकृतज्ञ - अहसान - फ़रामोश, बेवफा, नमकहराम।
  22. अक्ल - प्रज्ञा, मेधा, मति, बुद्धि, विवेक।
  23. अखिलेश्वर - ईश्वर, परमात्मा, परमेश्वर, भगवान, खुदा।
  24. अगम - दुष्कर, कठिन, दुःसाध्य, अगम्य।
  25. अग्नि - आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।
  26. अच्छा - बढ़िया, बेहतर, भला, चोखा, उत्तम।
  27. अजनबी - अनजान, अपरिचित, नावाकिफ।
  28. अजीब - अदभुत, अनोखा, विचित्र, विलक्षण।
  29. अटल - अविचल, अडिग, स्थिर, अचल।
  30. अड़ंगा - बाधा, रुकावट, विघ्न, व्यवधान।
  31. अतिथि - मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
  32. अतिथि - मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
  33. अतीत - भूतकाल, विगत, गत, भूत।
  34. अत्याचारी - जालिम, आततायी, नृशंस, बर्बर।
  35. अदालत - कचहरी, न्यायालय, दंडालय।
  36. अधीन - मातहत, आश्रित, पराश्रित, परवश, परतंत्र।
  37. अधीर - आतुर, धैर्यहीन, व्यग्र, बेकरार, उतावला।
  38. अध्ययन - पठन - पाठन, पढ़ना, पढ़ाई, पठन।
  39. अनपढ़ - निरक्षर, अशिक्षित, अपढ़।
  40. अनमोल - अमूल्य, बहुमूल्य, बेशकीमती।
  41. अनाज - अन्न, गल्ला, नाज, खाद्यान्न।
  42. अनाड़ी - अकुशल, अनभिज्ञ, अपटु।
  43. अनाथ - तीम, लावारिस, बेसहारा, अनाश्रित।
  44. अनादर - अपमान, अवज्ञा, अवहेलना, अवमानना, परिभव, तिरस्कार।
  45. अनिवार्य - अत्यावश्यक, अपरिहार्य, अवश्यंभावी, परमावश्यक।
  46. अनी - कटक, दल, सेना, फौज, चमू, अनीकिनी।
  47. अनुज - छोटा भाई, अनुभ्राता, अवरज, कनिष्ठ।
  48. अनुपम - अपूर्व, अतुल, अनोखा, अनूठा, अद्वितीय, अदभुत, अनन्य।
  49. अनुभवी - तजुर्बेकार, जानकार, अनुभवप्राप्त।
  50. अनुमति - इजाजत, सहमति, स्वीकृति, अनुमोदन।
  51. अनुरोध - विनय, विनती, आग्रह, प्रार्थना।
  52. अनूठा - अदभुत, अनोखा, विलक्षण, अपूर्व।
  53. अन्न - अनाज, गल्ला, नाज, दाना।
  54. अपराधी - गुनहगार, कसूरवार, मुलजिम।
  55. अपवित्र - अशुद्ध, नापाक, अस्वच्छ, दूषित।
  56. अफवाह - गप्प, किंवदंती, जनश्रुति, जनप्रवाद।
  57. अभद्र - असभ्य, अविनीत, अकुलीन, अशिष्ट।
  58. अभिनंदन - स्वागत, सत्कार, आवभगत, अभिवादन।
  59. अभिमान - अस्मिता, अहं, अहंकार, अहंभाव, अहम्मन्यता, आत्मश्लाघा, गर्व, घमंड, दर्प, दंभ, मद, मान, मिथ्याभिमान।
  60. अमन - शांति, सुकून, सुख - चैन, अमन - चैन।
  61. अमर - चिरंजीवी, अनश्वर, अजर - अमर।
  62. अमीर - धनी, मालदार, रईस, दौलतमंद, धनवान।
  63. अमृत - सुरभोग सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक ।
  64. अरण्य - जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।
  65. अर्चना - आराधना, पूजा, पूजन, अर्चन।
  66. अर्थ - धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा।
  67. अर्थ - हय, तुरङ, वाजि, घोडा, घोटक।
  68. अलंकार - आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
  69. अलि - भौंरा, मधुकर, भ्रमर, भृंग, मिलिंद, मधुप, अलिंद।
  70. अश्व - हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, तुरग, वाजि, सैन्धव।
  71. असत्य - झूठ, मिथ्या, मृषा, असत।
  72. असभ्य - गँवार, असंस्कृत, उजड्ड।
  73. असुर - यातुधान, निशिचर, रजनीचर, दनुज, दैत्य, तमचर, राक्षस, निशाचर, दानव, रात्रिचर।
  74. अहंकार - दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
  75. अहि - साँप, नाग, फणी, फणधर, सर्प।

  1. आँख - लोचन, अक्षि, नैन, अम्बक, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि।
  2. आँगन - अँगना, अजिरा, प्राङ्गण।
  3. आँधी - तूफान, बवंडर, झंझावत, अंधड़।
  4. आंसू - नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।
  5. आईना - दर्पण, आरसी, शीशा।
  6. आकाश - आसमान, नभ, गगन, व्योम, फलक।
  7. आकाश - नभ, गगन, द्यौ, तारापथ, पुष्कर, अभ्र, अम्बर, व्योम, अनन्त, आसमान, अंतरिक्ष, शून्य, अर्श।
  8. आक्रोश - क्रोध, रोष, कोप, रिष, खीझ।
  9. आखेटक - शिकारी, बहेलिया, अहेरी, लुब्धक, व्याध।
  10. आग - पावक, अनल, अग्नि, बाड़व, वहि।
  11. आगंतुक - मेहमान, अतिथि, अभ्यागत।
  12. आचरण - चाल - चलन, बर्ताव, व्यवहार, चरित्र।
  13. आचार्य - शिक्षक, अध्यापक, प्राध्यापक, गुरु।
  14. आजादी - स्वाधीनता, स्वतंत्रता, मुक्ति।
  15. आजीविका - व्यवसाय, रोजी - रोटी, वृत्ति, धंधा।
  16. आज्ञा - हुक्म, फरमान, आदेश।
  17. आतिथ्य - मेहमानदारी, मेजबानी, मेहमाननवाजी, खातिरदारी।
  18. आत्मा - जीव, देव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण।
  19. आत्मा - रूह, जीवात्मा, जीव, अंतरात्मा।
  20. आदत - स्वभाव, प्रकृति, प्रवृत्ति।
  21. आदमी - मानव, मनुष्य, मनुज, मानुष, इंसान।
  22. आनंद - हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रसन्नता, आह्राद, प्रमोद, उल्लास।
  23. आनन - चेहरा, मुखड़ा, मुँह, मुखमंडल, मुख।
  24. आबंटन - विभाजन, वितरण, बाँट, वंटन।
  25. आबरू - सम्मान, प्रतिष्ठा, इज्जत।
  26. आम - रसाल, आम्र, अतिसौरभ, मादक, अमृतफल, चूत, सहकार, च्युत (आम का पेड़), सहुकार।
  27. आयु - उम्र,वय, जीवनकाल।
  28. आयुष्मान - दीर्घायु, दीर्घजीवी, चिरंजीवी, चिरायु।
  29. आरंभ - श्रीगणेश, शुभारंभ, प्रारंभ, शुरुआत, समारंभ।
  30. आरसी - दर्पण, आईना, मुकुर, शीशा।
  31. आवास - निवास - स्थान, घर, निलय, निकेत, निवास।
  32. आवेदन - प्रार्थना, याचना, निवेदन।
  33. आशीर्वाद - शुभकामना, आशीष, आशिष, दुआ।
  34. आश्रम - कुटी, स्तर, विहार, मठ, संघ, अखाड़ा ।

  1. इंतकाल - देहांत, निधन, मृत्यु, अंतकाल।
  2. इंदु - चाँद, चंद्रमा, चंदा, शशि, राकेश, मयंक, महताब।
  3. इंसान - मनुष्य, आदमी, मानव, मानुष।
  4. इंसाफ - न्याय, फैसला, अद्ल।
  5. इच्छा - अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, ईप्सा, स्पृहा, ईहा, वांछा, लिप्सा, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।
  6. इजाजत - स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति।
  7. इज्जत - मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।
  8. इनाम - पुरस्कार, पारितोषिक, बख्शीश।
  9. इन्द्र - सुरेश, अमरपति, वज्रधर, वज्री, शचीश, वासव, वृषा, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र, पुरंदर, देवराज, महेन्द्र, मधवा, शचीपति, मेघवाहन, पुरुहूत, यासव।
  10. इन्द्राणि - इन्द्रवधू, मधवानी, शची, शतावरी, पोलोमी।
  11. इलजाम - आरोप, लांछन, दोषारोपण, अभियोग।

  1. ईख - गन्ना, ऊख, इक्षु।
  2. ईप्सा - इच्छा, ख्वाहिश, कामना, अभिलाषा।
  3. ईमानदारी - सच्चा, सत्यपरायण, नेकनीयत, सत्यनिष्ठ।
  4. ईर्ष्या - विद्वेष, जलन, कुढ़न, ढाह।
  5. ईश्वर - परमपिता, परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता।
  6. ईसा - यीशु, ईसामसीह, मसीहा।
  7. ईहा - मनोकामना, अभिलाषा, इच्छा, आकांक्षा, कामना।
 उ
  1. उक्ति - कथन, वचन, सूक्ति।
  2. उग्र - प्रचण्ड, उत्कट, तेज, महादेव, तीव्र, विकट।
  3. उचित - ठीक, मुनासिब, वाज़िब, समुचित, युक्तिसंगत, न्यायसंगत, तर्कसंगत, योग्य।
  4. उच्छृंखल - उद्दंड, अक्खड़, आवारा, अंडबंड, निरकुंश, मनमर्जी, स्वेच्छाचारी।
  5. उजड्ड - अशिष्ट, असभ्य, गँवार, जंगली, देहाती, उद्दंड, निरकुंश।
  6. उजला - उज्ज्वल, श्वेत, सफ़ेद, धवल।
  7. उजाड - जंगल, बियावान, वन।
  8. उजाला - प्रकाश, रोशनी, चाँदनी।
  9. उज्र - ऐतराज, विरोध, आपत्ति।
  10. उत्कष - समृद्धि, उन्नति, प्रगति, प्रशंसा, बढ़ती, उठान।
  11. उत्कृष्ट - उत्तम, उन्नत, श्रेष्ठ, अच्छा, बढ़िया, उम्दा।
  12. उत्कोच - घूस, रिश्वत।
  13. उत्थान - उत्कर्ष, प्रगति, उन्नयन।
  14. उत्पति - उद्गम, पैदाइश, जन्म, उद्भव, सृष्टि, आविर्भाव, उदय।
  15. उत्साह - उमंग, जोश, उछाह।
  16. उदार - फ़राख़दिल, क्षीरनिधि, दरियादिल, दानशील, दानी।
  17. उदाहरण - मिसाल, नजीर, दृष्टांत।
  18. उद्दंड - ढीठ, अशिष्ट, बेअदब, गुस्ताख़।
  19. उद्देश्य - लक्ष्य, प्रयोजन, मकसद।
  20. उद्धार - मुक्ति, छुटकारा, निस्तार, रिहाई।
  21. उद्यान - बगीचा, बाग, वाटिका, उपवन।
  22. उन्नति - प्रगति, तरक्की, विकास, उत्कर्ष।
  23. उपकार - भेंट, नजराना, तोहफा।
  24. उपवन - बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन।
  25. उपहास - परिहास, मजाक, खिल्ली।
  26. उपानह - खड़ाऊँ, पनही, पादुका, पदत्राण।
  27. उपाय - युक्ति, साधन, तरकीब, तदबीर, यत्न, प्रयत्न।
  28. उमा - गौरी, गौरा, गिरिजा, पार्वती, शिवा, शैलजा, अपर्णा।
  29. उम्मीद - आशा, आस, भरोसा।
  30. उर - हृदय, दिल, वक्षस्थल।
  31. उरग - सर्प, साँप, नाग, फणी, फणधर, मणिधर, भुजंग।
  32. उलूक - उल्लू, चुगद, खूसट, कौशिक, घुग्घू।
  33. उषा - सुबह, भोर, भिनसार, अलस्सुबह, ब्रह्ममुहूर्त।
  34. उष्णीष - मुंड़ासा, पगड़ी, साफा, पाग, मुरेठा।

  1. ऊँचा - तुंग, उच्च, बुलंद, गगनस्पर्शी।
  2. ऊँट - करभ, उष्ट्र, लंबोष्ठ, साँड़िया।
  3. ऊखल - ओखली, उलूखल, कूँडी।
  4. ऊधम - उपद्रव, उत्पात, धूम, हुल्लड़, हुड़दंग, धमाचौकड़ी।
  5. ऊसर - अनुपजाऊ, बंजर, अनुर्वर, वंध्य।

  1. ऋक्ष - भालू, रीछ, भीलूक, भल्लाट, भल्लूक।
  2. ऋक्षेश - चंद्रमा, चंदा, चाँद, शशि, राकेश, कलाधर, निशानाथ।
  3. ऋण - कर्ज, कर्जा, उधार, उधारी।
  4. ऋतुराज - बहार, मधुमास, वसंत, ऋतुपति, मधुऋतु।
  5. ऋषभ - वृष, वृषभ, बैल, पुंगव, बलीवर्द, गोनाथ।
  6. ऋषि - साधु, महात्मा, मुनि, योगी, तपस्वी।
  7. ऋष्यकेतु - कामदेव, मकरकेतु, मकरध्वज, मदन, मनोज, मन्मथ।

  1. एकतंत्र - राजतंत्र, एकछत्र, तानाशाही, अधिनायकतंत्र।
  2. एकदंत - गणेश, गजानन, विनायक, लंबोदर, विघ्नेश, वक्रतुंड।
  3. एतबार - विश्वास, यकीन, भरोसा।
  4. एषणा - इच्छा, आकांक्षा, कामना, अभिलाषा, हसरत।
  5. एहसान - कृपा, अनुग्रह, उपकार।

  1. ऐंठ - कड़, दंभ, हेकड़ी, ठसक।
  2. ऐक्य - एकत्व, एका, एकता, मेल।
  3. ऐब - खामी, खराबी, कमी, अवगुण।
  4. ऐयार - धूर्त, मक्कार, चालाक।
  5. ऐहिक - सांसारिक, लौकिक, दुनियावी।

  1. ओंठ - ओष्ठ, अधर, लब, होठ।
  2. ओज - तेज, शक्ति, बल, चमक, कांति, दीप्ति, वीर्य।
  3. ओला - हिमगुलिका, उपल, करका, हिमोपल।
  4. ओस - नीहार, तुहिन, शबनम।
  5. ओहार - आवरण, परदा, आच्छादन।

  1. औचक - अचानक, यकायक, सहसा।
  2. औचित्य - उपयुक्तता, तर्कसंगति, तर्कसंगतता।
  3. औरत - स्त्री, जोरू, घरनी, महिला, मानवी, तिरिया, नारी, वनिता, घरवाली।
  4. औलाद - संतान, संतति, आसऔलाद, बाल - बच्चे।
  5. औषधालय - चिकित्सालय, दवाखाना, अस्पताल।

  1. कंगाल - निर्धन, गरीब, रंक, धनहीन।
  2. कंचन - स्वर्ण, सोना, कनक, कुंदन, हिरण्य।
  3. कंजूस - कृपण, सूम, मक्खीचूस।
  4. कंटक - काँटा, खार, सूल।
  5. कंदरा - गुफा, खोह, विवर, गुहा।
  6. कच - बाल, केश, कुन्तल, चिकुर, अलक, रोम, शिरोरूह।
  7. कछुआ - कच्छप, कमठ, कूर्म।
  8. कटक - फौज, सेना, पलटन, लश्कर, चतुरंगिणी।
  9. कण्ठ - ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा।
  10. कद्र - मान, सम्मान, इज्जत, प्रतिष्ठा।
  11. कपड़ा - मयुख, वस्त्र, चीर, वसन, पट, अंशु, कर, अम्बर, परिधान।
  12. कबूतर - कपोत, रक्तलोचन, पारावत, कलरव, हारिल।
  13. कमजोर - निर्बल, बलहीन, दुर्बल, मरियल, शक्तिहीन।
  14. कमल - नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।
  15. कमला - लक्ष्मी, महालक्ष्मी, श्री, हरप्रिया।
  16. कर्ज - उधार, ऋण, कर्जा, उधारी, कुसीद।
  17. कलानाथ - चंद्रमा, कलाधर, सुधाकर, सोम, सुधांशु, हिमांशु, तारापति।
  18. कल्पद्रुम - देवद्रुम, कल्पवृक्ष, पारिजात, मन्दार, हरिचन्दन।
  19. कल्याण - भलाई, परहित, उपकार, भला।
  20. कष्ट - तकलीफ, पीड़ा, वेदना, दुःख।
  21. काक - कौआ, वायस, काग, करठ, पिशुन।
  22. काग - कौआ, कागा, काक, वायस।
  23. कातिल - खूनी, हत्यारा, घातक।
  24. कान - कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल, श्रवण, श्रोत, श्रुतिपुट।
  25. कामदेव - मदन, मनोज, अनंग, आत्मभू, कंदर्प, दर्पक, पंचशर, मनसिज, काम, रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ।
  26. कामधेनु - सुरभि, सुरसुरभि, सुरधेनु।
  27. कायर - कापुरुष, डरपोक, बुजदिल।
  28. कार्तिकेय - कुमार, षडानन, शरभव, स्कन्द।
  29. काल - समय, वक्त, वेला।
  30. कालकूट - जहर, विष, गरल, हलाहल।
  31. काला - श्याम, कृष्ण, कलूटा, साँवला, स्याह।
  32. किताब - पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक।
  33. किनारा - तट, तीर, कगार, कूल, साहिल।
  34. किनारा - तीर, कूल, कगार, तट।
  35. किरण - किरन, अंशु, रश्मि, मयूख।
  36. किरण - गभस्ति, रश्मि, अंशु, अर्चि, गो, कर, मयूख, मरीचि, ज्योति, प्रभा।
  37. किरीट - ताज, मुकुट, शिरोभूषण।
  38. किश्ती - कश्ती, नाव, नौका, नैया।
  39. किसान - कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता।
  40. किस्मत - होनी, विधि, नियति, भाग्य।
  41. कीर - तोता, सुग्गा, सुआ, शुक।
  42. कीर्ति - यश, ख्याति, प्रतिष्ठा, शोहरत, प्रसिद्धि।
  43. कुंभ - घड़ा, गागर, घट, कलश।
  44. कुत्ता - श्वा, श्रवान, कुक्कुर। शुनक, सरमेव।
  45. कुद्ध - नाराज, कुपित, क्रोधित, क्रोधी।
  46. कुबेर - कित्ररेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज।
  47. कुसुम - पुष्प, फूल, प्रसून, पुहुप।
  48. कृपा - प्रसाद, करुणा, अनुकम्पा, दया, अनुग्रह।
  49. कृश - दुबला, क्षीणकाय, कमजोर, दुर्बल, कृशकाय।
  50. कृषि - किसानी, खेतीबाड़ी, काश्तकारी।
  51. कृष्ण - राधापति, घनश्याम, वासुदेव, माधव, मोहन, केशव, गोविन्द, मुरारी, नन्दनन्दन, राधारमण, दामोदर, ब्रजवल्लभ, गोपीनाथ, मुरलीधर, द्वारिकाधीश, यदुनन्दन, कंसारि, रणछोड़, बंशीधर, गिरधारी।
  52. केतन - ध्वज, झंडा, पताका, परचम।
  53. केवट - मल्लाह, माँझी, खेवैया, नाविक।
  54. केसरी - शेर, सिंह, नाहर, वनराज, मृगराज, मृगेंद्र।
  55. कोकिल - कोकिला, कोयल, पिक, श्यामा।
  56. कोयल - कोकिला, पिक, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, कुहुकिनी, वनप्रिया।
  57. कोविद - विद्वान, पंडित, विशारद।
  58. क्रूर - बेरहम, बेदर्द, बेदर्दी, बर्बर।
  59. क्रोध - रोष, कोप, अमर्ष, गुस्सा, आक्रोश, कोह, प्रतिघात।
  60. क्षिप्र - तीव्र, तेज, द्रुत, शीघ्र, तुरंत।
  61. क्षीण - कमजोर, कृश, दुर्बल, अशक्त।
  62. क्षीर - दूध, गोरस, दुग्ध।

  1. खंड - अंश, भाग, हिस्सा, टुकड़ा।
  2. खंभा - स्तूप, स्तम्भ, खंभ।
  3. खग - पक्षी, द्विज, विहग, नभचर, अण्डज, शकुनि, पखेरू।
  4. खटमल - मत्कुण, खटकीट, खटकीड़ा।
  5. खद्योत - जुगनू, सोनकिरवा, पटबिजना, भगजोगिनी।
  6. खर - गधा, गर्दभ, खोता, रासभ, वैशाखनंदन।
  7. खरगोश - शशक, शशा, खरहा।
  8. खल - दुष्ट, बदमाश, दुर्जन, गुंडा।
  9. खलक - दुनिया, जगत, जग, विश्व, जहान।
  10. खादिम - नौकर, चाकर, भृत्य, अनुचर।
  11. खाना - भोज्य सामग्री, खाद्यय वस्तु, आहार, भोजन।
  12. खाविंद - पति, मियाँ, भर्तार, बालम, साजन, सैयाँ।
  13. खिल्ली - मखौल, ठिठोली, उपहास।
  14. खुदगर्ज - स्वार्थी, मतलबी, स्वार्थपरायण।
  15. खुदा - राम, रहीम, रहमान, अल्लाह, परवरदिगार।
  16. खून - रक्त, लहू, शोणित, रुधिर।
  17. खौफ - डर, भय, दहशत, भीति।

  1. गँवार - अशिष्ट, असभ्य, उजड्ड।
  2. गंगा - देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, जाह्नवी, सुरसरि, अमरतरंगिनी, विष्णुपदी, नदीश्वरी, त्रिपथगा।
  3. गंगा - भगीरथी, मंदाकिनी,सुरसरिता, देवनदी, जाहनवी।
  4. गऊ - गैया, गाय, धेनु।
  5. गगन - आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष।
  6. गज - हाथी, गय, गयंद, गजेंद्र, मतंग, मराल, फील।
  7. गज - हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल ।
  8. गजानन - गणेश, एकदंत, विनायक, विनायक, विघ्नेश, लंबोदर।
  9. गणेश - विनायक, गजानन, गौरीनंदन, मूषकवाहन, गजवदन, विघ्रनाशक, भवानीनन्दन, विघ्रराज, मोदकप्रिय, मोददाता, गणपति, गणनायक, शंकरसुवन, लम्बोदर, महाकाय, एकदन्त।
  10. गणेश - विनायक, गणपति, लंबोदर, गजानन्।
  11. गदहा - खर, गर्दभ, धूसर, रासभ, बेशर, चक्रीवान, वैशाखनन्दन।
  12. गन्ना - ईख, इक्षु, उक्षु, ऊख।
  13. गरदन - गला, कंठ, ग्रीवा, गलई।
  14. गरुड़ - खगेश, पत्रगारि, उरगारि, हरियान, वातनेय, खगपति, सुपर्ण, विषमुख।
  15. गर्मी - ताप, ग्रीष्म, ऊष्मा, गरमी, निदाघ।
  16. गल्ला - अन्न, अनाज, फसल, खाद्यान्न।
  17. गाँव - ग्राम, देहात, खेड़ा, पुरवा, टोला।
  18. गाथा - कथा, कहानी, किस्सा, दास्तान।
  19. गाना - गान, गीत, नगमा, तराना।
  20. गाफिल - बेखबर, बेपरवाह, असावधान।
  21. गाय - गौ, धेनु, सुरभि, भद्रा, दोग्धी, रोहिणी।
  22. गिरि - पहाड़, मेरु, शैल, महीधर, धराधर, भूधर।
  23. गिरिराज - हिमालय, पर्वतराज, पर्वतेश्वर, शैलेंद्र, गिरीश, गिरींद्र।
  24. गीदड़ - श्रृंगाल, सियार, जंबुक।
  25. गुनाह - अपराध, कसूर, खता, दोष।
  26. गुरु - शिक्षक, आचार्य, उपाध्याय।
  27. गुलामी - दासता, परतंत्रता, परवशता।
  28. गृह - घर, सदन, गेह, भवन, धाम, निकेतन, निवास, आगार, आयतन, आलय, आवास, निलय, मंदिर।
  29. गेहूँ - कनक, गोधूम, गंदुम।
  30. गोद - अंक, क्रोड़, गोदी।
  31. गोधूलि - साँझ, संध्या, शाम, सायंकाल।
  32. ग्रामीण - ग्राम्य, ग्रामवासी, देहाती।
  33. ग्राह - मगरमच्छ, घड़ियाल, मगर, झषराज।

  1. घट - घड़ा, कलश, कुम्भ, निप।
  2. घटना - हादसा, वारदात, वाक्या।
  3. घन - मेघ, बादल, घटा, अंबुद, अंबुधर।
  4. घपला - गड़बड़ी, गोलमाल, घोटाला।
  5. घमंड - दंभ, दर्प, गर्व, गरूर, गुमान, अभिमान, अहंकार।
  6. घर - आलय, आवास, गेह, गृह, निकेतन, निलय, निवास, भवन, वास, वास - स्थान, शाला, सदन।
  7. घास - तृण, दूर्वा, दूब, कुश, शाद।
  8. घुड़सवार - अश्वारोही, तुरंगी, तुरंगारूढ़।
  9. घुमक्कड़ - भ्रमणशील, पर्यटक, यायावर।
  10. घूँस - घूस, रिश्वत, उत्कोच।
  11. घृत - घी, अमृत, नवनीत।
  12. घोड़ा - तुरंग, हय, घोट, घोटक, अश्व।
  1. चंट - चालाक, घाघ, काइयाँ।
  2. चंडी - दुर्गा, अंबा, काली, कालिका, जगदंबिका, भगवती।
  3. चंदन - गंधराज, गंधसार, मलयज।
  4. चंद्रमा - चाँद, हिमांशु, इंदु, सुधांशु, विधु, तारापति, चन्द्र, शशि, कलाधर, निशाकर, मृगांक, राकापति, हिमकर, राकेश, रजनीश, निशानाथ, सोम, मयंक, सारंग, सुधाकर, कलानिधि।
  5. चंद्रशेखर - महादेव, शिव, शंभु, शंकर, महेश्वर, नीलकंठ, आशुतोष।
  6. चक्षु - नैन, आँख, दीदा, लोचन, नेत्र, नयन।
  7. चतुर - विज्ञ, निपुण, नागर, पटु, कुशल, दक्ष, प्रवीण, योग्य।
  8. चतुरानन - विधाता, ब्रह्मा, सृष्टा, सृष्टिकर्ता।
  9. चना - चणक, रहिला, छोला।
  10. चन्द्र - चाँद, सुधांशु, सुधाधर, राकेश, सारंग, निशाकर, निशापति, रजनीपति, मृगांक, कलानिधि, हिमांशु, इंदु, सुधाकर, विधु, शशि, चंद्रमा, तारापति।
  11. चन्द्रिका - चाँदनी, ज्योत्स्ना, कौमुदी।
  12. चरण - पद, पग, पाँव, पैर, पाद।
  13. चर्मकार - मोची, चमार, पादुकाकार।
  14. चाँदनी - चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रमरीचि, उजियारी, चन्द्रप्रभा, जुन्हाई।
  15. चाँदी - रजत, सौध, रूपा, रूपक, रौप्य, चन्द्रहास।
  16. चारबाग - बाग, बगीचा, उपवन, उद्यान।
  17. चारु - कमनीय, मनोहर, आकर्षक, खूबसूरत।
  18. चावल - तंदुल, धान, भात।
  19. चिट्ठी - पत्र, पाती, खत।
  20. चिराग - दीया, दीपक, दीप, शमा।
  21. चूहा - मूसा, मूषक, मुसटा, उंदुर।
  22. चेरी - दासी, सेविका, बाँदी, नौकरानी, अनुचरी।
  23. चेला - शागिर्द, शिष्य, विद्यार्थी।
  24. चेहरा - शक्ल, आनन, मुख, मुखड़ा।
  25. चोटी - मूर्धा, शीश, सानु, शृंग।
  26. चोर - तस्कर, दस्यु, रजनीचर, मोषक, कुम्भिल, खनक, साहसिक।
  27. चोरी - स्तेय, चौर्य, मोष, प्रमोष।
  28. चौकन्ना - सचेत, सजग, सावधान, जागरूक, चौकस।
  29. चौकीदार - प्रहरी, पहरेदार, रखवाला।
  30. चौमासा - वर्षाकाल, वर्षाऋतु, बरसात।

  1. छँटनी - कटौती, छँटाई, काट - छाँट।
  2. छटा - शोभा, छवि, सुंदरता, खूबसूरती।
  3. छतरी - छत्र, छाता, छत्ता।
  4. छल - दगा, ठगी, फरेब, छलावा।
  5. छली - छलिया, कपटी, धोखेबाज।
  6. छवि - शोभा, सौंदर्य, कान्ति, प्रभा।
  7. छाछ - मही, मठा, मठ्ठा, लस्सी, छाछी।
  8. छाती - सीना, वक्ष, उर, वक्षस्थल।
  9. छानबीन - जाँच, पूछताछ, खोज, अन्वेषण, शोध, गवेषण।
  10. छींटाकशी - ताना, व्यंग्य, फब्ती, कटाक्ष।
  11. छुटकारा - मुक्ति, रिहाई, निजात।
  12. छेरी - बकरी, छागी, अजा।
  13. छैला - सजीला, बाँका, शौकीन।
  14. छोर - नोक, कोर, किनारा, सिरा।

  1. जंग - लड़ाई, संग्राम, समर, युद्ध।
  2. जंगल - विपिन, कानन, वन, अरण्य, गहन, कांतार, बीहड़, विटप।
  3. जईफी - वृद्धावस्था, बुढ़ापा, बुजुर्गी।
  4. जगत - संसार, विश्व, जग, जगती, भव, दुनिया, लोक, भुवन।
  5. जत्था - गुट, दल, समूह, टोली, गिरोह।
  6. जनक - तात, बाप, पिता, बप्पा, बापू, वालिद।
  7. जननी - माँ, माता, मम्मी, अम्मा, वालिदा।
  8. जन्नत - स्वर्ग, सुरधाम, बैकुंठ, सुरलोक, हरिधाम।
  9. जन्मांध - सूरदास, अंधा, आँधरा, नेत्रहीन।
  10. जबह - वध, हत्या, कत्ल, खून।
  11. जमाई - दामाद, जामाता, जँवाई।
  12. जमीन - धरती, भू, भूमि, पृथ्वी, धरा, वसुंधरा।
  13. जम्हूरियत - प्रजातंत्र, लोकतंत्र, लोकशाही, जनताशासन।
  14. जय - जीत, फतह, विजय।
  15. जरठ - वृद्ध, बुड्ढा, बूढ़ा।
  16. जल - मेघपुष्प, अमृत, सलिल, वारि, नीर, तोय, अम्बु, उदक, पानी, जीवन, पय, पेय।
  17. जलाशय - तालाब, तलैया, ताल, पोखर, सरोवर।
  18. जवान - तरुण, युवक, नौजवान, नौजवाँ, युवा।
  19. जवानी - युवावस्था, यौवन, तारुण्य, तरुणाई।
  20. जहन्नुम - नरक, दोजख, यमपुरी, यमलोक।
  21. जहर - गरल, कालकूट, माहुर, विष ।
  22. जहाज - पोत, जलयान।
  23. जहाज - पोत, बेड़ा, जलयान, जलपोत।
  24. जहीन - बुद्धिमानी, अक्लमंद, मेधावी, मेधावान, तीक्ष्ण बुद्धि।
  25. जाँघ - उरु, जानु, जघन, जंघा, रान।
  26. जाई - बेटी, कन्या, पुत्री, लड़की।
  27. जानकी - सीता, वैदही, जनकसुता, मिथिलेशकुमारी, जनकतनया, जनकात्मजा।
  28. जासूस - गुप्तचर, भेदिया, खुफिया।
  29. जिंदगी - जिंदगानी, जीवन, हयात।
  30. जिल्लत - अपमान, तिरस्कार, अनादर, तौहीन, बेइज्जती।
  31. जिस्म - देह, बदन, शरीर, काया, वपु।
  32. जीभ - रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान।
  33. जीव - रूह, प्राण, आत्मा, जीवात्मा।
  34. जीविका - रोजी - रोटी, रोजी, आजीविका, वृत्ति।
  35. जुल - धोखा, फरेब, दगा, छल।
  36. जुलाहा - बुनकर, कोली, कोरी।
  37. जेवर - गहना, अलंकार, भूषण, आभरण, मंडल।
  38. जोहड़ - तालाब, तलैया, तड़ाग, सरोवर, जलाशय।
  39. ज्ञानी - विद्वान, सुविज्ञ, आलिम, विवेकी, ज्ञानवान।
  40. ज्योति - आभा, छवि, द्युति, दीप्ति, प्रभा, भा, रुचि, रोचि।
  41. ज्योत्स्ना - चाँदनी, चंद्रप्रभा, कौमुदी, जुन्हाई।

  1. झंझा - अंधड़, आँधी, बवंडर, झंझावत, तूफान।
  2. झण्डा - ध्वजा, पताका, केतु।
  3. झरना - उत्स, स्रोत, प्रपात, निर्झर, प्रस्त्रवण।
  4. झाँसा - दगा, धोखा, फरेब, ठगी।
  5. झींगुर - घुरघुरा, झिल्ली, जंजीरा, झिल्लिका।
  6. झूठ - असत्य, मिथ्या, मृषा, अनृत।


  1. टंटा - झगड़ा, लफ़ड़ा, पचड़ा, झंझट।
  2. टक्कर - मुठभेड़, लड़ाई, मुकाबला।
  3. टसुआ - अश्क, अश्रु, आँसू।
  4. टहनी - डाल, डाली, वृंत, उपशाखा, प्रशाखा।
  5. टहल - सेवा, परिचर्या, खिदमत, सुश्रूषा।
  6. टहलुआ - नौकर, सेवक, खिदमतगार।
  7. टाँग - पाँव, पैर, टंक।
  8. टीका - तिलक, चिह्न, दाग, धब्बा।
  9. टेर - बुलावा - गुहार, पुकार, आह्वान।
  10. टोना - टोटका, जादू, यंत्रमंत्र, लटका।

  1. ठंड - ठंड, शीत, सर्दी।
  2. ठग - छली, छलिया, फ़रेबी, वंचक, धूर्त, धोखेबाज।
  3. ठटरी - कंकाल, पंजर, अस्थिपंजर, ठठरी।
  4. ठठोली - मजाक, परिहास, ठट्ठा, ठिठोली, दिल्लगी।
  5. ठन - ठन गोपाल - निर्धन, गरीब, दरिद्र, अकिंचन।
  6. ठहाका - कहकहा, अट्टहास, खिलखिलाना।
  7. ठाँव - स्थान, जगह, ठिकाना।
  8. ठाकुरद्वारा - मंदिर, देवालय, शिवाला, देवस्थान।
  9. ठाली - बेरोजगार, ठलुआ, बेकार।
  10. ठिंगना - बौना, वामन, नाटा।
  11. ठिल्ली - गगरी, गागर, घड़ा, मटकी।
  12. ठीक - उपयुक्त, उचित, मुनासिब।
  13. ठुड्डी - ठुड्डी, हनु, चिबुक, ठोड़ी।
  14. ठेठ - निपट, निरा, बिल्कुल।
  15. ठेस - चोट, आघात, धक्का।

  1. डंका - नगाड़ा, भेरी, दुंदभि, धौंसा।
  2. डंडा - सोंटा, छड़ी, लाठी।
  3. डंस - मच्छर, मस, डाँस, मच्छड़।
  4. डगर - राह, रास्ता, पथ, मार्ग, पंथ।
  5. डर - खौफ, भय, दहशत, भीति।
  6. डाकू - दस्यु, लुटेरा, डकैत, बटमार, राहजन।
  7. डाल - डाली, टहनी, वृंत, शाखा।
  8. डाली - भेंट, उपहार।
  9. डाह - द्वेष, ईर्ष्या, जलन, कुढ़न।
  10. डोली - पालकी, डोला, मियाना।

  1. ढँग - शऊर, सलीका, कायदा, तौरतरीका।
  2. ढब - ढंग, रीति, तरीका, ढर्रा।
  3. ढाँचा - पंजर, ठठरी।
  4. ढिंढोरा - मुनादी, ढँढोरा, डुगडुगी, डौंड़ी।
  5. ढिग - समीप, निकट, पास, आसन्न।
  6. ढिबरी - दीया, चिराग, डिबिया, लैंप।
  7. ढीठ - धृष्ट, उद्दंड, दुस्साहसी।
  8. ढील - शिथिलता, सुस्ती, अतत्परता।
  9. ढूँढ - खोज, तलाश।
  10. ढोंग - पाखंड, प्रपंच, आडम्बर, ढोंगबाजी।
  11. ढोर - चौपाया, मवेशी।
  12. ढोल - ढोलकी, ढोलक, पटह, प्रणव।

  1. तंगदस्त - तंगहाल, गरीब, फटेहाल, निर्धन।
  2. तंज - कटाक्ष, ताना, व्यंग्य, फबती, छींटाकशी।
  3. तंदुल - धान, चावल, अक्षत, चाउर।
  4. तकदीर - किस्मत, मुकद्दर, नसीब, भाग्य, प्रारब्ध।
  5. तट - कगार, किनारा, कूल, तीर, साहिल।
  6. तटिनी - नदी, सरिता, दरिया, सलिला, तरंगिणी।
  7. तड़ाग - जलाशय, सरोवर, तालाब, पोखर।
  8. तड़ित - विद्युत, बिजली, दामिनी, सौदामिनी, गाज।
  9. तथागत - बुद्ध, सिद्धार्थ, बोधिसत्व, गौतम।
  10. तदबीर - तरकीब, उपाय, युक्ति।
  11. तन - काया, देह, शरीर, बदन, तनु।
  12. तपस्वी - तापस, मुनि, संन्यासी, तपसी, बैरागी।
  13. तपेदिक - टी.बी., दिक, यक्ष्मा, राजयक्ष्मा।
  14. तबाह - ध्वस्त, नष्ट, बरबाद।
  15. तम - अँधेरा, अंधकार, तिमिर, अँधियारा।
  16. तमा - रजनी, रात, निशा, रात्रि।
  17. तमारि - सूरज, सूर्य, दिवाकर, दिनकर, आदित्य, भानु, भास्कर।
  18. तरकस - तूण, तूणीर, त्रोण, निषंग, इषुधी।
  19. तरनी - नौका, नाव, किश्ती, नैया।
  20. तरुण - युवक, युवा, जवान, नौजवान।
  21. तरुणाई - युवावस्था, यौवन, जवानी, जोबन।
  22. तरुवर - वृक्ष, पेड़, द्रुम, तरु, विटप, रूंख, पादप।
  23. तलवार - असि, कृपाण, करवाल, खड्ग, शमशीर चन्द्रहास।
  24. तहजीब - संस्कृति, सभ्यता, तमद्दुन।
  25. तामरस - कमल, पंकज, सरसिज, नीरज, पुण्डरीक, इन्दीवर।
  26. तालाब - सरोवर, जलाशय, सर, पुष्कर, ह्रद, पद्याकर , पोखरा, जलवान, सरसी, तड़ाग।
  27. तिजारत - व्यवसाय, व्यापार, सौदागरी।
  28. तिमिर - तम, अंधकार, अंधेरा, तमिस्त्रा।
  29. तिरिया - स्त्री, औरत, महिला, ललना।
  30. तीमारदारी - सेवाटहल, परिचर्या, सेवासुश्रूषा।
  31. तीर - शर, बाण, विशिख, शिलीमुख, अनी, सायक।
  32. तुरंग - घोड़ा, अश्व, हय, घोटक, तुरग।
  33. तुला - तराजू, काँटा, धर्मकाँटा।
  34. तोता - सुग्गा, शुक, सुआ, कीर, रक्ततुण्ड, दाड़िमप्रिय।
  35. त्वचा - चर्म, चमड़ा, चमड़ी, खाल।

  1. थंभ - खंभ, खंभा, स्तम्भ।
  2. थकान - थकावट, श्रांति, क्लांति।
  3. थप्पड़ - तमाचा, झापड़।
  4. थल - स्थान, स्थल, भूमि, जगह।
  5. थवई - राज, राजगीर, मिस्त्री, राजमिस्त्री।
  6. थाक - ढेर, समूह।
  7. थाती - जमापूँजी, धरोहर, अमानत।
  8. थोड़ा - अल्प, न्यून, जरा, कम।
  9. थोथा - सारहीन, खोखला, खाली।
  10. थोबड़ा - मुखड़ा, मुँह, थूथन।

  1. दंगल - कुश्ती, मल्लयुद्ध, पहलवानी, बाहुयुद्ध।
  2. दक्ष - निपुण, प्रवीण, चतुर, कुशल, होशियार।
  3. दधि - दही, गोरस, मट्ठा, तक्र।
  4. दनुज - असुर, दानव, दैत्य, राक्षस, निशाचर।
  5. दम - ताकत, बल, शक्ति, दमखम।
  6. दया - अनुकंपा, अनुग्रह, करुणा, कृपा, प्रसाद, संवेदना, सहानुभूति, सांत्वना।
  7. दर - भाव, मूल्य, रेट, कीमत।
  8. दरख्त - वृक्ष, तरु, पेड़, विटप, द्रुम।
  9. दरिद्र - निर्धन, ग़रीब, रंक, कंगाल, दीन।
  10. दरियादिल - उदार, दानी, दानशील, फ़राख़दिल।
  11. दरीचा - खिड़की, गवाक्ष, झरोखा।
  12. दर्पण - शीशा, आरसी, आईना, मुकुर।
  13. दशकंधर - दशानन, लंकापति, दशकंठ, रावण।
  14. दशरथ - अवधेश, कौशलपति, दशस्यंदन, रावण।
  15. दस्तूर - रीति - रिवाज, प्रथा, परंपरा, चलन।
  16. दाँत - दशन, रदन, रद, द्विज, दन्त, मुखखुर।
  17. दादा - पितामह, बाबा, आजा।
  18. दादुर - मेंढक, मंडूक, भेक।
  19. दारा - बीवी, पत्नी, अर्धांगिनी, वामांगिनी, गृहणी।
  20. दास - नौकर, चाकर, सेवक, परिचारक, अनुचर, भृत्य, किंकर।
  21. दिन - दिवस, याम, दिवा, वार, प्रमान, वासर, अह्न।
  22. दिनकर - सूरज, सूर्य, भानु, भास्कर, दिवाकर, रवि, दिवेश, दिनेश।
  23. दिवंगत - स्वर्गीय, मृत, मरहूम, परलोकवासी।
  24. दीदा - नेत्र, नयन, आँख, चक्षु।
  25. दीन - ग़रीब, दरिद्र, रंक, अकिंचन, निर्धन, कंगाल।
  26. दीपक - दीप, दीया, प्रदीप।
  27. दुःख - पीड़ा, कष्ट, व्यथा, वेदना, संताप, संकट, क्लेश, यातना, यन्तणा, शोक, खेद, पीर,।
  28. दुनिया - जग, जगत, खलक, जहान, विश्व, संसार, भव।
  29. दुर्गा - चंडिका, भवानी, कुमारी, कल्याणी, सिंहवाहिनी, कामाक्षी, सुभद्रा, महागौरी, कालिका, शिवा, चण्डी, चामुण्डा।
  30. दुर्गुण - अवगुण, ऐब, बुराई, खामी।
  31. दुर्जन - दुष्ट, खल, शठ, असज्जन।
  32. दुर्भिक्ष - अकाल, दुकाल, दुष्काल, सूखा।
  33. दुर्लभ - अलभ्य, दुष्प्राप्य, अप्राप्य।
  34. दुविधा - कशमकश, पशोपेश, असमंजस, अनिश्चय।
  35. दुश्मन - रिपु, वैरी, अरि, शत्रु, बैरी।
  36. दुष्कर - कठिन, दुसाध्य, दूभर, मुश्किल।
  37. दुष्ट - पापी, नीच, दुर्जन, अधम, खल, पामर।
  38. दूध - दुग्ध, दोहज, पीयूष, क्षीर, पय, गौरस, स्तन्य।
  39. देव - अमर, देवता, सुर, निर्जर, वृन्दारक, आदित्य।
  40. देवता - सुर, देव, अमर, वसु, आदित्य, निर्जर, त्रिदश, गीर्वाण, अदितिनंदन, अमर्त्य, अस्वप्न, आदितेय, दैवत, लेख, अजर, विबुध।
  41. देश - राष्ट्र, राज्य, मुल्क।
  42. देशज - देशजात, देशीय, देशी, मुल्की, वतनी।
  43. देशाटन - यात्रा, विहार, पर्यटन, देशभ्रमण।
  44. देह - काया, तन, शरीर, वपु, गात।
  45. देहाती - ग्रामवासी, ग्रामीण, ग्राम्य।
  46. दैत्य - असुर, इंद्रारि, दनुज, दानव, दितिसुत, दैतेय, राक्षस।
  47. द्रव्य - धन, वित्त, सम्पदा, विभूति, दौलत, सम्पत्ति।
  48. द्राक्षा - अंगूर, दाख, रसा, रसाला।
  49. द्वेषी - विद्वेषी, ईर्ष्यालु, विरोधी।
  50. द्वैत - जोड़ा, युगल, द्वय, यमल, युग, युति।
  51. द्वैपायन - वेदव्यास, व्यास, पाराशर, कृष्ण।

  1. धंधा - आजीविका, उद्योग, कामधंधा, व्यवसाय।
  2. धन - दौलत, संपत्ति, सम्पदा, वित्त।
  3. धनंजय - अर्जुन, सव्यसाची, पार्थ, गुड़ाकेश, बृहन्नला।
  4. धनु - धनुष, पिनाक, शरासन, कोदंड, कमान, धनुही।
  5. धनुष - चाप्, शरासन, कमान, कोदंड, पिनाक, सारंग, धनु।
  6. धरती - धरा, धरती, वसुधा, ज़मीन, पृथ्वी, भू, भूमि, धरणी, वसुंधरा, अचला, मही, रत्नवती, रत्नगर्भा।
  7. धराधर - पर्वत, पहाड़, शैल, मेरु, महीधर, भूधर।
  8. धराधीश - सम्राट, शहंशाह, नृप, नरेश, महीप, महीपति।
  9. धात्री - धाय, उपमाता, आया, दाई।
  10. धान - चावल, चाउर, तंदुल, शालि, व्रीहि।
  11. धी - अक्ल, दिमाग, बुद्धि, मति, प्रज्ञा, मेधा, विवेक।
  12. धीरज - सब्र, संतोष, तसल्ली, धैर्य, दिलासा।
  13. धीवर - मछुहारा, मछुआरा, मत्स्यजीवी।
  14. धेनु - गऊ, गाय, गैया, गौ, गोमाता, सुरभि।
  15. ध्येय - प्रयोजन, अभिप्राय, लक्ष्य, मकसद, उद्देश्य।
  16. ध्वज - झंडा, ध्वजा, केतन, केतु।
  17. ध्वनि - नाद, रव, स्वर, ताल, आवाज।

  1. नंदकुमार - नंदलाल, नंदकिशोर, नंदनंदन, कृष्ण, मुरारी, मोहन।
  2. नंदिनी - बेटी, पुत्री, अंगजा, तनुजा, सुता, धी, दुहिता।
  3. नक्षत्र - उडु, तारिका, नखत, जुन्हाई।
  4. नगपति - हिमालय, पर्वतराज, पर्वतेश्वर, नगेश, नगेंद्र, शैलेन्द्र।
  5. नजीर - मिसाल, दृष्टांत, उदाहरण।
  6. नदी - तनूजा, सरित, शौवालिनी, स्रोतस्विनी, आपगा, निम्रगा, कूलंकषा, तटिनी, सरि, सारंग, जयमाला, तरंगिणी, दरिया, निर्झरिणी।
  7. नया - नूतन, नव, नवीन, नव्य।
  8. नर - जन, मानव, मनुष्य, पुरुष, मर्त्य, मनुज।
  9. नर्क - यमलोक, यमपुर, नरक, यमालय।
  10. नशेमन - होंसला, आशियाना, नीड़।
  11. नश्वर - नाशवान, फानी, क्षयी, क्षर, भंगुर, मर्त्य।
  12. नसीहत - शिक्षा, सीख, उपदेश।
  13. नसैनी - जीना, सीढ़ी, सोपान।
  14. नाऊ - हज्जाम, हजाम, क्षौरकार, नाई, नाऊठाकुर।
  15. नाग - विषधर, भुजंग, अहि, उरग, काकोदर, फणीश, सारंग, व्याल, सर्प, साँप।
  16. नामर्द - क्लीव, नपुंसक, पुंसत्वहीन।
  17. नारी - स्त्री, वनिता, महिला, मानवी।
  18. नाविक - केवट, खेवट, मल्लाह, खिवैया।
  19. नाहर - शेर, सिंह, मृगराज, मृगेंद्र, केसरी, केहरी।
  20. निंदा - दोषारोपण, फटकार, बुराई, भर्त्सना।
  21. निभृत - एकांत, निर्जन, जनशून्य, विजन, वीरान, सुनसान।
  22. नियम - उसूल, सिद्धांत, विधि, रीति।
  23. निरक्षर - अनपढ़, अपढ़, अशिक्षित, लाइल्म।
  24. निराला - अनूठा, अनोखा, अपूर्व, अद्भुत, अद्वितीय।
  25. निवेदन - विनय, अनुनय, विनती, प्रार्थना, गुजारिश, इल्तजा।
  26. निशा - रात्रि, रैन, रात, निशि, विभावरी।
  27. निष्ठुर - निर्दयी, निर्मम, संगदिल, क्रूर, कठोर।
  28. नीरस - फीका, बेरस, बेजायका, अस्वाद।
  29. नूतन - नव, नवल, नव्य, नवीन।
  30. नूर - आभा, आलोक, कांति, तेज, प्रकाश।
  31. नेत्र - चक्षु, लोचन, नयन, अक्षि, चख, आँख।
  32. नौकर - भृत्य, चाकर, किंकर, मुलाजिम, खादिम।
  33. नौका - नाव, तरिणी, जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, तरी, पतंग।
  34. न्यौता - निमंत्रण, आमंत्रण, बुलावा।

  1. पंक - कीचड़, कीच, कर्दम, चहला।
  2. पंकज - कमल, राजीव, पद्म, सरोज, नलिन, जलज।
  3. पंख - डैना, पक्ष, पर, पखौटा, पाँख।
  4. पंगु - अपाहिज, लंगड़ा, विकलांग, अपंग।
  5. पक्षी - खेचर, दविज, पतंग, पंछी, खग, विहग, परिन्दा, शकुन्त, अण्डज, चिडिया, गगनचर, पखेरू, विहंग, नभचर।
  6. पण्डित - सुधी, विद्वान, कोविद, बुध, धीर, मनीषी, प्राज्ञ, विचक्षण।
  7. पति - भर्ता, वल्लभ, स्वामी, प्राणाधार, प्राणप्रिय, प्राणेश, आर्यपुत्र।
  8. पत्ता - पत्ती, पात, पाती, पल्लव, पर्ण।
  9. पत्थर - पाहन, पाषाण, प्रस्तर, उपल।
  10. पत्नी - भार्या, दारा, बेगम, कलत्र, प्राणप्रिया, वधू, वामा, अर्धांगिनी, सहधर्मिणी, गृहणी, बहु, वनिता, जोरू, वामांगिनी।
  11. पथ - मग, मार्ग, राह, पंथ, रास्ता।
  12. पथिक - राही, राहगीर, यात्री, बटोही, मुसाफिर, पंथी।
  13. परवाना - फतिंगा, पतंगा, शलभ, फुनगा, भुनगा।
  14. परिणति - नतीजा, अंजाम, फल, परिणाम।
  15. परिणय - शादी, विवाह, ब्याह, पाणिग्रहण।
  16. परिवर्तन - बदलाव, हेरफेर, तबदीली, फेरबदल।
  17. परिवार - कुटुंब, कुनबा, खानदान, घराना।
  18. परोपकार - परहित, भलाई, नेकी, परकाज, परमार्थ, परार्थ।
  19. पर्जन्य - बादल, मेघ, घनश्याम, नीरद, वारिद, जलद।
  20. पर्याय - समानार्थी, एकार्थी, एकार्थवाची।
  21. पर्वत - पहाड़, गिरि, अचल, भूमिधर, तुंग आद्रि, शैल, धरणीधर, धराधर, नग, भूधर, महीधर।
  22. पलटन - सेना, आर्मी, लश्कर, चमू, फौज।
  23. पवन - वायु, हवा, समीर, वात, मारुत, अनिल, पवमान, समीरण, स्पर्शन।
  24. पहेली - प्रहेलिका, मुअम्मा, मुकरी, कूटप्रश्न, बुझौवल।
  25. पाठशाला - स्कूल, विद्यापीठ, विद्यालय, मदरसा।
  26. पातक - पाप, गुनाह, अघ, कल्मष।
  27. पानी - जल, नीर, सलिल, अंबु, अंभ, उदक, तोय, जीवन, वारि, पय, अमृत, मेघपुष्प, सारंग।
  28. पार्वती - अपर्णा, अंबिका, आर्या, उमा, गौरी, गिरिजा, भवानी, रुद्राणी, शिवा।
  29. पावस - वर्षाकाल, वर्षाऋतु, बारिस।
  30. पाशविक - अमानवीय, बर्बर, क्रूर, अमानुषिक, पैशाचिक।
  31. पाहुना - मेहमान, अतिथि, पाहुन, अभ्यागत।
  32. पिक - कोयल, कोकिला, कोयलिया।
  33. पिता - जनक, तात, पितृ, बाप।
  34. पुत्र - बेटा, लड़का, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन।
  35. पुत्री - बेटी, आत्मजा, तनूजा, दुहिता, नन्दिनी, लड़की, सुता, तनया।
  36. पुष्प - फूल, सुमन, कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुहुप।
  37. पृथ्वी - धरा, धरती, भू, इला, उर्वी, धरित्री, धरणी, अवनि, मेदिनी, क्षिति, मही, वसुंधरा, वसुधा, जमीन, भूमि।
  38. पृष्ठ - पेज, वर्क, सफहा, सफा, पन्ना।
  39. पेड़ - तरु, द्रुम, वृक्ष, पादप, रुक्ष।
  40. पैर - पाँव, पद, चरण, पाद, पग।
  41. पौ - सवेरा, सुबह, भोर, प्रातः।
  42. पौरस्त्य - पूरबी, पूर्वी, प्राच्य, मशरिक़ी।
  43. प्रकाश - ज्योति, चमक, प्रभा, छवि, द्युति।
  44. प्रजा - जनता, रिआया, रैयत, परजा।
  45. प्रतिदिन - रोजाना, हर दिन, हर रोज, रोज, रोज - रोज।
  46. प्रतियोगिता - स्पर्धा, प्रतिस्पर्धा, मुकाबला, होड़।
  47. प्रवाद - अफवाह, किंवदंती, जनश्रुति।
  48. प्रहरी - द्वारपाल, पहरेदार, प्रतिहारी, दरबान, चौकीदार।
  49. प्राज्ञ - विद्वान, महाज्ञानी, बुद्धिमान, चतुर।
  50. प्रासाद - महल, राजमहल, राजनिवास, राजभवन।
  51. प्रेक्षागृह - नाट्यगृह, छविगृह, नाट्यशाला, रंगशाला, रंगभूमि, रंगस्थली।

  1. फ़ख - गौरव, नाज, गर्व, अभिमान।
  2. फजर - भोर, सवेरा, प्रभात, सहर, सकार।
  3. फतह - सफलता, विजय, जीत, जफर।
  4. फरमान - हुक्म, राजादेश, राजाज्ञा।
  5. फल - फलम, बीजकोश।
  6. फलक - आसमान, आकाश, गगन, नभ, व्योम।
  7. फसल - शस्य, पैदावार, उपज, खिरमन, कृषि - उत्पाद।
  8. फालिज - पक्षाघात, अर्धांग, अधरंग, अंगघात।
  9. फितरत - स्वभाव, प्रकृति, प्रवृत्ति, मनोवृत्ति, मिजाज।
  10. फूट - मतभेद, मनमुटाव, अनबन, परस्पर, कलह।
  11. फूल - पुष्प, सुमन, कुसुम, गुल, प्रसून।

  1. बंकिम - बाँका, तिरछा, वक्र, बंक, आड़ा।
  2. बंजर - अनुपजाऊ, अनुर्वर, ऊसर।
  3. बंदीगृह - कारागृह, कारागार, कारावास, कैदखाना, जेल।
  4. बंधु - भ्राता, भाई, सहोदर, अग्रज, अनुज।
  5. बख़ील - कंजूस, मक्खीचूस, कृपण, खसीस, सूम, मत्सर।
  6. बगीचा - बाग़, वाटिका, उपवन, उद्यान, फुलवारी, बगिया।
  7. बजरंगबली - हनुमान, वायुपुत्र, केसरीनंदन, पवनपुत्र, बज्रांगी, महावीर।
  8. बटमार - डाकू, लुटेरा, राहजन।
  9. बटोही - मुसाफिर, राही, राहगीर, पथिक, पंथी, यात्री।
  10. बन्दर - वानर, कपि, कपीश, मर्कट, कीश, शाखामृग, हरि।
  11. बलदेव - बलराम, बलभद्र, हलायुध, राम, मूसली, रोहिणेय, संकर्षण।
  12. बहुत - अनेक, अतीव, अति, बहुल, भूरि, बहु, प्रचुर, अपरिमित, प्रभूत, अपार, अमित, अत्यन्त, असंख्य।
  13. बहेलिया - आखेटक, अहेरी, शिकारी, आखेटी।
  14. बाँसुरी - वेणु, बंशी, मुरली, बंसुरी।
  15. बाजि - घोड़ा, अश्व, घोटक, तुरंग, तुरग, हय।
  16. बाण - सर, तीर, सायक, विशिख, आशुग, इषु, शिलीमुख, नाराच।
  17. बादल - मेघ, घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, सारंग, पयोद, पयोधर।
  18. बायस - कौआ, कागा, काक, एकाक्ष।
  19. बारिश - चौमासा, बरसात, वर्षा, वर्षाऋतु।
  20. बाल - कच, केश, चिकुर, चूल।
  21. बालू - रेत, बालुका, सैकत।
  22. बिजली - घनप्रिया, इन्द्र्वज्र, चंचला, सौदामनी, चपला, बीजुरी, क्षणप्रभा, घनवल्ली, शया, ऐरावती, दामिनी, ताडित, विद्युत।
  23. बुड्ढा - बूढ़ा, बुजुर्ग, वृद्ध, जईफ, वयोवृद्ध।
  24. बेगम - महारानी, रानी, राज्ञी, राजमहिषी।
  25. बेमिसाल - बेजोड़, लाजवाब, अनोखा, लासानी, अतुलनीय।
  26. बैल - वृष, वृषभ, ऋषभ, वलीवर्द।
  27. ब्रह्मा - विधि, विधाता, स्वयंभू, प्रजापति, आत्मभू, लोकेश, पितामह, चतुरानन, विरंचि, अज, कर्तार, कमलासन, नाभिजन्म, हिरण्यगर्भ।
  28. ब्राह्मण - द्विज, भूदेव, विप्र, महीदेव, अग्रजन्मा, द्विजाति, भूसुर, महीसुर, वाडव, भूमिसुर, भूमिदेव।

  1. भंगुर - नाशवान, नश्वर, अनित्य, क्षर, मर्त्य, विनश्वर।
  2. भंडारी - रसोइया, खानसामा, महाराज, रसोईदार।
  3. भंवरा - भौंरा, भ्रमर, मधुकर, मधुप, मिलिंद, अलि, अलिंद, भृंग।
  4. भक्त - आराधक, अर्चक, पुजारी, उपासक, पूजक।
  5. भगिनी - बहन, बहना, स्वसा, अग्रजा।
  6. भद्र - शिष्ट, शालीन, कुलीन, सभ्य, सलीकेदार, बासलीक़ा।
  7. भय - भीति, डर, विभीषिका।
  8. भरतखंड - भारतवर्ष, आर्यावर्त, भारत, हिंदुस्तान, हिंदोस्ताँ।
  9. भरोसा - यकीन, विश्वास, ऐतबार, अक़ीदा, आश्वास।
  10. भव - संसार, दुनिया, जग, जहाँ, विश्व, खलक, खल्क।
  11. भविष्य - भावी, अनागत, भविष्यतकाल, मुस्तकबिल, भविष्यद।
  12. भाई - तात, अनुज, अग्रज, भ्राता, भ्रातृ।
  13. भारती - शारदा, सरस्वती, वाग्देवी, वीणावादिनी, विद्या, वागेश्वरी, वागीशा।
  14. भाल - मस्तक, पेशानी, माथा, ललाट।
  15. भाला - बर्छा, बरछा, नेजा, कुंत, शलाका।
  16. भीष्म - गंगापुत्र, शांतनुसुत, भीष्मपितामह, देवव्रत।
  17. भुजा - भुज, बाहु, बाँह, बाजू।
  18. भूषण - जेवर, गहना, आभूषण, अलंकार।
  19. भेद - फर्क, अंतर, भिन्नता, विषमता।
  20. भोजन - खाना, भोज्य सामग्री, खाद्यय वस्तु, आहार।
  21. भौंरा - अलि, मधुव्रत, शिलीमुख, मधुप, मधुकर, द्विरेप, षट्पद, भृंग, भ्रमर।
  22. भ्रष्ट - पथभ्रष्ट, पतित, बदचलन, दुश्चरित्र, आचरणहीन।
  23. भ्रू - भौंह, भौं, भृकुटि, भँव, त्यौरी।

  1. मंजुल - मोहक, मनोहर, आकर्षक, शोभनीय, सुंदर।
  2. मंजूषा - संदूक, बक्स, पिटारी, पिटक, पेटी, झाँपी।
  3. मंतव्य - अभिमत, सम्मति, राय, सलाह, विचार।
  4. मंसूख - रद्द, निरस्त, ख़ारिज, निरसित।
  5. मकड़ी - मकरी, लूता, लूतिका, लूत।
  6. मकतब - स्कूल, पाठशाला, विद्यालय, विद्यापीठ।
  7. मकर - मगर, मगरमच्छ, घड़ियाल, नक्र, ग्राह, झषराज।
  8. मग - पन्थ, मार्ग, बाट, पथ, राह।
  9. मछली - मीन, मत्स्य, झख, झष, जलजीवन, शफरी, मकर।
  10. मजार - मकबरा, समाधि, कब्र, इमामबाड़ा।
  11. मटका - कुंभ, झट, घड़ा, कलश।
  12. मत्सर - द्वेष, ईर्ष्या, कुढ़न, जलन, डाह।
  13. मदिरा - शराब, हाला, आसव, मधु, मद्य, वारुणी, सुरा, मद।
  14. मधु - शहद, रसा, शहद, कुसुमासव।
  15. मनीषा - मति, बुद्धि, मेधा, प्रज्ञा, विचार।
  16. मनुष्य - आदमी, नर, मानव, मानुष, जन, मनुज।
  17. मयूख - किरन, किरण, रश्मि, अंशु, मरीचि।
  18. मरघट - मसान, मुर्दघाट, श्मशान, श्मशानघाट।
  19. मरहूम - स्वर्गवासी, मृत, गोलोकवासी, दिवंगत।
  20. मराल - हंस, राजहंस, सितपक्ष, धवलपक्ष।
  21. मरुत - पवन, वायु, हवा, वात, समीर, मारुत।
  22. मर्कट - बंदर, कपि, कीश, वानर, शाखामृग।
  23. मशहूर - नामी, प्रसिद्ध, ख्यात, विख्यात, ख्यातिप्राप्त, प्रख्यात।
  24. महक - खुशुबू, सुवास, सुगंध, सुगंधि, सौरभ।
  25. महादेव - शम्भु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्र्वर, शंकर, चन्द्रशेखर, भव, भूतेश, गिरीश, हर, त्रिलोचन।
  26. महाभारत - भारत, जयकाव्य, पंचमवेद, जय, महायुद्ध।
  27. महावत - हाथीवान, पीलवान, फीलवान, आकुंशिक।
  28. माँ - अंबा, अम्बिका, अम्मा, जननी, धात्री, प्रसू।
  29. माता - जननी, माँ, अंबा, जनयत्री, अम्मा।
  30. मित्र - सखा, सहचर, स्नेही, स्वजन, सुहृदय, साथी, दोस्त।
  31. मिथुन - युग्म, युगल, जोड़ा, यमल।
  32. मुकुट - ताज, उष्णीष, किरीट, राजमुकुट।
  33. मुकुल - कलिका, कली, शिगूफा, कोरक, गुंजा।
  34. मुगालता - भ्रांति, भ्रम, गलतफ़हमी, मतिभ्रम।
  35. मुदर्रिस - शिक्षक, अध्यापक, गुरु, आचार्य, उस्ताद।
  36. मुनि - यती, अवधूत, संन्यासी, वैरागी, तापस, सन्त, भिक्षु, महात्मा, साधु, मुक्तपुरुष।
  37. मुर्गा - तमचूक, अरुणशिखा, ताम्रचूड़, कुक्कुट।
  38. मूँगा - प्रवाल, रक्तांग, विद्रुम, रक्तमणि।
  39. मूढ़ - मूर्ख, अज्ञानी, निर्बुद्धि, जड़, गंवार।
  40. मूर्ख - गँवार, अल्पमति, अज्ञानी, अपढ़, जड़।
  41. मृग - हिरण, सारंग, कृष्णसार।
  42. मृत्यु - देहांत, मौत, अंत, स्वर्गवास, निधन, देहावसान, पंचत्व, इंतकाल, काशीवास, गंगालाभ, निर्वाण, मरण।
  43. मृषा - मिथ्या, झूठ, असत्य, अनृत।
  44. मेघ - घन, जलधर, वारिद, बादल, नीरद, वारिधर, पयोद, अम्बुद, पयोधर।
  45. मैना - सारी, सारिका, त्रिलोचना, मधुरालाषा, कलहप्रिया।
  46. मोक्ष - मुक्ति, परधाम, निर्वाण, कैवल्य, सद्गति, निर्वाण, परमपद, अपवर्ग।
  47. मोर - केक, कलापी, नीलकंठ, शिखावल, सारंग, ध्वजी, शिखी, मयूर, नर्तकप्रिय।

  1. यंत्रणा - व्यथा, तकलीफ, वेदना, यातना, पीड़ा।
  2. यकीन - भरोसा, ऐतबार, आस्था, विश्वास।
  3. यकृत - जिगर, कलेजा, जिगरा, पित्ताशय।
  4. यक्ष्मा - टी.बी., तपेदिक, राजरोग, क्षय।
  5. यज्ञोपवीत - जनेऊ, उपवीत, ब्रह्मसूत्र।
  6. यतीम - बेसहारा, अनाथ, माँ - बापविहीन।
  7. यम - सूर्यपुत्र, जीवितेश, श्राद्धदेव, कृतांत, अन्तक, धर्मराज, दण्डधर, कीनाश, यमराज।
  8. यमुना - कालिन्दी, सूर्यसुता, रवितनया, तरणि - तनूजा, तरणिजा, अर्कजा, भानुजा।
  9. यशस्वी - मशहूर, विख्यात, नामवर, कीर्तिवान, ख्यातिवान।
  10. यशोदा - यशोमति, जसोदा, नंदरानी।
  11. यशोधरा - गौतम - पत्नी, गौतमी, गोपा।
  12. याज्ञसेनी - पांचाली, द्रौपदी, सैरंध्री, द्रुपदसुता, कृष्णा।
  13. याद - स्मृति, स्मरण, स्मरण - शक्ति, सुध, याद्दाश्त।
  14. याम - पहर, प्रहर, बेला, वेला, जून।
  15. यामिनी - रजनी, रात, रात्रि, रैन, राका, निशा।
  16. युग - जुग, दौर, मन्वंतर, काल, कल्प, जमाना।
  17. युद्ध - संग्राम, संघर्ष, समर, लड़ाई, रण, द्वंद्व।
  18. युद्धभूमि - रणक्षेत्र, रणभूमि, समरभूमि, संग्रामभूमि, युद्धस्थल।
  19. युधिष्ठिर - कौन्तेय, धर्मराज, धर्मपुत्र, अजातशत्रु।
  20. युवति - युवती, सुन्दरी, श्यामा, किशोरी, तरुणी, नवयौवना।
  21. योम - दिवस, दिनमान, दिन, अह, सूर्यकाल।
  22. योषा - योषिता, नारी, स्त्री, औरत, वनिता, महिला, तिरिया।

  1. रक्त - खून, लहू, रुधिर, शोणित, लोहित।
  2. रमा - इन्दिरा, हरिप्रिया, श्री, लक्ष्मी, कमला, पद्मा, पद्मासना, समुद्रजा, श्रीभार्गवी, क्षीरोदतनया।
  3. रवि - सूरज, दिनकर, प्रभाकर, दिवाकर, सविता, भानु, दिनेश, अंशुमाली, सूर्य।
  4. राक्षस - दैत्य, असुर, निशाचर।
  5. राजा - नृपति, भूपति, नरपति, नृप, महीप, राव, सम्राट, भूप, भूपाल, नरेश, महीपति, अवनीपति।
  6. रात - रात्रि, रैन, रजनी, निशा, यामिनी, तमी, निशि, यामा, विभावरी।
  7. रात्रि - निशा, क्षया, रैन, रात, यामिनी, रजनी, त्रियामा, क्षणदा, शर्वरी, तमस्विनी, विभावरी।
  8. राधिका - राधा, ब्रजरानी, हरिप्रिया, वृषभानुजा।
  9. रामचन्द्र - अवधेश, सीतापति, राघव, रघुपति, रघुवर, रघुनाथ, रघुराज, रघुवीर, रावणारि, जानकीवल्लभ, कमलेन्द्र, कौशल्यानन्दन।
  10. रावण - दशानन, लंकेश, लंकापति, दशशीश, दशकंध, दैत्येन्द्र।

  1. लक्ष्मण - लखन, शेषावतार, सौमित्र, रामानुज, शेष।
  2. लक्ष्मी - चंचला, कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इंदिरा, पद्ममा, सिन्धुसुता, कमलासना।
  3. लड़का - बालक, शिशु, सुत, किशोर, कुमार।
  4. लड़की - बालिका, कुमारी, सुता, किशोरी, बाला, कन्या।
  5. लता - बल्लरी, बल्ली, बेली।
  6. लौह - अयस, लोहा, सार।

  1. वज्र - कुलिस, पवि, अशनि, दभोलि।
  2. वन - कानन, विपिन, अरण्य, कांतार
  3. वर्षा - पावस, बरसात, वर्षाकाल, चौमासा, वर्षाऋतु।
  4. वसन - अम्बर, वस्त्र, परिधान, पट, चीर।
  5. वसन्त - मधुमास, माधव, कुसुमाकर, ऋतुराज।
  6. वायु - हवा, पवन, समीर, अनिल, वात, मारुत।
  7. वारिश - वर्षण, वृष्टि, वर्षा, पावस, बरसात।
  8. विद्युत - चपला, चंचला, दामिनी, सौदामिनी, तड़ित, बीजुरी, घनवल्ली, क्षणप्रभा, करका।
  9. विधवा - अनाथा, पतिहीना, राँड़।
  10. विवाह - शादी, गठबंधन, परिणय, व्याह, पाणिग्रहण।
  11. विशाल - विराट, दीर्घ, वृहत, बड़ा, महा, महान।
  12. विश्व - जगत, जग, भव, संसार, लोक, दुनिया।
  13. विष - ज़हर, हलाहल, गरल, कालकूट।
  14. विष्णु - नारायण, दामोदर, पीताम्बर, माधव, केशव, गोविन्द, चतुर्भज, उपेन्द्र, जनार्दन, चक्रपाणि, विश्वम्भर, लक्ष्मीपति, मधुरिपु।
  15. वीर्य - जीवन, सार, तेज, शुक्र, बीज।
  16. वृक्ष - तरू, अगम, पेड़, पादप, विटप, गाछ, दरख्त, शाखी, विटप, द्रुम।
और
  1. शत्रु - रिपु, दुश्मन, अमित्र, वैरी, प्रतिपक्षी, अरि, विपक्षी, अराति।
  2. शरीर - देह, तनु, काया, कलेवर, वपु, गात्र, अंग, गात।
  3. शहद - पुष्परस, मधु, आसव, रस, मकरन्द।
  4. शिक्षक - गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।
  5. शिव - भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन, महादेव, नीलकंठ, शंकर।
  6. शुभ्र - गौर, श्वेत, अमल, वलक्ष, धवल, शुक्ल, अवदात।
  7. शेर - हरि, मृगराज, व्याघ्र, मृगेन्द्र, केहरि, केशरी, वनराज, सिंह, शार्दूल, हरि, मृगराज।
  8. शेषनाग - अहि, नाग, भुजंग, व्याल, उरग, पन्नग, फणीश, सारंग।
  9. षंड - हीजड़ा, नपुंसक, नामर्द।
  10. षडानन - षटमुख, कार्तिकेय, षाण्मातुर।
  1. संसार - जग, विश्व, जगत, लोक, दुनिया।
  2. संसार - लोक, जग, जहान, भूमण्डल, दुनियाँ, भव, जगत, विश्व।
  3. सन्ध्या - सायंकाल, शाम, साँझ, प्रदोषकाल, गोधूलि।
  4. सभा - अधिवेशन, संगीति, परिषद, बैठक, महासभा।
  5. सम - सर्व, समस्त, सम्पूर्ण, पूर्ण, समग्र, अखिल, निखिल।
  6. समीप - सन्निकट, आसन्न, निकट, पास।
  7. समुद्र - सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, नीरनिधि, अर्णव, पयोनिधि, अब्धि, वारीश, जलधाम, नीरधि, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि।
  8. समूह - दल, झुंड, समुदाय, टोली, जत्था, मण्डली, वृंद, गण, पुंज, संघ, समुच्चय।
  9. सरस्वती - गिरा, भाषा, भारती, शारदा, ब्राह्यी, वाक्, जातरूप, हाटक, वीणापाणि, विमला, वागीश, वागेश्वरी।
  10. सर्प - साँप, अहि, भुजंग, ब्याल, फणी, पत्रग, नाग, विषधर, उरग, पवनासन।
  11. सहेली - अलि, भटू, संगिनी, सहचारिणी, आली, सखी, सहचरी, सजनी, सैरन्ध्री।
  12. सिंह - केसरी, शेर, महावीर, व्याघ्र, पंचमुख, मृगेन्द्र, केहरी, केशी, ललित, हरि, मृगपति, वनराज, शार्दूल, नाहर, सारंग, मृगराज।
  13. सीता - वैदेही, जानकी, भूमिजा, जनकतनया, जनकनन्दिनी, रामप्रिया।
  14. सुगंधि - सौरभ, सुरभि, महक, खुशबू।
  15. सुन्दर - कलित, ललाम, मंजुल, रुचिर, चारु, रम्य, मनोहर, सुहावना, चित्ताकर्षक, रमणीक, कमनीय, उत्कृष्ट, उत्तम, सुरम्य।
  16. सुमन - कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुष्प, फूल ।
  17. सूर्य - रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, मरीची, दिनेश, भास्कर, दिनकर, दिवाकर, भानु, अर्क, तरणि, पतंग, आदित्य, सविता, हंस, अंशुमाली, मार्तण्ड।
  18. सोना - स्वर्ण, कंचन, कनक, सुवर्ण, हाटक, हिरण्य, जातरूप, हेम, कुंदन।
  19. स्त्री - सुन्दरी, कान्ता, कलत्र, वनिता, नारी, महिला, अबला, ललना, औरत, कामिनी, रमणी।
  20. स्वर्ग - सुरलोक, देवलोक, दिव्यधाम, ब्रह्मधाम, द्यौ, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक।
  21. स्वर्ण - सुवर्ण, कंचन, हेन, हारक, जातरूप, सोना, तामरस, हिरण्य।
  1. हंस - कलकंठ, मराल, सिपपक्ष, मानसौक।
  2. हनुमान - पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, रामदूत, मारुततनय, अंजनीपुत्र, आंजनेय, कपीश्वर, केशरीनंदन, बजरंगबली, मारुति।
  3. हस्त - हाथ, कर, पाणि, बाहु, भुजा।
  4. हाथ - हस्त, कर, पाणि।
  5. हाथी - नाग, हस्ती, राज, कुंजर, कूम्भा, मतंग, वारण, गज, द्विप, करी, मदकल।
  6. हिमांशु - हिमकर, निशाकर, क्षपानाथ, चन्द्रमा, चन्द्र, निशिपति।
  7. हिमालय - हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, नगपति, हिमपति, नगराज, हिमाद्रि, नगेश।
  8. हिरण - सुरभी, कुरग, मृग, सारंग, हिरन।
  9. हृदय - छाती, वक्ष, वक्षस्थल, हिय, उर।
  10. होंठ - अक्षर, ओष्ठ, ओंठ।
 Paryayvachi Shabd (पर्यायवाची शब्द) - Synonyms in Hindi, समानार्थी शब्द, Top 100 Synonyms in Hindi (हिंदी में महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द)
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